Chereads / एक दायरा ऐसा भी ?(BL in Hindi) / Chapter 11 - मै तुम्हे कुछ नहीं होने दूंगा।(part 11)

Chapter 11 - मै तुम्हे कुछ नहीं होने दूंगा।(part 11)

जियान की हालत काफी खराब हो चुकी थी जहर की वजह से उसे बहुत तेज बुखार था और ज्यादा चलने की वजह से उसके पैर में बहुत दर्द था । सोवी ने जियान को सहारा दिया हुआ था काफी देर बाद सोवी को ठहरने के लिए एक सराय मिल गया। सोवी ने जियान को ले जाकर लिटा दिया जियान को पूरा होश नहीं था वह सोवी से बोला तुम कही मत जाना।

सोवी कहता है "घबराओ मत मै हूं न। मै तुम्हे कुछ नहीं होने दूंगा ।बस तुम आंख बंद करके लेटो ।

जियान आंख बंद करके लेट गया वहा बहुत दर्द में था जहर चढ़ता ही जा रहा था सोवी जल्दी से जाकर पास के वैध को बुला लाया । वैध ने आकर जियान को दिखा ।

वैध ने सोवी से कहा "जहर काफी असर कर गया है लेकिन ठीक हो जाएगा ,मैने कुछ दवाइयां दी है तुम इसे खिला देना!

सोवी ने जल्दी से जियान को दवाई दी! जियान को इतने परेशानी में देख कर सोवी को बहुत दुख हो रहा था वो चाह रहा था कि अपनी अध्यात्म शक्ति का प्रयोग करके वह जियान को ठीक कर दे लेकिन वो ऐसा नहीं करना चाहता था वो बस जियान के करीब बैठ गया और जियान का हाथ पकड़ कर कुछ मंत्र पढ़ने लगा ताकि जियान को आराम मिल जाय ।

जियान ने बड़ी मुश्किल से सोवी से कहा तुम भी आराम कर लो तुम भी थक गए होगे, मुझे अब आराम महसूस हो रहा है! हालांकि जियान अब भी बहुत पीड़ा मे था!

सोवी जियान को बोलते देख कर सब कुछ भूल गया वो बहुत तेज़ी में बोला। जियान तुम ठीक तो होना? कही दर्द तो नहीं है? बताओ मुझे । तुम्हारा पैर दर्द कर रहा था न?

जियान ने धीरे से कहा" अरे मै ठीक हूं इतना परेशान मत हो।

सोवी ने कहा आंख बन्द करके सो जाओ ।

जियान को थोड़ा थोड़ा दवाई से आराम मिला तो उसे नींद आ गई ओर वो सो गया । सोवी जियान के पास बैठा रहा फिर जब उसने देखा कि जियान पूरा सो चुका है तब वह उठ कर जियान के पैर के पास गया , उसके पैरो में काफी सुजन थी, उसे याद आया कि जियान ने उससे कहा था ,की उसके पैरो में बहुत दर्द है इसलिए जियान के सोने के बाद सोवी ने बहुत हल्के हाथो से जियान के पैर को दबाया । जियान भी एक राजकुमार था इतना चलने के बाद उसके पैरो में छाले आ चुके थे सोवी , जियान की हालत से बहुत द्रवित था । वो बस जियान को जल्दी ठीक देखना चाहता था पैर दबाने के बाद सोवी ने फिर जियान के माथे पर हाथ रख कर देखा बुखार और जहर दोनो का असर कम हो चुका था । वो वही जियान के पास बैठ गया और उसके सर पर अपना हाथ फेरने लगा । तभी सोवी को याद आया जियान को भूख लगी थीं। वो जल्दी जल्दी बाहर कुछ लेने के लिए गया ।जियान के उठने से पहले वापस आना चाहता था इसलिए सोवी ने जल्दी से खाने की चीज ली और फौरन वापस आ गया वापस आकर उसने देखा तो जियान अभी भी सो रहा था । सोवी एक बार फिर जियान के पास बैठ गया । बैठे बैठे आधी रात निकल चुकी थी । सोवी ने फिर जियान के माथे पर हाथ रख कर देखा बुखार अब बिलकुल भी नही था और जहर का नीलापन भी कम हो गया था ।

सोवी ने जियान के सर पर हाथ फेरते हुए ,कहा बुखार नही है अब तुम जल्दी ठीक हो जाओगे जियान !,,,और फिर उसने कहा कितने बेवकूफ हो तुम मैने कहा था सफर में बहुत चुनौती है, मत आओ मेरे साथ "लेकिन तुम किसी की सुनते ही नहीं हो ।

हां क्युकी मै तुमसे डरता नहीं हूं जियान ने अचानक से कहा ।

सोवी ने देखा जियान जग रहा वो बोला तुम जग रहे थे तो बोले क्यों नहीं! मै कितनी देर से अकेले ही बात कर रहा हूँ!

जियान ने कहा "तुम जब खुद से बात कर रहे थे तभी मेरी नींद खुली! जियान ने उठने की कोशिश कि तो सोवी ने कहा"लेटे रहो तुम्हे आराम की जरुरत है।

जियान हँसते हुए कहता है _तुमसे जब मैं बात करता हूं तब तो तुम शांत रहते हो ,लेकिन जब मैं सोया रहता हूं उस समय तुम मुझसे बात करते हो ,कितना अजीब है न? वह बच्चो की तरह मुंह बनाते हुए बोला।

सोवी ने कहा तुम्हे भूख लगी होगी?

जियान बोलता है "बहुत ज्यादा ।

सोवी _ ने कहा मै तुम्हारे लिए भूने हुए अखरोट लाया हूं तुम्हे पसंद है न ,यह कहते हुए सोवी ने अखरोट जियान की तरफ़ बढ़ाया ।

जियान अखरोट देख कर जल्दी से उठ कर बैठ गया और हाथ जल्दी से आगे कर दिया ।

सोवी ने कहा "रुको मै तुम्हे खिलाता हूं।

जियान_ ये सुन स्तब्ध था, वो हैरान था, उसे यकीन ही नही हुआ था कि सोवी ऐसा कुछ बोलेगा ,वह हड़बड़ाते हुए बोला क्या, क्या कहा तुमने अभी?

सोवी ने फिर कहा "रुको मै तुमको खिलाता हूं।

जियान_ मतलब स्वान कबीले के होने वाले कुल प्रमुख, जो कभी किसी विधार्थी को छूते भी नही ,जिसके लिए वो दूर दूर तक मशहूर है वो मुझे अपने हाथो से खिलाएंगे ?

सोवी_ बहुत धीरे से बोल पाया हां

जियान यह सुन कर हंस दिया और जियान को पहले जैसा हंसता हुआ देख कर सोवी को अब राहत मिला ।वो जियान की हंसी को निहारे जा रहा था। कितना सुंदर और मनमोहक दृश्य होता है जब हम अपने मनपसंद इंसान को हँसता हुआ देखते है!

जियान मुंह बनाते हुए बोला अब तुम घूर क्यो रहे हो?

सोवी ने कहा "तुम्हारी मुस्कुराहट बहुत प्यारी है।

"हा मुझे पता है वो हंसते हुए बोला ।

सोवी ने कहा "लो अखरोट खाओ और उसने बहुत अच्छे से जियान को अखरोट खिलाया जियान को भी पसन्द आ रहा था कि कोई उसे इतना संभाल रहा है । जियान ने कहा तुम नहीं खाओगे।

सोवी_ कुछ नहीं बोला बस चुप था और जियान को खिलाए जा रहा था ,अखरोट खिलाने के बाद उसने जियान से कहा अभी तुम सो जाओ सुबह तक और आराम मिल जायेगा ।

जियान फिर लेट गया उसे अभी भी भारीपन महसूस हो रहा था।

सोवी भी जियान के पास ही बैठ गया।

जियान ने चिढ़ते हुए कहा अब मैं ठीक हूं तुम भी सो जाओ मै अपना खयाल रख सकता हूं।

सोवी ने कहा कि बेहोशी की हालत में तुमने कहा था मेरे पास रहो ।

जियान ने घबराते हुए कहा "_क्या! नही !ये नही हो सकता , उसकी बात सुन कर सोवी फिर चुप हो गया!

जियान कहता है_तुम्हे यही बैठना है तो यही बैठो मुझे क्या है ?। जियान यह बोल कर सो गया !जियान के सोने के बाद सोवी ने फिर जियान का हाथ पकड़ा और बैठे बैठे वही सो गया, और ऐसे दोनो की रात गुजर गई। ओर सुबह जियान की आंख खुली तो उसने देखा रोज की तरह आज भी सोवी ध्यान मुद्रा में आंख बंद किए हुए बैठ कर अध्यात्म शक्ति को संतुलित कर रहा था।

जियान वही लेटे हुए सोवी को देख रहा था जियान सोच रहा था सोवी इतना दिखने में अच्छा है, फिर भी इतना सादगी में रहता है और मेरी इतनी परवाह वो करता है इतनी तो वो खुद की भी नही करता है ,अब हम दोस्त है इसलिए वो मेरी परवाह ज्यादा करने लगा है ,जियान उसे देखते हुए सोचे जा रहा था।

जियान अभी भी नहीं समझ पाया था की सोवी का परवाह करना कुछ और ही था।

सोवी ने आंख खोल कर देखा तो जियान उसे ही देख रहा था। वो जल्दी से उठ कर जियान के पास आया और उसके माथे पर हाथ रखते हुए बोला अभी बुखार नही है।

जियान ने कहा "_क्या मै तुम्हारे चेहरे को छू सकता हूं? जियान ने अचानक से बिना कुछ सोचे समझे बोल दिया । क्युकि उसे सोवी बहुत सुंदर दिख रहा था इसलिए वो उसे छूना चाहता था!

सोवी अचानक से जियान के मुंह से ये सुन कर उसे हैरानी से देखने लगा। वो घबरा गया! उसे समझ नही आया कि जियान ने उसे अचानक छूने के लिए क्यों कहा?

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