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Chapter 6 - mai tujhe baduaa deti hunn

वह कांस्टेबल अपने अकाउंट में पैसा आया देख अपने मन मे 7 साल हो गए हैं,,,,,,,रूही तुम्हें इस जेल में रहते हुए , ,,,,, और इन 7 सालों में,,,,,,,मैंने  बहुत पैसे कमाए हैं,,,,

की तभी उसे,,,,,,उस फोन में एक मैसेज आता है,,,,,,,,अब मुझे कोई भी ऐसी वीडियो नहीं आनी चाहिए ,,,,,,,,और तुम दोबारा रूही को हाथ नहीं लगाओगी,,,,,क्योंकि रुही,,,,,अब  महीने , बाद,,जेल से रिहा हो रही है ,,,,और मैं नहीं चाहता कि अब उसके जिस्म पर एक भी जख्म, ,हो,,,,, क्योंकि अब उसके जिस्म पर जख्म देने वाला ,,,,,उसका बाहर इंतजार कर रहा है

और वही फोन के दुसरे साइड वाला लड़का ,,,,,,जोर-जोर से हंसने लगता है ,,,,,इस वक्त,,,वह किसी राक्षस से काम नहीं लग रहा था,,,,,,,और फिर वह हंसते हुए,,,,,,,,,तूने मुझे ठुकराया था ना ,,,,,,,,तो अब देख  जिंदगी में कैसे हो गई है ,,,,,,,,तुझे बहुत घमंड था ना,,,,,,,अपनी खूबसूरती का,,,,,,,,,सब मिट्टी में मिल गया ,,,,,,,,,अब तो तु किसी काम की नहीं रही ,,,,,,,यह कह लड़का दोबारा जोर-जोर से हंसने लगता है

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अब आगे⬅, _________________________

और वही रूही अब अपनी आंखें धीरे-धीरे खोलती है तो खुद को उसे जेल में बने ,,,,,,,,,एक मेडिकल रूम में पाती है ,,,,,,,तो वह खुद को देखती हैं ,,,,,,,,जो उसके पूरे शरीर पर दवाइयां ,,,,और पट्टी लगी हुई थी

जिसे वह उसी तरह लेठे हुए,,,,,ऊपर सीलिंग को देखी जा रही थी,,,,,,इस वक्त उसकी ,,,,,आंखों में शिवाय खालीपन  कुछ नहीं था, ,,,,, वह इस तरह छत की सीलिंग को देखते हुए किसी सच में डूब जाती है

7 साल पहले

जब रूही की आंख खुलती है,,,,,,,तो वह अपने,,,सामने चारों तरफ देखती है,,,,,,,,,तो वह इस वक्त जेल में थी ,,,,,,,,जिससे वह जल्दी से उठ बाहर की तरफ जाते हुए,,,,,,,मैं,,,,,,मै,,,,,,,,यहां कैसे आई,,,,,,,,,मुझे अपने डैड से मिलना है,,,, ,,,,,प्लीज मुझे बाहर निकालो,,,,,,वह सलाखों के अन्दर,,,लोहे, को पकड़े हिलाते हुए,,,,,,,,चिखे जा रही थी ,,,,,,,कि मुझे अपने डैड को देखना है,,,,, मुझे अपने डैड से मिलना है,,

की तभी उस,,,,, सलाखों का दरवाजा खुलता है ,,,,और उसके अंदर रूही की मां जानवी आती है

जिसे देख रुही ,,,,,जल्दी से उनके पास जा ,,,,,,उन्हें गले लगाने को होती है ,,,,,,,कि तभी जानवी रोहि को एक खींच के थप्पड़ लगा देती है,,,,,,,,जिससे रुही सीधा जमीन पर जा गिरती है,,,,

अपने मां के हाथों से थप्पड़ खा रुही के गाल सुन हो जाते हैं ,,,,,,,,,और वह इस तरह जमीन पर बैठे अपने कानों पर हाथ रख धीरे से पीछे मोड ,,,,,,,अपने नम आंखों से ,,,,,,,जानवी को देखने लगती है,,,,,,,,,उसे यकीन नहीं हो रहा था, ,,,,,,,कि उसकी मां ने आज उसे थप्पड़ मारा था,,,,,,आज तक उसकी माँ ने,,,,,,कभी उसे डाटा तक नहीं था

की ताबी,,,,,,,,,,रुही को अपने कानों में ,,,,,,,अपनी मां के कड़वे शब्द सुनाई देत

की ततू अब तक जिंदा ही क्यों है,,,,,,मर क्यों नहीं गइ ,,,और फिर जानवी,,,,,,,गुस्से से रूही के पास जा,,,,,,,,उस पर बरसते हुए ,,,,,,,,तुझे पैदा करके मुझे खुद पर गुस्सा आ रहा है,,,,,,,,,तुझ जैसी खटिया बेटी ,,,,,किसी को ना दे,,,,,तूने मेरा सुहाग मुझे छीन लिया,,,,,,आज वह अस्पताल में अपनी जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं ,,,,,,सिर्फ और सिर्फ तेरी वजह से ,,,,,,,,कर्मजली तू मर क्यों नहीं गई ,,,,,,उनकी जगह काश तू छत से गिर के मर जाती

मैंने तुझे पहले ही मना किया था ,,,,,,कि तु उससे शादी मत कर,,,,,,,उससे दूर रह,,,,,,,,,लेकिन तु हमारी नहीं मानी,,,,,,,देख अब क्या हो रहा है,,,,,

तेरा तो कुछ नहीं मेरा तो सब कुछ चला गया,,,,,,,तूने हमेशा मेरा प्यार देखा था,,,,,,आज तु मेरा नफरत देखेगी ,,,,,,,,मैं तुझे  बदुआ देती  हूं,,,,,,,,,,,,,कि,,,,,,जैसे मैं आज तड़प रही हूं ,,,,,,,,,,,,तु भी पूरी जिंदगी तड़पेगी ,,,,,,,,तू अपनी मौत की भीख मांगेगी,,,,लेकिन तुझे मौत भी नसीब नहीं होगी,,,,,,

 तूने आज अपनी मां को रुलाया है,,,,,,,,उसी तरह तु भी जिंदगी पर रोती रहेगी,,,,,,,,,,,,,,और खबरदार अगर तूने मुझे,,,,,,,,,अपना मनहूस चेहरा,,,,,,,,दोबारा दिखाई तो ,,,,,

और हां याद रखना,,,,,,,,,अगर मेरे पति को कुछ हो गया,,,,,,,,तो मैं तुझे भी नहीं छोडूंगी ,,,,,,यह कह जानवी वहां से चली जाती है,,,,,,

जानवी की आंखों में,,,,,,,इस वक्त आंसू थे,,,,,,

जिससे रूही जमीन पर बैठे अपने आंसु भरे आंखों से ,,,,,,,,अपनी मां को देखी जा रही थी ,,,,,,,,आज उसे अपने शरीर पर नहीं ,,,,,,,,अपने दिल में दर्द होता हुआ महसूस हो रहा था,,,,,

उसका तो जैसे सीना फटता जा रहा था ,,,,,,,अपनी मां के ,,,,,शब्दों को सुनकर,,,,,,,,

उसे यकीन नहीं हो रहा था,,,,,कि अभी-अभी उसकी मां ने उसे क्या कह कर गई है ,,,,,,,,उसे बदुआ देकर गई है,,,,,,,,जो माँ हमेशा उसे दुआ दिया करती थी ,,,,,,,,आज उसे बद्दुआ देकर गई है ,,,,,,,जैसे सोच-सोच कर उसकी आंखों से ,,,,,,,बेतहाशा आशु बहे  रहे थे,,,,,,,,,,, क्योंकि उसे यकीन नहीं हो रहा था ,,,,,,,,कि यह सब उसकी मां ने कहा था,,,,,,,,आज उसने आपना सब कुछ खो दिया,,,,,,,क्योंकि ,,,,,,आज उसके पास कोई नहीं था ,,,,,,,जो उसके आंसू देख सके ,,,,,,,या फिर पोछ सके,,,,,,,,,,एक उसकी मां ही बची थी,,,,,,,जो आज वह भी उससे मुंह मोड़ कर चली गई

जो उसे कभी खरोच तक नहीं आने देती थी ,,,, आज उसे डाटा नहीं ,,,,,बल्कि,,,, बदुआ देकर चल गई

फ्लैशबैक एंड

रुही सब सोचते हुए,,,,,,,,,आब भी,,,,,,,,,छत की सिलीगुड़ी,,,,,,,,,,,,को देखी जा रही थी ,,,,,,,,,और उसके आंखों के कोने से आंसू बहे जा रहे थे,,,,,उसके होठों से एक भी आवाज नहीं निकल रही थी ,,,,,,,शिवाय उसकी आंखों से आंसू के, ,,,,,,,, उसे खुद भी नहीं पता,,,,,,,,कि वह अब तक,,,,,,,जी कैसे सकती है

शायद यह सब उसके माँ की बथुआ का ही असर था ,,,,,,जो वह,,,,,,अब तक जी रही थी,,,,,,,,की कमबख्त उसे मौत भी नहीं आ रही थी

की तभी वहां एक नर्स आ जाती है ,,,,,,,और रोहि की आंखों में आंसू देख,,,,,,,,,क्या हुआ बेटा,,,,,,,,तुम्हें दर्द हो रहा है,,,,,,,,तुम यह सब सहेती ही क्यों हो ,,,,,,,,तुम कंप्लेंट क्यों नहीं करती उनके खिलाफ,,,,,,,, ,,,,लेकिन रोहि तब भी कुछ नहीं बोलता

जिसे देख वह नर्स ,,,,,,तुम किस मुरत की बनी हो,,,,,,,,तुम्हें दर्द नहीं होता,,,,,,,,मैं कब से तुम्हें से कुछ पूछ रही हूं,,,,,,,,,,,तुम बात क्यों नहीं कर रही ,,,,,,,,तुम हर हफ्ते ,,,,,,,एक ना,,,,,,,,एक बार,,,,,,,,,,इसी तरह ,,,,,,,,,,जख्मी हालत में यहां पड़ी रहती हो ,,,,,,,,,तुम्हें दर्द नहीं होता

लेकिन रोहि तब भी कुछ नहीं बोलती,,,,,,और चुपचाप  पूरी हिम्मत बटोर,,,,,,,,,उस बैड से लंगड़ाते हुए ,,,,,,,,,उस कमरे से चली जाती है

और वही वह नर्स ,,,,,,,,रुही को उस कमरे से जाता हुआ देखती रह जाती है ,,,,,,,,उसे यकीन नहीं होता,,,,,,,,,,,,,कि इतनी  जख्मी हालत में भी ,,,,,,,,,,,,वह कैसे चल सकती है,,,,,,,,

क्योंकि रुही का पूरा शरीर ,,,,,,जख्म से भरा हुआ था,,,,,,,,,,उसके पूरे शरीर पर पट्टियां बंधी हुई थी,,,,,,,,,,,और उसका शरीर भी बहुत पतला था,,,,,,,,,,,,कि अगर कोई उसे इस तरह देख ले ,,,,,,,,,तो उसे शारीरिक रोगी,,,,,,,,,कहे बगैर खुद को रोक नहीं सकेगा ,,,,,,,,,,आज उसके चाद ,,,,,जैसे चेहरे पर भी ,,,,,,,कयी जख्म और दाग बन चुके थे

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और वही दूसरी तरफ मुंबई में ,,,,,,,,एक लड़की की ,,,,,,,कॉलेज में एंट्री होती है,,,, उसने काली जींस,,,और सफेद क्रॉप टॉप के ऊपर काली जैकेट डाली थी ,,,,,,,और उसने ,,,,,,,,,,बालो को पोनीटेल किया हुआ था ,,,,,,,,जिसमें वह बहुत ही खूबसूरत दिख रही थी,,,, ,,

और वाह सीधा कॉलेज के अंदर एंटर हो,,,,,,क्लास के अंदर जाने लगती हैं,,,

और वही कुछ लड़के आपस में बात करते हुए,,,,,,,,,,,यार यह आर्या कभी खुश नजर क्यों नहीं आती ,,,,,,,,,,मैंने आज तक इसके होठों पर ,,,,,,,,कभी मुस्कुराहट देखी ही नहीं,,,,

अरे देखेंगा कहां से,,,,,,,,,ये एक नंबर की बेरहम है,,,,,,,,किसी को भी सजा देने से पहले,,,,,,,,,एक बार नहीं सोचती,,,,,,,,,,,,,की ये एक लड़की है लडका नहीं,,,,,,,,,,,,,

इसलिए सभी लड़के ,,,,,,इससे दूर रहते हैं ,,,,मैं कहूं तो तू भी इससे दूर ही रहना,,,,

कभी भी नहीं ,,,,,,,मैं इस खूबसूरत लड़की को अपनी गर्लफ्रेंड बनाकर रखूंगा,,,,,,,

लड़कलड़के की बात सुन,,,,,,,,,वह लड़का,,,,,,अपनी आंखें बड़ी कर ,,,,,,,पहले वाले लड़के को घुरते हुए ,,,,,,,आर्य ,,,,,,, और फिर हंसते हुए ,,,,,,,,,,कभी नहीं पटेगी,,,,,कोशिश करके तो देख ले,,,,,, क्योंकि मैं इसे 2 सालों से देख रहा हूं,,,,,,और टू तो आज ही आया है ,,,यहा,,,,,,, लेकिन फिर भी आजमाना चाहता है,,,,,,,,,तो आजमान ले

उसकी बात सुन ,,,,,,,,मैं तुझे बता दु,,,,,,,तो मेरे डैड भी,,,,,,,,,,इस कॉलेज के निवेशक हैं ,,,,, तो अब बता,,,,,,क्या आब भी नहीं पटेगी

उसकी बात सुनो,,,,,,,,उसका दोस्त उस पर हंसते हुए,,,,,,,,,तु उसे पैसे से तोल रहा है,,, ,,,,,,,तो सुन बहुत ही पहुंची हुई चीज है,,,,,,,,,जिसे तुम पैसों से नहीं तोड़ सकता,,,,,, वाह अपने घर में,,,बहुत ही,,,,,बिगड़ी,,,,,,,,और घमंडन लड़की है,,,,,,,,,,जिसे पूरा कॉलेज जानता है,,,,सिवाए तेरे,,,,क्योंकि तू नवा जो आया है,,,,

यह कह, वह,,,,,,वहां से चला जाता है

और वही वह लड़का खड़ा विकी क्या चीज हो तुम आर्य,,,,,,,,,कुछ तो बात है ,,तुमने ,,,,,,,तभी तो पूरा कॉलेज तुमसे डरता है

और वही क्लास रूम में सभी लड़के आर्य को देख ,,,,,,,निचे देखने लगते हैं, ,,,,,,,,,,,,किसी की भी हिम्मत नहीं हो रही थी,,,,,,,,,आर्य को देखने की ,,,,,,,,,,,,,क्योंकि कुछ महीने पहले एक लड़के ने ऐसी गुस्ताखी की थी ,,,,,,,,,जिसकी हालत,,,,,,आरय पर बहुत ही खराब कर दी थी ,,,,,,,,,,

और वही आर्य बिना किसी को देखें अपने सीट पर जाकर बैठ जाती है,,,,,,,,कि तभी वहां एक लड़के की एंट्री होती है,,,,, जो देखने में काफी हैंडसम था,,,,,उसे देख सभी लड़कियां की आंखों मे चमक आ जाती है

और वह लड़का,,,,,,,,,एक नजर आर्य को ‍को देख ,,,,,,,,बिना उसे कुछ कहे,,,,,,,वहां से आगे जा ,,,,,,साइना के पास बैठ जाता है,,,,,

यह कोई और नहीं अयान था,,,,,आर्या का बचपन का दोस्त,,,, लेकिन अयान आर्य को लगभाग 7 सालो से नहीं बुला रहा था ,,,,,,

यहां तक ​​,,,,,वह ठीक ढंग से,,,,,,उसकी तरफ देखता भी नहीं था ,,,,,,,,,उसे आर्य से बहुत चिढ़ होती थी ,,,,,,,,uski in sab harkaton se,,,, दूसरों को बेवजा मारना ,,,,,,,,,,दूसरों की रैगिंग करना,,,,,,,,किसी की ना सुनना ,,,,,,,,,सिर्फ अपनी चालना 

,,,,,,इसलिए उसको ,,,,,,,,,,,,आर्य से नफ़रत होने लगी थी,,,,,,,,,,,,,उसे भी नहीं पता था कि,,,,,,,,,,,,,,उसकी आंखों में आर्य के लिए किस तरह के भाव थे, , , , , , ,,,,, इसलिए वह उसे हमेसा ,,,,,चिड भारी नजरों से दिखता है,,,,,, इसलिए उसे,,,,,इस बेरहेम और बदतमीज बिगडी हुई लड़की से नफ़रत होती थी

और वही साइना ,,,,,,,आर्य के बिल्कुल उल्टा ,,,,,,,,,सबकी मदद करने वाली ,,,,,,,,अपने दर्द को भुल ,,,,,,,,,दूसरे के दर्द समझने वाली ,,,,,,,एक सुलझी हुई लड़की थी,,,,

उन दोनों लड़कियों में कुछ भी आम नहीं था,,,,, सिवाय एक के,,,, वो भी मुसकान की,,,,क्यूकी ना कभी आर्या के होठों पर मुस्कुराहट थी,,,,,और ना ही कभी साइना के, ,,,,,,,अगर साइना के होठों पर कभी मुसकान आ भी गई,,,,,,,,तो वो भी नकली होती थी,,,,

और वही आयान साईना को देख,,,,,हाय साइना,,,,

हाय,,,,, बोल साइना,,,,,,,,,बिना अयान की तरफ देखे ,,,,,,,,बलैक बोड की तरफ देखने लगती है,,,

और वही आयान यार यह कैसी लड़की है ,,,,इतने महीने बीत गए ,,,,मैं इससे दोस्ती करना चाहता हूं ,,,,,लेकिन,,,,,,,,एक यह है ,,,,,,,,,कि मेरी तरफ देखती भी नहीं है,,,,, आखिर इसकी समस्या क्या है ,,,,,,,,,,आज तो मैं तुमसे ,,,,,,,,दोस्ती करके रहूंगा ,,,,,,,,,,चाहे जो हो जाए,,,,,,,,,,,,,यह कहे अयान भी ब्लैक बोर्ड की तरफ देखने लगता है

कुछ देर बाद साइना कैंटीन में जा अपना लंच करने लगती है,,,,, वाह आज अकेला लंच कर रही थी क्योंकि आज उसका कोई दोस्त नहीं आई थी,,,,, कि तभी वहां अयान आता है ,,, और फिर एक चीज़ बरगर और पिज़्ज़ा ऑर्डर कर,,,,,,,,साइना के बगल में बैठ जाता है

अपने साथ बैठा देख साइना,,,,,,एक नजर उठा अयान को देख दोबारा अपना लंच करने लगती है

और वही आयान खुद को नजर अंदाज होता देख,,,,,,हेलो साइना क्या हम दोस्त बन सकते हैं,,,,

अयान की बात सुन साइना ,,,,,,,,एक नजर अयान को देख फिकी स्माइल कर,,,,,,,अपना टिफिन बंद कर ,,,,,,,,,वहां से चली जाती है क्योंकि साइना को,,,,,,,,,,,,,लड़कों को दोस्त बनाना अच्छा नहीं लगता,,,,

और वही आयांन ,,,,,साइना को ज्यादा देख,,,,,,उसका मुंह लटक जाता है,,,,

आज के लिए बस इतना,,,

हेलो guys,,,,आज मेरा पेपर था,,,,isliye मैं कल Mai episode अपलोड नहीं कर पाई थी

Guys,,,,आप मेरी स्टोरी पढ़ते हैं,,,,,लेकिन आप मुझे ना rating और ना हीं reviews देते हैं ,,,,,,,शायद आपको यह कहानी अच्छी नहीं लग रही,,,,,,

अगर आप मुझे  rating  ke sath अच्छे-अच्छे कमेंट्स देगे,,या फिर मेरी पोस्ट पर कमेंट करेंगे ,,,,तो मैं आप सबको एक दिन में ,,,दो एपिसोड देने की पूरी कोशिश करूंगी     यह आपकी लेखक की तरफ से वादा है ,,,आप सबके लिए