इस देश में उसके अतीत के बारे कोई नही जानता था।
वे सिर्फ ये जानते थे कि वो एस.एकेडमी में गणीत संकाय की अच्छी छात्रा रह चुकी थी।
"बचपन में मैं कंप्यूटर का कीड़ा थी, और सालों सीखते रहने के बाद मेरे स्किल्स में सुधार आता चला गय," जिंगे ने कंधे उचकाए, मानों कोई बड़ी बात न हो।
अब शिया ची की आंखें खुलीं। वह बोला, "दीदी, तुम विदेश में बड़ी हुईं, इसीलिए हमारे साथ रहने आने से पहले के तुम्हारे इतिहास के विषय में कोई ठीक से नहीं जानता था। हमने जानने की कोशिश की, पर तुम्हें कुछ याद नहीं था। कुछ भी हो, दीदी, तुम फ़िर भी लाजवाब हो। मेरे जैसे प्रोग्रामिंग के विद्यार्थी को भी इसे पूरा करने के लिए, कुछ दिन लगते और तुमने छह साल की एम्नेज़िया के बाद…"
शिया ची का सर धीरे-धीरे सकुचाहट से झुक गया।
वह सदैव अपनी कक्षा में अव्वल आता था, पर अपनी शौंकिया प्रोग्रामर बहन के सामने वह कुछ नहीं था।
"दीदी, तुम सच में कितनी व्यावसायिक हो! तुम्हारे कुशलता का स्तर देखते हुए, मैं यह कहने की हिम्मत कर सकता हूं कि तुम मेरे सीनियर से दस गुना बेहतर हो," शिया ची ने उत्सुकता से टिप्पणी की, पर वह उत्तर सुनने में हिचक रहा था।
जिंगे ने सर हिला दिया, "मुझे सच में कुछ पता नहीं था, क्योंकि कंप्यूटर साइंस में बदलाव होते रहते हैं। अगर हम सिर्फ़ सैद्धांतिक पहलू की बात करें, तो मुझे लगता है मैं तुमसे कम जानती हूं। अभी मैं तो कुछ कर नहीं रही, क्या तुम हाल के वर्षों में छपी कुछ पाठ्यपुस्तकें मेरे लिए ला सकते हो?"
शिया ची हॅंसने लगा, "दीदी, तुम कितनी नम्र हो! मैंने अभी-अभी तुम्हारे सॉफ्टवेयर का परीक्षण किया है, और वह बग फ़्री है। मैंने उसे अपनी सीनियर को भेजा और उसने यही कहा। उसने सिर्फ़ इतना कहा है कि भले कोडिंग की पद्धति थोड़ी पुरानी थी, पर तकनीक निश्चित रूप से लाजवाब थी। वह फ़ौरन जान गया कि यह मेरे हाथ का काम नहीं। पूछने पर मैंने बताया कि मेरे दोस्त ने किया है।"
जिंगे ने हामी में सर हिलाया। "अच्छा हुआ तुमने मेरा नाम नहीं लिया, क्योंकि मुझे स्पष्टीकरण देने में मुश्किल होती।"
"हॉं। तुम्हारे इतिहास और एम्नेज़िया की परतें उखाड़ने की कोई मंशा नहीं थी, इसीलिए सफ़ेद झूठ बोलना मैंने उचित समझा"
"तो, उसने अभी तक बैंक में पैसे नहीं डाले?" जिंगे को बस यही चिंता थी।
शिया ची ने उत्साह से कहा, " कर दिया दीदी, तुम कुछ खाओगी? मैं खाने को ले आता हूं और बीच में पुस्तकालय से किताबें भी तुम्हारे लिए लेते आऊंगा।"
"कोई बात नहीं, कुछ ऐसा लाओ न, जो तुम्हें पसंद हो! हम दोनों खाएंगे।"
"ओके, बस अभी आया।"
शिया ची ने कंधे से बस्ता लटकाया और उत्साहभरी चाल से अस्पताल से निकला।
वह पहले अपने स्कूल पर रुका। उसने पहले लाइब्रेरी की कई प्रोग्रामिंग पाठ्यपुस्तकें जांचीं और फ़िर थोड़ा मीट पॉरिज और जिंगे के लिए कुछ फल खरीदे।
जल्दी से लंच कर चुकने के बाद, जिंगे किताबों में लग गई।
शिया ची ने उसे थोड़ा आराम करने की सलाह दी, जो नहीं सुनी गई।
उसमें पूरा ज्ञान समा लेने की उत्कट इच्छा थी, एक नया जीवन शुरू करने के लिए।
अगर वह कमज़ोर न होती, तो काम ढूंढने निकल पड़ती।
लेकिन, वह जानती थी कि कुछ बातों में जल्दी नहीं की जा सकती थी। उनमें से एक था स्वास्थ्य। ज़्यादा मेहनत करने से उसका सरदर्द और अधिक हो सकता था। उसने इस समय को छह वर्षों की प्रगति की भरपाई में लगाने का निश्चय किया।
"दीदी, तुम कितना तेज़ पढ़ती हो…" शिया ची हैरत में फुसफुसाते हुए सेब खा रहा था। जिंगे ने दो तिहाई किताब आधे घण्टे में पढ़ डाली थी।
जिंगे ने पेज से बिना ऑंखें हटाए जवाब दिया, "मैं सिर्फ़ वर्तमान तकनीक से रूबरू होने के लिए तेज़ी से पढ़ रही हूं, विवरण में नहीं जा रही।"
चूंकि जिंगे की नींव पहले की मजबूत थी, वह थोड़ा पढ़कर ही निर्णय ले लेती थी, कि मज़मून के किस हिस्से पर उसे ध्यान देना है।
इस प्रकार, उसे उन चीज़ों को पढ़ने में वक्त बर्बाद नहीं करना होता, जो वह जानती थी…
उसने अपनी हाथ की किताब छोड़कर दूसरी उठा ली।
शिया ची उसे चुपचाप देखता रहा। वह अभी भी इस बात को हज़म नहीं कर पा रहा था कि उसकी बहन कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में प्रवीण थी।
"दीदी, पिछले तीन सालों में मैंने तुम्हें कभी कंप्यूटर पर बैठे कैसे नहीं देखा?" शिया ची ने जिज्ञासा से पूछा।
जिंगे की याद्दाश्त जाने से उसकी मोटर मेमरी नष्ट नहीं हुई होगी, या फ़िर उसका कंप्यूटर का ज्ञान पूरी तरह से मिटा नहीं होगा।
कंप्यूटर साइंस के बारे में उनके घर में चर्चा होती रहती थी, क्योंकि वह यही पढ़ता था, तो पिछले छह सालों में जिंगे ने ऐसी चर्चाओं में हिस्सा क्यों नहीं लिया?