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Chapter 3 - mujhe chhor kar mat jayo

और वही रूही अपने गालो पर हाथ रख ,,,,,मिहिर की तरफ ;दिखते हुए,,,,,मिहिर ऐसा मत करो,,,,,,,,वरना तुम्हें जिंदगी भर पछतावा रहे गा,,,की तुमने मुझे बगैर ,,,किसी गलती की सजा दी है,,,,,,,प्लीज़ मिहिर वापस आ जाओ,,,,,,,,,मुझे छोड़ कर मत जाओ,,,,,,,,

मैंने सच में कुछ नहीं किया,,,, और फिर रोते रोते बिहोश हो जाती है,,,,,एक दिन बाद मिहिर रूही के सामने खड़ा था,,,,,और फिर उसके सामने एक पेपर फेंकते हुए,,,,इस पर हस्ताक्षर करे,,,,

और वहीं रूही,,,,जो अब काफी कमजोर लग रहे थे,,,,,,,,और उसकी आंखें भी,,,,,,काफी हद तक अंदर तक घुस गई थी ,,,, वाह हिम्मत कर,,,,,उस पेपर को उठा,,,,,मिहिर की तरफ़ देखते हुए,,,,,याह किस चीज़ का पेपर है

मिहिर रूही की तरफ देखते हुए,,,,,,क्या तुम अंधी हो या फिर अनपढ़ हो,,,,,,जो तुम्हें पता नहीं ,,,,,,,,कि यह किस के पेपर है,,,,,

जिसे सुन रूही,,,उस पेपर को खोल कर देखती है,,,,तो उसने बड़े बड़े अक्षरों में,,,,,,,तलाक लिखा हुआ था ,,,,,,,जिसे देख रूही ,,,,,उसे पेपर को देखते हुए,,,,,मैं इस पर साइन नहीं करूंगी

रूही की बात सुन,,,,,मिहिर,,,,उसकी तरफ देखते हुए ,,,,, रस्सी जल गई,,,पर बल नहीं जाला,,,,, याह काहे मिहिर,,रूही के बाल ,,पकड़ ,,,,, ,,,उसे खड़ा करते हुए ,,,,,उसकी आँखों में आँखें डाल देखते हुए,,, गुस्से से ,,,,,,क्या तुम्हारी अब भी औकात है,,,,,मेरी बात ना मानने की,,,,

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Aab aage, _________________________

 

 मिहिर के ऐसा करने से ,ू ,,,,,, रुही को बहुत दर्द हो रहा था ,,,,,,जिससे रूही अपने बालों को छुड़ाते हुए ,,,,,बस करो मिहिर ,,,,,, क्या तुम्हारा अब तक मन नहीं भरा,,,,मुझे तकलीफ देकर 

 रूही की बात सुन मिहीर हंसते हुए ,,,,चू चू की आवाज निकाल ,,,,तुम्हें अब भी दर्द हो रहा है ,,,,तुम्हें दुख रहा है,,, ओ मैंने अपनी प्यारी बीवी को दर्द और तकलीफ दिया 

और उसके बालों पर अपनी पकड़ और कसते हुए,,,,,अरे यह तो कुछ नहीं है,,,,,अभी तो तुम्हें बहुत कुछ झेलना है ,,,,

और फिर गुस्से से अपने दांत पीसते हुए ,,,,अब मैं तुमसे लास्ट बार पूछूंगा ,,,, कि तुम मुझे डिवोर्स दोगी कि नहीं,,,,

मिहिर की बात सुन रोही को अपने बच्चों का ख्याल आता है,,,,,जिसका कातिल अभी,,,,,उसके सामने ही था ,,,,और वह कैसे अब तक ,,,,,,इस इंसान के साथ रह सकती थी,,,,,,जो उसके बच्चे का कातिल है,,,,,,

जिसे सोच रूही की आंखों में आंसू और गुस्सा दोनों उतर आता है और उसकी आंखें लाल हो जाती है 

जिससे वह गुस्से से तुम्हें डाइवोर्स चाहिए है ना तो ठीक है मैं तुम्हें डाइवोर्स दूंगी 

और उसके हाथो से पेपर ले,,,,,,,,,uss per sign karne Lagti Hain

vah Itni gusse se sign kar rahi thi ,,,,,,,Jaise vah,,,,,,ab uss paper ko faar hi Degi,,,,,,uska Sara Nafrat Aankhon Se Jhalak raha tha ,,,,,jisse vah jaldi se,,,,,paper per sign kar Kabir,,,,,,ke Hathon Mein pakdate Hue ,,,,,sach mein,,,,,main khuni nahin hun,,,,,,lekin mera iss Waqt ,,,,,,,mann kar raha hai,,,,,ki main Tumhen,,,,,jaan Se Maar du,,,

Yah kah wah mihir se Dur Ho Jaati Hai,,,,,,

और वही मिहिर,,,,रोही की बात सुन,,,,,मिहिर हंसने लगता है और एक झटके में रोही का गला पकड़ दबाते हुए,,,,क्या तेरी इतनी औकात है,,,,कि तू मुझे maar पाए,,,, और फिर उसी dur झटकते हुए ,,,,अरे तेरी तो औकात,,,,,,मुझे छुने तक कि नहीं है,,,,मारने की,,,तो दुर की बात है

अब तो तु,,,,,,पूरी जिंदगी इसी जेल में सरती रहेगी ,,,,,,,की तूने मेरी आलिसा को मारा है ,,,,,,,, अब तू भी तड़पेगी ,,,,,तू भी मारेगी ,,,,,,इसी जेल में ,,,,,,,, तेरा,,,,,वह हाल होगा ,,,,,कि तू कभी जिंदगी में भी ,,,,मेरे सामने नहीं बोल पायेगी

और फिर वही पास में खड़ी लेडी कांस्टेबल को देदेख,े , ,,,,ऐसी सजा दे ना,,,,,,कि इसकी रुह ,,काप जाये ,,,,यह कहें ,,,,,वह वहां से चला जाता है

मिहिर के जाते ही ,,,,वह लेडी कांस्टेबल,,,,,अपने कदम ,,,,,,रुही की तरफ बढ़ा देती है ,,,,,और उसके बाल को पकड़ ,,,,,उसे खड़ा करते हुए ,,,,,,,अब तो देख,,,,,,मैं तेरा क्या हाल करती हू,,,

और फिर उसका सर दीवार पर दे मारती है ,,,,,,,जिससे रुही के सर से ,,,खून बहने लगता है

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एक हफ्ते बाद,,,,,उससे जेल में ,,,,,रुही की डैड,,,,,उससे मिलने आते हैं ,,,,,,और रुही की ऐसी हालत देख है ,,,,,,उनकी खुद की रुह काप जाती है ,,,,,और उनकी आंखों से आंसू आने लगते हैं ,,,,

जिससे वह पूछते हुए ,,,,,,अपनी बेटी की तरफ देखते हुए,,,,,,,,रोही देख तूने अपनी क्या हालत बना ली,,,,,,मैंने तुझे कहा था ,,,,नाना,,,,

की इस इंसान से शादी मत करना,,,,तुम इससे दूर रहना ,,,,लेकिन तुम् मानी नहीं

जिसे सुन रोही अपने डैड को,,,कोई जवाब नहीं देती

और वही ,,,,रुही के डैड,,,,,,,रोही को इस तरह देख,,,,उन्हें अपने दिल में बहुत दर्द हो रहा था,,,,,जिससे वह अपनी बेटी को प्यार से देखते हुए ,,,,,,,मैं तुझे छुड़ा लूंगा,,,,इस नर्क से ,,,,,अब तो यहां एक दिन भी और नहीं रुकेगी ,,,,,,मैं कुछ भी करता हूं ,,,,,,लेकिन तुझे इस जेल से रिहा करके ही कर रहूंगा,,,,,,,,यह कह रोही के डैड ,,,,वहां से चले जाते हैं

लगभग 5 दिन बाद रोही का घर

मिहिर सीधा मेंशन के अंदर आता है,,,,और वह रोही की डैड की तरफ देखते हुए ,,,,,,रोही इस वक्त कहां है ,,,,तुमने सही नहीं किया,,,, रोही को उसे जेल से छुड़ाकर,,,,, 

जिससे रुही के डैड,,,वनराज ,,,,,,,,,,बहुत हुआ महिर तुम मेरी बेटी के पीछे नहीं पड़ सकते ,,,,,,आखिर तुम उसे छोड़ क्यों नहीं देते

और वही मिहिर ,,,,वनराज की बात सुन ,,,,हंसते हुए ,,,,,,अरे ससुर जी,,,,,,यह कैसी बातें कर रहे हैं ,,,,,,,,क्या आपको सोभा देता है ,,,,,,एक पत्नी को,,,,,उसके पति से अलग करके,,,,, यह कहते हुए मिहिर अपने लाए हुए बॉडीगार्ड्स को ,,,,,उस पूरे मिशन में,,,,रोहि को ढूंढने को कहता है

जिससे सभी बॉडीगार्ड अपने बोस की बात सुन,,,,,,रोही को मेंशन में ढूंढने लगते हैं

;और वही वनराज उन बॉडीगार्ड्स को रोकते हुए ,,,,,,तुम ऐसा नहीं कर सकते,,,,,,तुम मेरी बेटी को आजाद क्यों नहीं कर सकते हैं ,,,,

तुम्हें जो चाहिए ,,,,,मैं तुम्हें वह सब दूंगा ,,,,,तुम चाहो तो मेरी एक एक पाइ ले सकते हो ,,,,,,मैं अपनी सारी पौप्टी,,,तुम्हारे नाम करने को तैयार हूं ,,,,,,बस तुम मेरी बेटी को छोड़ दो

जिसे सुन मिहिर,,,,,अपने कदम ऊपर की तरफ बढ़ाते हुए ,,,,,,,अरे ससुर जी आपको लगता है,,,,,कि मैं आपकी हराम की कमाई लूंगा,,,,,,क्या मुझे पता नहीं है ,,,,,कि आप इस दौलत को पाने के लिए ,,,,,,आपने कितने लोगों का खून बहाया है

जिसे सुन वनराज हड़बड़ा जाता है ,,,,,,और फिर मिहिर की तरफ देखते हुए ,,,,,,तुम्हें पैसों से मतलब होनी चाहिए,,,,,,ना की,,,,,,मैंने इसे कैसे कमाया है ,,,,,और कैसे नहीं,,,,,इस बात की

वनराज की बात सुन,,,,,मिहिर हास्ते हुए ,,,,,,वह क्या जवाब दिया है ससुर जी ,,,,,,,अब मानना पड़ेगा ,,,,,,,,,,की आपकी बेटी,,,,,बिल्कुल आप पर गई है ,,,,,तो ठीक है ,,,,,,अगर आप इतना ही जिद कर रहे हैं ,,,,,,,

तो मुझे भी,,,,कोई प्रॉब्लम नहीं है ,,,,,,आपकी दौलत को लेने में ,,,,,लेकिन मेरी एक शर्त है ,,,,,मैं आपके तरीके ;से ही ,,,,,आपके पैसे लूंगा,,,,,,,,यह कहते हुए ,,,,,,,मिहिर अपने कदम,,,,ऊपर की तरफ बढ़ा देता है

और कुछ ही देर में,,,,,मिहिर उस मेंशन की फर्स्ट फ्लोर की छत पर था ,,,,,,और रूही,,,,मिहिर के पैरों में, गिरगिडाते हुए ,,,,,,,प्लीज ;मिहिर,,,,,,तुम्हें जो चाहिए ,,,,,मैं वह करने को तैयार हूं ,,,,,,बस मेरे dad को छोड़ दो,,, 

और फिर वह अपने डैड की तरफ देखने लगती है ,,,,जो छत की रेलिंग पर खड़े छत से कूदने को तैयार थे 

जिसे  देख रुही ,,,,,अपने आंखों में आंसू ले ,,,,,,अपने हाथ जोड़ते हुए,,,,,मेरे डैडी को रोक लो ,,,,,प्लीज मिहिर ,,,,,,और फिर उसके पैरों को पकड़,,,,,,,भीख मांगते हुए ,,,,,प्लीज मेरे डैडी को कुदने से रोक लो ,,,,,,और फिर अपना सर उठा मिहिर की तरफ से देखते  हुए

तुम तुम यही चाहते हो ना ,,,,,कि मैं मैं जेल जाऊं,,,,,मैं जाने को तैयार हूं,,,,,,,मैं,,,,,में उन सब से मार भी खा लूगी,,,,,,,,, तुम जैसे चाहोगे,,,, में वैसे,,,,,,, reh lungi,,,,,

बस तुम,,,,मेरे डैडी को रोक दो ,,,,,,,प्लीज उन्हें ऐसा करने को मत कहो ,,,,,,मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ती हूं ,,,,,,या कहते हुए रूही की आंखों से लगातार आंसू बहे जा रहे थे,,,,,,आज उसके सामने एक ऐसा मोड़ था,,,,,,,जो वह सपने में भी कभी नहीं सोच सकती थी ,,,आज उसके सामने ,,,,,उसकी डैड की जिंदगी और उसकी जिंदगी ki बोली लग रही थी

आज के लिए बस इतना,,,,तो देखते हैं ,,,,,,क्या मिहिर छोड़ देगा रुही के डैडी को ,,,,,,या फिर,,,,,

आगे कि,,,,,उनकी जिंदगी जाने के लिए पढ़ते रह

 

और गयेस अगर आपको मेरी कहानी पसंद आ रही है ,,,तो प्लीज इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर कीजिए ,,ताकि यह ज्यादा लोग ऐसे पढ़ सके ,,,और मैं रोज आप सबको नया अध्याय लिखकर ,,अपडेट कर सकूं

और यार इतनी मुश्किल से मैं चैप्टर लिखती हूं थोड़ी कमेंट तो कर दिया करो

Arre yrr,,,,apne rating or views bhi nhi dete,,

Aap sab ko pata hai kitni mehnat lagti hai,,,, story ko likhne mein

मेरे प्यारे रीडर जो भी यह नॉर्मल पढ़ रहा हो और अगर अच्छा लग रहा हो तो प्लीज मुझे फॉलो जरूर करें और अपना रिस्पांस भी जरूर करें ताकि मुझे भी पता चले कि आप सबको यह नॉवेल अच्छी लग रही है

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