Chereads / फुल मार्क्स हिडन मैरिज : पिक उप अ सन, गेट अ फ्री हस्बैंड / Chapter 13 - बच्चो के साथ रहना इतना भी आसान काम नहीं है

Chapter 13 - बच्चो के साथ रहना इतना भी आसान काम नहीं है

निंग क्षी को अपनी पुरानी अलमारी में कुछ पुराने कपड़े मिले| जब वह पार्ट टाइम जॉब करती थी उस समय एक नाटक खत्म होने पर वह कुछ प्रोप्स यूँ ही उठा लाई थी| उसी में से उसे एक पिकाचू का पाजामा मिल गया जो नन्हे ट्रेजर को बिलकुल फिट बैठेगा ऐसा उसे लगा| लू टिंग के लायक भी कपड़े उसके पास थे, उसका भाई अपने कुछ कपड़े उसके पास भूल गया था| निंग क्षी को जब अपने असली माँ बाप मिल गए थे, तो वह उसे पाल-पोसकर बड़ा करने वाले माँ-बाप से अलग हो गई थी| उसे इस बात की बहुत शर्मिंदगी हुई थी और इसी अपराधबोध के कारण अब वह उनसे नहीं मिलती, सिवाय अपने भाई " तंग लुओ" के !

कपड़ों की व्यवस्था करने के बाद उसने कंबल ओर चादर की व्यवस्था की| लिविंग रूम का सोफा थोड़ा छोटा था| लू टिंग काफी लंबा है, उसके पैर सोफ़े से बाहर जाएँगे, इसलिए उसने एक कुर्सी पैरो के पास रख दी ।

ट्रेजर बहुत ही प्यारा ओर समझदार बच्चा था, उसने खुद ही नहा भी लिया ओर कपड़े भी बदल लिए।

निंग क्षी ने भी नहाकर, नाइट सूट पहन लिया| उसने कपड़े बड़ी सावधानी से चुने चूंकि लू टिंग भी आज घर में था, तो उसने ऐसे कपड़े पहने थे,जिसमें उसके शरीर का कोई भी हिस्सा न दिखे।

"मिस्टर लू आप आराम से सो जाए, मैं भी सोने जा रही हूँ| किसी चीज़ की ज़रूरत लगे तो मुझे उठा देना।" 

निंग क्षी अभी-अभी नहाकर निकली थी, हल्के गीले चेहरे में बला की खूबसूरत लग रही थीं| चेहरे पर किसी भी तरह का कोई मेकअप नहीं, सादगी से भरपूर| लू टिंग की निगाहें उस पर से हट ही नहीं रही थीं| हालाँकि निंग क्षी ने कपड़े बहुत ही सभ्य से पहने थे, कपड़ों में जरा भी उत्तेजना नहीं लग रही थी, पर न जाने क्यों लू टिंग निंग क्षी को इस सादगी में भी देखकर उत्तेजित हो रहा था ।

इधर नन्हा ट्रेजर निंग क्षी के बिस्तर पर कब्जा जमा चुका था| दोनों पैर फेलाए आराम से लेटा था| उसे देखते ही निंग क्षी को हंसी ही आ गई, "अरे तुम सो गए ? बहुत अच्छे बच्चे हो तुम|"

पर ट्रेजर सोने के मूड में बिलकुल भी नहीं था| वह आंखे खोल के निंग क्षी को देखे जा रहा था| निग क्षी के सिर में मारे थकान के दर्द हो रहा था| उसे पता था इस उम्र के बच्चे बिना कहानी या लोरी सुने नहीं सोते हैं| तो अगर बच्चे को सुलाना है तो उसे लोरी सुनाना ही होगी, पर कौन सी सुनाए ?

फिर निंग क्षी ने धीमे स्वर मे एक लोरी सुनायी, थोड़ी सी देर मे बच्चे को नींद लग गयी। अब निंग क्षी भी आराम से सो सकती थीं ।

"बच्चे को सुलाना भी कोई आसान काम नहीं हे वैसे।"

ये सोच के ही उसके दिल मे लू टिंग के लिए इज्जत ओर बढ़ गई क्योंकि वह अकेले ही बच्चे को संभाल रहा था। निंग सोचने लगी क्या कमी है इस आदमी मे जो इसकी बीवी बच्चा पैदा कर के इसको छोड़कर चली गई? क्या वह गरीब घर से होगी और इनके जैसी रईसों की लाइफ स्टाइल में एडजस्ट नहीं कर पायी होगी ? या इन दोनों की आपस में बनी नहीं होगी ? या मिस्टर लू का कडक स्वभाव अलगाव की वजह रहा होगा ?

ये सब सोचते सोचते निंग क्षी को नींद लग गयी| आधी रात को अचानक लिविंग रूम से आई आवाज से उसकी नींद खुल गयी| 

Latest chapters

Related Books

Popular novel hashtag