अर्ज़ कुछ यूँ किया है जरा गौर फरमाइयेगा
बेरुखी सी इस दुनिया में अल्फासों की कमी नहीं
बेरुखी सी इस दुनिया में अल्फासों की कमी नहीं
अल्फासे अगर तोल कर कहे तो इंसानियत की कमी नहीं
अर्ज़ कुछ यूँ किया है जरा गौर फरमाइयेगा
बेरुखी सी इस दुनिया में अल्फासों की कमी नहीं
बेरुखी सी इस दुनिया में अल्फासों की कमी नहीं
अल्फासे अगर तोल कर कहे तो इंसानियत की कमी नहीं