Chapter 10 - chapter 10

जब वीर अपनी जीप के पास जाता है तो वे जोर से चिकता हैं

" बॉस मेरी जीप के टायर कटे हुए है "

नैन्सी उसकी आवाज सुनकर बाहर आती और देखती है कि वीर की जीप के दो टायर कटे हुए है |

यह देख वे एक लम्बी सांस लेती है और अपने दोनों हाथ ट्रॉउज़र मैं डालकर ब्लैक की तरफ देखती है |

ब्लैक जब नैन्सी को अपनी तरफ देखता है तो अपना सिर निचे कर लेता है.. उसकी हिम्मत नहीं हो रही की वे अपनी माँ की आँखों मैं देख सके |

नैन्सी 3 सेकंड के लिए अपनी आँखें बंद करती है और एक लम्बी सांस लेकर अर्जुन की तरफ देख कर  कहती है 

" मिस्टर मेहरा.. हमारे पास आपको वापिस भेजनें का और कोई साधान नहीं हैं.. मुझे लगता है आज रात आपको यही रुक जाना चाइए "

अर्जुन नैन्सी की बातें सुनकर  हाँ मैं अपना सिर हिलाता है |

जब ब्लैक ने सुना उसकी मॉमी ने क्या कहा.. वे खुश होकर जल्दी से अर्जुन का हाथ पकड़ लेता हैं और उसे घर के अंदर ले जाता हैं |

घर मैं सिर्फ तीन कमरे थे.. नैन्सी का कमरा ऊपर था..  उसके कमरे के पास एक और बड़ा कमरा हैं जिसमे हमेशा लॉक लगा रहता हैं | एक कमरा निचे है जिसमे अभी वीर रह रहा है |

एक छोटा सा हॉल हैं जिसके बिच मैं लगा एक राउंड शेप मैं सोफा.. सामने दिवार पर टीवी और एक छोटा सा किचन है |

ब्लैक ने अपनी एक छोटी ऊँगली से बड़े कमरे की ओर इशारे करते हुए अर्जुन से कहा 

" डैडी.. आप इस कमरे मैं सो जाओ क्योंकि इस कमरे मैं  बहुत ज्यादा स्पेस हैं.. और हमेशा ठंडा रहता हैं.. अगर आप पंखे को बंद करके भी सोयेंगे तो आपको गर्मी नहीं लगेगी और.... "

इससे पहले ब्लैक और कुछ बोलता नैन्सी ने उसे अपनी गोदी मैं उठा लिया है और अर्जुन से बोली 

" मिस्टर मेहरा ये मेरा रूम हैं.. ब्लैक आज मेरे साथ सो जाएगा..तो आप वीर के साथ सो जाइए .. बाथरूम कमरे मैं ही है.. अगर आपको कम्फ़र्टेबल कपड़े चाइए तो वीर आपको दे देगा "

नैन्सी की बात सुनकर ब्लैक के चेहरे पर नाराजगी आ गयी वे अपना मिशन पूरा करने ही वाला था..  

रात के समय.. गाँव मैं पूरी तरह से सन्नाटा था |

जब नैन्सी बाथरूम से नाहा कर आती है तो उसे गेट के पास मुँह फुलाये खड़े ब्लैक दिखता हैं.. वे देखती है ब्लैक उसे देख कर भी बेड पर सोने के लिए नहीं आता..तो वे बेड को थपथपा कर बोलती है |

" तुम्हे कल स्कूल जाना हैं.. है ना? स्कूल के लिए लेट होने का इरादा तो नहीं है.. हम्म्म? 

ब्लैक अपना मुँह और फूला लेता है 

" आपने डैडी के साथ सोने के लिए क्यों इंकार कर दिया?.. सबके पेरेंट्स एक साथ बेड पर सोते है .. मिली और दूसरे बच्चों के मम्मी -पापा भी एक साथ सोते है "

ब्लैक की बात सुनकर नैन्सी अपने सिर की मसाज करती है 

" मैं फिर से तुमसे कह रही हूँ ब्लैक.. वो अंकल तुम्हारे डैडी नहीं है.. यह बात अपने दिमाग मैं बिठा लो..सुनी तुमने मेरी बात? "

ब्लैक अपना एक टेडी बेयर को हाथ मैं लेकर बेड पर चढ़ता है और उदासी भड़ी आवाज मैं कहता है 

" और जो हम एक दूसरे जैसे दिखते है उसका क्या? "

नैन्सी बेड पर लेट जाती है और ब्लैक को गले लगा कर मंद अवाज मैं बोलती है 

" मुझे नहीं पता.. तुम ऐसे ही अंकल को बार -बार मिलने जाओगे तो तुम उनके साथ - साथ मेरे लिए भी प्रॉब्लम खड़ी करोगे "

ब्लैक भी नैन्सी को गले लगा कर कहता है  "मैं हमेशा बेड  आंटी के मुँह से सुनता हूँ.. वे आपकी पीठ पीछे बुराई करती है.. मैं बस इतना चाहता हूँ डैडी आपको प्रोटेक्ट करें मॉमी "

यह सुनकर नैन्सी उसके बालो को सहलाती है 

"मोम तुम्हे और अपने आप को साथ मैं प्रोटेक्ट कर सकती है.. हम्म्म अब सो जाओ "

घर के निचे वाले कमरे मैं वीर बेचैनी से अर्जुन की तरफ देख रहा है 

" क्या लगता है आपको हमें कैसे सोना चाइए..?   आपको बेड के राइट साइड सोने की आदत है कि लेफ्ट साइड? "

" मुझे अकेले सोने की आदत है "

वीर °_°

[ इसकी कोल्ड आवाज तो ऐसी लग रही है जैसे यह मुझे धमकी दे रहा है.. क्या करू? इस वक़्त नैन्सी के पास भी शिकायत करने नहीं जा सकता वो सो गयी होगी ]

अर्जुन बेफिक्र आँखों से वीर को देखता है उसकी आँखों मैं वीर के लिए कोई दया नहीं दिख रही वे अपनी कोल्ड आवाज मैं वीर से कहता है 

" अपना तकिया लो और बाहर जा कर सो जाओ "

यह सुनकर वीर अपनी मुट्ठी कसकर बांद लेता है 

" मैं कल बॉस को बताऊंगा "  इतना कहकर वे एक तकिया लेकर बाहर सोने के लिए चला जाता है |

अर्जुन पीट के बल बेड पर लेट जाता है और एक हाथ अपने सिर पर रख अपनी आँखे बंद कर लेता है ..उसे लग रहा है उसे इस अनजान जगह पर नींद नहीं आएगी |

उसे अपनी जिंदगी मैं इंसोम्निया का सामना करना पर रहा है.. वे रोज सिर्फ 4 घंटे ही सो पाता है |

कमरे की खुली खिड़की से उसे कुछ सुगंध आती है.. जैसे ही अर्जुन उस सुगंध को सूंघता है...तो वे  बिना किसी रूकावट के शांति से सो जाता है..उसे नहीं पता यह सुगंध किस चीज की है? आंगन मैं लगे फूलो की या किसी और चीज की? पर उसे इस सुगंध से शांति मिल रही थी 

पहले वे 4-5 घंटे ही सो पाता था लेकिन इस अनजान घर मैं वे रात के 10:30 बजे सोया... और सुबह के 6:30 बजे तक आराम से सोता है |

वे पुरे 8 घंटे सोया |

बाहर से आ रही आवाज से अर्जुन की नींद खुल जाती है..जब वे कमरे से बाहर जाता है तो देखता है.. सूरज पुरा निकल गया है...अर्जुन वापिस कमरे मैं जा कर अपने मोबाइल मैं टाइम देखता है..वे टाइम देख कर  हैरान हो जाता है कि दिन के 6:30 बज रहे है |

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