सारी रात मयान आर्तिका के ख्यालों में चांद को निहारता रहा ,उसे कोई फरक ही नही पड रहा था ,की वो इस वक्त कहा है ,
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अगली सुबह ,,
अथर्व काफी ☕ बना कर मयान के कमरे में आया ,उसने देखा की मयान अपने टेबल चेयर 💺पर बैठ कर एक तक आसमान को देख रहा है ,
ये उसे कुछ अजीब लगा ,तो उसने अपने हाथ से काफी मग टेबल पर रख दिया ,और मयान के पास आ कर ,उसके कंधे पर हाथ रख कर ," क्या हुआ मयान ...? क्या सोच रहे हो...?"
मयान खोए हुए अंदाज में ," यही क्या मुझे वो चांद मिलेगा ,जिसकी ख्वाइश कर रहा हु ,या फिर मेरा ये असिस्त्व मुझसे वो छीन लेगा "
अथर्व को मयान की बात कुछ समझ नही आया ,उसने मयान को अपनी तरफ घुमा कर ," क्या हुआ है मयान...? तू ऐसे क्यू बोल रहा है ..?"
मयान अथर्व के हिलाने से होश में आया ,और उसका हाथ अपने कंधे से हटा कर जाने लगा और बात बदलते हुए ," कुछ नही हुआ है यार ,बस ऐसे ही....?"
इतना कह कर जाने लगा ,तो अथर्व अपने वैंपायर फुर्ती से उसके सामने आ गया ,और उसके मुंह पर मुक्का मार कर ," अबे! साले! ये फॉर्मेलिटी किसी और को बताना ,क्युकी तू बाकी सबके लिए उनका प्रिय राजकुमार हो गा ,पर मेरे लिए मेरा तू वही मेरा बचपन का दोस्त और मेरे प्यार का भाई है ,जो भविष्य में मेरा साला बनेगा ,तो अब अपने दिल की बात बोल"
अथर्व के इतने अपने पन को देख ,मयान अथर्व के गले लग कर फफक रो पड़ा ,ये देख तो अथर्व हैरान और परेशान हो गाय , वो उसका सर हिला कर ," क्या हुआ मयान तू रो क्यू रहा है ...? कुछ हुआ है क्या...?"
मयान रोते हुए ," अथर्व उसके बिना में नही रह सकता , इन कुछ ही मुलाकातो वो मेरी जहा बन गई ,उसको देखता हु ,तो लगता है की वो मेरा हिस्सा है यार "
अथर्व उसको शांत करा कर ,सोफे पर बैठता है ,और उसको पानी पीने को देता है ,उसके बाद बोलता है ," अब बोल क्या हुआ है...?( मयान कुछ बोलता की अथर्व फिर बोला ) अब शांति से बोलना...?"
मयान खुदको शांत कर के ," में आरतीका से प्यार करता हु (अथर्व ये सुन कर खुश हो जात है ,वो आगे बोलता की मयान बोला) पर तू जानता है ना ,हम वैंपियर है और वो इंसान , अगर मुझे उसके साथ जिंदगी में आगे बढ़ना होगा ,तो उसके लिए मुझे उसे हमारे जैसा बनाना होगा ,पर में ये नही चाहता हु ,मुझे आर्तिका का यही इंसानी रूप पसंद है ,जिस तरह वो शांत रहती है ,चंचल स्वभाव ,स्वाभिमानी , सच्ची,साफ नियत ,किसी के लिए भी बुरा नही सोचती वो बहुत अच्छी है ,पर अगर मैने उसको इंसान से वैंपायर बनाया ,तो उसकी वो मासूमियत छीन ली जाएगी और जब उसे पता चलेगा की वो जिसको इंसान समझ रही है ,वो एक वैंपायर है तो क्या वो मुझे से कोई रिश्ता रखेगी "
अथर्व मयान की बात सुन कुछ पल चुप रहता है ,फिर बोलता है ," देख भाई आर्तिका मुझे पसंद है तेरे लिए ,और रही बात तेरे वैमपायर होने की ,तो जब वक्त आएगा ना तब तू उसे बाता देना ,में जानता हु शायद वो पहले बहुत नाराज हो ,पर जितना में आर्तिका को समझ पाए हु,वो बहुत समझदार लड़की है ,और वो तेरी बात को समय ले कर समझेगी ,फिर क्या प्रोब्लम रहेगी और बाकी बाते की वैंपायर बनना होगा ,तो मयान तूने ना जाने कितने नियम बदले है कल्के टापू पर ,पहले तो सबने नानुकुर किया ,पर जब सबको तेरी भालिया और अच्छाई समझ आई ,तब सबके मन में तेरे लिए इज्जत कितनी बढ़ गई ना,और बाकी सबके लिए महराज मिहिर और महारानी अवनी ने खुद प्रेम संबंध बनया था ,पिता जी ने बताया था ,की महारानी अवनी के लिए महाराज ने बहुत से परसिथी पर किया था और उसके बाद गुरु देव का भी साथ मिला था , (फिर थोड़ा मजाक कर के) और अब ये छोड़! आज तू हमारी प्यारी भाभी को प्रपोज कारण ,गर्लफ्रेंड बनने के लिए "
तो मयान हस्ते हुए ," वो मैने कल किया था, आज कुछ स्पेशल करूंगा "
उसकी बात सुन अथर्व बोला ," वहा भाई !.लड़की मिली नही दोस्त को भूल गया ,अब जल्दी कॉलेज चल "
उसकी बात सुन मयान हसने लगा ,तभी उसको कुछ याद आया ,उसने अथर्व को देख कर सीरियस टोन में कहा," अथर्व एक बहुत बड़ा खतरा आ रहा है "
उसकी बात सुन अथर्व जो हस रहा था ,वो सीरियस टोन में,"मतलब क्या हुआ...? "
मयान खड़ा हो कर ,दोनो हाथो को अपने पीछे बांध कर ," सायरा अबीर के साथ मिल कर हमे धोका देने की तैयारी में है ,और तो और मुझे ये भी पता चला है की अबीर हमारे ही कॉलेज में ,स्टूडेंट बन कर बैठा है "
उसकी बात सुन अथर्व आंखे बड़ी कर के ," क्या...? पर तुझे कैसे पता चला "
"में जब कल साधना में था ,तब आभास हुआ और तो और सायरा आर्तिका के लिए सबसे बड़ा खतरा है ", मयान ने सक्त भाव से कहा
अथर्व भी उतनी सकती से ," तू चिंता मत कर ,हम सब तेरे साथ है "
मयान ने अपनी पलके झपका दी ।
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आर्तिका के घर पर ,,
आर्तिका अभी अपने कमरे में सो रही थी ,तभी उसके कमरे में उसका भाई ईशान आया ,और उसको ऐसे बच्चो जैसा सोता देख ईशान मुस्कराने लगा ,
वो उसके पास जा कर साइड के चेयर को ला कर बैठ कर उसे गौर से देखने लगा , उसको ऐसे देख ईशान के चेहरे पर एक मुस्कान आ गई , वो प्यार से उसका सर सहला कर ," बेटा चलो ! उठ जाओ कॉलेज भी जाना है"
आर्तिका ईशान की आवाज सुन थोड़ा कसमाशते हुए उठी ,और मुस्कराते हुए ," ईशान के गले लग गई और बोली ," गुड मॉर्निंग भाई "
इशानी उसका सहला कर ," गुड मॉर्निंग मेरा बच्चा , अब चलो तैयार हो जाओ "
उसकी बात मान कर आर्तिका तैयार होने चली गई, आर्तिका ने आज एक टॉप और नीचे फ्रॉक पहना था ,गले में स्कार्फ और हाथो में मेटल चूड़ियां

वो बहुत प्यारी लग रही थी ,जब वो बाहर आई तो देख की इशानी अभी भी बाहर चेयर पर बैठा उसका इंतजार कर रहा था ,
वो उसके पास आ कर खड़ी हो गई , ईशान आर्तिका को देख मुस्कराते हुए ," आज मेरी गुड़िया बहुत प्यारी लग रही है "
आर्तिका ईशान की बात सुन हसने लगती है ,और अपने दोनो हाथो को ईशान के हाथो पर लपेट लेती है ,इशानी भी हस्त है ,और कहता है ," बच्चा एक सवाल पूछूं क्या...?"
आर्तिका मीठी मुस्कान के साथ ," हा बोलो ना भाई "
ईशान आर्तिका का सर सहला कर ," बेटा कल आप किसके साथ आए थे ..? वो कार व्योम की नही थी"
ईशान की बात सुन आर्तिका ने अपने नजरे झुका कर ," भाई वो कल में मयान के साथ आई थी "
ईशान उसके झुकी नजरो को देख समझ गया था ,की आर्तिका मयान को शायद पसंद करती है ," तो प्यार से ," तो हमसे भी मिलाओ , उसे कभी घर ले कर आना"
आर्तिका ने उसे गले लगा कर," थैंक यू भाई ,और मुझे पता है ये सब आपको मम्मी और पापा ने पूछने कहा था ,और अभी वो बाहर ही खड़े है "
उसकी बात सुन ईशान ने अपना सर झुका लिया ,और नीलिमा और महेश जी अंदर आए उन्होंने भी सर झुका कर रखा था ,
आर्तिका एक दम हितलकर जैसे ," क्या आपको अपनी बेटी पर विश्वास नहीं हैं"
उसकी बात सुन महेश जी आगे आ कर ," ऐसा नही बोलना बेटा ! हमे तुम्हारे ऊपर पूरा विश्वास है ,और अगर आप उस लड़के साथ रिश्ता रखन चाहती हो ,तब भी हम आपके साथ है , और उसको देख कर में इतना तो समझ गया हु ,की वो एक अच्छा लड़का है ,पर क्या करू एक बेटी का बाप हु,डर लगता है कही हमारी गुड़िया को कोई कम आंखे "
उनकी बात सुन आर्तिका तीनो को गले लगा कर ," जानती हु! की आप मेरे हर परस्थिति में हमारे साथ रहेंगे ,और आपके ही प्यार के कारण में इतनी प्यारी बनी हु"
नीलिमा जी उसका सर सहला कर ," अब माखन मत मार और तैयार हो जा , नाश्ता कर ले "
उनकी बात सुन आर्तिका मुंह बना कर ," हु....मुझ से तो आप प्यार ही नही करती "
ये कह कर वो ईशान के सर पर हाथ साफ कर के भाग गई ,वही ईशान जब तक समझ पात आर्तिका गायब ,ईशान चिल्लाते हुए ," मोटी तू मिलना ! तुझे तो कोने में ले जा कर पीटूंगा"
आर्तिका भी जैम रोटी ले कर बाहर जाते हुए," हूल मत मार , में भी तुझे छोडूंगी नही "
इतना कह कर वो भाग गई वही ईशान भी उसको मरने भागा ये देख नीलिमा जी और महेश जी हसने लगे ।
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माउंट कॉलेज,
आर्तिका हसी खुशी कॉलेज आई थी ,
माही उसका पहले से ही वेट कर रही थी ,उसको देखते ही माही बोली,"तू अब आ रही है?"
आर्तिका माही को चिकोटी काटते हुए,"और तू और व्योम, कल रात मुझे अकेले छोड़ कर चले गए थे ,तुम दोनों का ये जो रोमांस है ना, किसी दिन मुझे मरवाएगा , वो तो मयान था.."
माही बीच में ही टोकते हुए, "क्या तू तू उस मयान के साथ घर गयी थी, वाओ, क्या- क्या बातें हुईं? कुछ बात आगे बढ़ी की नही?"
आर्तिका ने उसको रोकते हुए कहा, " ओए मिस तूफान एक्सप्रेस ! एक साथ इतने प्रश्न। बताती हूँ रास्ते मे। दो नाइट्स के लिए शॉपिंग करनी है या नही?"
माही ने हंसते हुए कहा,"चल बाबा चल, मैं वहीं व्योम को भी बुला लेती हु।
आर्तिका ने अपनी पलके झपकाई ,तभी वहा अथर्व और भूमि आ गए ,भूमि को देख आर्तिका उसे गले लगा कर ," कैसी हो तुम ..?"
भूमि मुस्कराते हुए ," ठीक हु ,पर क्या में गलत समय पर आई हु ,आप लोग कही जा रहे थे क्या..?"
आर्तिका कुछ बोलती की ,माही बोल पड़ी ," हा! चलो तुम भी चलो , हम लोग बाकी दो नाइट्स के लिए कपड़े लेने जा रहे है "
उनकी बात सुन भूमि अथर्व को देखी ,तो उसने अपने पलके झपका दी ,तो भूमि भी व्योम ,माही ,और आर्तिका के साथ चली गई ।
कॉलेज में मयान आज अपनी आर्तिका की एक झलक पाने के लिए तरस रहा था, उसके पास अथर्व आया, उसके कंधे पर हाथ रखते हुए बोला," वो आज कॉलेज नही आएगी।"
मयान ने पीछे मुड़कर अथर्व को देखा,"कौन?"
अथर्व ने हंसते हुए कहा,"वही जिसका तू इंतेज़ार कर रहा है ,आर्तिका..."
मयान उधर मुँह करते हुए, "मैं किसी का वेट नहीं कर रहा।"
अथर्व हंसने लग गया और उसे छेड़ते हुए," रात में प्रोम्म नाईट में तो आ ही जाएगी, उसी की शॉपिंग करने गयी है भूमि के साथ, अब खुश हो जा।"
उसकी बात सुन मयान ने उसके पीठ पर मरते हुए ," तू बहुत बोलता है ,ज्यादा कहा ना ,तो भूमि और तेरी शादी और लंबा खीच लूंगा "
उसकी बात सुन अथर्व हसन बंद कर दिया ,वही मयान हसने लगा ,
मयान वहाँ से चला गय, सायरा ये सब दूर से देख रही थी और सोच रही थी, ' " अब अगर ये आर्तिका मेरे और मयान के बीच मे आयी तो इसको जान से मार दूँगी।"
(पर इसे क्या पता , अगर इसने कुछ किया ,तो मयान छीन लेगा इसका जिया)
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प्रोम्म नाईट की दूसरी रात
मयान सुबह से इस रात का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था। उसको प्रोम्म नाईट का नहीं आर्तिका का इंतज़ार था। सुबह से उसने आर्तिका को एक बार भी नहीं देखा था। प्रोम्म नाईट शुरू हो चुकी थी लेकिन आर्तिका अब तक नहीं आई थी।
तभी अथर्व उसके पास आया और छेड़ते हुए,"सब्र कर ! आ जाएगी। वो देख आ गयी । "
मयान उसकी बात सुन उस ने जल्दी से सिर उठाकर गेट की तरफ देखा लेकिन वहां कोई भी नहीं था। अथर्व ज़ोर-ज़ोर से हंसने लगा। अथर्व को मयान मारने लगा, तभी किसी ने उसके कंधे पर हाथ रखा,"क्या हुआ? क्यों बेचारे को मार रहे हो?"
मयान पीछे देखा ,तो पाया वहा आर्तिका खड़ी थी ,जिसने आज एक ब्यूटीफुल सी फुल प्रिंसेस गाउन पहना था ,उसके बालो को कर्ली किया था,और उसने अपने बालो में एक तिआरा पहना था ,

वो बहुत प्यारी लग रही थी ,मयान तो उसे देख कर पूरा खो चुका था ,वही हाल अथर्व का भी था ,क्युकी भूमि ने आज व्हाइट कलर का फ्लोरल ड्रेस पहना थी ,वो बहुत क्यूट लग रही थी ।

आर्तिका ने मयान को आवाज देते हुए ,"मयान,मयान?" लेकिन मयान अपने ही ख्यालों में खोया था ,ये देखकर आर्तिका ने उसकी आँखों के सामने चुटकी बजायी। तब मयान जैसे होश से उठा हो,"आ..त..तुम..आर्तिका।"
आर्तिका हंसते हुए,"क्यों मुझे नहीं होना चाहिए था?"
मयान अपने नजरे इधर उधर कर के हड़बड़ाते हुए कहा,"नहीं वो...हेलो... आज तुम दिन में कॉलेज नहीं आयी।"
आर्तिका ने मुस्कराते हुए जवाब दिया,"शॉपिंग के लिए गयी थी।"
इसके बाद आर्तिका माही और भूमि के साथ जाने लगी। जाते -जाते वह मयान को देख रही थी।
मयान मन मे सोचने लगा,"आज में आर्तिका को सभी के सामने आई लव यू कहूंगा। सब कॉलेजेस के स्टूडेंट्स के सामने।"
तो कल का एपिसोड बहुत अलग होगा ,जब नियति जोड़ेगी मयान और आर्तिका को ।
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★मयान कैसे प्रोटेक्ट करेगा आर्तिका को...?
★ आखिर किस चेहरे में छुपा है अबीर...?
★ कैसे प्रपोज करेगा मयान आर्तिका को..?
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जानने के लिया पढ़ते रहिए सूफियान इश्क (vampire love)