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Chapter 9 - मोनसून सेलीब्रेट

लंच एरिया में सभी लंच कर रही थे ,

लक्ष्य आर्य,छाया ,नाव्या ,और कनिका सभी दुर बेठकर सबको लंच करते हुए देख रहे थे। क्योंकि आज इन सब में से कोई भी लंच लेकर नहीं आया था।तो‌ उन्हें भीखारी जैसी फीलींग आ रही थी।

छाया ने कहा कि मेरा और नाव्या का समझ आता है की हमें सुबह उठकर खुद लंच बनाकर लाना पड़ता है तो हम कभी कभी लंच नहीं लाते।पर तुम तीनो क्यों नहीं लेकर आए तुम्हारे घर पर तो नोकर चाकर भी है । जो हर वक्त तुम्हारी सेवा में रहते हैं।

आर्य ने कहा कि हां मेरे घर पर नौकर चाकर तो है पर मुझे उनकेे हाथ का खाना पसंद नहीं।और मोम की तबीयत ठीक नहीं है तो इसलिए,,,,,,,,,,

कनिका ने कहा कि में लंच तो मेरे पापा ने बनाया था,में लेकर भी आई थी पर मेने देखा तो लंच बॉक्स खाली था ।पता नहीं कैसे,,,,,,,,

पर लक्ष्य चुप था तो छाया ने कहा इन दोनों ने तो अपनी अपनी वजह बताई अब तुम बताओ कि तुम क्यों लंच लेकर नहीं आए।

लक्ष्य ने कहा कि मेरा लंच आर्य के घर से आता है,अब ये मत पूछना कि आर्य के घर से क्यों?तो में तुम्हे बता दु कि आर्य कि मोम अच्छा खाना बनाती है।

छाया ने कहा कि हां पर मेने कहां कुछ कहा है। तुम तो मुझे ये बताओ कि वो नया लड़का ‌तुम्हे कैसे जानता है।

लक्ष्य ने कहा कि वो पुराना दोस्त हैं जींसकी मेरे साथ नहीं बनती।

आर्य ने कनिका से पुछा तुम बताओ कि तुम लंच कैसे भुल गई?

नाव्या ने कहा में बताती हूं हुआ ऐसा होगा की कनिका के पापा लंच बनाकर कहा होगा की तुम्हारा लंच तैयार है ठंडा होने के बाद उसे लंच बॉक्स में भर लेना ‌। और ये अक्ल की देवी सीधा लंच बॉक्स उठाकर लाई होगी ।और लंच बॉक्स में लंच डालना भुल गई होगी।

आर्य और लक्ष्य दोनों साथ बोले वाह क्या बात है?

लंच ब्रेक खत्म हो गया था।और सभी फीर से गेम के दुसरे पड़ाव को खेलने के लिए स्कूल ओडीटरयन में गए । सभी टीम्स अपनी अपनी जगह पर खड़ी हो गई ।पर प्रिन्सीपल ने अनाउंस किया की बारीश के‌ रेड अलर्ट जारी किया गया है तो सभी स्टूडेंट्स को स्कूल से जल्दी छुट्टी दी जा रही है।और स्कूल से छुट्टी हो गई।बहार हल्की हल्की हवा के साथ हल्की हल्की बारिश हो रही थी । छाया ने बहार निकलते ही कहा कोन है वो बेवकुफ जीसने इतनी अच्छी, खुबसूरत बारिश पे रेड अलर्ट जारी कर दिया।

नाव्या ने कहा कि चल अभी हमें घर भी पहुंचना है। चल रही है या ,,,,,,,,

छाया ने कहा हां आज तो मुझे घर जाना पड़ेगा क्योंकि आज भाई का बर्थडे है तो, चलो

सभी अमीर बच्चों को लेने के‌ लीए बड़ी गाड़ियां खड़ी हुई थी।यहां तक की लक्ष्य और आर्य को भी लेने के लिए भी गाड़ी आई थी ।और कनिका को लेने उसकी मोम आई थी स्कुटर लेके।

तो लक्ष्य ने कहा कि चलो में तुम दोनो को छोड़ देता हूं।

छाया ने कहा कि कोई जरुरत नहीं है हम बस से चले जाएंगे ।

नाव्या ने कहा कि हां हम बस से चले जाएंगे।

ऐसा कह कर वो दोनो चलकर बस स्टैंड पर पहुंचकर बस का इंतजार करने लगी।

तभी एक बुढ़े आदमी ने कहा की आज बस नहीं आने वाली दुसरा कोई इंतजाम कर लो घर जाने का ।

नाव्या ने कहा कि अरे !इसे तो अच्छा होता कि हम लक्ष्य कार में चले जाते ‌।

छाया ने कहा कि अरे! इसे पहले भी तो ऐसा हुआ है की बारिश की वजह से हमें बस ना मीली हो ।और हम पैदल चलकर घर पहुंचे है। और मोनसुन भी को सेलीब्रेट करते थे।चलो आज फीर से चलते हैं।

नाव्या ने कहा कि अरे !हां ,चल पैदल चलकर जाते हैं और पुराने दीनो की तरह,और मोनसुन सेलीब्रेट करते हैं।

छाया ने कहा कि तो फिर चलो ।

फीर वो दोनो सड़क पर चलने लगे और कहीं पर पानी के छोटे-बड़े गड्ढे में कुदते हुए। बारिश को एन्जॉय करते हुए चलकर जा रहे थे। बारिश में कहीं चाय के साथ पकड़े खाए,कहीं चलते हुए वो दोनो थक गई तो कहीं बैठ गए।और फीर से चलने लगते । वो दोनो आईस क्रीम खाने के लिए आईस क्रीम वाले के ठेले के पास खड़ी होकर आईस क्रीम खरीद रही थी। तभी वहां से आर्य और लक्ष्य कार में निकले ।

आर्य ने कहा कि अरे वो दोनो तो छाया और नाव्या है ना,वो अभी तक घर नहीं पहुंची।

लक्ष्य ने अपनी गाड़ी रुकवाते हुए कहा की अरे !हां ये वही हैं

वो दोनो तो बस से जाने वाली थी।

आर्य के ड्राइवर ने कहा कि आज बारिश की वजह से कोई बस नहीं आने वाली है।

लक्ष्य ने कहा तो ये दो नो चलकर अपने घर तक जाने वाली है।

आर्य ने कहा चलना चलकर बात करते हैं।

फीर वो दोनो छाता लेकर छाया और नाव्या के पास गए और कहा की हेलो गर्ल्स !

छाया और नाव्या दोनो ही डर गई और उसके हाथ से आईस क्रीम गीर गई ।

छाया के मुंह से कुछ अवल दर्जें की दो तीन गालीयां निकल गई।

आर्य ने कहा कि अरे, अरे सोरी ,वी आर रियली सोरी।

लक्ष्य ने कहा कि अरे तुम तो वाकई संस्कारी हो। इतना अच्छे शब्द तो मुझे भी नहीं आते ।लगता है मुझे तुमसे ट्युशन लेना पड़ेगा ।

छाया ने गुस्से में कहा की तुम यहां कर क्या रहे हो ?यहां पर तुम्हे बुलाया किसने है और मेरी आईस क्रीम चलो उसके पैसे निकालो । मना तो करना ही मत की मेरे पास पैसे नहीं हैं अमीर बाप की औलाद,,,।

आर्य ने कहा अरे रीलेक्स हम तुम्हें एक क्या तीन, तीन आईस क्रीम खीलाएगे ठीक है।ये दो छाता रखलो सायद तुम्हे जरुरत है।

नाव्या ने कहा कि अरे नहीं हमारे पास अपने अपने छाते है।

लक्ष्य ने कहा कि तो फीर भीगते हुए क्यों जारहे हो ,छाता है तो इस्तेमाल करो।

छाया ने कहा धीस इज नोन ओफ बीजनेस अमीर बाप की औलाद,

लक्ष्य उसके मुंह में आईस क्रीम खीलाते हुए कहा की मुझे ये वाक्य बीलकुल‌ पंसद नहीं।

नाव्या ने कहा तुम लोग कहीं जा रहे थे क्या?

आर्य ने कहा हां हम क्लासिक जा रहे हैं।

नाव्या ने कहा इतनी बारिश में टोनही क्लासिक है ।

लक्ष्य ने कहा कि हम अमीरों की होती है।

आर्य ने कहा कि अच्छा चलते हैं, वो तो तुम लोगों को देखा तो आ गए । चलो हम चलते हैं हम लेट हो रहे हैं।और आईस क्रीम एन्जॉय करना।

फीर आर्य लक्ष्य को लेकर चला गया । लक्ष्य ने कहा क्या हमें उसे उनके घर पर नहीं छोडना चाहिए था। इतनी बारिश में वो कब घर पहुंचेगी।

आर्य ने कहा नहीं हम ने एक बार उन्हें पुछा था ।सायद उन्हें हम पर भरोसा नहीं। सायद वो हमें अभी भी दोस्त नहीं मानती‌।सायद हमारी अमीरी बीच में आ गई।

लक्ष्य ने कहा हां पर वो ऐसी क्यों है ?वो मुझपे भरोसा क्यों नहीं है?

आर्य ने कहा कि सायद वो बाकी सबसे अलग है।

बातें करते हुए लक्ष्य और आर्य क्लासिक पहुंचे।

मोनसुन सेलीब्रेट करते हुए छाया और नाव्या अपने अपने घर पहुंचे।