लैन यान्झी एक खूबसूरत महिला के साथ छेड़खानी कर रहा था, जिसे उसने अपनी बांहों में लिया हुआ था, लेकिन अपनी आंखों के कोने से वो म्यू सिहान को देख रहा था।
म्यू सिहान ने उस सुंदर लड़की को अपनी गोद में खींचा हुआ था और एक भेड़िए के पंजे जैसे अपने हाथ को लड़की की छोटी कमर पर दबा रखा था, ये देख लैन यान्झी की अभिव्यक्ति कुछ अस्पष्ट थी।
उसकी धारणा और उसके अनुभव के अनुसार, युवा मास्टर म्यू कभी भी महिलाओं के साथ नहीं खेला करते थे, इसके अलावा वो ओसीडी की सीमा पर थे, यानी एक स्वच्छता सनकी थे। वो कभी भी उस महिला के साथ बातचीत नहीं करेंगे, जिसमें उनकी दिलचस्पी नहीं हो।
अब क्या स्थिति थी ?
क्या इन दोनों का अफेयर था?
लेकिन लड़की की आंखों में कोई प्रशंसा या शर्म नहीं थी, केवल एक भयंकर झुंझलाहट थी।
हह, मुझे विश्वास नहीं होता कि ऐसी भी कोई महिला जीवित थी जो चौथे भाई में दिलचस्पी नहीं ले रही थी।
ये वाकई अजीब था।
नान जी एक बहुत तेज और उदास टकटकी को अपने चेहरे पर महसूस कर रही थी, जो उसे सहन नहीं हो रही थी। इससे उसे चुभन और असहज महसूस हो रहा था। वो आदमी की जांघों से उठकर खुद को उससे दूर करने के लिए संघर्ष कर रही थी।
लेकिन जैसे ही वो उठी और उसने दो कदम बढाएं, तो एक पैर से टकराकर वो फिसल गई।
नान जी अचानक टकराने से खुद को संभाल नहीं पाई और आगे की ओर गिर गई, उसके हाथ काले रंग की कॉफी टेबल से टकराए और तभी उसने महसूस किया की इस अराजकता में, किसी ने उसकी पतली कलाई खींची थी।
लैन यान्झी, एक फीकी मुस्कान के साथ, ये देख रहा था कि कैसे युवा मास्टर म्यू, नान जी के साथ खेल रहा था और उसने उसे अपनी बांहों में फिर से गिराया था।
दूसरों ने शायद देखा नहीं था लेकिन लैन यान्झी ने ये देख लिया था की जो पैर आगे की ओर आया था वो युवा मास्टर म्यू का था।
नान जी ने अपने हाथ में पकड़े छोटे चौकोर बैग से म्यू सिहान के सिर पर मारा। वो दर्द से कराह उठा और महिला को अपने आलिंगन में खींच लिया।
नान जी ने उसकी छाती पर फिर से मारा और वो सोफे से टकरा गया।
आदमी की ठंडी सांस नान जी के माथे पर महसूस हुई। उसकी लंबी पलकें झपकी और उसने उस आदमी को देखने के लिए अपना सिर उठाया।
प्रकाश उसके, कोणीय और सुंदर चेहरे पर परिलक्षित हो रहा था। आधी-बंद होने के कारण उसकी गहरी आंखे और भी गहरी दिख रही थीं। उसकी आंखों के कोने पर एक छाया का संकेत था। एक नजर में, वो एक अथाह और खतरनाक व्यक्तित्व वाला व्यक्ति लगता था।
नान जी कुछ कहना चाहती थी, लेकिन तभी उसे अपने निचले पेट में अचानक गर्मी महसूस हुई, जिसके बाद उसके पेट में हल्का दर्द हुआ।
आह, उसकी माहवारी जल्दी आ गई।
जब से उसने जिआओजी को जन्म दिया था,उसका मासिक धर्म नियमित नहीं हुआ था।
इस स्थिति में, नान जी को जल्दी से वहां से जाने की जरूरत थी, लेकिन उसके साथ जो व्यक्ति था वो ऐसा होने नहीं दे रहा था।
म्यू सिहान ने लापरवाही से सिगार फेंक दिया और अपने सुंदर हाथों से नान जी की गर्दन की नाजुक त्वचा के एक छोटे से हिस्से पर चिकोटी काटी। जब नान जी ने उसके स्पर्श के साथ अपनी गर्दन के पिछले हिस्से पर उठते बालों को महसूस किया तो वो कांप गई। म्यू सिहान का ठंडा और तेज चेहरा उसके कान के पास असहज रूप से आ गया, उसकी आवाज उदासीनता के साथ अनियंत्रित हो गई, "लड़की, तुम मुझे छूने के बाद, बस यही जाना चाहती हो?"
तब तक ठीक था जब तक उसने इसका उल्लेख नहीं किया था लेकिन एक बार उसने जब ये बोल दिया तो, नान जी अपने हाथ पर अजीब सी सनसनी महसूस करने लगी।
नान जी अजीब से खांसी दी। "मेरा हाथ फिसल गया था, ऐसा नहीं होता अगर तुम मुझे अचानक नहीं खींचते।"
थोड़ा पीला चेहरा और जकड़े हुए जबड़े के साथ महिला को देखते हुए, म्यू सिहान ने अपने गाल के खिलाफ अपनी जीभ के साथ, एक कम हंसी दी।
नान जी को पता नहीं था कि वो किस बात पर हंस रहा था। इस आदमी से खतरे के प्रति उसके मन में गहरी प्रवृत्ति उत्पन्न हो गई।
उसका पेट बीतते समय के साथ और अधिक असहज हो रहा था। उसका अब उससे बात करने का मन नहीं था और वो उठने के लिए संघर्ष कर रही थी।
उसके संघर्ष ने म्यू सिहान के टेंटुए को उठा दिया और वो उसे जाने से जबरन रोकने लगा। वो लड़की भले ही छोटी और खूबसूरत लग रही थी, लेकिन वो आश्चर्यजनक रूप से मजबूत थी। लेकिन उसकी मजबूती का कोई फायदा नहीं था और युवा मास्टर उसे अपने एक हाथ से मजबूती से पकड़ सकता था।
जब उसने अपने सिर को उसके चेहरे की ओर देखने के लिए झुकाया, तो उसने आलस से मुस्कराते हुए, अपना सिर नीचा किया और अपने पतले होंठों को उसके सफेद कानों के पास ले गया। उसकी नाक उसके कान के नरम क्षेत्र को छू रही थी और उसकी आवाज ने उसे भयभीत कर दिया था।
"लड़की, क्या आप जानती हो कि उस अंतिम व्यक्ति के साथ क्या हुआ था, जिसने युवा मास्टर म्यू को छूने की कोशिश की थी? कुछ भी छूने से पहले उसकी उंगली काट दी गई थी। तुम्हारा हाथ फिसल गया होगा, लेकिन फिर भी तुमने इसे छूआ तो है। तो तुम्हें कैसे दंडित करना चाहिए ? "
अंतिम शब्दों को बोलते वक्त जोर दिया गया था, जिससे इसे एक खूनी और खतरनाक स्वाद मिला।