अगली सुबह नाव्या और छाया स्कूल के लिए बस स्टेशन पर खड़ी थी।पर अभी तक आर्य और लक्ष्य नहीं आए थे। नाव्या ने कहा की सायद मधुमक्खियों से डर गए होंगे, लक्ष्य को तो कीतनी मधुमक्खियों ने काटा था।
छाया ने कहा कि उसका नाम मत लो, ये सब उसी की वजह से हो रहा है।ना ही वो पत्थर फेंकता और नाही मधुमक्खियां बहार निकलती, नाही हमे कांटती
नाव्या ने कहा रिलेक्स जो होना था वो हो गया। वो तो बेवकुफ है।
छाया ने कहा बेवकुफ, पुरा का पुरा बेवकुफ,,,,,,,
लक्ष्य और आर्य पीछे आकर खडे हो गए लक्ष्य ने पीछे से छाया के कान में कहा कि गुड मॉर्निंग क्राइम पार्टनर,
छाया डर गई और पीछे घूम कर देखा तो लक्ष्य था, छाया ने कहा तुम, तुम ने तो मुझे डरा ही दिया, बेवकूफ।
लक्ष्य ने कहा तुम ने मुझे तीन बार बेवकुफ कहा है।
उतने में बस आगइ और सभी बस मे चढ गए। सभी बस में पीछे वाली सीट पर बैठ गए।और लक्ष्य ने छाया से कहा कि तुमने मुझे बताया नहीं तुमने मुझे बेवकूफ क्यों कहा।
छाया ने कहा हां मेने तुम्हे बेवकूफ कहा कल शाम में जब घर पहुंची तो मोम सामने खड़ी थी।और मेरी सुजी हुई नाक और गाल देखकर उनकेे सवालो की बारी सरु हो गई।उससे बुरे उनके घरेलू नुस्खे, जो जहर से कम नहीं होते।वो सब मुझे पीने पड़े क्योंकि तुमने मधुमक्खियों को उडाया था।वो मधुमक्खियां मुझे काटी थी।
आर्य ने कहा हां ये बात तो सही है मुझे भी घर में ये सब कुछ जोभी नुस्खे हैं वो सारे मोम ने मुझे घोंटकर पीला दीए। पापा ने तो मार्केट की सारी दवाई जो मधुमक्खियों के काटने पर लगाई जाती है वो सब लाकर रख दी।
नाव्या ने कहा की हां मेरा भी सेम हाल था।
लक्ष्य ने कहा कि तुम सब खींचने लक्की हो जो तुम लोगों के पास ख्याल रखने वाली मोम और डैड है है।
नाव्या ने कहा मोम और पापा तो सबके केरींग ही होते हैं।
लक्ष्य ने कहा नहीं सबके मोम और पापा एक जैसे नहीं होते हैं।
आर्य ने बात काटते हुए कहा कि आज हमारे स्कूल में गेम्स खेलाई जाएगी । नाव्या कुछ बताओ ना गेम्स के बारे में।
एसी सब बातें करते हुए स्कूल पहुंचे। वो चारों स्कूल गेट की तरफ चल कर जा रहे थे तभी नाव्या की पास में से एक कार आरही थी।कार नाव्या को छुए उसके पहले आर्य ने नाव्या को अपनी तरफ खींच लिया। छाया चीलाकर बोली अंधे हो क्या,दीखाइ नहीं देता क्या।और वो कार स्कूल के गेट के पास आकर खड़ी हुई उसमें से एक लड़का बाहर निकला और छाया की तरफ गया और कहा कि क्या बोली तुम, तुम्हें पता है कि कौन हु मे?
छाया ने कहा कि हां तुम पागल हो और घटीया भी।
उस लड़के ने कहा तुम्हारी तो ,एसा कहकर उसने छाया को थप्पड़ जड़ दिया।और छाया को बहुत गुस्सा आ गया और छाया ने घुमाकर लात मार दी और वो लड़का जमीन पर गीर गाया
छाया कुछ आगे करे उसके पहले लक्ष्य ने छाया को पकड़ लीया और कहा शांत रहो।उस लड़के ने कहा अरे लक्ष्य राठोड़ नाइस टु मीट यु।
आर्य ने कहा अरे नहीं ये यहा पर क्या कर रहा है।
नाव्या ने कहा कि तुम इसे जानते हो क्या?
लक्ष्य ने उसे नजर अंदाज़ कर छाया को लेकर स्कूल में चला गया।
(वो लड़का एक एडयुकेशन मिनिस्टर का बेटा है।उसका नाम सांतनु भारद्वाज था। और उसे पीछले स्कूल से रस्टीकेट कीया गया था। और उसके पापा ने उसका एडमिशन इस स्कूल में करवाया था। क्यों की उसके पापा और स्कूल ओनर के दोस्त थे )
आज स्कूल में मोनसुन गेम्स होने वाली थी। जीस में म्यूजिकल चेयर, पजल्स, मेमोरी गेम्स,जेसी गेम्स होती है।जीसमे स्टूडेंट को अलग अलग टीम्स में बांट दिया जाता है और हर एक टीम को टीचर्स लीड करते हैं। प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल जज करते हैं। आज बारिश हो रही थी इस लिए गेम्स स्कूल ओडिटरन में ही रखी गई थी। इस लिए सभी स्टूडेंट् स्कूल ओडिटरन में इक्कठा हुए, और स्कूल ओडिटरन के स्टेज़ पर प्रिंसिपल आया और कहा कि आज हमारे स्कूल में हर साल की तरह इस साल भी मोनसुन गेम्स का आयोजन किया गया है।तो रुल्स तो आप सब जानते है पर जो नए स्टूडेंट के लिए एक बार दोहरा देता हूं।पर उसके पहले मुझे आप स्टूडेंट से कुछ कहना है।कल हमारे स्कूल में,आजुबाजु के घरों में मधुमक्खियां घुस गई थी। कहीं लोगों को तो मधुमक्खियों ने काटा भी है।और एक लेडी को तो होस्पिटल लेके जाना पडा था।
तो एक स्टूडेंट ने पुछा हां तो सर आप हमें क्यों बता रहे हैं। हमने थोडीने मधुमक्खियों को उडाया है। आप गेम्स सरू करवाए ना।
प्रिंसिपल ने कहा कि बेटा में वही बता रहा हूं कि तो आजु बाजु के घर वालों का कहना है कि उन मधुमक्खियों को हमारे स्कूल के बच्चों मे से कीसी ने उडाया है।वो तीन चार बच्चे थे। हमारे स्कूल के सी.सी.टी.वी केमरे में भी दीखाई दीए है।में उन्हें कुछ नहीं कहुंगा।में सिर्फ इतना ही कहुंगा कि हमारी स्कूल की रेपुटेशन का सवाल है वो आइन्दा से एसा कुछ ना करें वर्ना मुझे कुछ ना कुछ एक्शन लेना पड़ेगा। चलो अब गेम्स की शुरुआत करते हैं, पहले हम टीम डीवाईड करेंगे हमारे पास तीन क्लास है।और एक और अनाउंसमेंट आज हमारी स्कूल में क्लास आढ में नया स्टूडेंट आया है उसका नाम है सांतनु भारद्वाज।ये भी हमारे साथ मोनसुन गेम्स में हिस्सा लेंगे।
ओडिटरन में पीछे छाया, लक्ष्य, नाव्या, आर्य बैठे हुए थे। वो आपस में बात कर रहे थे।
आर्य ने लक्ष्य को घुर कर देखा और कहा मेने कहा था ना कि ये रीस्की होगा लेकिन तुम कीसीकी सुनो तब ना।
लक्ष्य ने कहा रिलेक्स एसा कुछ नहीं होगा। तभी छाया ने पीछे से कहा ऐसा कुछ नहीं होगा सिर्फ हमे स्कूल से निकाल दिया जाएगा।
लक्ष्य ने कहा तुम चुप रहो।
छाया ने कहा मे चुप क्यूं रहु सारी गलती तुम्हारी है।
लक्ष्य ने कहा हां तो तुम्हें साथ में नहीं आना चाहिए था, तुम फंसी हो ये तुम्हारी गलती है।हे ना आर्य
आर्य नहीं वो सही कह रही है सारी गलती तुम्हारी है।
लक्ष्य ने कहा अरे तुम सब मुझे क्यों कह रहे हो, तुम सब मत भुलो की तुम लोग इस कांड में बरोबर के हीस्सेदार हो।
प्रिंसिपल ने कहा सभी स्टूडेंट्स अपने नाम की चीटस बना कर इस बोक्स में डाल दे । फीर उस बोक्स में से सभी टीचर बारी से स्टूडेंट के नाम की चीट्स निकालेंगे । टीचर के पास चीट्स में जीस स्टूडेंट का नाम होगा वो स्टूडेंट उस टीचर की टीम में जायेगा।और हमारे पास एसी पांच टीम्स होगी।
उसके बाद सभी टीचर ने चीटस उठाकर अपनी अपनी टीम बना ली।
खान सर की टीम में छाया, नाव्या और आर्य बाकी के स्टूडेंट थे।
वासुकी मेम की टीम में सांतनु,रीषी,अनाया और उसके दोस्त बाकी के स्टूडेंट।
अर्जुन सर की टीम में कनिका, लक्ष्य, क्रिश और बाकी के स्टूडेंट।बाकी के दो टीचर और स्टूडेंट एसी पांच टीम्स तैयार हो गई थी।
सभी अलग अलग टीम्स में बट जाते हैं।सभी स्टूडेंट्स एक दुसरे को चुनौती दे रहे थे और एक दूसरे को सुना रहे थे। लक्ष्य ने छाया के पास जाकर कान में कहा कि क्या तुम तैयार हो एक और क्राइम करने के लिए। छाया ने जोर से कहा क्या?
फिर वो लक्ष्य को साइड में लेकर गई पुछा क्या कह रहे हो तुम।
लक्ष्य ने कहा जो काम पिछली बार अधुरा रह गया था उसे पुरा करना है।और यही सही टाइम है सभी अपनी अपनी गेम्स मे मस्त होंगे । फिर क्या पता हमें फिर से मोका मिले ना मिले।
छाया लक्ष्य की बात से सहमत हो गई और कहा कि ओके, लेट्स डू इट।
तभी सांतनु आया और कहा कि क्या तुम फिर से लडाइ के लिए तैयार हो। इस बार भी में तुम्हें बराबर की टक्कर दुंगा। तुम अपनी नई दोस्त से नहीं मिलवाएंगा क्या?
लक्ष्य ने कहा कि वो हम गेम्स में देख लेंगे , वैसे तु इस बार भी मुझे नहीं हरा पाएगा।
सांतनु ने कहा देखते हैं।कोन हारता है और कोन जीतता है।
वो दोनों बात कर रहे थे तभी कनिका,नाव्या और आर्य आए और नाव्या ने कहा कि चलो छाया हम वहा पर जाकर बैठते हैं।
छाया, कनिका और नाव्या वहा से चली गई।
सांतनु ने कहा आर्य तो तुम भी यहां पर हो, मुझे लगा पीछले टाइम जो कुछ भी तुम लोगो के बीच हुआ वो भुलाकर आगे बढ़ने का फैसला किया है क्या?
आर्य ने कहा कि तुम अपने काम से मतलब रखो।हमे क्या करना है वो हम देखेंगे।