Chereads / My Poem's & Shayris (Hindi) Vol 1 / Chapter 35 - Shairy No 35

Chapter 35 - Shairy No 35

अर्ज़ कुछ यूँ किया है जरा गौर फरमाइयेगा

बेरुखी सी इस दुनिया में अल्फासों की कमी नहीं

बेरुखी सी इस दुनिया में अल्फासों की कमी नहीं

अल्फासे अगर तोल कर कहे तो इंसानियत की कमी नहीं