दुसरे दिन छाया और नाव्या स्कूल जाने के लिए बस स्टैंड पर बस की राह देख रहे थे,और बातें कर रहे थे । तभी वहां लक्ष्य और आर्य आये , लक्ष्य ने कहा कि हेलो गर्ल्स,गुड मॉर्निंग।
नाव्या ने कहा कि गुड मॉर्निंग,वेरी गुड मॉर्निंग।
पर छाया ने कुछ जवाब नहीं दिया,वो लक्ष्य से उल्टा मुंह करके खड़ी हो गई।
तो लक्ष्य ने छाया का कान खिंचकर कहा कि इधर देखो मेने कहा गुड मॉर्निंग,एक अच्छी लड़की की तरह मुझे तुम क्या कहोगी ?
छाया ने कहा कि मेरा कान छोड़ो मुझे दर्द हो रहा है,
लक्ष्य ने कहा कि नहीं पहले तुम मुझे गुड मॉर्निंग कहो ।
छाया ने गुस्से में कहा कि अगर में तुम्हे गुड मॉर्निंग ना बोलु तो तुम क्या कर लोगे।
लक्ष्य ने थोड़ा सोचा और बोला कि जब तक तुम मुझे गुड मॉर्निंग नहीं कहोगी तब तक में यहां से कीसी को नहीं जाने दुंगा।
नाव्या ने कहा की अरे! तुम दोनो सुबह सुबह लड रहे हो। चलो अब बात खत्म करो अभी कुछ देर में बस भी आ जाएगी ।
आर्य ने कहा कि हां चलो अब तुम दोनो बस भी करो ।
तभी कुछ दुर बस आते हुए दिखाई देती है लक्ष्य ने कहा अरे छाया देखो बस भी आ गई।चलो अब गुड मॉर्निंग बोलो वरना कीसी को स्कूल जाने नहीं दुंगा ,हम चारों को अपना पुरा दीन इसी बस स्टेशन पर गुजारना पड़ेगा ।
आर्य ने कहा कि अरे तुम दोनो के बीच में हम क्यों स्कूल बंद करें ।हम तो इसी बस से स्कुल जाएंगे क्यों नाव्या। ऐसी
नाव्या ने कहा हां, सही बात है।
तभी वहां पर बस आई और आर्य और नाव्या बस में चढ़ गए।
तभी छाया ने लक्ष्य के हाथ को काटा और लक्ष्य ने दर्द के मारे छाया का कान छोड़ दिया।और छाया भागकर बस में चढ़ गई । फीर लक्ष्य ने भी बस को भाग कर पकड़ लिया।बस में छाया लक्ष्य को बड़े गुस्से में देख रही थी।और लक्ष्य अपने हाथ पर छाया के दांतों के निशान देखे रहा था।
जब वो चारों स्कूल पहोंचे तब देखा की आज स्कूल के गेट के आजुबाजु पानी भरा हुआ था और स्कूल के सफाई कर्मचारी गेट के पास से पानी निकालने के लिए गटर का ढक्कन खोलने की कोशिश कर रहे थे।
तब नाव्या ने कहा कि अरे मुझे लगता है कि हम आज जल्दी स्कूल पहुंच गए।
आर्य ने कहा कि हां मुझे भी यही लगता है कि हम जल्दी स्कूल पहुंच गए हैं, तो अब हम क्या करें?
छाया ने कहा कि चलो कनिका के रेस्टोरेंट चलते हैं वहां जाकर कुछ नास्ता करेंगे ।यही स्कूल के पीछे वाली गली में ही है।
लक्ष्य ने कहा कि बेवकुफ इतनी सुबह कोन रेस्टोरेंट खोलता है ।
छाया ने कहा कि कनिका के पापा इतनी सुबह रेस्टोरेंट खोलते हैं। उनकी रेस्टोरेंट हमारे स्कूल के पास है और सुबह जल्दी आने वाले बच्चे जो घर से नास्ता कर के नहीं आते वो सभी उनके वहां नास्ता करते हैं।
लक्ष्य ने कहा कि अच्छा तो फिर चलो चलकर नास्ता करते हैं।
छाया ने कहा कि तुम भी आ रहे हो हमारे साथ।
लक्ष्य ने कहा कि हां तुम लोग जा रहे हो तो में भी तो आऊंगा की नहीं।
छाया ने कहा कि तुम रहने दो तुम्हे आनेकी जरुरत नहीं है हम अकेले नास्ता कर सकते हैं।
लक्ष्य ने फिल्मी स्टाइल में कहा कि अरे नहीं तुम मेरे बीना नास्ता नहीं कर सकती तुजे इस भुखे इन्सान का पाप लगेगा पाप ।
आर्य ने कहा कि कीतना ड्रामा करते हो तुम ,चलो जल्दी कहीं स्कूल बेल बज गया तो हम सभी भुखे रह जाएंगे
फिर सभी कनिका के रेस्टोरेंट नास्ता करने के लिए जाते हैं।
रेस्टोरेंट में पहले से ही कुछ स्टूडेंट्स बेठकर नास्ता कर रहे थे ।
छाया ने कहा कि गुड मॉर्निंग अंकल कैसे हो आप ?
कनिका के पापा ने कहा कि अरे छाया , गुड मॉर्निंग ,आओ बैठो।
छाया ने कहा की अंकल हम सब आपके यहां नास्ता करने आए हैं, तो बताईए आज का मेन्यू क्या है?
कनिका के पापा ने कहा कि आज के मेन्यू में पौहा,सेन्डवीच, चाय, पकोड़े और बहुत कुछ है तुम क्या खाओगी बताओ ।
लक्ष्य ने कहा कि मेरे लिए सेंडविच ।
नाव्या ने कहा कि मेरे लिए चाय और पकोड़े ।
आर्य ने कहा कि मेरे लिए भी सेंडविच।
छाया ने कहा कि मेरे लिए सेंडविच, चाय, पकोड़े, चटनी , पौहा बस इतना लेकर आईए।
लक्ष्य ने कहा कि तुम इतना सब कुछ खाओगी अकेली।
छाया ने मजाक मे कहा कि में तो इससे भी ज्यादा खा सकती हुं वो क्या है ना में आजकल डायट पर हुं ।
फीर वो सभी नास्ता करने के बाद वापस स्कूल आ गए ।
और सभी एक बार फिर स्कूल ओडिटोरियम में इकठ्ठा हो गए। क्योंकि आज मोनसुन गेम्स का आखिरी दिन था।
इस वक्त ओडिटोरियम में सिर्फ बच्चे ही थे सभी अपने अपने दोस्तों के साथ बातें कर रहे थे हंसी मजाक कर रहे थे । छाया और नाव्या बात कर रहे थे ।तभी सांतनु छाया के पास आकर कहता है की गुड मॉर्निंग ।
छाया ने उसे कोई जवाब नहीं दिया तो सांतनु ने कहा की चलो मेरे पैसे निकालो ।
छाया ने कहा कि टीस चीज के पैसे निकालु , पागल हो क्या?
सांतनु ने कहा की मैरी कार के टायर पंचर करने के लिए, अब तुम ये मत कहना की मेने ऐसा कुछ नहीं कीया।
छाया ने कहा कि मेने ऐसा कुछ नहीं कीमा तुम्हे कोई ग़लत फेमी
हुई है।वैसै भी तुम्हारे पास क्या सबूत है कि ये सब मेने कीया है।
सांतनु ने कहा की यु नो वोट गर्ल , मेरी कार में एक डेस केमेरा लगा हुआ है और वो अपनी आजुबाजु होने वाली सारी घटनाएं रेकोड करता है । तो तुम भी मेरे के मेरे में केद हो गई।
छाया ने अपने सर पर हाथ मारते हुए कहा अरे नहीं ये नहीं हो सकता, फिर वो बोली कि अच्छा बताओ कीतने पैसे हुए।
तभी लक्ष्य आता है और कहता है कि तुम्हे टीस चीज के पैसे देने हैं उसे ।
सांतनु ने लक्ष्य की बात को नजरंदाज करते हुए छाया को कहा की ये तुम्हारा मुझे उधार रहा में जरुरत पड़ने पर मांग लूंगा। फीरहाल तुम चील्ल करो। ऐसा कहकर सांतनु वहां से चला जाता है।
और लक्ष्य छाया से पुछता है की टीस चीज के पैसे मांग रहा था।
बताओ मुझे में तुम्हारी कुछ मदू कर सकता हु ।
छाया ने कहा कुछ नहीं,वो तो बस ऐसे ही।
नाव्या ने कहा कि बता भी दो और कुछ नहीं तो उसकी कर के टायर की कीमंत ही पुछ लो ।
तभी प्रिंसीपल और सभी टीचर आते हैं और सभी स्टूडेंट्स अपनी अपनी जगह पर खड़े हो जाते हैं।
प्रिंसीपल बाकी बचे हुए मोनसुन गेम्स की शुरुआत करते हैं और बची हुई टीम्स अपनी अपनी जगह पर खड़ी हो जाती है।