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Chapter 8 - सजा,,।।

अगली सुबह ,,,

क्रिस्टॉपर हाउस ,,

मयान सुबह उठ कर ध्यान करता है ,आज घर में एक रौनक थी, क्युकी आज घर में मयान की बहन भूमि थी ,

मयान ध्यान कक्ष से बाहर आता है ,और नहा धो कर तैयार हो कर हॉल में आता है ,वाह भूमि,जैन, अथर्व, सायरा मौजूद थे ,

आज चारो मयान की मौजूदगी से डर रहे थे ,क्युकी उसके औरा में एक भया का संचार हो राह था ,

मयान सायरा के सामने आ कर ," क्या तुम्हे पता है ,की मैने तुम्हे यह क्यू बुलवाया है "

उसकी बात सुन सायरा डरते हुए "ना" में सिर हिलाती है ,पर वाही मन में कामना कर रही थी ," की कही मयान को ये पता ना चल जाए की उसने कल एक इंसान का शिकार किया है"

सायरा की बात सुन मयान तिरछी मुस्कान के साथ टीवी ऑन करता है ,जिसपर एक लड़के की मौत की खबर दिखाई जा रही थी ,ये देख कर सायरा का चेहरा डर से पीला पड़ने लगा ,वो कुछ कहती की मयान चिल्लाते हुए बोला ," भूमि तुम्हे पता है क्या करना है...?"

उसकी बात सुन भूमि आगे आ कर सायरा को खीच कर थप्पड़ मरती है ,जिसके कारण सायरा जमीन पर गिर जाती है ,

वही मयान गुस्से में ," हिम्मत कैसे हुई एक इंसान को मारने की...? तुम्हे पता है ना हमारे लोक का नियम है की हम ना तो किसी को चोट पहुंचा सकते है ,और ना ही इंसानों पर अपना जादू कर सकते है , तुम्हे शर्म नही आई ,ये सब करते हुए"

उसकी बात सुन सायरा चीखते हुए ," आखिर क्या गलत किया , भूख लगी थी मुझे और वो सिर्फ इंसान था ,(फिर कुछ सोच कर तंज के साथ) कही यह आ कर उस इंसानी लड़की की वजह से कुछ ज्यादा जज्बाती तो नही हो गए "

उसकी बात सुन मयान अपने जादू से उसके शरीर पर काबू करता है,और दांत पीसते हुए 😬😬😬 ,"क्या मतलब है तुम्हारा ...?"

सायरा गुस्से से ," वही जो मैने ,अथर्व और जैन ने देखा था ,तुम कैसे उस लड़की को अपने बाहों में पकड़े थे ,वैसे तो राजकुमार मयान किसी भी लड़की के स्पर्श से असहज हो जाते है ,या तो उन्हे वो पसंद नही आती ,वही कल वो मयान एक लड़की के दर्द में देख चिंता की रेखा अपने चेहरे पर ले आया ,उसे गिरता देख अपने बाहें खोल ली ,में उस आर्तिका को मार डालूंगा ,अगर मार नही पाई तो उसे इंसान से हम जैसा जरूर बनाऊंगी जिससे वो खून के आंसू रोए "

उसकी बात सुन अब मयान के क्रोध की सीमा पर हो चुकी थी ,उसने भूमि पर नजर डाली ,तो भूमि उसके(सायरा के) पास आ कर उसके बालो को पकड़ घसीटते हुए मयान के पास ले आई ,वही मयान अब अपने भयानक वैमपार के रूप में आ गया ।

बढ़ी हुई उम्र ,भयानक नाखून , नीली और डरवानी आंखे , भयानक आवाज ,बड़ा शरीर उसे देख कर अथर्व ,जैन ,भूमि और सायरा डर गए ,

वही मयान सायरा के पास आ कर गुस्से में गुरा कर बोला ," अगर तूने मेरी आर्तिका को छुआ भी तो तेरी खाल में उजड़ दूंगा (फिर सायरा का बाल पकड़ कर) तो ने सही कहा में उसके प्यार में मिट गया ,पर अगर किसी भी बैंपियर और इंसान या फिर कोई भी शक्ति ने मेरी आर्तिका को छुआ तो उसी दिन से उस शक्ति का भक्षण शुरू हो जाएगा और रही बात तेरी सजा की ,तुझे बहुत गुरूर है ना वैमपायर होने का, लेकिन में तुझे ये शक्ति अगले 5 पूर्णिमा तक छीहिंता हु, और उसके बाद ही तुम अपनी शक्तियां वापस पाओगी ।

उसके ऐसा कहती ही सायरा का शरीर बहुत कमज़ोर हो जाता है ,वो मयान को देख कर दांत पीसते हुए ," तुम सब से लड़ने को तैयार हो सिर्फ एक मामूली लड़की के लिए "

मयान अपने इंसानी रूप में आ कर ," नही में सबसे लड़ने के लिए तैयार अपनी मोहब्बत के लिय ,एक वैमपायर की मोहब्बत "

सायरा शैतानी मुस्कराहट के साथ ," जब उसे पात चलेगा की तुम एक रक्तपीशाच हो तब तो वो तुम्हे छोड़ेगी ना"

उसकी बात सुन मयान के कदम एक पल के लिए ठिटुक गई , फिर खुदको संभाल कर ," अगर मेरा इश्क सच्चा हुआ ,तो उससे जुदा खुद मेरा ईश्वर भी नही करेगा ,और (वो जैन को देख कर) उससे इश्क करो जो तुमसे करता है उससे नही जिसका दिल ही किसी और के पास है"

उसकी बात सुन अब सायरा में लड़ने के लिए हिम्मत नही था ,वही बाकी सब वहा से चले गए सिर्फ जैन को छोड़ कर ,वो सायरा के पास आ कर उसे संभाल कर अपने कमरे में ले जाता है ,

सायरा उसके बाहों में छटपटाते हुए ," कहा ले जा रहे हो"

जैन बिना भाव के ," मेरे कमरे में ,तुमसे पहले भी कहा था की भाई तुम्हारे किस्मत में नही है ,उनकी किस्मत बहुत पहले से तय है"..

उसकी बात सुन सायरा किसी सोच में खो चुकी थी ।

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वही कॉलेज में ,,

आज भूमि भी मयान के साथ कॉलेज आई थी ,पर उससे छोटे से बैच में उसने अप्लाई किया था ,

वो सबके साथ जा रही थी,वो आज एक्साइटेड 😆 थी ,क्युकी अथर्व ने उसे सब कुछ बता दिया था आर्तिका के बारे में,

सभी स्टूडेंट क्लास के अंदर गए ,भूमि और अथर्व पहले ही जा चुके थे ,वही व्योम और माही भी क्लास में जा चुके थे ,

पीछे से मयान और आर्तिका आ रहे थे ,की दोनो की फिर टक्कर हुई , पर इस बार दोनो ने संभाल लिया ,

मयान ने शर्मिंदीगी में आर्तिका को देख कर ," आई एम सॉरी ! गलती से हुआ...!

उसकी बात सुन आर्तिका ने अपनी पलके झपका कर ," कोई बात नही "

और जल्दी क्लास में चली गई ,

जैसे ही फरवरी का महीना था, हर साल की तरह कॉलेज में प्रोम्म नाइट्स का इंतज़ार शुरू हो गया। ये एक ऐसी रात होती थी जब कॉलेज के सारे स्टूडेंट्स मिलकर एन्जॉय करते थे। प्रोम्म नाइट्स एक पार्टी टाइम था।

आर्तिका भी इस दिन का इंतज़ार कर रही थी। उसके साथ ही व्योम और माही को भी इस दिन का इंतज़ार था। आर्तिका ने पहले दिन के लिए एक खूबसूरत इवनिंग वन गाउन खरीदा जो सिल्वर कलर विथ ग्लिटर का था। हालांकि फरवरी में दिल्ली का मौसम थोड़ा ठंडा ही

रहता है,लेकिन प्रोम्म नाईट में स्टूडेंट्स एक से बढ़कर एक लगना चाहते थे।

हर साल प्रोम्म नाईट यूनिवर्सिटी के किसी एक कॉलेज में होता था। दिल्ली यूनिवर्सिटी पूरे भारत की सबसे बड़ी जगहों में एक थी जहां हर जगह से स्टूडेंट्स आकर पढ़ना चाहते थे। इस यूनिवर्सिटी में 20 बड़े कॉलेज थे जिसमें माउंट कॉलेज सबसे बड़े कॉलेजेज़ में से एक था।

प्रोम्म नाईट कहाँ होगी इसका फैसला यूनिवर्सिटी के सभी कॉलेज वोटिंग द्वारा करते। तो इस बार नाम निकला, माउंट कॉलेज का। होता भी क्यों ना,आखिर यहां का परिसर

था ही इतना बड़ा। तीन रातों तक चलने वाली इस प्रोम्म नाईट में यूनिवर्सिटी से हज़ारों स्टूडेंट्स भाग लेने वाले थे।

नए स्टूडेंट्स तो विशेषकर रूप से एक्साइटेड थे क्योंकि वे लोग प्रोम्म नाईट पहली बार अटेंड करने वाले थे। सजावट पूरे कॉलेज में शुरू हो रही थी।

आर्तिका के जाने के बाद ,मयान ने क्लास में एंटर किया। मयान इतना हैंडसम था कि क्लास की सभी लड़कियां एक टक उसको निहारने लग जाती थीं।

मयान इधर-उधर खाली सीट देखने लगा। उसे आर्तिका के पास खाली सीट दिखी। वह सीधा वहां पहुंच गया और बोला,"आर्तिका,क्या मैं यहां बैठ सकता हूँ?

आर्तिका ने मयान की ओर देखा और स्माइल देते हुए कहा,"Sure..'

Mayan उसके पास बैठ गया। दोनो ने एक दूसरे को देखा और एक कोल्ड स्माइल दी। मयान ने ही बात शुरू करते हुए कहा," तुम प्रोम्म नाईट में आ रही हो ना?"

आर्तिका ने जवाब दिया,"हां बिल्कुल क्यों तुम नहीं आ रहे?"

मयान ने जवाब दिया,"अभी कुछ सोचा ही नही।"

तभी पीछे से अथर्व आकर बोला,"क्यों नही आएंगे? After all we are also students here..क्यों मयान? सही कहा ना?"

मयान ने उसे आंख दिखाया पर भूमि बीच में आ कर ,आर्तिका को देख कर बोली ," में भी आऊंगी।"

उसकी बात सुन आर्तिका मुस्कराते हुए ," ये तो बहुत अच्छी बात है "

भूमि एक दम बच्चो की तरह ," क्या आप हमारी दोस्त बनोगे "

उसकी इस बात पर आर्तिका कुछ बोलती ,की व्योम और माही बोले ," अरे! हम भी है , दोस्तो की लिस्ट में "

व्योम की बात सुन भूमि चहकते हुए ," सच्ची ! ये तो और अच्छा है "

वही उसकी बचपने को देख आर्तिका भी हस्ते हुए ," सही कहा ,अब हम सब दोस्त है "

फिर सब बात करने लगे , बात करते हुए अनजाने में आर्तिका का हाथ मयान के हाथ पर लग गया , दोनो के ही शरीर में एक सिहरन दौड़ गई ,

पर सबके सामने दोनो ने अपनी उस एहसास को छुपा लिया ,फिर सभी ऐसे ही पूरा दिन बात किए और शांति से घर चले गए।

पर अब आर्तिका और मयान के दिल ने एक दूसरे की नजदीकी को पहचान लिया था।

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- तो प्रोम नाइट में क्या होगा..?

- सायरा क्या सोच रही है...?

- क्या मयान की सजा ने उसे सिख दी या कोई बदले की आग बढ़ा दी ...?

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जानने के लिए पढ़ते रहिए सूफियाना इश्क (वैंपायर लव)

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क्रमश .............।