Chapter 55 - उसने उसके होंठ काट दिए

लिन चे ने उसे तुरंत टोका, "मैंने कब तुम्हारा अपमान किया?"

"तुमने मुझे नशा दिया था ... क्या तुम्हें नहीं लगता कि तुम भाग्यशाली हो कि तुम अब भी यहां मेरे सामने खड़ी हो पा रही हो?" गु जिंग्ज ने अपना माथा ऊंचा करके कहा।

तभी उसे अहसास हुआ कि वो पुरानी बातें फिर से क्यों दोहरा रहा है?

लिन चे को पता था कि उसका क्या मतलब है और उसका चेहरा शर्म से लाल हो गया,"हम नहीं जानते कि हम दोनों में से कौन बदकिस्मत है। मैं अपनी जिंदगी ठीक तरह से जी रही थी, लेकिन मेरी स्वतंत्रता छीन गई और मैं अचानक किसी की कॉन्ट्रैक्ट वाइफ बन गई। अब मुझे तुम्हारा रोज सामना करना पड़ता है। और तुम्हारे अजीब स्वभाव को सहन करना पड़ता है!"

गु जिंग्ज का चेहरा उतर गया।

वो अभी भी उसे गलत ही समझ रही थी।

अचानक, वो उठा और एक कदम आगे बढ़ा। वो लिन चे के खूबसूरत चेहरे के पास गया और उसकी ठोड़ी को देखा। 

जैसे ही वो उसके पास आया, वो उसकी ठंडी सांसें और कोलोन की खूशबू सूंघ सकती थी। लिन चे डर गई। उसने उसके हाथों की गर्मी को महसूस किया, और उसके चेहरे की तरफ देखने लगी। उसके होंठ गु जिंग्ज के होंठो के ठीक सामने थे। अगर वो जरा भी हिलती तो वो उन्हें छू सकती थी।

लिन चे ने झट से उसका हाथ हटा दिया, "मुझे छोड़ दो। तुम बहुत करीब आ रहे हो। बहुत गर्मी हो रही है।"

लिन चे का चेहरा बहुत गर्म हो रहा था। वो अब इसे बर्दाश्त नहीं कर सकती थी। उसने गु जिंग्ज के पैर पर तेजी से अपना पैर मारा और साइड से निकल गई। बिना एक बार भी पीछे मुड़े वो बाहर भाग गई।

"आउच ..." गु जिंग्ज दर्द से करहाया।

"ये पागल लिन चे ....लगता है इसने अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल कर दिया।"

गु जिंग्ज गुस्से में बड़बड़ाया, "शाबाश, लिन चे, अब तुम्हारा मुझसे काम खत्म हो गया, तो तुम मुझे पीठ दिखा रही हो?"

लिन चे ने ना सुनने का नाटक किया। वो अपने कमरे में चली गई और दरवाजा बंद कर लिया।

लिन चे ने गहरी सांसें लीं और अपनी छाती को थपथपाया।

वो बेवकूफ गैंगस्टर उसे फिर से उकसा रहा था।

अभी वो शांत भी नहीं हुई थी कि उसे दरवाजे पर गु जिंग्ज की आवाज फिर से सुनाई दी।

उसके पास और भी काम था, लेकिन लिन चे के साथ हुए हंगामे के बाद, वो शांत नहीं हो सका और बेडरूम तक उसका पीछा करते हुए आ गया।

लिन चे ने उस गैंगस्टर को अंदर आने से मना कर दिया। दरवाजे को अंदर से कसकर दबाते हुए उसने कुण्डी लगा दी और कहा, "क्या तुम दूसरे कमरे में सो सकते हो?"

उसकी बात सुनकर, गु जिंग्ज ने दुखी मन से उत्तर दिया, "मुझे दूसरे कमरे में सोने की क्या जरूरत है?"

"तुम पहले भी तो अलग कमरे में ही सो रहे थे। वैसे भी मैं बहुत थक गई हूं और मैं नहीं चाहती कि तुम मुझे परेशान करो।"

वो पहले से ही इसकी आदि हो चुकी थी।

उसने बाहर से कहा, "ये मेरा कमरा। यदि मैं यहां सोना चाहता हूं, तो मैं यहीं सोऊंगा। दरवाजा खोलो।"

"नहीं। मैंने आपको नाराज किया है, इसलिए कौन जानता है कि आप मेरे साथ क्या करेंगे," लिन चे उसे अंदर नहीं आने देने के बहाने ढूंढ रही थी।

गु जिंग्ज ने चिढ़कर कहा, "अब तुम मुझे और भी अधिक परेशान कर रही हो।

"क्योंकि तुम पहले से ही इतने नाराज हो, थोड़े और से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।"

"ठीक है, लिन चे अगर ऐसा है तो क्या तुम मुझसे बदला लेने से डरती नहीं हो? तुम्हारा शो कभी नहीं प्रसारित किया जाएगा और कंपनी तुम्हें चुपचाप गायब कर देगी ..."

"क्या?" लिन चे ने घबराते हुए कहा, "गु जिंग्ज, तुम ऐसा नहीं कर सकते। हमने शादी के बाद वादा किया था कि हम एक -दूसरे के मामले में दखल नहीं देंगे।"

"मैंने इससे भी ज्यादा गलत चीजें की हैं। ये मत भूलो कि मैं एक पूंजीवादी हूं," गु जिंग्ज ने कहा।

लिन चे ने थोड़ा सोचा और फिर धीरे से दरवाजा थोड़ा सा खोल दिया।

(यहां गैंगस्टर का मतलब है---एक छेड़खानी करने वाला और मनचला आदमी)

उसने उम्मीद नहीं की थी कि गु जिंग्ज अपनी विशाल हथेली से दरवाजा खोलने के लिए तुरंत धक्का देगा। 

लिन चे चौंक गई और कुछ कदम पीछे हट गई। गु जिंग्ज ने उसे घूरा और जल्दी से उसकी कमर को अपनी बांह से पकड़ लिया, उसने उसकी कमर को इतना पीछे धकेल दिया कि वो लगभग गिरने ही वाली थी।

लिन चे के अंदर से एक आवाज निकल गई और उसे महसूस हुआ कि उसका चेहरा गु जिंग्ज के चेहरे से रगड़ रहा था। जैसे ही लिन चे ने उसके पतले होंठो को इतनी पास से देखा, उसका चेहरा तेजी से जलने लगा। उसका गला बैठ गया और वो एक शब्द भी नहीं बोल पा रही थी।

वो घबरा गई और जल्दी से गु जिंग्ज को धक्का दे दिया। गु जिंग्ज ने तुरंत उसकी कलाई पकड़ ली।

वो उसकी आंखों में घूरने लगा, क्योंकि वो कोशिश कर रही थी कि किसी तरह भी उसकी तरफ न देखे। 

लिन चे को अपनी ओर ऊपर खींचते हुए वो बोला, "लिन चे, तुम क्या कर रही हो? मुझे ऐसा लग रहा है कि तुम जान बूझकर मुझसे बचने की कोशिश कर रही हो।"

लिन चे दंग रह गई।

उसने सोचा,"क्या उसे अहसास हो गया था?"

"...मैं तुम्हें टाल नहीं रही हूं," उसने अपना हाथ छुड़ाने के लिए संघर्ष किया।

गु जिंग्ज की पकड़ मजबूत थी, "मुझसे बच नहीं रही हो तो क्या कर रही हो? तुम आजकल ना तो मेरी तरफ देखती हो ना ही मुझसे बात करती हो।"

लिन चे ने कहा, "ऐसा कुछ नहीं है। तुम सिर्फ शकी हो रहे हो।"

गु जिंग्ज ने लिन चे को अपनी ओर खींचा, उसकी पतली उंगलियों ने उनके गाल पर चुटकी ली और उसे अपनी तरफ देखने के लिए मजबूर किया।

"फिर मेरी आंखों में देखकर कहो कि तुम मुझसे बच नहीं रही हो।"

लिन चे ने अपना सिर उठाया और उसकी गहरी आंखों में देखा। उसने अपने होंठ हिलाए लेकिन कुछ बोल नहीं पाई।

सच्चाई ये थी कि वो उससे इसलिए बच रही थी, क्योंकि हर बार जब वो उसे देखती थी, तो उसकी तरफ आकर्षित हो रही थी।

उसने जल्दी से कहा, "मैं सच में तुमसे नहीं बच रही हूं। मुझे जाने दो।" उसने जबरदस्ती अपना हाथ छुड़ा लिया।

गु जिंग्ज और अधिक चिंतित हो गया। लिन चे को पलटते हुए देखकर, वो उसके पीछे-पीछे गया और पूछा, "तुम्हारे साथ क्या चल रहा है, लिन चे?"

"आपका क्या मतलब है कि मेरे साथ क्या चल रहा है? कुछ नहीं चल रहा है। बस, मैं आजकल बहुत व्यस्त हूं।"

"फिर तुमने मुझे बाहर क्यों बंद कर दिया था?" गु जिंग्ज ने उसके इस उत्तर पर विश्वास नहीं किया।

"क्योंकि मैं ... आप के साथ एक ही कमरे में सोने में सहज नहीं महसूस करती हूं। इसके अलावा, हमारी शादी सिर्फ एक झूठ है। अगर कोई पूछेगा भी, तो हम यही कहेंगे कि हमारा हनीमून टाइम खत्म हो गया है और अब हम दोनों बहुत व्यस्त हैं। इसलिए कभी-कभी, हम अलग सोते हैं। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।"

"लिन चे ..."गु जिंग्ज के मन में अचानक एक बुरा ख्याल आया, "क्या तुम मुझसे इसलिए बच रही हो, क्योंकि तुम्हें किसी और से प्यार हो गया है?"

लिन चे हैरान हो गई, इससे गु जिंग्ज को क्या मतलब था।

उसने तो इतनी दूर का सोचा भी नहीं था।

चूंकि उसने इस बात को छेड़ ही दिया था, लिन चे ने भी कह दिया, "ऐसा नहीं है कि मैं किसी और को पसंद करती हूं, लेकिन आज नहीं तो कल मेरा भी एक ब्वॉयफ्रेंड होगा। मैं संयम से इसलिए रहती हूं, ताकि मैं अपनी जवानी का एक अच्छा वक्त बर्बाद नहीं कर दूं।"

उसने सोचा पहली बार वास्तव में उसे एक ब्वॉयफ्रेंड मिला। जबसे उसने होश संभाला, उसने किन क्विंग के अलावा किसी भी लड़के के बारे में नहीं सोचा था।

इसलिए गु जिंग्ज को देखकर उसे कुछ सिहरन महसूस हुई।

उसके अंदर की इच्छाएं इतनी जाग्रत हो गई कि वो गु जिंग्ज को देखते ही पागल हो जाती थी।

गु जिंग्ज की भौंहे मिल गईं और उसकी आंखो में चमक आ गई जब उसने लिन चे के हिलते हुए होंठों की तरफ देखा। उसने अपने अंदर अचानक एक उत्तेजना महसूस की और तेजी से लिन चे की तरफ एक कदम बढ़ाया।

उसने एक हाथ से लिन चे का कंधा पकड़ रखा था, और दूसरे हाथ से उसके सिर के पिछले हिस्से को दबाया हुआ था। वो आगे बड़ा और उसके लाल होंठो पर धीरे से काट लिया।

उसकी जीभ लिन चे के होंठों पर घूम रही थी और लगभग उसके मुंह में चली गई।

लिन चे को कुछ समझ नहीं आया। उसने उसकी ठंडी, नरम जीभ अपने मुंह के अंदर महसूस की। एक पल के लिए वो कांप गई।

जब गु जिंग्ज उसके मुंह में अपना मुंह डालकर उसकी जीभ चूस रहा था तो उसे ऐसा लगा मानो वो उसकी आत्मा को चूस रहा है। उनके होंठ चिपके हुए थे।

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