छाया और लक्ष्य बात कर ही रहे थे तभी खान सर आए और सभी अपनी अपनी जगह पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि हमारे क्लास में क्लास प्रेसिडेंट का चुनाव किया जाएगा।जीस कीसीको भी क्लास प्रेसिडेंट बनने में इंटरेस्ट हो वो यहां आकर नाम लीखा दे।
इस क्लास के कसी को भी चुनाव में,या फिर प्रेसिडेंट बनने में कोई इंटरेस्ट नहीं था।इस क्लास में पीछले कुछ साल से एक ही प्रेसिडेंट था और वो इस क्लास का टोपर स्टूडेंट वो हर साल क्लास में फर्स्ट आता था।वो क्लास में कम बोलने वाला और ज्यादा पढ़ाई करने वाला लड़का था।उसका नाम रीषी था।इस बार भी वैसा ही हुआ। इस बार भी रीषी ही क्लास का प्रेसिडेंट बना।
अगला लेक्चर फ्री लेक्चर था क्योंकि आज सभी टीचर की मीटिंग थी।मिटींग में स्टाफ रूम में लगी आग पर चर्चा होने वाली थी। क्यों की स्टाफ रूम में लगी आग की वजह से कुछ स्टूडेंट के रिकॉर्ड जले, एक कम्प्यूटर आधा जल गया था।कीसी को समझ नहीं आ रहा था कि ये आग कीसने लगाई। सभी टीचर मीटिंग से पहले चर्चा कर रहे थे। तभी प्रीन्सिपल ने कहा की ये सी.सी.टी.वी केमरे की फुटेज है । फिर फुटेज को प्रोजेक्टर में चलाया गया। प्रीन्सिपल ने कहा ध्यान से देखयेगा इसमें दो लोग दीखाइ देंगे वो भी कुछ सेकेंड के लिए।और तुम वहा पर फुटेज को पोश कर देना। फुटेज को पोश कीया गया।सभी टीचर उस दो लोगों के बारे में चर्चा हो रही थी।
अर्जुन सर ने कहा की दोनो तो छोटे बच्चे लग रहे हैं।
वासुकी मेम ने कहा हां और ये हमारी स्कूल के बच्चों में से कोई दो बच्चे है। और इस से पहले भी स्कूल के स्टोर रूम में आग लगी थी है ना?हो सकता है कि ये दोनो आग के इन दोनों ने लगाई हो?
प्रीन्सिपल ने कहा हां ये हो सकता की दोनो ही आग के पीछे इस दोनो ही हो ,पर ये छोटे बच्चे हमारी स्कूल के ही बच्चे हैं ये आप कैसे कह सकती है।
वासुकी मेम ने कहा कि ऐसा काम कोई बहार का बच्चा क्यों करेगा। उनके पास आग लगा ने की कोई वजह नहीं है। लेकिन हमारे स्कूल के बच्चों के पास तो आग लगा ने की कोई ना कोई वजह होगी क्योंकि हम उन्हें डांटते हैं, पनिश करते हैं, एसी काफी सारी वजह.....
तभी मीटिंग रूम में चीखने चील्लाने की आवाज आई और सभी टीचर क्लास रूम की तरफ भागते हुए आए और देखा की आठवीं क्लास में चार लडके आगे डान्स कर रहे थे। कुछ बच्चे बेंच पर तबले बजा रहे थे। कुछ बच्चे बेंच पर खडे होकर चीयर कर रहे थे।जोर जोर से गा रहे थे। कुछ बेढकर एन्जॉय कर रहे थे। अर्जुन सर अंदर आए कहा कि सब चुप हो जाओ।पर कीसी ने ध्यान नहीं दिया, सभी अपनी मस्ती में थे। फीर उन्होने वीसल बजाइ और जोर से कहा अटेन्सन। कहा की जो स्टूडेंट जहां है वहीं रहेगा, और सभी स्टूडेंट् जहां थे वहीं खड़े रह गए।सर ने गुस्से में कहा जो स्टूडेंट डान्स कर रहे थे।जो बेंच पर खडे थे, बेंच पर तबले बजा रहे थे, वो सभी क्लास के बहार निकले अभी के अभी।पर स्टूडेंट में से कोई भी हीला तक नहीं।तो अर्जुन सर ने कहा तो फिर ढीक है में जीस के भी नाम लु वो मुझे ग्राउंड में चाहिए। चलो लक्ष्य ,करन, रोहित, क्रिश, छाया, कनिका और पलक ये सब स्टुडेंट ग्राउंड में पहुंचे।
तभी लक्ष्य ने कहा सर अभी एक स्टूडेंट बाकी है आर्य वो भी तो था इन सब में सर
और आर्य कुछ आगे बोले उसके पहले अर्जुन सर ने कहा कि तुम भी निकलो बाहर। तुम आठो ग्राउंड में जाओ।
ग्राउंड में आर्य ने लक्ष्य से पुछा तुम ने मेरा नाम क्यों दिया बताओं जबकि में इन सब मे सामिल भी नहीं था।
तो लक्ष्य ने बड़े ही सान से कहा कि अरे! तुम्हारे बिना मेरा किसी भी पनिशमेंट में दील ही नहीं लगता।
वो सभी ग्राउंड में बेढकर बातें कर रहे थे तभी अर्जुन सर आए कहा मेने यहां बैठ ने के लिए कहा था क्या?खडे हो जाओ लाइन और हाथ उपर में जल्दी,,
सभी लाइन में हाथ ऊपर कर खड़े हो गए।
सर ने कहा चलो अब सभी अपनी अपनी गलती बचायेंगे। उसके बाद सभी इस ग्राउंड के चक्कर लगायेंगे। लक्ष्य पहले तुम...
लक्ष्य ने कहा कि में आज क्लास रूम में डान्स कर रहा था।
रोहित,करन, क्रिश ने कहा हम भी डान्स कर रहे थे।
छाया और पलक ने कहा हम बेंच पर खडे होकर चीयर कर रहे थे और गाना गा रहे थे।
कनिका ने कहा में भी बेंच पर खड़ी हो कर चीयर कर रही थी।पर सर जो बेंच पर तबले बजा रहे थे वो तो क्लास में ही रह गए।
छाया ने कहा चुप रहो,सोरी सर
एक के बाद एक जवाब दे रहे थे पर आर्य को समझ नहीं आ रहा था कि वो अपनी कोनसी गलती बताए। उसने तो कुछ कीया ही नहीं। तभी उसे कनिका की बात याद आई।कहा कि में क्लास में बेंच पर तबले बजा रहा था सर।
अर्जुन सर ने कहा तुम सब ग्राउंड के पंद्रह चक्कर लगाओगे।उसके बाद ही लंच के लिए जाओगे समजे।
सभी ग्राउंड में चक्कर पुरे करने के बाद लंच के लिए गए।पर लंच ब्रेक खत्म होने वाला था।तो सभी ने जल्दी लंच पुरा कीया और एक दुसरे का सहारा लेकर क्लास में पहुंचे।अगला लेक्चर वासुकी मेम का था।उनका लेक्चर चल ही रहा था कि क्लास में प्रीन्सिपल ने अनाउंस किया कि कल स्कूल में हर बार की तरह मोनसून गेम्स का आयोजन किया गया है तो कल सभी स्टूडेंट् उसमें भाग लेंगे,
थेंक्यु।
फिर वासुकी मेम आपना विज्ञान पढा रही थी। उसमें वो नेचुरल हनि किसे कहते है उसके बारे में बता रही थी। उन्होंने ने नेचुरल हनि के बारे में बच्चों को सामान्य जानकारी ही थी। बताया था कि मधुमक्खियों को हटाकर शहद निकाला जाता है।
क्लास के बाद कनिका, नाव्या, छाया, लक्ष्य, आर्य और उनके दुसरे दोस्त नेचुरल हनि पर डिस्कसन कर रहे थे।
तभी कनिका ने कहा हमारी स्कूल के बहार पीछे वाले गेट के सामने भी एक पेड़ पर मधुमक्खि का छत्ता है। चलो वहां चलते हैं नेचुरल हनि खाने के लिए।
तो सब ने तय किया कि हम स्कूल से छुटने के बाद शहद निकालने जाएंगे।तय किए अनुसार लक्ष्य, छाया, आर्य,कनिका, नाव्या, करन और रोहित सभी पेड़ के पास पहुंचे और देखा कि मधुमक्खि का बड़ा सा छता पेड़ पर लटका हुआ था। सभी उसे गोर से देख रहे थे। उसमें से एक ने कहा कि एक पत्थर फेंको और मधुमक्खि का छत्ता नीचे आजाएगा। लक्ष्य ने कहा हां ये सही है।
आर्य कह रहा था कि हम ये ठीक नहीं कर रहे, मुझे क्यों लग रहा है कि शहद नहीं मिलेगा।
नाव्या ने कहा हां शहद को निकाल ने का खास तरिका होता है।
एसा मेरे पापा कहते है? वरना मधुमक्खि हमें कांट भी सकती है।
छाया ने कहा हां तुम सही कह रही हो गांव में एक बार मेरे चाचा को शहद निकालते हुए देखा था। उन्होंने ऐसे पत्थर मारकर तो नहीं गीराया था। चाचाजी ने पहले मधुमक्खियों को धुएं से उड़ाया और...
छाया कुछ आगे बोले उसके पहले लक्ष्य और रोहित ने पत्थर उढाकर मधुमक्खि के छत्ते में देमारा, कोई कुछ समज पाए उसके पहले सारी मधुमक्खियां बहार निकलकर अटेक कर दिया। सभी वहा से भागने लगे पर छाया अभी भी वहा पर खड़ी मधुमक्खियों से लड रही थी तभी नाव्या ने कहा छाया भागो वहा से। फिर सभी अलग अलग दिशा में भागे। छाया नाव्या को ढुंढ रही थी, लक्ष्य आर्य को ढूंढ रहा था, नाव्या और कनिका छाया को ढूंढ रही थी।पर कोई मीला नहीं नाव्या ने कनिका से कहा तुम अपने घर जाओ वो सब बस स्टेशन पर मील जाएंगे। तुम इन सब के बारे में घर पर कोई बात नहीं करोगी समझी।जाओ अब तुम।
नाव्या बस स्टेशन पहोंची तो तो देखा कि उसके पांच दोस्तों का मधुमक्खियों ने बुरा हाल कीया है। कीसी के हाथ पर,कीसीकी नाक पर ,कीसीके कान पर मधुमक्खियों ने काटा था।
नाव्या ने कहा तो केसे हो दोस्तों, शहद मिला की नहीं?
आर्य ने गुस्से में कहा मेने कहा था ये हम ढीक नहीं कर रहे, ऐसे शहद नहीं निकाला जाता। कोई मेरी सुने तब ना?और मेरा गांव और नाक भी सुज गया है, स्कूल में पनिशमेंट दीलाइ उसका दर्द कम था जो ये मधुमक्खियों से कटवा दिया,कीतना दर्द हो रहा है।
ये कोई पनिशमेंट से कम नहीं है।
छाया ने कहा ये सब लक्ष्य की वजह से हो रहा है।नाही वो पत्थर फेंकता और नाही मधुमक्खियां बहार निकलती, नाही हम पे अटेक करती। मुझे कीतनी मधुमक्खियों ने काटा है पता है तुम्हें।
लक्ष्य ने कहा में अकेला नहीं था वहा पर तुम भी वहा पर खड़ी थी, बता नहीं सकती थी।
आर्य ने लक्ष्य से कहा तुम चुप रहो, वो सही कह रही है,अब जो हुआ वो हुआ।अब ये सोचो हम घर केसे जाएंगे, हमारी बस निकल गई है।
रोहित ने कहा कोई बात नहीं अगली बस सात बजे है, हम उसमें चले जाएंगे। वैसे भी भागते भागते 6:30 बज ही गए हैं। क्या कहते हो?
सभी ने कहा हां यही ढीक रहेगा।हम सात बजे वाली बस में ही जाएंगे ।