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Chapter 12 - Can we be Friends

संजू किचेन मे ब्रेकफास्ट बनाने जाती है ।सोचती हैं क्या बनाऊ।इंदर भी किचन मे आता है ।

 इंदर- क्या सोच रहे हो

 संजू-  सोच रहे हैं कि क्या बनाएं

इंदर- पोहा बना लीजिए।

संजू अब सोचने लगी । पोहा तो माँ बनाती थी। कैसे बनेगा।चलो मोबाइल से रेसिपी देखती हूं। इंदर-  इंदर क्या सोच रहे हो संजना जी बनाए पोहा ।

संजना -आप  तैयार हो जाये। जब तक मै पोहा और  काफी बनाकर लाती हूं।

इंदर- ओके

लेकिन इंदर संजना को किचन में काम करते हुए देखना चाहता है।वह सोचता है मुझे ऐसे ही वाइफ चाहिए थी।काश के ऊपर वाला करे इसका मन बदल जाएऔर ये तलाक ना ले।

सोचते हुए इंदर नहाने चला जाता है।इंदर तैयार होकर ब्रेकफास्ट की टेबल पर आ जाता है।

इंद्र मन में सोचता है।  क्यों ना मैं चुपचाप संजू को किचन में जाकर देखु कि वह किचन में कैसी लगती है ।

इंदर किचन के दरवाजे के पीछे छुप कर चुपचाप  देखता है।

 संजू येलो कलर का सूट कमर में दुपट्टा बांध जल्दी-जल्दी नाश्ता बना रही हैं  ये सब देख इन्दर को बहुत खुशी होती है कि मेरे लिए कोई है।संजना कॉफी और पोहा लेकर डाइनिंग टेबल की तरफ बढ़ती है तभी इंद्र जल्दी से डाइनिंग टेबल पर जाकर बैठ जाताहै।

संजू -इंद्रेश जी आप काफी देर से वेट कर रहे हैं नाश्ते का ।

इंद्र- हां काफी देर से।

बस ऑफिस के लिए लेट हो रहा है।

इन्दर अपनी घड़ी देखते हुए शब्द कहता है।

 संजना एक प्लेट नाश्ता अपने लिए एक प्लेट नाश्ता इंदर के लिए निकालते हैं।इंदर ने जैसे ही पोहे की चम्मच अपने मुंह में डाली तो उसके चेहरे का अजीब सा हो जाता है।

 संजू-   इंद्रेश जी क्या पोहा अच्छा नहीं लगा।

इंद्र- नहीं बहुत अच्छा बना है !!

मुश्किल से एक घूंट कॉफी और एक चम्मच पोहा  खत्म पर कर पाता है फिर अचानक से नक्श का फोन इंदर के फोन पर है इंदर तुरंत घबराया हुआ घर से निकल जाता है ।

इंदर्- संजना जी , मुझे जरूरी काम है आप  आज ऑफिस दूसरे गाड़ी स चले जाना ।

संजू- पता नहीं इतनी हड़बड़ी में क्यों गए।चलो मैं अपने ऑफिस के लिए तैयार होती हु । यह कहकर संजना अपने ऑफिस के लिए तैयार हो  जाती है।

तभी अचानक रिमी का फोन आता है।"हेलो रिमी काफी दिनों बाद फोन किया सब ठीक है ना ।

रिमी फोन पर -आप नहींआई।

 संजू- कहां ?

रिमी- हॉस्पिटल में!!

संजू  -  हॉस्पिटल?कौन है हॉस्पिटल में।

 रिमि  - वह इंदर जीजू आए थे तो मैंने सोचा आप नहीं आए।देबू भैया की टांग में फ्रैक्चर हो गया है। संजू- कौन सा हॉस्पिटल ?धरा हॉस्पिटल में?संजना दौड़ी दौड़ी आती है। 

संजू  - देबू के प्राइवेट वार्ड में एंटर करती है। देवू बेड पर् पैर फैलाए बैठा होता है। जिसकी लेफ्ट टाग  पर प्लास्टर् चढ़ा होता है उसी के पास  में रिमी नक्स और इंद्रेश खड़ा होता है ।

  संजू- क्या हुआ तुझे अब तूने अपने दीदी को बताना भी ठीक नहीं समझा..

संजना -इंद्रेश की तरफ देखते हुए इंद्रेश जी आपने मुझे नहीं बताया ।आप चुपचाप चले आए।

इंदर- मेरी बात तो सुनो।

देवु- दीदी मैंने ही मना किया था जीजू से।मेरे बारे में बताने के लिए।

  संजू- तू तो चुप ही रह । तूने मुझे पराया कर दिया बिल्कुल ।

देवू- ऐसा मत सोचिए दीदी । दीदी आप बहुत ज्यादा टेंशन ले लेते इसलिए आपको बताना ठीक नहीं समझा  ।

नक्ष- भाभी हम लोग क्रिकेट खेल रहे थे तभी देबू का पैर मुड़ गया। मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था। इसलिए मैंने सबसे पहले इंदर भैया को कॉल कर दी।

 इंद्रेश - आप लोग बात कीजिए मैं डॉक्टर से मिलकर आता हूं।संजना इन्दर के पीछे पीछे जाती है।

संजू- रुके मिस्टर इंद्रेश लाल जी।

इंदर चलते-चलते अचानक रुक जाता है।

संजू  आखिर क्यों दूर करने में जुटे हैं आप मेरी फैमिली को मुझसे ।क्यों दूर कर रहे हैं मेरे परिवार को मुझसे ।

इंदर - संजना जी वह मेरी भी फैमिली है।

संजु- नहीं है वह आपकी फैमिली ।

वह सिर्फ मेरी फैमिली है।यह मत भूलिए कि हमारी शादी एक समझौते वाली शादी है।

इंदर - शादी तो है।

 संजू- मै नहीं मानती । शादी की बेड़ियां मानती हूं।

 इंदर- आप गुस्से में  है संजना जी आप ऐसा कुछ मत बोलिए कि आपको बाद में अपनी कहे शब्दों पर पछतावा हो।

तभी पीछे से नर्स की आवाज आती हैं मिस्टर इंद्रेश जी देवेश के साथ कौन हैं इंदर और संजना साथ मे बोलते है "जी मै हु"।

नर्स-आप् देवेश को ले जा सकते हैं 1 वीक के बाद इनका प्लास्टर काट देंगे ।

संजू -ok 

संजू-चल् देवू तुझे घर छोड़ दु।

नक्श भाभी मेरे पास कार  है मैं छोड़ दूंगा देबू को घर ।

हां दीदी आपको ऑफिस जाने में लेट हो रहा होगा।

इंदर - ओके ।

नक्श्  - तू देवू को घर छोड़ दे मैं और संजना ऑफिस के लिए निकलते हैं ।

शाम के वक्त इंदर और संजू घर में इंटर होते हैं संजू गुस्से में ऊपर रूम में चली जाती है यह देख इधर कहता है गुस्सा तो नाक पर रहता है मैडम के।

कपड़े चेंज करके इंदर डाइनिंग टेबल पर आता है।  इंदर - एक तो मैडम ने महाराज जी को भी निकाल दिया और खाने के लिए भी नहीं है कुुछ। इंदर  किचन में जाता है ।वहाँ संजू पहले से ही फ्रिज खुले खड़ी है ।

इंदर लौट जाता है।

संजू - भूख लगी है । सुबह के पोहे रखे हैं खाएंगे। मैंने  तो चखे भी नहीं थे जल्दी में।

इंदर के मुंह से निकल जाता है।वो मीठे पोहे संजना क्या मीठे पोहे।? संजना चख् कर देखती हैं और अपना सर पकड़ कर कहते हैं कि मैंने जल्दी में इसमें नमक की जगह  पिसी चीनी डाल दी और इंद्रेश जी आप भी खाते चले गये।

इंदर- मैंने सोचा शायद तुम्हारे यहाँ पोहे मीठे ही बनते होंगे इतना सुनते ही दोनों हंस पड़तेहैं।

इंदर- एक बात बोलू आप गुस्सा तो नहीं करेंगी।आप हस्ते हुए बहुत प्यारी लगती है ।

संजना बात काटते हुए ।ok इन्द्रेशजी good night । संजू रूम मे सोने चली जाती है ।

इंदर-मुझे तुम्हारे thanx का इंतजार रहेगा हमेशा।

संजना दर से उठती है ।

वह daining table पर सैंडविच और कॉफी रखी देख कर हैरान् हो जाती है ।और इंदर कुर्सी पर बैठा संजू का wait कर रहा होता है ।संजू को देखकर कहता हैं ।जल्दी से निचे आजाइये संजनाजी सैंडविच बनाये है ।

संजू-आप् ने बनाये ।

इंदर- हम्म , मै बना लेता हु कुछ कुछ।

संजू- i am sorry जी मैने कल आपसे बहुत rudly बात की ।

इंदर- कोई बात नहीं।

  संजू -आपको बुरा नहीं लगा।

इंदर-  नहीं।

  संजू- क्या हम दोस्त बन सकते है।?

इंदर-   सोच लीजिये दोस्ती का उसूल है  कोई बात नहीं छिपानी है एक दुसरे से।

  संजू- मंजूर।