Chereads / एक दायरा ऐसा भी ?(BL in Hindi) / Chapter 14 - तुम्हारे बिना ये सफर अधूरा है (पार्ट 14)

Chapter 14 - तुम्हारे बिना ये सफर अधूरा है (पार्ट 14)

जियान ने चिढ़ कर कहा हां तो तुम मेरा हाथ बार बार क्यों पकड़ लेते हो मै अपनी रक्षा कर सकता हूं एक योद्धा के लिए दुसरे का सहारा लेना कितनी शर्म की बात होगी।

सोवी ने जियान का हाथ छोड़ दिया । लेकिन वाकई में उन दोनो का पीछा कोई काफी देर से कर रहा था वो दोनो जंगल के बीचोबीच में थे कुछ भी हो सकता था ।

जियान और सोवी बिना पीछे देखे बिना डरे चले जा रहे थे ,जियान को भी अब महसूस हो रहा था कि कोई उन दोनो का पीछा कर रहा है ,लेकिन इस सुनसान जंगल में आने की हिम्मत कौन कर सकता है ?आहट और तेज हो गई । जियान और सोवी ने जब मुड़ कर देखा तो पीछे कुछ भी नहीं था ,तो वो आहट किसकी थी ?कुछ तो गड़बड़ है जियान और सोवी दोनो ये बात समझ चुके थे ।

अचानक से कोई चीज़ बहुत तेज हवा की तरह उन दोनो के बीच से निकल गईं जिसे जियान और सोवी दोनो ने महसूस किया । यहां कोई तो है हमारे आस पास जियान ने कहा "वो दोनो चलते गए तभी जियान और सोवी की तरफ़ एक नीली मायावी रोशनी बढ़ रही थी ,जियान ने उस नीली रोशनी के मार से सोवी को बचाया । जियान ने चिल्लाते हुए जो कोई भी हम पर छिप कर हमला कर रहा है वो सामने आएं !ऐसे कायरो की तरह लड़ना एक योद्धा को शोभा नहीं देता है ।

तभी एक काले पोशाक से पूरी तरह ढकी हुई लड़की ने जियान के सामने से हमला कर दिया। जियान के लिए ये सब मामूली था वो एक योद्धा था जिसका मुकाबला कोई नहीं कर सकता था । वो लड़की चोटिल होकर वही गिर पड़ी । जियान ने जैसे ही फिरसे वार करना चाहा।

नही जियान रुक जाओ ! वो कोई अपराधी नही है, तुम उसे ऐसे नही मार सकते हो! उसे बोलने का मौका दो!

जियान ने गुस्से में कहा!... अब क्या हुआ ?तुमने देखा न इसने कैसे हमला किया था । अगर ये अपराधी नही है तो हमारा पीछा क्यों कर रही है और हम पर तिलिस्मि हमला क्यों कर रही है?

सोवी ने कहा" ये जो कोई भी हमें नुकसान नहीं पहुंचाना चाहती है वरना इतनी दूर हमारा पीछा कर रही थी ये चाहती तो हम पर पीछे से हमला कर सकती थी, जरूर इसे हमसे कुछ चाहिए । सोवी के समझाने पर जियान रुक गया और उस घायल लड़की को देखने लगा और बोला "तुम्हे हमसे क्या चाहिए? और इस तरह पीछा करने की क्या जरूरत थी! बेवजह मैंने तुम्हे चोट पहुंचा दी और तुम इस तरह मुंह क्यों छिपाए हो कोई चोर हो क्या?

लड़की चेहरे से कपड़ा हटाते हुए बोली मुझे तुमसे कुछ नही चाहिएं सोवी मास्टर से चाहिए।

सोवी उस लङकी का चेहरा देखकर चौंक गया और उसके पास जाकर बोला तुम वही हो जिसकी कल मैंने सहायता की थी ,तुम्हारे साथ एक बूढ़ी मां भी थी। हाँ मुझे याद आया तुम वही हो!

लड़की ने कहा हां मैं वही हूं !सोवी ने उस लङकी को उठने के लिए हाथ दिया और कहा "मोहतरमा आपको कोई सहायता चाहिए थी तो मुझे उसी समय बोल देती। उस लङकी ने जैसे ही सोवी का हाथ पकड़ने के लिए अपना हाथ आगे किया वैसे ही जियान ने सोवी का हाथ खींच कर पीछे कर दिया,,,, और अजीब लहजे में बोला बस भी करो !वो इतनी भी घायल नही हुई है की तुम्हे सहारा देना पड़े. और ये युद्ध कला में निपुण लगती हैं इतनी जल्दी कमजोर नहीं होगी। तुम खुद भी उठ सकती हो जियान ने उसे घूरते हुए कहा।

(जियान का ऐसा बरताव कुछ और नही था बल्कि वो भावनाएं थी जिससे जियान अभी तक अनजान था)

सोवी को भी समझ नहीं आया की जियान को अचानक से क्या हों गया?

वो लङकी ख़ुद उठ गईं उसको जियान के वार से काफी चोट लगी हुई थी वो तीनो वही झरने के पास बैठ गए सोवी ने उस लङकी को पानी लाकर दिया थोड़ा आराम मिलने के बाद सोवी ने कहा कहिए तुम्हे मुझसे क्या चाहिएं।

मेरा नाम शिन जुई है और मेरा कबीला अब एक शमशान घाट बन चुका है बस कुछ चंद लोग ही जीवित बचे हैं मेरे काबिले के कुलप्रमुख का आखिरी वंशज मात्र 8 साल का है जिसे लावोमेन कबीले ने अगवा कर लिया है उसे अगवा करने के लिए उन हैवानों ने मेरे कबीले में कतले आम कर दिया !मै अपने कबीले की सेनापति हू मेरा कर्तव्य है की मै अपने कबीले के कुल प्रमुख के वंशज को वापस लाऊ, और कबीले की फिर से पुनर्स्थापना करू । मैने लावोमेंन कबीले के सिपाहियो के मुह से स्वान कबीले पर हमले के विषय में सुन लिया था ,इसलिए मैं स्वान कबीले गई वहा के कुलप्रमुख से मिली ,तब उन्होने मुझे बताया कि की स्वान कबीले की प्राचीन पुस्तक चोरी हुई है ,और उसी पुस्तक को जीवित करने के लिए हमारे राजकुमार की बलि देगे ,वो लोग !आपके पिता ने मुझे आपके साथ सफर के लिए भेजा है हम दोनो का मकसद एक है मै बहुत दूर से आपका पीछा करते हुए आई लेकिन कल आप जब मिले तो ,वहा लावोमेंन के सिपाही मौजूद थे इसलिए मै कुछ बोल नही पाई वो लङकी रोते हुए से बोल रही थी।

सोवी ने कहा "धैर्य रखो शिन जुई तुम्हारे कबीले के राजकुमार को कुछ नही होगा हम उसे बचा लेंगे। अन्याय का जीवन बहुत बड़ा नही होता है निश्चित ही हम विजयी होगे!

जियान वही पास के पत्थर पर बैठा इन दोनों की बाते सुन रहा था चिल्लाते हुऐ सोवी से बोला तुम मुझसे तो कभी इतनी नरमी से बात नही करते हो? मुझे लगता हैं तुम बस मुझे ही सजाये देना जानते हो!

शिन जुई ने जियान को जवाब देते हुए कहा" तुम क्या अपना मुंह बंद नहीं कर सकते हो?

जियान ने जवाब दिया_तुमको मरना है क्या? जो मुझसे बहस कर रही हो?

शिन जुई ने कहा शक्ल से खूबसूरत हो लेकिन काश सोच भी उतनी बेहतर होती!

जियान ने कहा तुम्हारी तो शक्ल भी अच्छी नही है।

जियान और शिन जुई आपस में लड़े जा रहे थे , और सोवी उनके बीच फंस कर रह गया था!

सोवी ने बहुत ही शान्त होकर दोनो से चुप रहने के लिए कहा" हमें अब चलना चाहिए, अब सफर में हम दो नही बल्कि तीन लोग होगे। हमे एक दूसरे से बहस नही, बल्कि एक दूसरे का ध्यान रखना चाहिए!

शिन जुई _ ने कहा "दो नही मास्टर हम पांच होते स्वान कबीले से आपके दो शिष्य जो अध्यात्म शक्ति मे पक्के हो चुके थे उनको आपके पिता ने मेरे सहायता के लिए भेजा था लेकिन वो रास्ते में कहीं बिछड़ गए हैं वरना हम पांच होते।

जियान फिर बीच में टपक कर बोला ये क्या तुमने मास्टर मास्टर लगा रखा है उसका नाम है, तुम तो बुजुर्ग दिखती हो इसको नाम से बुलाया करो।

सोवी ने जियान की तरफ़ देखा जियान समझ गया वो ज्यादा ही बोल गया।

शिन जुई _ ने कहा "हम मास्टर उसे बोल सकते है जो हमारा शुभ चिंतक होता है बेवकूफ! तुम्हे इतना भी नही पता।

इन दोनों की बंदर बिल्ली की लड़ाई फिर से शुरु हो गई थी ।

सोवी ने कहा शिन जुई तुम्हारे मुंह से खून निकल रहा है सामने पानी है मुंह धुल कर आओ फिर हम चलते हैं।

जियान ने कहा "जल्दी साफ करो मुझे घिन आता है खून से।

शिन जुई जवाब देती हैं "कैसे योद्धा हो तुम खून से घिन आता है तुम्हे।

जियान मुह घुमा कर बोला "मुझे सच में घिन लगता है।

शिन जुई ने सोवी से कहा मास्टर सोवी मैं अभी मुंह साफ करके आती हूं शिन जुई ये बोल कर पास के झरने से मुंह धुलने चली गईं।

जियान ने चिल्लाते हुए सोवी से कहा "वो तुम्हे इतनी ही पसंद है तो तुम उसी के साथ सफर पूरा करो मेरी क्या जरूरत है? तो इसलिए कल तुम्हे इतनी देर लग गईं थीं ? इतने नरमी से कभी तुमने मुझसे बात की है भला । खुद को समझते क्या हो तुम? जियान गुस्से में बोला। लेकिन सोवी को समझ ही नहीं आ रहा था कि जियान कहना क्या चाहता है?

सोवी ने एक बार फिर जियान के सर पर हाथ फेरते हुए बोला तुम्हारे बिना मेरा सफर अधूरा रहेगा । इस सफर के मायने अधूरे हैं तुम्हारे बिना!

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