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Chapter 4 - गद्दारी

25 साल बाद ,,

कल्के टापू ,,

आज पूरे टापू मे जशान था ,क्युकी आज वैंपायर महराज मिहिर का जन्म दिन और उनके दिलों पर राज करने वाले उनके राजकुमार मयान की ताज पोशी थी।

आज पूरा मेहल में खुशियों की चहल पहल थी ।

पूरे राजमहल में शोर शराबा ,और खुशियां थी,

बहुत से लोग फूलो से तैयारी कर रहे थे, उनमें से एक लड़की बोली ," तुम्हे पता है ,आज महराज मिहिर के जन्मदिन पर राजकुमार को युवराज का औदा दिया जायेगा

दूसरी लड़की पहली लड़की की बात सुन कर ," अरे हा! तुम्हे पता है पूरे 2 साल बाद राजकुमार मयान पृथ्वी से कल्के आ रहे है।

तीसरी लड़के बलखाते हुए ," देखना इस बार जब वो युवराज बनेंगे , तब में इतना सुंदर सजूंगी की उनकी नजर मुझ पर ही रहेगी ।

तीसरी लड़की की बात सुन पहली लड़की ," वो तो देखा जायेगा , मेने सुना है की राजकुमार के नजर को आज तक कोई लड़की भा ना सकी ,तुम्भी कोशिश कारण इतना कह कर हसने लगी ।

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घने जंगल में ,,,

एक साया दौड़ रहा था, उसकी आवाज ऐसी ऐसी थी ,जिसे अगर कोई इंसान सुन ले तो डर 😨 के मारे बेहोश हो जाए ।

वही उस आवाज को सुन कर एक हिरण का बच्चा अनजाने में उस ओर जाता है ,

तभी उसके सामने वो साया प्रकट हो जाता है ,

वो साया दिखने में इंसान था ,पर उसकी नीली आंखे बहुत ज्यादा चमक रही थी ,उसके नाखून इतने बड़े और धारदार थे ,की किसी का भी मास नोच जा सकता था ,बाल बड़े थे ,

उस शक्श को देख कर हिरण का बच्चा डर गाय ,वो भागता की तभी उस साए ने हिरण के बच्चे को पकड़ कर उसका अपने नुकीली दांतो से खून पीना शुरू कर दिया ,

वो बच्चा चिल्लाता रहा ,पर वो नहीं रुका ,कुछ देर बाद वो साया उस हिरण के बच्चे को नीचे रखा ,और प्यार से उसका सर सहलाने लगा ,कुछ देर में वो बच्चा जगा गया ,तो वो साया एक आकर्षित मुस्कान लिए ," जाओ ! और शुक्रिया की तुमने मेरी भूख शांत की ,और सॉरी 😐 की मैने आपको चोट पहुंचाई ,

शायद उस साए की बात वो हिरण का बच्चा समझ रहा था ,इसलिए उसने सर हिलाया ,तो वो साया अपने हाथो में कोई घास 🎋🎋उस हिरण के बच्चे को देते हुए ," अब तुम इसे ले जाओ ,तुम्हारे परिवार आज कोई भूखा नही रहेगा

उस साए की बात सुन कर हिरण का बच्चा 🦌🦌 खुश हो कर वो घास 🎋🎋 ले कर चला गया।

उसके जाते ही वो साया अदृश्य से दृश्य ( यानी की दिखाने लगा) वो सच में बहुत डरवाना था ,वो एक वैंपायर था

वो बैंपायर ने अपनी आंखे बंद की ,और कुछ मंत्र पढ़ा ,जिससे वो धीरे धीरे इंसानी रूप में आ गया ,

उस बैंपायर का इंसानी रूप बहुत मनमोहक और आकर्षित था ,ब्राउन और ब्लैकिश में बाल ,वो भी थोड़ा मैसी बना हुआ था , उसने इस वक्त ब्लू जैकेट विथ ब्लैक t shirt और ब्लैक पैंट पहना था, सीना बहुत अकीर्षित था , उसका बाइसेप्स उसे बहुत ताकत वार दिखा रहे थे ,उसकी आंखे नीली थी , उसके एक कान में इयर टुप्स था जो उसको और आकर्षित दिखा रहा था ।

वो लड़का उस बच्चे को खुश होता जाता देख दिल से हस रहा था ,की तभी एक आवाज आई ," तो हमारे राजकुमार मयान आज भी अपने दिल की सुनते है ।

ये आवाज थी मयान के दोस्त अथर्व की ,जो दिखाने में मयान से कम पर कमाल का था ।

वह एक हैंडसम लगने वाला लड़का था। वह लम्बा, गोरा, घुंघराले बाल और नीली आंखों वाला आकर्षक नौजवान था।

उसकी बात सुन एक और आदमी बोला , ये थे जैन , जो मयान के छोटे भाई है,

वो मुस्कराते हुए ," अथर्व भाई ! मयान भाई तो कभी नही सुधार सकते ।

उन दोनो की बात सुन मयान मुस्कराते हुए ," हा ! क्युकी मेरे मुताबिक सजा उसे मिलनी चाहिए ,जो गलत करता है ,उन्हे नही जो बेगुनाह हो , वो हिरण बेगुनाह था और ऊपर से मेरी भूख भी शांत की, तो में उसकी जान कैसे ले सकता हु,

इतना कह कर उसने आंखे बंद की और कही गायब हो गाय,

ये देख जैन मुंह बनाते हुए ," भाई ये क्या ..? मयान भाई फिर गायब हो गए ,

उसकी बात सुन अथर्व बोला ," चल फिर चलते है उसके पास ,

अथर्व की बात सुन कर जैन हसने लगा और दोनो ने अपनी आंखे बंद की ,और अगले पल वो लोग एक पेड़ पर खुदको पाते है ,जहा से पूरा कल्के टापू बड़ा सुंदर लग रह था।

वही मयान के आजू बाजू अथर्व और जैन बैठ जातें है , अथर्व मयान के कंधे पर हाथ रख कर ," क्या सोच रहा है यार...?

मयान एक तक चांद को देखते हुए ," यार पता नहीं,बस जब भी मुझे कोई बेचनी होती है ,तब इस चांद को देख कर अच्छा लगता है,

अथर्व मयान की बात सुन मुस्कराते हुए बोलता है ," यार मुझे समझ नही आता ,तुझे वहा जश्न में सारी दुनिया देखना चाहती है ,और तू सिर्फ इस चांद के लिए रुकता है।

मयान उस चांद को देखते हुए ," पता नही बस ये चांद जैसा कहता है मुझे ,की कही और जाना है मुझे , वहा जहा कोई मेरा इंतजार कर रही है।

उसकी बात सुन जैन हड़बड़ी में बोला ," भाई आपको जो करना है ,वो करना , पर अभी भागो , समय हो चुका है जश्न का

उसकी बात सुन मयान ने बस अपना सर " हामी" में हिलाया, और वहा से गायब हो गाय, अथर्व और जैन भी चले गए।

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महराज और महारानी का कक्ष ,,

महारानी अवनी तैयार हो रही थी ,तभी पीछे से महराज मिहिर आ कर उन्हे अपने बाहों में लपेट कर कहते है ," आप आज बहुत प्यारी लग रही हो...!

उनकी बात सुन महारानी अवनी मुस्कराते हुए ," शुक्रिया 😊( अवनी के चेहरे पर मुस्कराहट थी ,तो वही महराज मिहिर के चेहरे पर कोई तकलीफ ,तो अवनी प्यार से पूछा) कोई बात है ,महराज

उनकी बात सुन महराज मिहिर परेशानी से बोले," हा महारानी ! आप जानती है अब मयान को 25 साल हो जायेंगे, और गुरु जी की भविष्यवाणी के साथ उनका उस कन्या से मिलन होगा

महारानी अवनी मुस्कराहट लिए ," तो इसने तकलीफ क्या है...? हमारा बेटा ! कितना काबिल है,और मुझे पूरा यकीन है, वो उस लड़की को बहुत प्यार करेगा ।

महराज मिहिर अवनी को देख कर ," आपको डर नही लग रहा है,

माहरानी अवनी महाराज मिहिर को समझते हुए ," आपको भी पता है की गुरुदेव की बात कभी झूठी नही होती ,और अगर हमारे बेटा परम लक्ष्य प्रेम है ,तो प्रेम हमने भी किया था ,और जिस तरह हमारे पुत्र की शक्तियां और सूज भुज है ,वो सब संभालेगा ,और कल आप हमारे साथ कुछ खरीदी के लिए चल रहे है

महराज मिहिर अपनी आंखे बड़ी कर के ," कौन में..?

महरानी अवनी आंख दिखा कर ," आप नही तो कौन चलेगा , अरे! गुरुदेव के मुताबिक मेरी बहु के आने का समय हो चुका है, और आपको नही पता एक इंसानी कन्या को कितना कुछ झेलना होता है , और ऊपर से मैने सुना वो बहुत मासूम होती है , अगर आपकी वजह से हमारी नन्ही सी बहु पर थोड़ी भी आंच आई ना ,तो आप उस दिन मेरे कमरे से बाहर सोएंगे।

( ओए! दोस्तो मतलब हमारी हीरोइन आई नही ,और उनकी स्वागत के लिए तैयारी शुरू भी हो गई )

उनकी बात सुन कर महाराज मिहिर का मुंह बन चुका था ,और वो लोग वहा से चले जाते है।

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यह मयान का कक्ष ,,

मयान तैयार हो रहा था ,उसने इस वक्त पायजामा पहना था , और कुर्ता पहन कर ( जो एक दम रॉयल टाइप बनया था) खुदकी शीशे 🪞 में देखने लगा ,जब वो बटन लगाने लगा ,तभी उसकी नजर उसके सीने पर लिखे अक्षर " आ" लिखा था ,

उसे देख कर मयान मुस्कराते हुए ," ना जाने क्या है रिश्ता इस अक्षर से...? पर ना जाने क्यों मेरा दिल कहता है ,की आप से बहुत जल्द मुलाकात होगी।

फिर कपड़े ठीक कर के ,वो दरबार चला जाता है।

( नोट:- मेरे दोस्तो मयान हमारे तरह के कपड़े पृथ्वी पर पहनता है, क्युकी दरबार में उसका एक ओदा है इसलिए यह ट्रेडिशनल वे में रहता है)

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वही दरबार में

इस वक्त अधिकतर वैमपायर 🦇 मौजूद थे , कुछ देर में वहा महाराज मिहिर और महारानी अवनी आ गाए ,और अपने सिंघाहसन पर बैठ गए ,

और उसी के साथ , मयान , अथर्व और जैन आ गए।

महराज मिहिर पोडियम के बीचों बीच में आ कर ," आप सभी का मेरे जन्म दिन पे हादिक अभिवादन ,आपको पता है की आज यह आप और हम दो कारियो के प्रस्तुत हुए ,एक मेरे जन्म दिन और दूसरा मेरे पुत्र का युवराज के नाम पर पोषी होगी ,

उनके ऐसा कहते ही , सारे वैमपायर ताली बजाने लगे , महाराज मिहिर ने सबको ड्रिंक का टोस्ट किया ,

जिसके बाद गाना के साथ सभी नाचने लगे

([पहले अथर्व और जैन ने नाचना शुरू किया, अथर्व के साथ मयान की छोटी बहन भूमि थी और जैन के साथ उसकी दोस्त सायरा]

Tu Hai Meri Zindagi,

Hayaati Ye Hayaati

Kehti Hai Meri Saansein

Tu Hai Meri Zindagi,

Hayaati Ye Hayaati

Kehti Hai Meri Saansein

Dil Mein Khalish Hai,

Dil Mein Tabish Hai

Dil Mein Khalish Hai,

Dil Mein Tabish Hai

Dil Mein Khalish Hai,

Dil Mein Tabish Hai

Dil Mein Khalish Hai,

Dil Mein Tabish Hai

[ बीच में मयान भी आ कर नाचने लगता है ,पर वो नाचते हुए भी किसी को महसूस कर रहा था ,ओर ये बात गुरुदेव और महाराज महारानी समझ रहें थे।]

Aag Mein Bas Tu Hai Tu Hai

Chah Mein Bas Tu Hai Tu Hai

Aag Mein Bas Tu Hi Tu Hai

Hoo Honthon Pe Bas Ek Tarana

Khele Tera Mera Fasana

Gaa Raha Hoon Jaane Jaana

Hoo Tera Jadoo Hai,

Tera Duniya Mein Hai

Kya Tere Siwa

[ फिर जैन भी अपने दोस्तो के साथ करता है ]

Tu Hai Meri Zindagi,

Hayaati Ye Hayaati

Kehti Hai Meri Saansein

Tu Hai Meri Zindagi,

Hayaati Ye Hayaati

Kehti Hai Meri Saansein

[ उसके बाद सभी नाचने लगे और जो उधर मिल रहा था ,वो जूस पी रहे थे]

Tujhse Jab Hoti Thi Baatein

Kya Ptaa Unjaati Raatein

Yaad Aati Hai Woh Yaadein Hoo

Tera Hai Bas Ek Deewana,

Jaanta Hai Sara Zamana

Tune Ab Tak Ye Na Jaana Hoo

Tum Mile Dilkash Haseena,

Kuch Bhi Kahina, Tere Bina

Tu Hai Meri Zindagi,

Hayaati Ye Hayaati

Kehti Hai Meri Saansein

Tu Hai Meri Zindagi,

Hayaati Ye Hayaati

Kehti Hai Meri Saansein)

धीरे धीरे जब सब नाच रहे थे ,की अचानक सब बेहोश होने लगे ,ये देख महराज मिहिर और महारानी अवनी हैरान हो गए ,वो कुछ करते की उनका सर भी घूमने लगा और वो भी बेहोश हो गए,

ये देख मयान आश्चर्य हो गया ,वो कुछ करता की सामने से उसे चाचा जी चले आ रहे थे,

अनिल मयान को देख कर कुटिल मुस्कान के साथ बोला ," अब तुम नही बच सकते है मयान ,एक बार तुम और तुम्हारे ये परिवार खतम हो जाए ,तब में अपना राज इस कल्के टापू पर लगाऊंगा ,

उसकी बात सुन मयान गुस्से ," आपने ये किया ....? यकीन नही होता मां और पापा ने आप पर विश्वास रखा पर आपने उनके ही पीठ में छुरा भोका,

मयान की बात सुन अनिल चिल्लाते हुए ," नही..... तेरे इस पिता ने मेरा हक मारा ,और तूने मेरे बेटा का , अब तू नही बचेगा ( ये बोल अपने जेब से जादुई खंजर निकाला)

उसे देख एक पल के लिए मयान हैरान हो गया ,वही अनिल गुस्से में ," यही तेरी मृत्यु कर सकती है ना,आज तू खतम हो गा

इतना बोल कर वो उस खंजर से मयान के सीने पर वार करता है ,

जिससे मयान की चीख निकल जाती है, और वही अनिल और उसका बेटा अबीर हसने लगता है ।

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- तो क्या उस खंजर से सच में खतम हुई मयान की जिंदगी...?

- फिर ये कहानी कैसे चलेगी...?

- या ये एक खेल है...?

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जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी " सुफियाना इश्क ( वैंपायर लव)

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क्रमश....।