Chereads / My Poem's & Shayris (Hindi) Vol 1 / Chapter 11 - Shairy No 11

Chapter 11 - Shairy No 11

अर्ज़ कुछ यूँ किया है ज़रा गौर फरमाइयेगा

दुनिया कहती है हमें कुछ इस तरह से की वो पागल है

दुनिया कहती है हमें कुछ इस तरह से की वो पागल है

पर वो क्या जाने पागलपन क्या होती हैं