अगली सुबह छाया स्कूल जाने के लिए उढी और बहार देखा तो हल्की हल्की बारिश हो रही थी और उसके पापा ने कहा की आज स्कूल और कोलेज में बारिश की वजह से छुट्टी है ,आज अखबार में भी यही लीखा है तो जाओ जाकर सो जाओ ।ये सुनकर छाया ने टीवी चलाई और मौसम के समाचार वाली चेनल लगाई तो , उसमें एक बंदा खड़े खड़े मौसम की भविष्यवाणी कर रहा था।
मौसम विभाग ने ये अनुमान लगाया है कि कुछ इलाकों में गरज चमक के साथ बौछार के आसार हैं और पश्चिम और दक्षिण के स्टेट इलाके में 45-55की.मी रफ्तार से हवाएं चलेंगी। मछुआरों को समंदर में ना जाने की सलाह दी गई है।और कुछ इलाकों में बारिश की वजह से रेड अलर्ट जारी किया गया है,उन इलाकों में बारिश की वजह से प्रशासन की ओर से स्कूल और कॉलेज में छुट्टी का ऐलान किया गया है।और ये छुट्टीया तब तक जारी रहेगी जब तक मौसम सामान्य ना हो जाए।
ये समाचार सुनकर छाया की खुशी का ठिकाना नहीं रहा, छाया कुदते हुए कहा कि अरे वाह क्या बात है, ऐसी बारिश तो रोज होनी चाहिए और छुट्टीया भी,
छाया की मां ने साफ सफाई करते हुए कहा की ज्यादा खुश मत हो ऐसा कुछ नहीं होने वाला है ।नाही हवाएं चलेंगी,नाही चमक धमक के साथ बौछारे होगी ,नाही छुट्टीया ज्यादा दीन चलेगी ।
छाया ने कहा कि क्या मोम आप भी ना कुछ मिनट तो खुश रहने देती ,और तुम्हे बहुत पता है मौसम के बारे में,और ये इतना बड़ा इन्सान पढ़ा लिखा बोल रहा है वो ग़लत है मतलब वो ऐसे ही बोल रहा है।
उसकी मां ने कहा की अरे कौन वो जो अभी टीवी में फेंक रहा था ।अरे वो एक नंबर का जुढा है जुढा, स्कूल में भी फेंकता था,और आज भी फेंक ही रहा है।
छाया ने कहा आप तो ऐसे बात कर रही हो जेसे आप उसे जानती हो ।
उसकी मां ने कहा कि हां ये मेरे साथ स्कूल में पढ़ता था।
और स्कूल में भी ये वे से ही फेंकता था जेसे वो आज टीवी में फेंक रहा है ।और
उसकी मां ने थाना कसते हुए कहा कि और हां एक काम करना कल अगर स्कूल जाओना तुम तो अपना लीवींग सर्टिफिकेट लेतै आना ।
छाया ने कहा कि क्या पर क्यों ?
छाया की मां ने कहा कि ऐसी छुट्टीया रोज चाहिए तो ये तो करना पड़ेगा।
छाया ने कहा ये सब छोडीये क्यू ना इस बारिश का लुफ्त उठाने के लिए एक कप मसालेदार चाय बनाई जाए।
छाया की मां ने कहा कि अरे! वाह क्या बात है,जाओ जाकर कीचन में चाय बनाओ और एक कप चाय मेरे लिए भी बनाना ,
छाया के पापा ने भी कहा एक कप मेरे लिए भी।
यहां तो अच्छा आडीया देना भी पाप है, नहीं नहीं मुंह ही नहीं खोलना चाहिए,ये नहीं की बच्ची अभी अभी उठी है तो एक कप चाय बनाकर पीलाए,उल्टा मुझे ही चाय बनाकर पीलानी पड़ रही है,ये भी कोई जींदगी है।बड़बड़ाते हुए वो किचन में चली गई।
फीर वो तीन कप चाय बनाकर अपने मम्मी और पापा को देकर ,अपना कप लेकर बालकनी में खड़ी होकर बारिश को देखते हुए चाय पी रही थी।और देखा की उसके बील्डिंग के आजुबाजु सड़कों पर पानी ही पानी था ,आज बहार एक इन्सान तो क्या एक कुत्ता भी नहीं दिखाई दे रहा है।
वो ये सब देखते हुए चाय पी ही रही थी तभी बारिश में एक गाड़ी उसके बिल्डिंग के सामने आकर खड़ी हो गई और उसमें से एक लडका उतरा और वो छाया के सामने वाली बिल्डिंग में चला गया।पर छाया को उस कार को देखकर ऐसा लगा कि अरे ये कार और ये लड़का क्यों जाने पहचाने लग रहा हैं ,
फीर उसे याद आया कि ये कार तो सांतनु की है ,मेने कल ही तो देखी थी।और कहीं ये लड़का,,,,,,
इतना सोचकर छाया चाय का कप रखकर भागकर अपने कमरे में गई और अपना दुरबीन लेकर आई और उसके सामने वाली बिल्डिंग में देखते हुए कहा कि अरे येकहा जारहा है ,
और सांतनु सामने वाली बिल्डिंग के चोथी मंजिल के एक अपार्टमेंट में चला गया, फिर छाया ने चाय पीते हुए कहा कि पर ये अपार्टमेंट तो मिसीस और मिस्टर भारद्वाज रहते हैं,ये उनके वहां क्या कर रहा है, है छोड़ो हमें क्या?पर आज इस बारिश के मौसम में पकोड़े खाने तो बनते हैं।
फीर छाया चाय खत्म करके अपने पापा के पास गई और धीरे से कहा की पापा कुछ पैसे दीजिए ना पकोड़े खाने का मन है ,
तभी छाया का भाई जोर से बोला मम्मी दीदी इतनी बारिश में पकोड़े खाने की बात कर रही हैं।
उसका दुसरा भाई भी बोला की और ये पापा से चोरी से पैसे भी ले रही है।
उसकी मम्मी भागते हुए आई और कहा की कोई जरुरत नहीं है इतनी बारिश में बहार की चीजें खाने की ,जो खाना है वो घर में बनाकर खाओ,
छाया अपने दोनों भाइयों पर चील्लाते हुए बोली कि तुम दोनो को मुझसे कोई तकलीफ़ है क्या क्यों हर बार मेरे और खाने के बीच आ जाते हो।
उसके एक भाई ने कहा कु क्यों की हमें तुम्हारी तबियत की चिंता है
छाया ने हाथ जोड़ते हुए कहा मत करो इतनी चिंता मेरी ,आप दोनों की चिंता मुझे जहर लगती है , मेरे गले का फंदा लगता है।
छाया की मम्मी ने कहा बस ,,इस घर में बहार का कीसी भी प्रकार का खाना नहीं आयेगा ,ठीक है
और उसकी मां अपने दोनों भाइयों के साथ चली गई।
छाया ने अपने पापा को कहा की पापा एक बात बताओ आपकी एक प्यारी सी बेटी थी ,तो क्या जरूरत थी इन दोनों जुड़वां का इन्वेंशन करने की। लाईये निकालीए पैसे निकालीए आज तो में पकोड़े के साथ , समोसे,कचोरी भी खाऊंगी।
पापा ने कहा कि पहले जाओ नहालो नहाने के बाद आना मेने तुम्हारे पकोड़े और समोसे के पैसे तुम्हारे बुक में रख दुंगा तुम वहां से चुपके से पैसे लेकर चले जाना ।
फीर छाया नहाने के बाद अपनी बुक के नीचे से पैसे लेकर बहार मम्मी से बहाना बनाकर बाहर पकोड़े खाने के लिए नीकल गई।
कहा की में नाव्या के घर जा रही हुं,
तो वो बिल्डिंग के नीचे पहुंचीं तो वहां पर सांतनु की कार खड़ी थी, नजाने क्यु उसे बदला लेने का मन हुआ और छाया ने अपनी एक हेइर पीन नीकाली और चारों टायर की हवा निकाल दी।और उन चारों टायर की हवा निकाल कर वो खुद से बोली की पकोड़े खाने में और भी मज़ा आयेगा।
छाया पकोड़े खाने के लिए जा रही थी पुरी सड़क पानी पानी थी। और पानी से भरी सड़कों पर से जेसे तेसे चलकर पकोड़े वाले के ठेले पर पहुंची ,तो पता चला की आज पकोड़े वाला बारिश की वजह से आया ही नहीं।ये सब देखकर उसकी खुशी गम में बदल गई। और वो चलकर वापस घर पर आ गई।
देखा तो नाव्या उस के घर पर बेठकर चाय और पकोड़े खा रही थी। पकोड़े खाते हुए नाव्या ने कहा कि आओ आओ छाया तुम भी पकोड़े खालो तुम्हे तो बहुत पसंद हैं।
छाया ने कहा कि तुम यहां पर क्या कर रही हो ?
तभी छाया की मोम भागते हुए आई और कहा कि तो तुम नाव्या के घर गई थी या मुझसे जुठ बोलकर पकोड़े खाने गई थी।
छाया ने कहा कि हां में पकोड़े ही खाने के लिए गई थी पर वहां जाकर पता चला की आज वो आया ही नहीं है।
नाव्या ने कहा कि अरे तुम मुझे बुलाया होता हम दोनों में रोड पर पकोड़े खाने के लीए जाते ।
नाव्या की ये बातें सुनकर छाया की मोम ने कहा कि मुझे आज पता चला की तुम दोनो अच्छे दोस्त क्यो हो?दोनो के दोनों एक ही थाली के चट्टे-बट्टे है।
फीर छाया ने कहा के हां-हां ठीक है चलीए अब मुझे भी पकोड़े खीलाईए।
छाया की मोम ने कहा हां चलो बेठो में तुम्हारे लिए अभी पकोड़े लेकर आती हूं।
छाया की मोम पकोड़े बनाने चली गई।
छाया ने नाव्या को सुबह हुई सारी बातें बताई तो नाव्या ने कहा कि छाया से कहा की आज कल ये सब हो क्या रहा है,तुम नो वोट मुझे तो लगता है की हमारी लाइफ में बहुत बड़ा टर्न आने वाला है ।
छाया ने कहा ऐसा कुछ नहीं होने वाला,
नाव्या ने कहा कि अब तुम ही सोचो लक्ष्य और आर्य को तो अमीर स्टुडेंट से दोस्ती करनी चाहिए।पर वो हमसे दोस्ती करना चाहतें हैं।और कल ये सांतनु भी तुम से दोस्ती करना चाहता था।
और मुझे लगता है कि ये सब लोग कहीं न कहीं तुम्हारे साथ जुड़े हुए हैं।
छाया ने हंसते हुए कहा कि अरे ऐसा कुछ नहीं है चलो तुम ये बताओ की कल भी स्कूल में छुट्टी होगी या नहीं।
नाव्या ने कहा कि नहीं कलकोई छुट्टी नहीं है कल तो हमें स्कूल जाना ही पड़ेगा।