अर्ज़ कुछ यूँ किया है ज़रा गौर फरमाइयेगा
दुनिया कहती है हमें कुछ इस तरह से की वो पागल है
दुनिया कहती है हमें कुछ इस तरह से की वो पागल है
पर वो क्या जाने पागलपन क्या होती हैं
अर्ज़ कुछ यूँ किया है ज़रा गौर फरमाइयेगा
दुनिया कहती है हमें कुछ इस तरह से की वो पागल है
दुनिया कहती है हमें कुछ इस तरह से की वो पागल है
पर वो क्या जाने पागलपन क्या होती हैं