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Chapter 8 - क्या क्या आधार कार्ड बनवाना है

Uske jate hi,,, Andar Khade aadami ,,,ek rahat ki sans lete hain,,,,,, kyuki vah sab,,,uss ladki ke samne bhut hi jyada dare huye thee, ,,, Kyuki uneh pata tha,,,, ki yah ladki Kitni khiski Hui hai,,,, agar ise kam Sahi or sahi per Na Mile ,,,,To yah Kuchh Bhi kar deti hai,,,,

और वही रात का टाइम था,,,रूही जेल में छत के ऊपर बगैर चादर के लेटे आसमान को देखे जा रही थी,,,,,,इस वक्त रुही की आंखों में सिर्फ और सिर्फ गिल्ट था,,,,,,,वह भी प्यार करने का

उसकी आंखों में अब कोई भी इमोशंस नहीं बचे थे ,,,,,,

उसे भी पता नहीं कि वह अब तक जी ही क्यों रही थी,,,,,,,,,,,क्या वजह थी उसके जीने की ,,,,,,,,,,क्योंकि उसके पास जिन लिए कुछ बचा ही नहीं था,,,,,,सब कुछ बर्बाद हो गया था उसका ,,,,,,,

अगर कुछ था,,,,,,तो वह थी उसकी माँ,,,,,,,,जो उसे,,,,,,,उसके,,,,,,,बेटी होने का अधिकार छिन चुकी थी,,,,,,,,,लेकिन वह फिर भी जी रही है क्यों उसे नहीं पता

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Aab aage______________________________

एक महीना बीत चुका था ,,,,,और वह दिन आ गया था,,,,,,,,,रोही के रिहाई ,,,,,,रुहि की आजादी का ,,,,,,,,,,लेकिन एक महीने में रुही के साथ कोई भी जुल्म नहीं हुआ था,,,,,,,,,उसे किसी ने भी नहीं मारा था,,,, 

जेल से निकलते हुए भी उसके होठों पर स्माइल नहीं थी,,,,,,सिवाय दर्द के ,,,,,,जो वहां भी जाहिर नहीं होने देती थी ,

वह जेल से बाहर निकल ,,,,,,,एक नजर जेल को देखती हैं ,,,,,,,,जिसे देखते हुए रोही की फेस पर,,,,दर्द भरी स्माइल आ जाती है,,,,,,

मुस्कान यहां गवाही दे रही थी, ,,,,,कि उसने यहां,,,,,,आपने 7 साल वेस्ट कर दिये,,,,, उसने अपनी मां के हाथों का बना हुआ खाना,,,,, अपने मोम डैड की साइली,,,,और आपनी सारी खुशियां ,,,,,,,सब कुछ वेस्ट कर दिया,,उसने,,,,,,इन 7 साल में और वह भी बगैर किसी जुर्म के

अब,,,,,,तोह yaha ,,,,,इन 7 सालों में उसका कोई नहीं था,,,,,अपना kahene ko,,,,,,,wah अकेली है,,,,,,वह इनते साल इस जेल में थी ,,,,,,,,,,

उसने आज तक कोई दोस्त नहीं बनाया था

शायद डर की वजह से,,,,,,कि अब उसे भी ,,,,,, कहीं खो ना दे,,,,,,, और वह इन 5 सालो में,,,,,,,, जैसे पत्थर सी बन गयी हो

,,,,,,,या फिर लोगों ने उसे पत्थर बना दिया

रोहि जेल से बाहर निकल,,,,,चारों तरफ देखती है,,,,,,,,वह शायद टैक्सी लेने की कोशिश कर रही थी,,,,,,,,लेकिन उसे कोई टैक्सी नहीं नजर आता,,,,,,,जिससे रूही,,,,,,,पैदल ही वहां से चलने लगती है

और वहीं दूर खड़ा एक आदमी, ,,,,,,,,,,,,रुही की हर एक हरकत देख रहा था,,,,,,,उसे रूही के लिए बहुत बुरा लग रहा था ,,,,,लेकिन वह कुछ नहीं कर सकता था,,,,,,,,,,रुही को देख,,,,,,,,, उस इंसान की आंखों में ,,,,इस वक्त बहुत सारे इमोशंस थे

वह उसे जाता हुआ देखता रहा,,,,,,,,,,

यहां इंसान कोई और नहीं सिद्धार्थ था ,,,,,,,,जो कब से रूही को देख रहा था ,,,,,,,वह उसे जाते हुए देख ,,,,,, मन मे ,,,,,,,, मुझे नहीं पता रोहि,,,,,,,ki , तुमने आलिशा को मारा है ,,,,,,या नहीं,, लेकिन मैं तुम्हारी आंखों में देखकर,,,,,,,यह तो जरूर कह सकता हूं,,,,, ,,,,,,,,कि तुम बेकसूर हो,,,

लेकिन मेरे कहने से और ना कहने से क्या फर्क पड़ता है,,,,,सब सबुत देखते हैं ,,,,,आंखें नहीं , ,,,,,,,,,,,,

क्योंकि मैंने हमेशा तुम्हारी आंखों में ,,,,,,,,सिर्फ और सिर्फ मासूमियत देखी है,,,,,दूसरों के लिए अच्छाई देखी है,,,,,,,लेकिन मिहिर को क्यों नजर नहीं आता,,,,,,तुम्हारी आंखों में यह सब ,,,,,,,वह पागल हो गया था,,,,,,,,आलिशा के प्यार में ,,,,,,,तभी तो उसे,,,,,तुम्हारा प्यार नजर नहीं आया

यह सोचते हुए,,,,,,सिद्धार्थ किसी सोच में चला जाता है

की सड़क के बीचो-बीच,,,,,,एक लड़की जख्मी हालत पर पड़ी थी,,,,,,,,,उसके आसपास खुन बिखरा था

वह लड़की बहुत छोटी थी ,,,,,,की तभी सिद्धार्थ आगे बढ़ उस लड़की को उठाने वाला था,,,,,,,कि उससे पहले ही ,,,,,,एक लड़की वहां आ जाती है ,,,,,,,,और फिर वह छोटी सी बच्ची को अपनी गोद में ले,,,,,,,,,,आसपास खड़े भीड़ पर बरसते हुए ,,,,,,,तुम्हें शर्म नहीं आती इस बच्ची को इसी तरह सड़क पर देख,,,,,,,तमाशा देखते हुए

अरे तुम्हें कहां से शर्म आएगी,,, क्योंकि तुम जो तमाशा देखने वालों में से हो ,,,और,,,जब खुद पर बीतेगी ना ,,,,,,तब पता चलेगा ,,,,,,यह कह ,,,,,,,,वह लड़की गुस्से से उन सबको घूमते हुए ,,,,,,,,,उस लड़की को ,,,,,वहां से ले जाने लगती है ,,,,,,,कि तभी जल्दी से सिद्धार्थ भी,,,,,,,,,उसे सम्भालते हुए,,,,,उस लड़की के पीछे चला जाता है

यह लड़की कोई और नहीं,,,रूही थी,,,,,,जो उसे लड़की को अस्पताल ले जा,,,,,,,,,,उसका इलाज कराती है,,

और यह लड़का कोई और नहीं सिद्धार्थ था ,,,,,जो उस लड़की को बड़ी गौर से,,,,,,,,उसकी मदद करते हुए देख रहा,,,,,,,,,, और वही सिद्धार्थ रुही से ,,,,,,,काफी इंप्रेस हो गया था

की एक अनजान लड़की की रूही कितनी केयर करती ,,,,रही है,,,,,,जिससे सिद्धार्थ रूही के पास जा,,,,,,,,,है तुम्हारा नाम क्या है

और वह रुही ,,,,,,,, जो डॉक्टर से बात कर पीछे मुरती है ,,,,,,,तो सिद्धार्थ उसके पीछे खड़ा था,,,,,,,जो उस नाम पूछ रहा था,,,,,,, जिसे देख ,,,,,रुही अपनी आंखें छोटी करते हुए ,,,,,,,,,,क्यों आधार कार्ड बनवाना है ,,,,,,,,यह मेरी डिटेल निकलवा कर ,,,,,,,मेरे घर राशन पहुंचना है,,,,

उसके बात सुन सिद्धार्थ कंफ्यूज होते हुए ,,,,,,क्या

सिद्धार्थ को इतना कंफ्यूज देख ,,,,,,रुही उसकी तरफ घुरते हुए,,,,,,,,क्यों जान ना है,,,,,तुम्हें मेरा नाम

रुही के इस तरह देखने से ,,,,,,,सिद्धार्थ काफी हड़बड़ा जाता है ,,,,,मैं mai

यह मैं में क्या लगा रखा है,,,,,,,,क्या तुम बकरी हो,,,, और फिर उसे ऊपर से नीचे देखते हुए,,,,,,ओ सॉरी ,,,तुम तो बकरा होगे,,,,,,,

और वही सिद्धार्थ रुही के मुंह से ,,,,,,,खुद के लिए बकरा सुन उसका मुह खुला का खुला रह जाता है ,,,,और वह अपने मन मे यह कैसी लड़की है

रूही सिद्धार्थ का मुंह बंद करते हुए ,,,,,,,मुंह बंद कर लो वरना मक्खी घुस जाएगी ,,,,,,जिससे सिद्धथ झट से,,,,,,,अपना मुंह बंद कर लेता है ,,,,,,,,,,,और फिर रुही की तरफ देखते हुए ,,,,,,,नहीं मैं कोई बकरा नहीं हूं

उसकी बात सुन रुही हंसते हुए ,,,,,,,अरे मैं मजाक कर रही थी ,,,,,,,अब यह बताओ तुम्हें मेरा नाम क्यों जानना है,,,

वह इसलिए कि,,,,,,तुमने अभी,,,,,,,,इस लड़की की जान बचाई थी ,,,,,,है ना,,,,,,,मैं बस ,,,,,,,उसने इतना ही बोला था

की तभी रूही दोबारा ,,,,,उसे पर बरसते हुए,,,,,,,,इसका मतलब तुम भी,,,,,,,उन लोगों में से हो ,,,,,,,,,जो वहां खड़े होकर तमाशा देख रहे थे

जिससे सिद्धार्थ हार्बरा जाता है ,,,,,,,,,और फिर जल्दी से अपनी बात को सही करते हुए ,,,,,,,,नहीं नहीं मैं उसी वक्त आया था,,,,,,,जिस वक्त तुम आई थी ,,,,,,,,,उसे लड़की को बचाने,,,,,,,,जिसे सुन रुही अपनी आंखें छोटी करते हुए,,,,,,,ओके और बाय द वे,,, ,,,,, मेरा नाम रुही है

रुही नाम सुन ,,,,,,सिद्धार्थ के फेस पर स्माइल आ जाती है

यह सब सोचते हुए ,,,,,,,,सिद्धार्थ के फेस पर स्माइल आ जाती है,,,,,,,और फिर सिद्धार्थ,,,,,,अपने मन में ,,,,,,,,जो लड़की दूसरे की जान बचाने के लिए ,,,,,,,पूरी भीड़ से लड सकती है

वह आलिशा को कैसे मार सकती है,,,,,,,,लेकिन एम सो सॉरी रुही ,,,,,,,,,,कि मैं तुम्हारे लिए कुछ नहीं कर पाया ,,,,,,,,,,और शायद आगे भी कुछ नहीं कर पाऊंगा ,,,,,और फिर थोड़ा मायूस होते हुए

काश रोहि ,,,,,,तुम,,,मिहिर से कभी नहीं मिली होती

यहां कह सिद्धार्थ कार स्टार्ट कर,,,,,,वहां से निकल जाता है

क्या था सच ,,,,,,,क्या सच में रोहि एक मासूम थी,,,,,,,या उसने सच में आलिशा को मारा था,,,,,,,क्या आप रोहि के जेल से वापस आने के बाद,,,,,,सारे मुश्किलें खत्म हो जाएगी,,,,,,,या फिर कोई नहीं मुसीबत रूही का इंतजार कर रहा है ,,,,

जाने के लिए पढ़ते रहे

क्या करूं फ्रेंड्स आप सब तो मुझे ना कोई कमेंट करते है,,,,,,,,और, ना कोई review देते हैं ,,,,,,,जिससे मेरा दिल टूट जाता है ,,,,,,और मुझे स्टोरी आगे रखने का दिल भी नहीं करता

अरे यार आप मुझे कमेंट नहीं तो,,,,,अच्छे-अच्छे review तो दे सकते हैं na ,,,,,, yaha tak aap,,,,,ना ही आप novel ko शेयर करते हैं

,,,क्योंकि सच में मुझे आप सभी ke कमेंट पढ़ कर,,,,बहुत अच्छा लगता है,,,,,,और फिर आगे स्टोरी लिखने को भी,,,,दिल करता है लेकिन जब मैं आपके कमेंट नहीं देखते ,,,,,तो मुझे बहुत दुख होता है