जियान आह भरते हुए कहा "बस बस हाथ दूर रखो अपना । तुम्हारा ये जो दोगला चेहरा मुझे पता है , जियान कही न कही शिनजुइ के आ जाने से गुस्सा था मगर बात तो ये थी कि वो कैसे, और क्यों बात कर रहा था। वास्तव उसे पता ही नही चला था कि वो कब सोवी के लिए भावनाएं रखने लगा था बस उसे अहसास नही था।
शर्म नहीं आती तुम्हे अपने गुरु से ऐसे कौन बात करता है। शिन जुई पीछे से आकर बोली । शिन जुई को देखते ही जियान और गुस्सा होने लगा।
जियान गहरी सांस के साथ कहा _ये मेरा गुरु नही है और न हीं मैं सोवी का विधार्थी हूं। शिन जुई तपाक से बोली तो कौन हो ?
सोवी_ ने कहा "शांत हो जाओ दोनो लोग ,और वह शिन जुई की तरफ़ मुड़ कर बोला जियान मेरा दोस्त है ।
शिन जुई, सोवी की बात सुन कर चुप हो गई थी फिर
सोवी कहता है_हमे अब चलना चाहिए । तीनो अब साथ साथ आगे का रास्ता तय करने लगे , जियान का मुंह अभी भी बना हुआ था, लेकिन उसके पास वजह नही थी की वो गुस्सा क्यों कर रहा है? आज तक सोवी बस जियान को को ही संभालता था अब शिन जुई के आ जानें से उसे अच्छा महसूस नहीं हो रहा था वह खुद से बोला मै ऐसा क्यों कर रहा हूं ?क्या मैं सच में सोवी को दोस्त मानने लगा हूं ?
ओह नहीं नही ये खडूस मेरा दोस्त नहीं हो सकता है मै आख़िर इतना क्यों परेशान हो रहा हूं।
तुम खुद से बड़बड़ाते हो क्या शिन जुई बड़ी तेजी से बोली और हसने लगी।
जियान_ ने गुस्से में कहा "चुप हो जाओ अगर जिंदा रहना है तो! वो तीनो शांति से आगे चलने लगे । सोवी को समझ नहीं आ रहा था जियान का बरताव ऐसा क्यों हो गया है? लेकिन वो जानता था जियान का स्वाभाव गुस्सैल है, हो सकता हूं वो इसलिए ऐसा कर रहा हो।
चौथी पहाड़ी खतम होने वाली थी पहाड़ी के उस पार एक गुफा के रास्ते से होकर जाना था मसला ये था की रात होने वाली थी गुफा को पार करे या फिर रात भर वही रुकना था ।
क्या हुआ मास्टर हम रुक क्यों गए शिन जुई ने कहा ।
तुम लोग मेरी बात को ध्यान से सुनो हमारे पास दो रास्ते है या फिर हम रात भर जंगल में रुके या फिर गुफा को पार करे जंगल में रुकेंगे तो भी खतरा है और अगर गुफा को पार करना है तो हमें नहीं पता रास्ता कितना लंबा हो। गुफा कितनी दूर तक है रात में गुफा से पार होना मतलब और खतरा हो सकता है। अब तुम दोनो बताओ सोवी का सवाल सुन कर शिन जुई बोली "मास्टर हमे यही रुकना चाहिएं कल सुबह से गुफा को पार करेगे । वरना अगर गुफा अधिक लम्बी हुई तो हम खतरे में पड़ सकते हैं!
जियान ने कहा_हा तुम जैसी कायर के लिए यही सही रहेगा !
और तुम जैसे बेवकूफ के लिए भी सही रहेगा शिन जुई पीछे से तुरंत बोली । सोवी वही बैठ गया वह दोनो की बात सुन कर सोच रहा था दोनो बच्चो की तरह है । उन दोनों में धैर्य नाम की चीज नहीं है उन्हें ये भि पता नहीं है कि ये समय लड़ने का नही है!
शिन जुई ने कहा_मास्टर देखो न इसे ये हर बात पर मुझे बोलता है।
जियान जोर से हस्ते हुए बोला की किस मास्टर से बोल रही हो जिससे मैं जरा भी नही डरता हूं समझी । बेहतर होगा तुम उससे मेरी शिकायत करो जिससे मै डरता हूँ लेकिन अफसोस मै इस दुनिया में किसी भी इंसान से नही डरता हूँ!
सोवी ने कहा_चुप हो जाओ दोनो लोग, और मुझे लगता है की यही रुकना सही रहेगा । तुम दोनो यही बैठो ,मैं कुछ लकड़ियों का इंतजाम करके लाता हूं आग जलाने के लिए। ताकि यही रुक रात गुजारी जा सके!
शिन जुई मुस्कुराते हुए बोली_रुको मास्टर मैं भी आपकी सहायता के लिए चलती हूं, मुझे इस बेवकूफ के साथ नही रहना वो जियान को छेड़ते हुए बोली।
जियान_ने तेजी से कहा "तुम क्यो जाओगी? मतलब वो अकेला भी कर सकता है ।
सोवी ने दोनो की बात को काटते हुए कहा शान्त हो जाओ हम तीनो लकड़ियों का इंतजाम करते है, थोडी देर में ही तीनो ने रात भर के लकड़ी जलाने का इंतजाम कर लिया वही आग जलाने के लिए लकड़ियों को रख दिया ।
शिन जुई ने कहा मास्टर लेकिन आग जलेगी कैसे ?
जियान बोला_रुको मै करता हूं जियान को अग्नि नियंत्रित करने का मंत्र पता था उसने तुरंत ही लकड़ी जला दी।
शिन जुई _मास्टर आपको भी अग्नि नियंत्रित करने का मंत्र तो नही पता होगा? क्युकि ये तो काला जादू है!
सोवी ने जवाब दिया,,नही अग्नि नियंत्रित मंत्र हमारे अंदर क्रोध को बढ़ाता है ,स्वान कबीले में ऐसे मंत्र सीखना वर्जित है। और यही वजह थी कि जियान को गुस्सा बहुत आता था वो ख़ुद को गुस्से में नियंत्रित नहीं कर पाता था!
शिन जुई ने तुरंत जवाब दिया_हा और आपने ये भी कहा था ये मंत्र सीखने वालो का ख़ुद पर नियंत्रण नहीं रह जाता है।
जियान वही बैठा था शिन जुई की बात सुन कर तुरंत बोला क्या! क्या कहा तुमने ? क्या सोवी ने तुमसे ऐसा कहा ? लेकिन कब? क्या तुम लोग पहले मिल चुके हो? ओह इसलिए तुम्हारे मास्टर तुमसे इतनी नरमी से पेश आते वह यकायक खुद से बोले जा रहा था।
सोवी को नही पता था कि वो शिन जुई से कब ऐसा बोला, क्युकी ये तो उनकी पहली मुलाकात थी, उसने जियान से बड़ी नम्रता से कहा जियान शांत रहो। शिन जुई क्या वाकई में हम कभी मिले है क्युकी मै लोगो को जल्दी नहीं भूलता लेकिन तुम तो पहली बार मिली हो।
शिन जुई_ ने बताया " गुरु जी ये हमारी पहली मुलाकात नहीं है मेरे पिता जी लोहे के कारीगर थे जब मैं 8 साल की थी तब वो स्वान कबीले में कारीगरी करते थे, उन्होने मुझे स्वान कबीले में शिक्षा लेने के लिए छोड़ दिया था और तब आप 16 साल के थे, आप तब भी उतने ही ज्ञानी थे अपने उस समय मुझे बहुत कुछ सिखाया था मुझे हल्का हल्का सा याद है अपने मुझे युद्ध कला की दुनियां के बहुत से पैंतरे सिखाए थे !कुछ समय बाद मुझे स्वान कबीले से जाना पड़ा था लेकिन मुझे वो सब याद है जो अपने मुझे सिखाया था, आप सिर्फ कहने के लिए मास्टर नही है आप वास्तव में मेरे गुरु है ,,मैंने अपने पूरे जीवन में सिर्फ आपको ही गुरु माना है शिन जुई की आंखों से आंसू निकल रहे थे । उसे दुख हो रहा था ये बताते हुए कि उसके मास्टर उसे भूल चुके है!
सोवी ने कहा "हां मुझे याद आया मैं तुमको जुई बुलाता था ,और फिर सौवी ने शिन जुई को रोते देख कर कहा रोते नही है बच्चे, ये,तो खुशी की बात है । मुझे गर्व है तुम पर ।
जियान जो वही बैठा था उसके चहरे का रंग उड़ गया था एक तो वो पहले से ही शिन जुई से चिढ़ता था अब ये सुन कर की शिन जुई सोवी की शिष्य है वो और गुस्सा हो गया था। ओह तो ये सोवी की शिष्य है! तभी ये इतना अधिक बोलती है, लेकिन मुझे बुरा क्यों लग रहा है?