सोवी की पूरी रात इसी उलझनों में खतम हुई की वह कैसे जियान को समझाएगा जबकि जियान को तो सोलमेट के बारे में कुछ पता ही नही है क्योंकि इसके सोलमेट का वरदान मात्र स्वान कबीले के कुल प्रमुख और उनके वंशज को ही मिला है।
सोवी मायूसी की आह भरते हुए ख़ुद से बोला, जियान क्या तुम मुझे कभी अपना पाओगे ? ये जियान के लिए कितना विचित्र होगा, वो तो दिन भर बस खूबसूरत लड़कियों के बारे में सोचता रहता है उसे कितना असहज लगेगा जब उसे पता चलेगा कि वो मेरा सोलमेट है! मुझे पिता गुरू से बात करनी चाहिए ।
अगली सुबह ध्यान के बाद सोवी पिता गुरू के पास गया
सोवी ने कहा प्रणाम पिता गुरू मुझे आपसे कुछ बात करनी है।
पिता गुरु ने कहा प्राचीन पुस्तक समीक्षा के बाद में बात करते है ।
सोवी__ जो आज्ञा फिर सोवी व्याख्यान में चला गया पूरे ध्यान से बच्चो को युद्ध गुण सिखाने के पश्चात वह एक बार फिर पिता गुरू के पास गया।
पिता गुरु बताओ राजकुमार क्या परेशानी है ?
सोवी ने झिझकते हुए कहा_ सोलमेट लड़का हो सकता है क्या ? क्या मेरा सोलमेट एक लड़का हो सकता है ?
पिता गुरु को सोवी के सवाल पर बहुत अजीब महसूस हो रहा था उन्होने गुस्से में कहा यह असंभव है यह तो प्रकृति के नियमो के विरुद्ध है।
सोवी ने फिर कहा "जब प्रेम प्रकृति के विरुद्ध नहीं तो एक लड़के को जीवनसाथी बनाना प्रकृति के विरुद्ध कैसे हो सकता है ? और अगर ईश्वर ने ही मेरे सोलमेट को एक लड़के के रूप में बनाया तब?
पिता गुरु असमंजस में बोले अचानक ये प्रश्न पूछने की वजह क्या है?
सोवी बात को टालते हुए बोला अगर मेरा सोलमेट लड़का हुआ तो आप कैसे प्रतिक्रिया देगे यह जानकर ?
पिता गुरु ने कहा ये तो बहुत असहज सी बात है एक लड़के का दूसरे लड़के के प्रति आकर्षण तो संभव है परंतु ये बहुत ही दुर्लभ है सामान्य तौर पर ऐसा नहीं होता है लेकिन राजकुमार आज ऐसे प्रश्न क्यों?
सोवी ने कहा मेरा सोलमेट लड़का है और वो कोई और नहीं बल्कि जियान है । जो अभी हमारे कबीले मे युद्ध कला सीखने आया है!
पिता गुरु गुस्से में चिल्लाते कहते हैं क्या ?क्या बोल रहे हों? राजकुमार एक लड़का तुम्हारा सोलमेट कैसे हो सकता है ?
सोवी कहता है "सत्य है मैने सोलमेट का चिन्ह देखा है और महसूस भी किया है! क्या ये संभव है वो भविष्य में मेरे साथ रहे?
पिता गुरू अब भी अचंभित थे । हैरानी से बोले तुम अभी जाओ मुझे पहले हमारे पुरखों से चर्चा करनी है । पिता गुरू गंभीर मुद्रा में बैठ गए।
सोवी अपने कमरे में जाकर सोचता है क्या समान लिंग के मानव से प्रेम करना इतना बड़ा अपराध है? और अगर वो एक लड़का है तो इसमें मेरी क्या गलती है ?मैने तो बस अपने सोलमेट का इंतज़ार किया था क्या फर्क पड़ता है अगर वो एक लड़का है तो?
मेरे साथ ही ऐसा होना था ? अगर जियान ने मुझे नही अपनाया तो मेरे लिए तो बहुत मुश्किल है किसी और को हमसफर बनाना !क्योंकि मैने बचपन से ही अपने सोलमेट का इंतजार किया है मै किसी और के बारे में सोच भी नही सकता हूँ! यही सोचते सोचते सोवी की रात गुजर गई ।
अगली सुबह वह तालाब की तरफ़ गया वहा जियान पहले से अपने साथियों के साथ मौजूद था, वो एक साथी को तीर चलाना सिखा रहा था। चुकी जियान एक कुशल योद्धा है वो बस हरकत शैतानों वाली करता है ,वरना जियान ने कई युद्धों का श्रेय अपने नाम किया है वो बस अपने चाचा के दबाव के चलते विद्या सीखने आया था! वरना जियान खुद सोवी के जितना कुशल योद्धा था लेकीन जियान में धैर्य बिल्कुल भी नही था जो की सोवी में बहुत था।
सोवी गुरू को देखते ही जियान के साथी सोवी गुरू को प्रणाम करके वहा से डर कर भाग गए ।
जियान वही खड़ा रह गया सोवी बस उसे इतने देखते हुऐ सोचे जा रहा था की क्या जियान को सोलमेट के बारे में बताना चाहिए? इतने में जियान फिर अचानक से हंसा।
जियान ने हंसते हुए कहा क्या लगा ?सब विद्यार्थी की तरह मै भी तुमको देख कर भाग जाऊगा ?
सोवीशांत था।
जियान फिर बोलता है, कितनी बार बोलूं मैं तुमसे डरता नहीं हूं ।
सोवी मन में सोच रहा था जियान वाकई में बच्चो की तरह है वह जियान की ओर बढ़ते हुए बोला जियान क्या मैं तुमसे कुछ पूछ सकता हूं?
जियान चिढ़ते हुए कहता है मैं जवाब देने के परिस्थिति में नही हूं।
जियान का जवाब सुन कर सोवी_ वहा से चुप होकर जाने के लिए मुड़ा। तभी जियान ने कहा!रुको पूछो क्या पूछना है? लेकीन मेरी एक शर्त है मुझे भी तुमसे कुछ पूछना है।
सोवी कहता है पूछो !
जियान पहले तुम !
सोवी ने कहा मेरा स्वभाव तुम्हे कैसा लगता है अर्थात तुमको हमेशा ऐसा क्यो लगता है मै तुम्हारा दुश्मन हूं । और तुम मुझसे हमेशा चिढ़ कर क्यों बात करते हो!
जियान कहता है क्योंकि तुम्हारी वजह से ही हर बार मुझे सजा मिलती है । और तुम बस अच्छे दिखते हो अंदर से तुम बहुत अकडू और घमंडी इन्सान इंसान हो ।मैने सब सुना है तुम्हारे बारे में तुम विद्यार्थियों को बहुत कठोरता से सजा देते हो, इसलिए सब तुम से डरते हैं लेकिन मै तुमसे डरता नहीं हूं।
सोवी, जियान से ये सुन कर उसे अच्छा महसूस नहीं हो रहा था वो चाहता था कि जियान भी उसे पसंद करे ।
जियान फिर से बोला_ तुमने मुझसे क्यों कहा की मै तुम्हारा सोलमेट हूं और ये सोलमेट क्या होता है, और व्याख्यान सभा में तुम्हारा ध्यान मेरी तरफ़ ही क्यो होता है? मुझे ऐसा लगता रहता है कि तुम्हारी नजर बस मुझ पर है क्या मै तुम्हे लड़की नजर आता हूं ? जियान यह बोल कर हंसने लगा
सोवी ने कहा तुम किसी लड़की से ज्यादा आकर्षित करते हो ! खूबसूरती का किसी लड़की से क्या ताल्लुक नजरिए से जाहिर होता है कि हम किसे खुबसूरत मानते हैं लेकिन तुम फिर भी अपने बारे में सुनना चाहते हों तो तुम सच में बहुत खुबसूरत हो!
लड़का और लड़की तो समाज का किया गया विभाजन है वरना हर इन्सान लड़का और लड़की से पहले मानव होता है ..
जियान___ यह सुन कर चुप रहा वह सोच रहा था वास्तव में सोवी एक अच्छा इन्सान है। उसने मुंह बनाते हुए कहा, हा ठीक है अब मैं जा रहा हूं वह यह कहते हुए जियान चला गया चला गया ।
सोवी यह सोच कर दुखी था कि जियान कभी इस रिश्ते को नही अपना पाएगा ।
आज शाम का व्याख्यान जल्दी खत्म करके सोवी ने स्वान कबीले के रक्षा कवच की जांच की! और अध्यात्म शक्ति से कवच को और मजबूत किया सूचना मिली थी कुछ काली रूहानी शक्ति द्वारा स्वान कबीले में हमला होने वाला है ऐसे हमले प्रसिद्ध कबीलो पर होते रहते थे।
सोवी ने सब विद्यार्थी और स्वान जनता को सूचित किया की कोई भी अगले 24 घंटे तक जब तक ये काले बादल छट न जाए कोई भी स्वान के सीमा के बाहर नहीं जा सकता है यह चेतावनी है नियमों के उलघन पर अपराधी को दंड दिया जायेगा।
जियान सभी साथियों के साथ खड़ा सुन रहा वह बोला आह यहां के नियम उतने कठोर क्यो है मुझे तो शराब पीने का मन हो रहा है मैं आज चुपके से कबीले के बाहर जाने वाला था ।
उसके साथियों ने कहा !नही जियान स्वान के सुरक्षा को कमजोर मत करना वे साथी डरे हुए थे काली आत्माओं की सूचना सुनकर।
जियान ने मुसकुराते हुए कहा बस भी करो !तुम लोग योद्धा कहलाने के लायक नहीं हो ।
रात हो गई थी नीले आकाश के जगह काले बादलों ने ले लिया हवाएं तेज गति से बह रही थी, सोवी ध्यान लगा कर बैठा ही था की उसने कुछ आहट महसूस किया उसने बाहर आकर देखा तो पिता गुरू आए थे!
पिता गुरू आकर कहते हैं "राजकुमार क्या मैं गलत समय पर आ गया?
सोवी कहता है नही नही पिता गुरू आप कभी भी आ सकते है।
पिता गुरू ने कहा अपनी पुरखों से चर्चा से पहले यह चाहता हूं की तुम जियान से पूछ लो की क्या वह पूरी जिंदगी तुम्हारे साथ रह पाएगा या नही? तुमने उसे कुछ बताया है? क्या वो जानता है वो तुम्हारा सोलमेट है !
सोवी ने कहा_जियान को कुछ नहीं पता है ।
पिता गुरू तो तुम्हे पहले जियान से बात करनी चाहिए।
सोवी_____ (सकपकाते हुए) बस चुप खड़ा रहा।
पिता गुरू ने कहा अगर सच में जियान के पास स्वान कबीले का सोलमेट चिन्ह है तो उसे तुम्हारा हमसफर बनने से कोई रोक नहीं सकता है लेकिन अगर कोई सोलमेट यानि की जियान तुमसे खुद मना कर दे तो सोलमेट का वरदान टूट जाता है
और फिर तुम किसी और से शादी कर सकते हो लेकिन याद रहे, जब जियान अपनी खुद की मर्जी से मना करेगा, वरदान तभी टूटेगा, और मुझे नही लगता जियान कभी हां कर सकता है। बेहतर है तुम खुद जियान से मना करवा लो अब मै जाता हूं मेरे ध्यान मुद्रा का समय है!
वास्तव मे पिता गुरु जानते थे कि जियान कभी इसके लिए नही मानेगा वो चाहते थे जियान खुद इसके लिए मना कर दे ताकि सोवी का वरदान खत्म हो जाय और सोवी की शादी किसी राजकुमारी से कर दिया जाए ताकि स्वान कबीले को अगला वंश मिल सके।
सोवी____ यह सोच कर परेशान था की वो जियान से कैसे बताएगा जियान ने मना कर दिया तो क्या होगा। वो डरता था जियान को खोने से ! वो नही चाहता था कि जियान उससे दूर जाए! बचपन से सोवी ने अपने सोलमेट का इंतज़ार किया था जब उसे पहली बार पता चला कि जियान जैसा निहायती खुबसूरत लड़का उसका सोलमेट है तो वो उसी वक्त जियान को अपना प्यार मान चुका था उसे फर्क नहीं पड़ता है कि जियान लड़का या लड़की है , सोवी बस इतना जानता है कि जियान बस जियान है और वो सोवी का प्यार हैं जिसे सोवी ने बचपन से बिना जाने, बिना सोचे, बिना देखे प्यार किया था!
सोवी ने खुद से कहा जियान मेरा सोलमेट है ईश्वर के वरदान से आया है वो मेरे जीवन मे। बहुत लंबा इंतजार किया मैने उसके लिए।वो मना नहीं कर सकता है वह खुद को दिलासा देते हुए यह सोचे जा रहा था।
अगली सुबह सिपाही द्वारा व्याख्यान शुरू होने से पहले यह सूचना दी गईं, पिता गुरु और सोवी को, कि जियान के कमरे से शराब मिली है इसका मतलब ये था कि जियान बीते रात को स्वान नियमों को तोड़कर स्वान के रक्षा कवच कमजोर करके सीमा के बाहर गया था
यह सूचना पूरे कबीले में आग की तरह फैल गई चुकी थी। स्वान कबीले की धरती पवित्र मानी जाती थी वहा शराब लाना एक गंभीर अपराध था और और स्वान के सीमा के रक्षा कवच को भेदना अन्य लोगो को खतरे में डालना था! यह उससे भी गंभीर अपराध था!
सूचना सुनते ही पिता गुरु बहुत गुस्से में चिल्लाए क्या उसे अपनी जिंदगी प्यारी नहीं है।
सोवी डर गया था वो जानता था जियान ने बहुत बड़ी गलती कर दी है।
जियान को व्याख्यान सभा में उपस्थित होने का आदेश दिया गया सभी विद्यार्थी, गुरुओं के अलावा अन्य पुरखे भी वहा उपस्थित थे। पिता गुरु ने सिपाही से कहा की जियान के चाचा को फौरन स्वान कबीले में बुलाया जाए।
जियान को व्याख्यान सभा में उपस्थित किया गया।
पिता गुरु ने कहा_ अपना अपराध स्वीकार करो। तुमने बहुत बड़ा अपराध किया है ।
जियान__ बहुत जिद्दी और बिगड़ैल था चुपचाप खड़ा रहा
वरिष्ठ गुरु ने_ जियान की सजा को सुनाते हुए कहा अगले दो दिन तक जियान योद्धा को लोहे का निशान दिया जायेगा जिस पर पुरखों की सहमति थी वास्ताव में लोहे का निशान देने की सजा बहुत ही असहनीय थी।
सोवी जोर से बोल पड़ा___ अरे नहीं जियान इतना सहन नही कर पाएगा ये सजा तो असहनीय है।
भरी सभा में सब यकायक सोवी को देखने लगे पुरखों के निर्णय में बोलने का अधिकार सोवी को भी नहीं था वह चुप हो गया।
जियान ने सोवी की तरफ मुंह बनाते हुए कहा मैं एक योद्धा हु मुझे तुम्हारे दया की जरूरत नहीं है सोवी को चिढ़ाते हुए बोला।
सोवी मन में सोचते हुए जियान तुम्हे नही पता तुम्हे कितना दर्द मिलने वाला है मै तुम्हे दर्द में नही देख सकता । वह जियान के लिए भयभीत था वो ख़ुद को दर्द में महसूस कर रहा था।
इतने में सूचना मिली की काली आत्माएं कबीले में प्रवेश कर चुकी है रक्षा कवच जियान के वजह से कमजोर हो चुका था वास्तव में जियान को अंदाजा नहीं था की स्वान की सीमा पर रक्षा कवच इतना महत्वपूर्ण है उससे बहुत बड़ी गलती हो गई थी जिसका खामियाजा उसे और सोवी दोनो को मिलना था l