Chapter 25 - फिर से मिलना...

युन शीशी को यह समझ नहीं आ रहा था,कि यह दर्द था या कुछ और,उसकी आँखें अचानक नमी से भर गईं। जल्द ही आँसू उसके गाल से नीचे गिरने लगे। वो इतनी परेशान थी कि आखिर उसे रोना आ गया।

छोटी उम्र से ही वो इधर से उधर भटक रही थी। हालाँकि,फिर उसे एक घर मिला,जहाँ युन येचेंग के अलावा किसी ने भी उसे स्वीकार नहीं किया।

वो अपनी ज़िन्दगी में,किसी पर निर्भर नहीं थी। उसकी नौकरी चली जाने से,वो सच में नहीं जानती थी कि,क्या करना है।

उसका गहरी दबी हुई नाराज़गी आखिर फूट पड़ी। पिछले कुछ दिनों में घटी अनपेक्षित घटनाओं ने ,उसे मानसिक और शारीरिक रूप से कमज़ोर कर दिया था ,और उसके सहन करने की शक्ति ख़त्म हो गयी थी।

दायित्व निभाने की हद तो ये थी कि ,युन ना के कर्ज को चुकाने के लिए उसने अपनी नौकरी भी खो दी। इस समय,उसके पास एक पैसा भी नहीं बचा था। अब वो क्या करेगी?

उसके जीवन में इतनी परेशानियां होने के बाद भी उसने हिम्मत नहीं हारी थी। यहां तक कि जब वो एक मुश्किल स्थिति में थी, तब भी उसने किसी के आगे हाथ नहीं फैलाया। चाहे कितना भी कठिन समय था,लेकिन यूयू के होने से उसके जीवन में आशा थी।

परन्तु,जीवन की सच्चाइयों ने उसे तोड़ कर रख दिया!

एक बार यूयू ने उसे बताया था कि जब कोई मुश्किल हो, तो हमें मुस्कुराना चाहिए,और सब कुछ ठीक हो जाता है। यहाँ तक कि एक बच्चे को भी यह बात पता थी,लेकिन उसके जैसे वयस्क इसका ठीक से पालन क्यों नहीं कर सकते?

खैर ,उस समय वो अपने आँसुओं को निकलने से नहीं रोक पा रही थी!

शिकायतों और कड़वाहट से भरी,युन शीशी, ने अपने गालों पर हाथ रखा और वो जमीन पर बैठी हुई दिल खोलकर रोने लगी!

थोड़ी दूर जाकर उस पोर्श गाड़ी का इंजन बंद हो गया। उसका दरवाजा खुला,और महंगे चमड़े के जूते की एक जोड़ी गाड़ी से बाहर निकली। म्यू याज़हे ने कार से बाहर कदम रखा और अपने पीछे का दरवाजा बंद कर दिया। उसने देखा कि,सफेद ड्रेस पहने एक महिला ज़मीन पर बैठी थी। उसका सिर नीचे होने के कारण,उसके चेहरे के भाव स्पष्ट रूप से देखे नहीं जा सकते थे,लेकिन उसकी सिसकियाँ आराम से सुनाई दे रही थीं, जिससे वो बहुत दयनीय लग रही थी!

वो लड़की लगभग 20 साल की थी,और कमजोर लग रही थी। उसने साधारण ऑफिस ड्रेस पहनी हुई थी। उसके रेशमी चिकने बाल उसके कंधों पर फैले हुए थे, और उसके आधे से ज़्यादा चेहरे को छिपाये हुए थे।

हालाँकि वो मैली-कुचली लग रही थी,लेकिन फिर भी इससे उसकी सुंदरता कम नहीं हुई। वास्तव में, इसने उसके मोहक रूप को और भी निखार दिया,जिससे दूसरों को उसके प्रति सहानुभूति का अनुभव हुआ।

म्यू याज़हे ने अपनी आँखें सिकोड़ कर देखा। उस लड़की को देखकर उसके दिल में हलचल हुई। वो कुछ जानी पहचानी लग रही थी; जैसे उसने उसे पहले कहीं देखा हो।

हालांकि,उसका सिर नीचे होने के कारण,वो उसकी शक्ल नहीं देख पा रहा था।

म्यू याज़हे की तलवार जैसी भौंहें थोड़ी मुड़ गयीं। वो उसके करीब गया और तमीज से उसके सामने घुटनों के बल बैठ गया। उसने अपने बादाम के आकार की आँखों को नीचे किया,और उस लड़की के घुटने की चोट को ध्यान से देखने लगा। उसने देखा कि उसकी पतली सी टाँग खून से सनी हुई थी। उसके नाज़ुक पैर से खून बह रहा था।

म्यू याज़हे ने उसके पूरे शरीर को ध्यान से देखा,और पाया कि उसके घुटने के अलावा कहीं चोट नहीं थी।

अच्छा हुआ कि उसकी चोट ज्यादा गंभीर नहीं थी,लेकिन वो फिर भी बहुत रो रही थी,जैसे कि उसने एक बहुत बड़े दुःख का सामना किया हो। वो सही में नहीं जानता था कि,वो लड़की उस चोट की वजह से इतने दयनीय रूप से क्यों रो रही थी! उसे देख कर ऐसा लग रहा था,जैसे वो एक गुमा हुआ बिल्ली का बच्चा थी!

उस दिन वो अपने अंदर बहुत निराशा महसूस कर रहा था। उसकी आदत थी कि जब भी वो उदास होता था,तो कार से पहाड़ों पर सवारी के लिए निकल जाता था। इसलिए,उसका ध्यान कहीं और होने की वजह से,उसने युन शीशी को सड़क पर नहीं देखा। शायद,उसके कमज़ोर शरीर और पतली सी सफेद ड्रेस की वजह से वो उसे ठीक से देख नहीं पाया। म्यू याज़हे सड़क पर तेज़ी से गाड़ी दौड़ा रहा था,इसलिए जब तक वो उसे नोटिस करता,पहले ही बहुत देर हो चुकी थी। यह अच्छा हुआ कि युन शीशी के साथ कुछ गलत नहीं हुआ।

उसके आँसुओं को न रुकते देख,म्यू याज़हे ने और समय नहीं गंवाया। उसने अपना सिर नीचे किया और अपने बटुए को बाहर निकाला। उसमें से कुछ बड़े बैंकनोट्स निकालकर,उसने अपने चेहरे पर बिना किसी भावों के युन शीशी को पकड़ाए ।

 (क्या म्यू याज़हे युन शीशी को पहचान जायेगा...आगे क्या होता है जानने के लिए पढ़िए अगला अध्याय...)

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