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Chapter 48 - शी साम्राज्य का आइपी एड्रेस

वह गरीबी की दलदल में रहकर परेशान हो चुकी थी!

उसके भविष्य की बड़ी योजनाएँ थीं लेकिन उन्हें संभव बनाने के लिए उसे धन की आवश्यकता थी।

अपने लड़कपन में जिंगे उसके पैसे खर्च करते वक्त कुछ सोचती नहीं थी, क्योंकि उसे अपनी पैसे कमाने की क्षमता पर भरोसा था। वह अपने कमाई की पाई-पाई खर्च कर देती थी और उसका खाता हमेशा खाली रहता था।

तब जिंगे गर्व से अपनी पूरी मेहनत पैसे कमाने पर लगाया करती थी।

उसे लगता था कि वह अपना बाकी जीवन बिना पैसों की किसी चिंता के बिता सकेगी।

उसे पैसे बचाने की आदत नहीं थी, और वह अपने सारे पैसे कंप्यूटर की दुनिया के पीछे खर्च कर देती थी। 

उसके अनुसार किसी कौशल में महारत हासिल करके वह जब चाहे तब और जितना चाहे उतना पैसा कमा सकती थी। 

लेकिन, दुर्भाग्य ने उसके परिवार की संपत्ति उससे छीन ली, और तब उसे पैसे का महत्व मालूम पड़ा। 

उसे अब हर एक सिक्के की कीमत पता थी।

साफ़ शब्दों में, उसे अब पैसों की जरुरत थी।

पैसा कमाना मुश्किल नहीं था, मुश्किल था उन्हें कम वक़्त में कमाना।

लिन लिन का जन्मदिन नज़दीक था। वह अपने पुराने कपड़ों में नहीं जा सकती थी, वह किसी को अपनी ओर नीचा नहीं देखने दे सकती थी।वह लिन लिन की शर्मिंदगी की वजह नहीं बन सकती थी।

इसका मतलब था खुद को बदलने के लिए उसे पैसे की जरुरत थी।

पर इतने पैसे मैं कहाँ से लाऊँ? 

जिंगे ने अपने नए कंप्यूटर को ऑन किया और इंटरनेट पर संभव अवसर ढूंढने लगी।

वह अपने पुराने तरीके को फिर से नहीं दोहरा सकती थी, क्योंकि इससे लोग उसकी असलियत जान जाते और वो बेकार परेशानी में पड़ जाती।

इतना हीं नहीं, यह तरीका बहुत मेहनत वाला था और वह इससे सिर्फ कुछ पैसे ही कमा सकती थी। इससे उसकी जरुरत नहीं पूरी होती।

उसने इंटरनेट पर कुछ समय बिताया लेकिन कुछ भी नहीं मिला। उसने वू रोंग के पास भी जाने की भी सोची,ताकि वह अपने पिता की जायदाद का कुछ हिस्सा माँग सके।

पर उसे मालूम था की वह ऐसा नहीं कर सकती।

वू रोंग इतिहास बन चुकी थी,लेकिन वू शुआंग अभी भी वहीं थी। 

अपने पिता की जायदाद से कुछ भी हासिल करने के लिए जिंगे को उन दोनों से निपटना था।

इसलिए, वह जायदाद के बारे में जल्दबाजी नहीं कर सकती थी, लेकिन इस बीच वह पैसे कहाँ से लाती?

जिंगे को कुछ सूझ नहीं रहा था, इसलिए वह उसने एक हैकिंग फोरम में जाने का निर्णय लिया,जो लोगों की नजरों से छिपी हुई थी।

तब उसे याद आया कि जो कारनामा उसने उस दिन किया था, उस कारण हैकिंग समुदाय के लोगों का ध्यान उसकी ओर आकर्षित हो गया था।

कुछ ऐसे भी थ्रेड थे जो उसे ढूंढ रहे थे।

इन लोगों ने उसे असली पहचान बताने के लिए आकर्षक इनाम पोस्ट किए थे।

जिंगे सोच रही थी कि क्या वह इतने पैसों के लिए खुद को बेच सकती है….

वह अपने ही इस तरीके की फालतूपन पर मुस्कराते हुए आगे बढ़ गई।

उसने देखा कि किसी ने उसे चुनौती जारी की थी। यह शर्त 1,000,000 RMB के लिए थी।

उसने निर्णय लिया कि वह इस चुनौती को स्वीकार करेगी क्योंकि उसके पास करने के लिए कुछ और नहीं था।

ओपी के अकाउंट का इस्तेमाल कर उसने, उसके आइपी एड्रेस को हैक कर लिया।

लेकिन, जैसे ही उसे प्रवेश मिला,जिंगे को पछतावा होने लगा!

यह शी साम्राज्य का आइपी एड्रेस लग रहा था...

001? दूसरी पार्टी उस समय ऑनलाइन थी और उसने जैसे ही जिंगे को ऑनलाइन देखा, उसे फ़ौरन एक सन्देश भेजा।

तब जाकर जिंगे को एहसास हुआ कि वह आदमी उसके अकाउंट को हैक करने की कोशिश कर रहा है।

जिंगे ने चुपके से अपने बचाव किया और उसे उत्तर रवाना किया। अधिक जिज्ञासा में खतरा होता है। रुक जाओ, वरना तुम इसके लिए पछताओगे।

तुम बहुत बोलते हो। तुम्हे मेरी पहचान पता है, इसलिए यही सही होगा की मैं तुम्हारी पहचान जानूं?

तुम शी मुबाइ हो? 

जिंगे ने उससे पूछा, हालाँकि उसे पता था कि यह वही है।

हाँ, मैं ही हूँ। 001, मैंने तुम्हारे बारे में बहुत कुछ सुना है, क्या तुम मेरी कंपनी के लिए काम करने में दिलचस्पी रखती हो? मुबाइ ने पूछा।

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