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Chapter 8 - एक मिशन की शुरुआत " ब्लैकमेल "

एक बेतूकी दोस्ती पाठ 8 लेखक राजेश मालती 

अब रोहाना संगीता को बोलती हैं कि । तु टैंशन मत ले मेरी सब ठीक कर दुगी । और सिर्फ संगीता अपने घर जाति हैं । तो रोहाना भी खाना खाने के बाद पढ़ाई करने जाती हैं । तो पढ़ाई के बीच में संगीता रोहाना के घर का दरवाज़ा खत खटाती हैं । रोहाना देखने जाती हैं की कोन है । जो इतनी रात को आया हैं यहाँ । दरवाज़े के पास से संगीता की आवाज़ आती हैं । तो रोहाना समझ जाती है । की संगीता है वहा पर । रोहाना दरवाजा खोलती हैं । तो संगीता बोलती हैं यह ले उसका नंबर, नाम, पता, फोटो कल ले लियो । रोहाना बोलती हैं । पर इतना रात को  बाहर क्यों  आईं  जल्दी घर जा । कल बात करेंगे । 

तब संगीता घर चली जाती हैं । और रोहाना पढ़ाई पर दुबार लग जाती हैं । कुछ टाईम निकाल कर उस नाम नंबर पता को देखती हैं । पर फिर वो उस जानकारी को रख देती है । फिर वह सोने जाती हैं । अगली सुबह रोहाना मम्मी के साथ काम खत्म करने के बाद स्कूल के लिए तैयार होती हैं । दूसरी तरफ काजू रात को अच्छे से सो नहीं पाया था । तो वह नींद में स्कूल आया था । रोहाना काजू को बोलती है । क्या हुआ काजू तुम कल घर से चले गए और आज तुम्हारी तबियत ठीक नहीं है । काजी बोलता है कुछ नहीं रात को सही से सो नहीं पाया । बस एक बार सो जाऊंगा तो सब ठीक हो जाएगा । तुम टैंशन मत लो । रोहाना बोलती हैं ठीक है तुम अपना ध्यान रखनाb। 

क्लास खत्म होने के बाद लंच में रोहाना काजू को बोलती हैं । काजू मुझे तुम से अकेले में बात करनी है । काजू के दोस्तो कुछ समझते है । काजू उन्हें बोलता है ऐसा कुछ नही है । कुछ काम होगा उसे । काजू को खुद नहीं पता क्यू रोहाना ने काजू को बुलाया । काजू रोहाना के पास आता हैं । 

तब रोहाना काजू को संगीता की सारी बात बाती है । और हमे संगीता को बचना हैं यह भी । पर कैसे करना है यह नही पता । क्या तुम मेरी मदद करोगे काजू । काजू बोलता हैं में आज कुछ नहीं कर सकता । मेरी तबियत इतनी भी अच्छी नहीं हैं । कल करेंगे । रोहाना बोलती हैं तुम मेरी मदद करोगे । काजू बोलता हैं "हां" । पर कल । 

रोहाना और काजू बात करके आते है । तो काजू के दोस्त बोलते हैं । क्या हुआ कोन सी बात करनी थी । काजू बोलता हैं । कोई सी नही पढ़ाई से रिलेटिट बात थी । रोहाना बोलती हैं ऐसा कुछ नहीं है घर की बात थी । इतना बोल कर रोहाना वहा से चली जाती है । फिर काजू के दोस्त बोलते ।  उहु हु बेटा घर बाते बताई जा रही है । काजू बोलता हैं यार ऐसा कुछ नही समझो । काजू को देख दोस्त बोलते है । यार हम मज़ाक कर रहे थे । काजू बोलता हैं मुझे देख कर लगता हैं मज़ाक करना चाई है । काजू के दोस्त बोलते है यार तू तो बात बडा रहा है । चल माना लिया घर की बात है । अब लंच खत्म होने वाला था । तो काजू क्लास रूम मे जाता हैं । काजू को पढ़ाई में उस टाईम कोई मन नही लग रहा था । काजू बस सोना चाहता था । और दूसरी तरफ़ रोहाना को काजू और अपने दोस्त संगीता की टेंशन हो रही थी । 

काजू स्कूल टाईम में क्लास में ही सो गया था । मैम ने उसे उठा चाहा तो रोहाना ने मैम को बोला की काजू की तबीयत खराब हैं । तो वो आराम कर रहा है । मैम सुन कर बोलती हैं । ठीक हैं । कुछ देर बाद स्कूल की छुट्टी होती है । पर काजू अभी सो ही रहा होता है । फिर रोहाना काजू के पास आती हैं । और उसे उठाती हैं । उठो स्कूल की छुट्टी हो गई । चलो घर चलते है । यह सारी चीज़े काजू के दोस्त देख रहे थे । फिर काजू उठता है । और बोलता हैं क्या हुआ । रोहाना काजू को बोलती हैं काजू तूमे बुखार हैं । घर चलते हैं । काजू घर चलता हैं । काजू के घर में रोहाना काजू की मम्मी को बोलती हैं कि अंटी काजू को बुखार है चलो दबाई ले ने  । काजू की मम्मी काजू को लेकर डॉक्टर के पास जाती हैं । रोहाना भी साथ होती है । काजू को डॉक्टर ने दबाई और बुलुकोष लगाया । काजू की मम्मी रोहाना की मम्मी को कॉल कर के बोल देती है । की आप की लडकी हमारे पास हैं । तो चिंता ना करें । रोहाना की मम्मी बोलती है ठीक है । तोड़ी देर बाद सब लोगो डॉक्टर के पास से काजू के घर आ जाते हैं । तो काजू की मम्मी बोलती है बेटी तुम एक काम करो तुम अपने घर चले जो तुम्हारी मम्मी तुम्हारी चिंता कर रही होगी । रोहाना बोलती हैं ठीक है अंटी । काजू अपने घर में जा कर आराम करता है । रोहाना घर जा कर अपनी मम्मी को बताती हैं की मम्मी मेरे दोस्त काजू को बुखार आ गया है । मुझे अच्छा नहीं लगा रहा । उसकी मम्मी उसे नादान समझ कर कुछ नहीं कहती । रोहाना काजू की बरी मै सोचती हैं । वो कैसा होगा अब । रोहाना सोचती है तोड़ी देर बाद में काजू के घर जा कर देखूंगी जब उसे पड़ने जाऊंगी । रोहाना मम्मी को बोलती हैं कि मम्मी में काजू को पड़ने जा रही हु । रोहाना की मम्मी माना कर देती हैं । बोलती हैं कि काजू की मम्मी ने कॉल करके बोला है की काजू की तबीयत अच्छी नहीं हैं । तो तुम मत आना । अपना टाईम खराब करोगी यह आ कर इसीलिए मत भेजना । तो रोहाना काजू के घर नहीं पाती । फिर अगली सुबह काजू रोहाना के घर पर आता हैं । और बोलता है की तुम ने कुछ काम बताया था । वो काम क्या है । रोहाना काजू के देख कर रोने लगती है । काजू बोलता है क्या हुआ । मैने क्या किया । मत रो अंटी देखेगी तो सोचेगी मेने रुलाया तुझे मत रो । रोहाना काजू को अपने कमरे में लेकर जाती है । और पहले खुद को समालती है । फिर बताई है की संगीता के साथ ऐसा हुआ है और उसका बॉयफ्रेंड उसके साथ ऐसा कर रहा है । हमे उसे बचना हैं । काजू बोलता है में जरूर करुगा तुम्हारी मदद । संगीता के बॉयफ्रेड को ऐसा नहीं करना चाई है । 

आगे की कहानी अगले पाठ में 

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