स्वान में काली आत्माएं प्रवेश कर चुकी थी ये खबर सुनते ही स्वान के योद्धाओं ने युद्ध के लिए तैयारी कर ली। स्वान कबीला आध्यात्म शक्ति से भरा था सभी प्रवेश द्वार की तरफ चलने के लिए तैयार हो गए ।
जियान,,,, एक योद्धा था उसकी गलती की वजह से ही काली आत्माएं कबीले में प्रवेश कर चुकी थी वो जोर से पिता गुरु व पुरखों से बोला कुल प्रमुख ये मेरी गलती के कारण हुआ है! मै इस युद्ध में शामिल होना चाहता हूं स्वान के रक्षा के पश्चात आप जो सजा मुझे देगे वो मुझे मंजूर होगा ।
चुकी जियान एक योद्धा था उसकी आजमाइश पहले ही हो चुकी थी कुल प्रमुख भी जानते थे जियान के जैसा योद्धा दूसरा कोई नहीं स्वान कबीले की रक्षा अधिक जरूरी थी कुल प्रमुख ने मिल कर निर्णय लिया की जियान को सजा बाद में पहले स्वान कबीले की रक्षा आवश्यक है।
कुल प्रमुख ने कहा_स्वान कबीले की परिस्थिति के अनुसार जियान तुम सही कह रहे हो हम तुम्हे स्वान कबीले की रक्षा करने की अनुमति देते है।
जियान,,,_ निश्चिंत रहिए गुरु जी मै योद्धा जियान स्वान की रक्षा अंतिम समय तक करुगा।
सोवी,,, वही खड़ा सब सुन रहा था जियान को युद्ध में शमिल होने की बात पर वह बोला ,, नही जियान तुम काली आत्माओं से युद्ध करने नही जाओगे पहले तुमने नियम तोड़ा है उसकी सजा पूरी करो ।सोवी चाहता था जियान किसी भी तरह उस काली आत्माओ के सामने न आए ।
जियान ,,,,, उसे चिढ़ाते हुए बोला तुम कुल प्रमुख के आदेश से अधिक जरूरी नहीं हो। और मै तुम्हारी बात क्यों मानू?
सोवी जानता था कि उसकी बात नही मानने वाला है, जियान अच्छा योद्धा है यही सोच कर सोवी ने ज्यादा बहस नहीं किया ।
सभी प्रवेश द्वार के तरफ आने लगे वहा काली आत्माएं प्रवेश करके तबाही मचा रही थी लोगो की जाने ले रही थी ! हर तरफ चीख सुनाई दे रही थी बहुत ही डर का माहौल था!
जियान और सोवी आध्यात्म शक्ति में निपुण थे उन्होंने काली आत्माओं का सामना करना शुरू किया लेकिन किसी भी आत्मा का वार सोवी जियान की तरफ नही जाने दे रहा था इस प्रकार सोवी अधिक घायल हो जाता है जियान भी ये देख
रहा था
और कुल प्रमुख, पिता गुरु सभी सोवी को देख रहे थे
सोवी को किसी की फिक्र नहीं थी वो बस जियान को कुछ नही होने देना चाहता था । सोवी बहुत चोटिल हो चुका था।
तभी एक रक्षक सिपाही ने आकर कुल प्रमुख से कहा !कुल प्रमुख प्राचीन पुस्तकालय से किसी काले साए जैसे दिखने वाले दल ने स्वान की पवित्र पुस्तकों को चुरा लिया है हम उन्हे रोकने में नाकामयाब रहे।
कुल प्रमुख और अन्य गुरुओं के चेहरे पर एक चिंता का भाव नजर आ रहा था!
सोवी ने सभी का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा! इसका मतलब प्रवेश द्वार पर काली आत्माओं का प्रवेश एक मोहरा था ! हमारा ध्यान भटकाने के लिए था वास्तव में ये आत्माए स्वान कबीले की प्राचीन पुस्तक चोरी करना चाहतीं थी! सोवी यह कहते कहते वही गिर पड़ा क्युकि वो बहुत घायल हो चुका था!
आत्माएं भी वापस जा चुकी थी जैसी उन्हे किसी ने वापस जाने का आदेश दिया हो ।
जियान ने सोवी को सहारा दिया और कमरे में लाकर लिटा दिया।कुल प्रमुख वही थे सोवी को बेहोश देख कर चिंतित थे क्योंकि सोवी आने वाले समय में स्वान कबीले का कुल प्रमुख बनने वाला था उसे कुछ हो जाता तो कबीले को उसका वारिस नही मिलता और सोवी जैसा योग्य कुल प्रमुख को खोने का डर था जियान को भी सोवी की चिंता हो रही थी। चिकित्सक को इलाज के लिए बुलाया गया।
चिकित्सक इलाज के लिए आए तो जियान ने उत्सुकता से पूछा क्या सोवी को ज्यादा चोट लगी है मतलब क्या उसे दर्द हो रहा होगा? ये पहली बार था जब जियान थोड़ा सा सोवी के लिए फिक्रमंद था।
जियान ने कुल प्रमुख से कहा, गुरु जी वो प्राचीन पुस्तक ही क्यो लेकर गए क्या वो पुस्तक स्वान कबीले के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।
कुल प्रमुख ने गंभीरता से कहा वो पुस्तक आध्यात्म ऊर्जा से भरी हुई उसका प्रयोग करके कोई भी आध्यात्मिक शक्ति का मालिक बन सकता है उसके गलत इस्तेमाल से सब कुछ खत्म किया जा सकता है वो पुस्तक हमारे पुरखों ने रचा था स्वान कबीले की रक्षा वास्तव में उसी से होती है ,,वो प्राचीन पुस्तक हमारी विरासत है हम सदियों से उस पुस्तक की रक्षा करते है हम नैतिकता का पालन करते हैं इसलिए वो पुस्तक हमे सकारात्मक ऊर्जा देती है।
लेकिन उसका गलत प्रयोग करके सब कुछ खत्म किया जा सकता है।
जियान ने कहा लेकिन गुरु जी वो पुस्तक आखिर कौन ले सकता है।
कुल प्रमुख ,,,, जियान का जवाब न देते हुए बोले हमे रक्षक दल तैयार करना है सोवी के होश में आने के पश्चात हमे पुस्तक वापस लेना ही होगा वो इतना कह कर चले जाते है ।
जियान ने चिकित्सक से कहा सोवी को कब तक होश आ सकता है?
चिकित्सक ,,, राजकुमार आप निश्चिंत रहिए चिकित्सक इतना बोल कर वहा से चले जाते है क्योंकि उन्हे कुछ जड़ी बूटियों का प्रबंधन करना है।
कबीले में मौजूद अन्य छात्र भी डरे हुए थे लेकिन योद्धा की तरह उन्होंने भी आत्माओं का सामना किया था वो बस सोवी गुरु के होश में आने की प्रार्थना कर रहे थे।
जियान ने सोवी के सेवक से कहा तुम जा सकते हो मैं सोवी के पास हू ।
चुकी सेवक राजकुमार को मना नही कर सका वो चला गया
जियान वही सोवी के पास बैठा रहा वो बस सोच रहा था आखिर क्यों सोवी उसे इतना बचाता है?
क्यों हर वार सोवी ने अपने ऊपर लिया और जियान को कुछ भी नहीं होने दिया! ये तो हमेशा सबके साथ बहुत कठोरता से व्यवहार करता है लेकिन मेरे साथ सोवी का बर्ताव इतना अलग क्यों होता है!
रात को ११ बजे यानि ३ घंटे के पश्चात साेवी को होश आ गया उसने जियान को अपने पास बैठे देखा।
जियान__ने तल्खी भरे लहजे में कहा! क्या ?ऐसे क्यों देख रहे हो मै तुम्हारा विद्यार्थी नही हू जो तुम्हारे पास बैठने से डरते हैं ? वैसे कैसा महसूस हो रहा है? जियान ने यकायक बहुत सारे सवाल कर लिए थे।
सोवी ने कहा तुम यहा क्या कर रहे हो?
जियान कहता है " मै तुमसे डरता हूं क्या जो यहां नहीं रुक सकता ।
सोवी न कहा "मैं अब ठीक हूं। बाकी सब सुरक्षित है न?
जियान जोर से कहता है"सब सुरक्षित है आखिर मै किसलिए था फिर वह हंस दिया।
सोवी_ ने कहा,, जियान तुम योद्धा हो लेकिन तुम्हे खुद की फिक्र करनी चाहिए ।
जियान उसका मजाक बनाते हुए कहता है "एक योद्धा के लिए युद्ध मे जीत से बढ़ कुछ भी नहीं होता है ,मै अपने सामने बुराई को जीतते हुए नही देख सकता था मैं जब तक जिंदा हूं नैतिकता को ही सर्वोपरि रखूगा।
आज पहली बार जियान सोवी के सामने इतना गभीर होकर बात कर रहा था। फिर जियान ने कहा सोवी तुमने ऐसा क्यो किया?
सोवी ने पूछा कैसा?
जियान बोला " मुझ पर हुए वार को खुद पर लेने की क्या जरूरत थी? मै अपनी रक्षा कर सकता हूं।
सोवी ने कहा तुम मेरे कबीले की रक्षा कर रहे थे तुम्हे बचाना मेरा कर्तव्य था।
जियान बोलता है "कई अन्य छात्र भी स्वान कबीले की रक्षा कर रहे थे तुमने मुझे ही बचाया। क्यों
सोवी ज़ियांन की बात सुन कर चुप था।
जियान फिर बोला" बोलो न तुमने मुझे ही क्यो चुना ।
सोवी उसे देखते हुऐ सोचने लगा, आह जियान के सवाल इतने मुश्किल क्यो होते है ?क्या वो खुद मुझे महसूस नहीं कर सकता है, क्या उसे मेरे लिए कुछ महसूस नहीं होता है सोवी यह सब सोचे जा रहा था ।
जियान उसे देख कर कहता है "घूर क्यो रहे हो क्या मैं तुम्हे लड़की नजर आ रहा हूं?
सोवी मुस्कुरते हुए कहता है "नहीं लेकिन तुम किसी भी लड़की से ज्यादा खूबसूरत हो।
जियान बोलता है तो तुम्हे जलन हो रही है?
सोवी ने कहातुम मुझसे अच्छे से बात नही कर सकते हो क्या?
जियान हस्ते हुए कहता है बिल्कुल नहीं तुम मेरे गुरु नही हो और मै सबकी तरह तुमसे डरता नही हूं।
सोवी कहता तुम्हे डरना भी नहीं चाहिए लेकिन तुम यहां क्यो हो क्या तुम्हे भी मेरी फिक्र हो रही थी ?
जियान_ने जवाब दिया_ हा क्युकी तुम मेरी वजह से बेहोश हुए थे और मै अपनी रक्षा कर सकता हूं तुम्हे आगे से कभी ऐसा करने की जरूरत नही है ।
सोवी चुपचाप उसे देख रहा था वो कहना चाहता था की वो जियान को बहुत पसन्द करता है लेकिन वह चुप रहा वह जानता था कि जियान अभी उसकी बातो की गहराइयों को नहीं समझ पाएगा इतने में कुल प्रमुख और स्वान कबीले के अन्य गुरु भी वहा आ गए।
कुल प्रमुख ने आते ही पूछा राजकुमार अब तुम ठीक हो?
सोवी ने जवाब दिया "पिता गुरु चिंता न करे।
कुल प्रमुख ने कहा जियान तुम अभी तक यही हो तुम्हे भी आराम करना चाहिए हमे आगे की रणनीति कल करनी चाहिए।
जियान___गुरु जी मै बस जा रहा था।
कुल प्रमुख_ ने कहा हा आज आराम करो मैने तुम्हारे चाचा को संदेश भेज दिया है स्वान की प्राचीन पुस्तक मिलने के बाद तुम अपने कबीले वापस जाओगे तुम्हारी शिक्षा इतनी ही थी।
अब तुम जा सकते हो । सोवी ने पिता गुरु को व्यंग नजरो से देखा और पुरखों के वहा मौजूद होने के कारण कुछ न बोल सका।
जियान वहा से बिना कुछ बोले चला गया जियान अपने कमरे आकर सोचने लगा मुझे बुरा क्यों लग रहा है जबकि मै खुद यहां से जाना चाहता था। और वो होते है कौन है मुझे ऐसा बोलने वाले?
उधर सोवी जियान के बारे मे सोच कर बहुत परेशान था और उसने निर्णय किया की जियान को वो बता देगा की वही उसका सोलमेट है जिसका इंतजार सोवी ने वर्षो से किया था।
तभी कुल प्रमुख का संदेशा आया की अगली सुबह सभी को व्याख्यान सभा में शामिल होना है!