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Chapter 3 - पृथ्वी पर जाने की तैयारी ,,..।।

पृथ्वी पर जाने की तैयारी ,,..।।

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अनिल ने जादुई खंजर से मयान के सीने पर वार किया ,जिससे उसकी चीख निकल गई,

जिसे सुन कर दोनो बाप बेटे जोर जोर से हसने लगे,

वो हस रहे थे ,की तभी मयान अपने सबसे डरवाने चेहरे में आ गाय, जिसे देख अनिल और उसका बेटा अबीर डर गए 😨,

अबीर ने अपने पिता अनिल को देख कर ," पापा ! आखिर ये कैसे हो सकता है ,की मयान पर जादुई खंजर से वार करने के बाद भी वो जिंदा है ,

तभी दोनो बाप बेटे के कानो में गुरुजी की आवाज आती है ,जो कह रहे थे ," क्युकी तुमने उसी की शक्ति उसी पर वार किया ,उसकी मृत्य तुम सबके हाथो से लिखी ही नही है ,इतना कह कर हसने लगे,(ये देख कर दोनो बाप बेटे हैरान हो गए ) वही गुरु जी के बाद महाराज मिहिर,महारानी अवनी, अथर्व ,भूमि ,जैन ,सायरा ,और सारे बैंपियर अपनी नींद से उठने लगे ,

मयान ने अनिल का गर्दन पकड़ कर उसे हवा में झुलाते हुए गुरा कर बोला," क्या हुआ...? समझ नही आया ...? की हमे तुम्हारे बारे में पता कैसे चला ...? चलो में बताता हु

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फ्लैशबैक ,,,

मयान अपने महल के छात पर बैठ कर चांद देख रहा था ,की तभी उसे एहसास हुआ ,की कोई उसके बाजू में है ,

उसने बाजू मे देखा ,तो वहा कोई नही था ,पर एक एहसास जरूर था ,एक ऐसा एहसास जो उससे कहता था ,की कोई और भी है उसका ,जो अभी उसके पास मौजूद नहीं है ,

उसे अचानक बैचननि होने लगी ,वो महल में चला गया ,वो जा रहा था ,की तभी उसे किसी की हसने की आवाज आई ,वो उस ओर गया ,तो पाया अनिल और अबीर कुछ इंसानी लड़कियों का खून पी रहे है , और उनके साथ जबरदस्ती कर रहे है,

ये देख मयान कुछ करता ,की तभी किसी ने उसका हाथ पकड़ा ,उसे ऐसा महसूस हुआ ,पर जब पीछे देखा तो कोई नही था,

उसी वक्त मयान के कानो में अनिल की आवाज पड़ी ,जो अपने बेटे से कह रहा था ," देखना बेटा ,कल उस मिहिर और उसका परिवार खतम हो जायेगा ,

अबीर अनिल की बात सुन चिड़ते हुए बोला ," पर पापा ,वो मयान का क्या होगा। ..? उसके पास इतनी शक्ति है ,की वो हमे तुकोड़ो में बांट देगा

अनिल शैतानों 😈 की तरह हस्ते हुए ," इसलिए तो उसे मरने के लिए ,ये मैने ढूंढ निकाला ,( उसने अपने जेब से खंजर निकाला ,जिसे देख अबीर बोला ," पर पापा ! ये है क्या...?)

उसके पिता हस्ते हुए ," बेटा ये जादुई खंजर है , जो किसी भी वैमपायर को मार सकती है, तो फिर वो मयान क्या चीज है

इतना कह कर वो हसने लगा , वाही अबीर ये सुन कर चौक जाता है और पूछता है," क्या पिता जी ,किसी भी वैंपायर को ...!

तो अनिल अपना सर "हामी" में हिला देता है ,जिसे देख अबीर खुश हो जाता है ,और बाद में दोनो कल के जश्न के श्यादंत्र के बारे में बात करने लगे। जो मयान ने सुन लिया ,और सब कुछ महाराज मिहिर और महारानी अवनी और गुरुदेव को बता दिया ।

फ्लैशबैक एंड...

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वही सारी बात जान कर अनिल एक दम हैरान हो गया था ,उसने पूरे बैंपियर लोक के वासियों को देखा ,जो उसे घृणा के दृष्टि से देखा रहे थे ,

वो कुछ करता की मयान ने अपने सीने से वो खंजर निकाल कर ,उसे अनिल के सीने में दहसा दिया ,

जिससे एक दर्दनाक चीख उसकी निकल गई ,वही उस खंजर का खुदपर असर होता देख और मयान पर कोई घाव ना देख हैरान हो जाता है,

तो गुरु जी आगे आ कर ," हमने राजकुमार के जन्म पर ही कहा था,इनकी मृत्यु होना असम्भव है ,क्युकी ये हमारे इष्ट के अंश है,पर तुमने सुना नही ,

वही अबीर उन सैनिकों को धक्का दे कर , अनिल के पास आता है,अपने पिता को मरता देख अबीर मयान की ओर देख कर ," तुम सब ने मेरे पिता को मारा ना ,देख लेना अब में पूरे पृथ्वी पर अपना राज्य फैलाऊंगा ,

उसकी बात सुन मयान दांत पीसते हुए ," हिम्मत भी मत करना ,आज तक हमने इंसानों को तभी ही हम जैसा बनया है ,जब वो तैयार हो ,वरना नही,कोशिश भी मत करना ,

उसकी बात सुन अबीर वहा से गायब होते हुए ," तुम चाहो ,की नही अब ये होके रहेगा ।

इतना कह कर वो गायब हो गया।

वही महराज मिहिर , महारानी अवनी और गुरुजी सभी परेशान हो गए ।

महराज मिहिर और महारानी अवनी गुरु देव से बात करने हेतु उनके साथ ध्यान कक्ष में जाते है,

गुरुदेव अपने आसन पर बैठते है ,तो महाराज मिहिर उनसे पूछते है ," आखिर ये कैसे हो सकता है गुरुदेव! आखिर उस खंजर का असर मयान पर कैसे नही हुआ ( महारानी अवनी भी यही सवाल जानने चाहती थी ,इसलिए वो भी गुरुदेव के सामने देखती है)

गुरुदेव गहरी सांस ले कर," क्युकी मयान उनका अंश है और दूसरा उनकी मृत्य तभी होगी जब उस कन्या को कुछ हो जायेगा ,और अब बहुत शीघ्र वो दोनो मिलने वाले है ,जब भी मयान कोई गलती करने वाला होता है ,तो वही कन्या अपने मतिष्ट के तीव्र ऊर्जा से रोकती है ,और ये बात ना उसे पता है ,ना मयान को,

महारानी अवनी आगे आ कर ," मतलब गुरुदेव मेरे पुत्र के हर विजय के पीछे वो होगी"

गुरुदेव ने मुस्कान लिए हुए ," जैसे एक स्त्री हर एक रूप में पुरुष की सहयोगी रहती है ,वैसे ही वो कन्या मयान के हर कर्म में सयोगी रहेगी , उसके अच्छाई के कारण मयान ना केवल पृथ्वी , बैंपियर लोक ,बल्कि उन सभी लोको पर राज करेगा ,जो या तो हमारे शत्रु है ,या तो हमसे आगे बढ़ने की कामना रखते है , वो एक सही राजा बनेगा ,मयान हर किसी को उसके कर्म की सजा देगा ,आप निश्चिंत रहे और अबीर और उसके साथी को ढूंढने के लिए मयान को पृथ्वी पर ,भारत के उतार दिशा दिल्ली भेजो ,क्युकी अब उसकी नियति को साकार होने से कोई नही रोक सकता ।

महारानी अवनी खुश होते हुए ," मतलब हमारी बहु आने वाली है ,महाराज मिहिर में जा रही हु मेरी बहु के लिए तैयारी करने ", इतना कह कर वो चहकते हुए चली जाती है ,उनके इस मासूमियत और सरल विचार से महाराज और गुरुदेव के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है,

गुरुदेव महाराज को देख कर ," मेरी पुत्री आज भी उतनी ही सरल और सौम्य स्वभाव में रहती है

महराज मुस्कराते हुए," अपने सही कहा , गुरुदेव! और आपकी ही वजह से मेरा सौभाग्य था की मुझे ऐसे अर्धनगणि मिली ,

गुरुदेव मुस्कराते हुए ," हमने उनका कन्यादान किया है ,तो वो हमारी पुत्री ही है,

महाराज अभी प्रसान थे ,उनका चेहरा बहुत कठोर हो गया ,और वो सकती से बोले ," गुरु देव आपका अर्थ क्या था ...? मयान को भविष्य में कैसी समस्या को झेलना पड़ेगा..?

गुरुदेव शांत स्वर में ," हम रक्तपिसाचो के सबसे बड़े शत्रु वेयरवॉलव्स, शेपशिफ्टर , और अबीर तो है ही,

महराज चिंतित स्वर में ," तो क्या इससे हमारे पुत्र....

गुरुदेव उनकी बात बीच में कटते हुए ," नहीं...! उसकी चिंता आप मत करिए।

उनकी बात सुन महाराज ने अपने मन को शांत किया , और मयान को बुलवाया ।

कुछ ही देर में मयान उनके सामने प्रकट हो गया ,उसने हाथ जोड़ कर ," कहिए क्या आज्ञा है गुरुदेव

गुरु देव मुस्कराते हुए ," पुत्र आपके पिता ने धरती पर अपने बहुत से धनसंपिति रखी है ,( उनकी बात पर मयान ने अपना सर हिलाया) तो पुत्र आप दिल्ली उत्तर भारत में जा कर अपनी एक पहचान के साथ वहा रहो और अबीर और उसके साथियों को रोको

उनकी बात सुन मयान कुछ सोच कर ," ठीक है ,पर इसके लिए में अपने दोस्त अथर्व और भाई जैन को भी ले जाना चाहता हु,

मयान की बात मन कर ,महाराज मिहिर अपना सहमति दे देते है ,वही महारानी अवनी तो खुशी से समा नही रही थी ,की बहुत जल्द उनके इष्ट के संगनी उनके बहु के रूप में आएंगी।

वही मयान के कमरे में ,,

मयान इस वक्त अपना बैग पैक कर रहा था ,तभी उसके कानो में बैंगल्स की खान खान हुई ,जब उसने आस पास देखा तो उधर कोई नही था,

मयान चांद को देख कर मन में बोला ,"

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कौन है तू ,

क्या है तू ,

क्यू मन को लुभाती है,

ऐसा लगता है अरसे का रिश्ते,

जो किस्मत ने बनाई है,

आज आ रहा हु ,तेरी दुनिया

इश्क का लिए फरमान ,

सूफियाना मेरा इश्क गजब,

तू ही मेरे इश्क का भगवान ।

 - staren ⭐⭐✨✨

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- तो आखिर जा रहा है मयान पृथ्वी के उस जगह ,जहा है उसका इश्क...?

- तो क्या रंग लायेगी इनका सूफियाना इश्क ..?

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जानने के लिए पढ़ते रहिए सूफियाना इश्क (वैंपायर लव 💕❤️)

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क्रमश.....!