प्राचीन काल से, माताएं हमेशा अपने बेटों के माध्यम से अपनी स्थिति को सुधारने में सफल रहीं हैं। धनी परिवारों में यह और भी आम बात थी!
म्यू वानुरु का रंग धीरे-धीरे पीला पड़ गया,उसकी उंगलियाँ कांपने लगीं। हारून,जो एक तरफ खड़ा था, उसने उसका पीला चेहरा देखा और पूछा,"मैडम,क्या आप ठीक हैं?"
"मैं ठीक हूँ।"म्यू वानुरु ने अपने आप को शांत दिखाने की कोशिश की,लेकिन जब उसने वो दूसरी तस्वीर देखी, तो उसकी आँखें डर के मारे खुल गईं!
तस्वीर में,वो लड़की,जो एक विश्वविद्यालय के प्रवेश द्वार के सामने अपना ग्रेजुएशन गाउन पहन कर खड़ी थी,उसके चेहरे पर एक मीठी सी मुस्कान थी। म्यू वानुरु को वह तस्वीर देखकर विश्वास नहीं हो रहा था,इसलिए उसने एक और तस्वीर देखी। युन शीशी की बहुत ज़्यादा तस्वीरें नहीं थीं,लेकिन जितनी भी थीं,उन्हें देखकर म्यू वानुरु काँप गयी। उस लड़की के चेहरे की,अभी भी उसके दिल में एक कभी ना भुलाने वाली छाप थी!
यह वही थी...?!
'बिल्कुल नहीं! यह संयोग नहीं हो सकता है!'
म्यू वानुरु अब और शांत चेहरा नहीं दिखा सकती थी। घबराकर,उसने तस्वीर को एक तरफ रख दिया, और एक बार फिर कांपते हाथों से युन शीशी के दस्तावेजों को उठाया। वो पहले चिंतित नहीं थी, इसलिए उसने सिर्फ एक बार सभी दस्तावेजों को देख लिया था,लेकिन,अब उसने लिखी गई सभी जानकारी को ध्यान से पढ़ा,वो कुछ भी मिस नहीं करना चाहती थी।
जब उसकी नज़र 'कल्याण केंद्र' शब्द पर पड़ी, तो वो सदमे में चली गई, उसका दिल डर के मारे घबरा रहा था!
"वो लड़की..."
उसके होंठ खुल गए,उसकी आँखें उन दस्तावेजों से हट ही नहीं रही थीं। वो कुछ भी बोल नहीं पा रही थी। उसके हाव-भाव को देखते हुए,हारून ने उन दस्तावेजों को देखा। उसे लगा कि वो लिखी गई जानकारी को समझ नहीं पा रही है, इसलिए उसने धैर्य से उसे वह समझाने की कोशिश की।
"युन शीशी। जैविक माता-पिता अज्ञात। उसके वास्तविक परिवार के बारे में कोई जानकारी नहीं है। जब वो छह साल की थी, तो उसे कल्याण केंद्र भेजा गया था। आठ साल की उम्र में, उसे युन परिवार ने गोद लिया था। वो इस साल तेईस साल की हो गयी है। उसने लड़कियों की सेंट रोलैंड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया था। वो छह साल पहले आपकी सरोगेट भी थी।"
"कल्याण केंद्र ..."
म्यू वानुरु ने ब्लैक एंड व्हाइट में लिखी जानकारी को देखा। उसका दिल तेजी से धड़कने लगा,और उसका दिमाग वह दिन याद करने लगा,जब उसने युन शीशी को पहली बार देखा था...।
पंद्रह साल पहले।
शेंगडे वेलफेयर सेंटर।
उस समय, म्यू वानुरु एक साधारण अनाथ लड़की थी,जो किसी का इंतज़ार कर रही थी,जो उसे गोद लेने आने वाला था। क्यूंकि उसका चेहरा प्यारा था,इसलिए कल्याण केंद्र में सभी कर्मचारी उसे प्यार करते थे। वे उसे एक राजकुमारी की तरह रखते थे। कई बच्चे उसके साथ खेलना चाहते थे।
हालांकि, कल्याण केंद्र के बच्चे बाहर के बच्चों से अलग थे। भले ही वह दिखाने के लिए साथ रह रहे थे, लेकिन वे एक दूसरे से मन ही मन चिढ़ते थे। हर दिन,कोई न कोई परिवार बच्चे को गोद लेने के लिए कल्याण केंद्र आता था। जो बेहतर दिखता था,या ज्यादा तमीज़दार था,उसके अपनाए जाने की संभावना अधिक थी।
उस समय भी,छोटी म्यू वानुरु की महत्वाकांक्षाएं बुलंद थीं,और वो आसानी से हार नहीं मानती थी।
उसकी माँ एक बार में एक नीच मालिश चिकित्सक थी। जब उसने म्यू वानुरु को जन्म दिया, तो उसने उसे एक अस्पताल के प्रवेश द्वार पर बेसुध छोड़ दिया था। उसे एक गरीब दंपति ने वहां से उठाया था, और उसने कुछ वर्षों तक गरीबी का जीवन जिया। जब एक कार दुर्घटना में उसके दत्तक माता-पिता मर गए, तो वो फिर से अनाथ हो गई, और उसे कल्याण केंद्र भेज दिया गया। उस दिन से,उसने खुद से कहा कि, वो एक अच्छा जीवन जीना चाहती है, और एक अमीर व्यक्ति द्वारा अपनाई जाना चाहती थी !
एक दिन,एक सात साल की लड़की को लाया गया। अफवाहें थीं कि,उसकी मां की मृत्यु हो गई थी, इसलिए उसे अनाथालय में लाया गया था।
वो लड़की,मैली-कुचैली होने के बावजूद,बहुत सुंदर और प्यारी थी। म्यू वानुरु ने उसके पास एक जेड का टुकड़ा देखा। वह काफी मूल्यवान लग रहा था,इसलिए जब वो लड़की सो रही थी, तो उसने वह चुरा लिया।
जब वो लड़की जागी और महसूस किया कि,उसका जेड नहीं मिल रहा है, तो वो बुरी तरह से रोने लगी। हालांकि,उस समय,सभी बड़ों और म्यू वानरू के साथियों ने उसे बहुत सर चढ़ा रखा था। किसी को विश्वास नहीं हो रहा था कि,उसने ही उस लड़की का जेड चुरा लिया था। किसी को भी लड़की की बातों पर विश्वास नहीं हुआ।
बाद में,एक धनी दिखने वाला बुजुर्ग आदमी,कल्याण केंद्र में आया और उसे बुलवाया।