सबसे पहले,जब म्यू वानरू म्यू परिवार का हिस्सा बनी,तब उसने थोड़ा दोषी और असहज महसूस किया। आखिरकार,ये चीजें वास्तव में उसके लिए नहीं थीं,लेकिन उस लड़की के लिए थीं,जिसका नाम ज़ियाओशी था।
उसे इतनी जल्दी इतनी सारी खुशियां मिल गयीं कि उसे यह सब एक भ्रम की तरह लग रहा था। यह ऐसा था जैसे कि,उसने अपनी आँखें खोलीं, और उसका कोई सपना सच हो गया।
हालाँकि,जब उसने सच में अपनी आँखें खोलीं, तो वो एक राजकुमारी की तरह बेडरूम में नरम, बड़े बिस्तर पर लेटी हुई थी।
म्यू शेंग उसके पास बैठे हुए थे। उनका कठोर चेहरा,उसके लिए उनके प्यार को नहीं छिपा सका। वो उसके लिए बहुत नरम थे,और अपने दिलों जान से उसे चाहते थे।
म्यू वानरू जो मांगती थी, वो उसे लाकर देते थे ! म्यू वानरू को इससे पहले कभी भी माँ बाप का प्यार नहीं मिला था,और उसने इस तरह का शानदार जीवन भी कभी नहीं जिया था,इसलिए उसने खुद को इस अचानक मिली खुशी में डुबो दिया।
हालाँकि,यह सब पाने के लिए म्यू वानरू का स्वार्थी होने का कारण वो आदमी था।
राजधानी में म्यू परिवार एक अमीर और प्रभावशाली परिवार था,और म्यू याज़हे ऐसा आदमी था,जिसे कई अमीर और जवान लड़कियां पाना चाहती थीं। वो इतना महान था कि,हर कोई उसके पास आने की कल्पना भी नहीं कर सकता था।
ईश्वर केवल उसी पर क्यों मेहबान थे,उसे सब कुछ हद से ज्यादा क्यों दिया गया?
म्यू याज़हे के पास एक परिवार था,जो आर्थिक रूप से देश का सबसे मजबूत परिवार था, इसके अलावा उसके पास एक ईश्वरीय रूप,एक महान और शानदार रुतबा, और ज़रूरत से ज्यादा कौशल और हुनर था!
यह सब देखकर किसी को भी उससे ईर्ष्या हो सकती थी !
म्यू वानरू भी उस हद तक लालची हो गयी थी कि, उसने खुद को खो दिया था।
भले ही,म्यू परिवार की यंग मिस्ट्रेस और होने वाले सीईओ की पत्नी का शीर्षक किसी अन्य इंसान से चुराया गया था; पर भगवान ने सही में कभी उसके साथ गलत व्यवहार नहीं किया।
सोचने में थोड़ी सी गलती की वजह से,किसी का जीवन किस हद तक बदल सकता है। म्यू वानरू उस विशाल बिज़नेस एम्पायर के सीईओ की होने वाली पत्नी बन गई।
शुरू में वो थोड़ी असहज और भयभीत थी,लेकिन आखिरकार वो उस माहौल में ढल गयी,और उसने हर उस चीज का आनंद लिया जो उसकी नहीं थी।
हालांकि...यह सब किस्मत का खेल था। विडंबना से वो कभी गर्भवती नहीं सकती थी - यह पैदायशी दोष था। हालाँकि,म्यू शेंग ने चिकित्सा क्षेत्र में कई लोगों से संपर्क किया था, लेकिन कोई भी उसके बांझपन का इलाज नहीं कर सकता था।
इससे भी बड़ी विडंबना यह थी कि,म्यू शेंग ने जिस लड़की को सरोगेट चुना था, वो वही निकली...उस जेड के टुकड़े की असली मालकिन।
म्यू वानरू को ठंडे पसीने आ रहे थे, वो बहुत डर गयी थी।
कई सालों के बाद, वे दोनों लड़कियां आखिरकार फिर से मिलीं। नौ साल पहले,म्यू वानरू ने ज़ियाओशी का जेड छीन लिया था, और हर उस चीज़ पर कब्जा कर लिया था जो वास्तव में उसकी थी। नौ साल बाद, ज़ियाओशी उसके होने वाले पति की सरोगेट बन गयी और उसने उसके जुड़वाँ बच्चों को जन्म दिया!
उसे लग रहा था कि,एक अदृश्य बंधन म्यू याज़हे को उस लड़की से बांधे हुए था,जिसकी वजह से म्यू वानुरु परेशान थी !
म्यू याज़हे ने युन शीशी के बारे में पता लगाने का आदेश दिया था- क्या इसका मतलब यह था कि,वो म्यू वानुरु की पहचान,और जेड के उस टुकड़े का असल में उसके होने पर संदेह कर रहा था?
असंभव!
म्यू वानरू ने,इतने सालों तक यह राज़,सावधानीपूर्वक सबसे छुपाकर रखा था।
पहले,जब वो वयस्क होने ही वाली थी,तो एक बार म्यू शेंग ने उस पर संदेह किया। उस समय वो बहुत जल्दी में थे, इसलिए जब उन्होंने उसके पास जेड देखा,तो उन्होंने ज्यादा जांच पड़ताल नहीं करी।
हालाँकि,जैसे-जैसे वो बड़ी हुई,वो और सुंदर और नाज़ुक होती गई,वो बिलकुल भी उस महिला की तरह नहीं दिखती थी,जिसे म्यू शेंग उसकी माँ समझते थे, इसलिए दादाजी म्यू को उसपर शक हो गया।
दादाजी म्यू ने चुपके से म्यू वानरू के कुछ बाल लिए,और उन्हें डीएनए टेस्ट करवाने के लिए भेजा। हालांकि,म्यू वानरू काफी चालाक थी। यह जानते हुए कि कुछ गलत हो रहा था,और दादाजी के इरादे को जानकर, उसने डीएनए टेस्ट के परिणामों को गलत बताने के लिए,चुपके से विभाग के हर एक आदमी को रिश्वत दे दी। डीएनए के परिणामों से म्यू शेंग पूरी तरह से आश्वस्त हुए।