Chapter 16 - आखिर मेरा ही बेटा है!

अगली सुबह निग क्षी उठी, तो उसे लू टिंग की आवाज लिविंग रूम से आती सुनाई दी| वह किसी से फोन पर बात कर रहा था| बाहर आकर देखा तो, लू टिंग बिना शर्ट के केवल पतलून में खड़ा था, उसके कान पर फोन लगा हुआ था| लू टिंग बेहद आकर्षक तो था ही, उसे इस तरह बिना शर्ट के देख निग क्षी का दिल मचलने लगा, वह बस उसे देखती रह गई।

तभी लू टिंग शर्ट पहनते हुए निंग क्षी से बोला, "मुझे ऑफिस में कुछ ज़रूरी काम है, हमें निकलना होगा| नन्हा ट्रेजर उठा कि नहीं? क्या तुम प्लीज उसे उठाकर लाओगी?"

"हाँ, हाँ, क्यों नहीं!" कहते हुए निंग क्षी बैड रूम में गई| देखा तो ट्रेजर उठ चुका था और हाथों से आंखे मसल रहा था| पिकाचू के कपड़ों में वह बेहद मासूम लग रहा था, एक दम पिकाचू जैसा ! उसने ऊपर देखा तो निंग क्षी ओर लू टिंग को अपने सामने खड़ा पाया| 

"लू टिंग ने लिटिल से कहा, चलो तैयार हो जाओ| हमें निकालना है|" ये सुनते ही लिटिल का पारा चढ़ गया , उसने इतनी जल्दी जाने की उम्मीद नहीं की थी| वो भागकर कमरे में वापस चला गया और दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। लू टिंग लिटिल की इस हरकत से हैरान हो गुस्से मे चिल्लाकर बोला, "ट्रेजर तुम हर समय अपनी मनमानी नहीं कर सकते| मैंने तुम्हें कल भी समझाया था कि आखिरी बार तुम्हारी जिद मान रहा हूँ। चलो दरवाजा खोलो और बाहर आओ! मैं कह रहा हूँ दरवाजा खोलो, हमे निकालना होगा, हम यहा नहीं रह सकते...चलो!"

ट्रेजर के उपर इन सब का कोई असर नहीं पड़ा, दरवाजे पर कोई आहट तक नहीं हुई।

ये सब से खीज के लू टिंग फोन उठता है, "लगता है सायको काउंसलर को ही बुलाना होगा।"

ये सुन निंग क्षी हैरान रह गई| इतनी सी बात के लिए काउंसलर की क्या जरूरत? 

वह बोली, "मिस्टर लू! क्या एक बार मै कोशिश करूँ? शायद मान जाए!"

उसने दरवाजे पर जाकर हल्की सी दस्तक दी, " ए छोटे नवाब, क्यों गुस्सा हो रहे हो ? चलो बाहर आ जाओ, मुझे काम पर भी जाना है, तुम्हें मालूम है न मेरा डाइरेक्टर कितना खडूस है? देर से गई तो फिर मुझ पर सब के सामने चिल्लाएगा या कमरे मे बंद कर देगा| तुम्हें यह सब अच्छा लगेगा क्या? नहीं न?? तो फिर चलो बाहर आ जाओ| में तुम्हें अपना फोन नंबर देती हू, तुम भी मुझे अपना नंबर दे दो| फिर जब मन होगा तब हम बातें कर सकते है| हैं न मज़ेदार आइडिया? चलो बाहर आओ, मुझे अपना नंबर दे-दो !!"

खटक की आवाज हुई ओर कमरा खूल गया, लिटिल बाहर आ गया| लू टिंग हैरान| कितनी आसानी से मान गया ये...उसे याद है आखिरी बार जब लिटिल ने खुद को कमरे में बंद कर लिया था, तब उसे बाहर लाने के लिए डॉ, साइको काउंसलर, फायर ब्रिगेड और न जाने किस-किसको बुलाना पड़ा था| पूरा ड्रामा 4 घंटे चला था। और आज देखो यह तुरंत बाहर आ गया।

लिटिल जैसे ही बाहर आया, निंग क्षी ने उसे गोदी में उठाया, उसे चूम लिया और उसकी तारीफ करते हुए कहा, " कितना प्यारा बच्चा है, देखो मेरी सब बात मानता है|"

अपनी तारीफ सुनकर लिटिल और भी ज्यादा चहक उठा| उसने तुरंत एक कागज पर अपना नंबर लिखकर निंग क्षी को दे दिया! निंग सी ने कहा, चलो अब पापा के साथ जाओ , मै तुम्हें कॉल जरूर करूंगी।

लू टिंग सोचने लगा, ट्रेजर के पास तो सेल फोन नहीं है, फिर किसका नंबर दिया है? झांक के देखा तो यह नंबर लू टिंग का ही था । मन ही मन खुश होते हुए लू टिंग ने सोचा, "आखिर मेरा ही बेटा है!! "

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