छाया आठवीं कक्षा में आ गई थी। और स्कूल का पहला दिन और छाया स्कूल जा ने के लिए बस स्टेशन पर खडी थी।बस का इंतजार कर रही थी।तभी उसकी नज़र सड़क की उस पार गई,देखा की एक लड़का उसकी और आ रहा था। लेकिन उसने इस बात पर ध्यान नहीं दिया,और वो बस का रास्ता देख ने लगी।
पर वो लड़का उसके पास आकर खड़ा हो गया।और वो छाया से बात करने लगा। उसने कहा :हाय,छाया गुड मॉर्निंग,कैसी हो
अरे !हां सातवीं में तुम्हारी रेंक थर्टी फर्स्ट है। तुम्हारी हाईट थोड़ी बढ़ी है। तुम थोड़ी मोटी हो गई हो.....
वो छाया के बारे में हर छोटी-बड़ी बात जानता था। वो लड़का बोलता गया और छाया बस उसे देखती ही रही, क्योंकी वो शोक थी कि ये लड़का उसके बारे में इतना कैसे जानता है, उसे थोड़ा डर भी लग रहा था।तभी बस आ गई और छाया बस में चढ़ गई।वो लड़का भी उसके पीछे बस में चढ़ गया। और बस सीधा स्कूल जाकर रुकी। वहां पर बहुत सारे स्टूडेंट्स खड़े हुए थे। छाया नीचे उतरकर अपनी सहेली के पास भाग कर चली गई। फीर सभी स्टूडेंट् को स्कूल ग्राउंड में बुलाया गया।और सभी वहां पर लाइन में खड़े हो गए। और सामने प्रिंसिपल,वाइस प्रिंसिपल, टीचर्स,सभी खड़े हुए थे। प्रिंसिपल सभी स्टूडेंट्स को वेलकम भाषण देरहे थे। जीस कोई भी नहीं सुनना चाहता।
प्रिंसिपल का भाषण सुनने के बाद सभी स्टूडेंट् अपने अपने क्लास में चले गए। छाया भी अपने क्लास में गई, उसकी क्लास में कोई बदलाव तो नहीं आया था ।पर उसकी क्लास में कुछ नए स्टू़डेंट आए थे। छाया की क्लास सरु हुई। उसके क्लास टीचर आए ,जो की बहुत इमोशनल, दयालु थे । उन्होंने पहले अपना परिचय दिया,मेरा नाम नदीम खान है और में आपका क्लास टीचर हु। में आपके दस विषयों में से दो विषय हिंदी और अंग्रेजी लेने वाला हु।और अब नए स्टूडेंट अपना परिचय दे। क्लास में सभी नए स्टुडेंट के बाद एक परिचय दे ने लगे।तभी क्लास में एक प्योन एक स्टूडेंट के साथ अंदर आई और टीचर के कान में कुछ कहा और चली गई। छाया उस लड़के को देख थोड़ा घबराने लगी।वो वहीं लड़का था जो उसे बस स्टेशन पर मीला था।उस लड़के ने अपना परिचय दिया कि मेरा नाम लक्ष्य राठोड़ है, मेरी रेंक फीफ्टीन है।में यहां नए दोस्त बनाने आया हूं।
फीर खान सर ने उसे जाकर बैठने को कहा और वो जाकर छाया की बाजू वाली बेंच पर जाकर बैठ गया।
छाया उसी के बारे में सोच रही थी कि उसे मेरे बारे में इतना सब कुछ केसे पता है । उसे थडा डर भी लग रहा था। फीर उसने तय कीया की उसे सीधा जाकर पुंछ लेती हुं। लंच ब्रेक में हुआ और सभी स्टूडेंट् लंच होल में लंच करने के लिए गए। छाया वहां पर बैठे लंच कर रही थी और उसने तय किया कि वो लंच के बाद उससे बात करेगी।पर लक्ष्य सीधा अपनी प्लेट लेकर छाया की सामने जाकर बैठ गया। छाया थोड़ी घबरा गई, फीर भी उसने उस से सवाल किया कि ,तुम कोन हो? कुछ आगे बोले उसके पहले उसने छाया के मुंह में चम्मच से खाना खीला दीया।और लक्ष्य ने छाया से कहा: तुम मुझसे कोई सवाल मत करना की
में कोन हु?, में क्यु हु?,कहा से हु?, क्योंकी में तुम्हे नहीं बताने वाला।पर हां , में तुम्हारे एक सवाल का जवाब दें सकता हूं।
छाया ने पुछा :कोनसा?क क्या कह रहे हो?
लक्ष्य ने कहा: यही की,हम आपके हैं कौन? हम दोस्त हैं ना
छाया ने कहा बीलकुल नहीं, हम दोस्त नहीं है और तुम मुझसे दूर रहो । ऐसा कह कर छाया वहा से चली गई। उसका पुरा दीन इस टेंशन में ही नीकल गया की ये लड़का है कोन? ये सोचते हुए दीन निकल गया।
छाया फिर से स्कूल जाने के लिए बस स्टेशन पर खड़ी थी। फीर से लक्ष्य वहा पर आकर खड़ा हो गया छाया से बात करने लगा। फिर बस आई उसमें दोनों चढ़ गए और स्कूल पहोंचे। छाया नीचे उतरकर सीधा अपने क्लास में चली गई। एक के बाद एक क्लास में आने लगे। खान सर ने सबकी अटेंडेंस ले रहे थे।तभी क्लास रूम में बात हो रही थी कि स्कूल में दो नए टीचर आने वाले हैं। उनमें से एक स्टूडेंट ने सर से पुछ लिया कि क्या हमारे स्कूल में नए टीचर आने वाले हैं?सर ने कहा कि हां,अभी नेक्स्ट लेक्चर उनका ही है। वो गणीत और विज्ञान विषय लेने वाली हैं। पहले लेक्चर के खत्म होते ही दुसरा लेक्चर आया और टीचर क्लास में आई और उन्हें देखकर सभी स्टूडेंट् शोक में डूब गए। सबसे ज्यादा छाया शोक में थी।
जरासल वो टीचर थी वासुकी मेम जो कि प्राइमरी स्कूल की जल्लाद टीचर,जीसकी जीतनी बुराई करो उतनी कम है। उन्हें हाईस्कूल में प्रमोट कर दिया था। उसने क्लास में आकर सभी की फीर से क्लास लगा दी। पर छाया ने एक बात नोटिस की वो आज भी पहले की तरह स्टूडेंट में भेदभाव करती है। उन्होंने गणित के कुछ सवाल दीए सोल् करने के लिए फिर वो क्लास में इधर-उधर घूमने लगी । फीर पीछे लक्ष्य पास गई उन्होंने कहा कि कैसे हो बेटा, तुम्हारे पापा केसे है, तुम्हारी मोम कैसी है? लक्ष्य बड़े ही प्यार से जवाब दें रहा था।ये सब देखकर छाया चोक गई। क्लास खत्म हुई और छाया ने तुरंत लक्ष्य से पुछा वो तुम्हारी आन्टी है? नहीं तुम कोई रइस हो, बताओ ना...पर
लक्ष्य ने कहा मे तुम्हें नहीं बताउगा ।
छाया ने कहा क्यों?
लक्ष्य ने कहा क्यों की हम दोस्त नहीं है ना,अगर दोस्त होते तो बता देता।
छाया कुछ आगे नहीं बोली और उसकी बात को इग्नोर कर दिया।
तीसरा लेक्चर और सभी स्टूडेंट् को स्कूल ग्राउंड में बुलाया गया। सभी वहां गए और वहां उनके दुसरे नए टीचर आए और उन्होंने अपना परिचय दिया कि मेरा नाम अर्जुन खन्ना है में आपका पी.टी टीचर हु। छाया की दोस्त कानिका जीसका दील आवारा है, पढ़ाई में जीरो हैं, जीस को हर बात समझने के लिए चोबीस धंटे और कभी कभी तो इससे ज्यादा समय लग जाता है अब उसको नए टीचर से प्यार सा हो गया है।पर अर्जुन सर थे ही इतने यंग,कुल,हेनसम तो उनपे कोई भी मिरमीटेगा।तो सर ने पुरे मेदान के चक्कर लगवाए और योगा करवाए।
उसके बाद लंच ब्रेक था और सभी स्टूडेंट् लंच करने के लिए बैठे ही थे कि फायर अलार्म बजा और सभी बहार की और भागने लगे । पर छाया भागते भागते हुए गीर गई। फिर से वो खड़ी हो कर भागने लगी,खान ने लाइबंब़ो को फोन कर दिया।आग सिर्फ स्कूल के स्टोर रूम में लगी थी। उस दिन सभी स्टूडेंट् को स्कूल से छुट्टी दे दी गई थी।
छाया, कनिका , उसकी दोस्त नाव्या जो कि एक चालाक और,कम बोलने वाली लड़की, छाया की बचपन की दोस्त थी। तीनों बाते करते हुए चलकर जा रहे थे।
कनिका ने छाया से पुछा कि तुम और न्यू स्टूडेंट क्या बात कर रहे थे? वो तुम्हारा बोयफ....
छाया ने बात काटते हुए कहा कि में उसे नहीं जानती लेकिन वो मेरे बारे में सब कुछ जानता है, मेंरा स्कूल रेंक, मेरा नाम, मेरी हाइट-वेइट ...
नाव्या ने कहा क्या ? वो तुम्हारे बारे में सब कुछ जानता है और तुझे उस के बारे में कुछ पता नहीं है। और तुम मुझे अब बता रही हो। लेकिन,कुछ तो गडबड है?
छाया ने कहा हां, मुझे भी ऐसा लग रहा है। लेकिन हम करे भी तो क्या?
नाव्या ने कहा तो चलो उसके बारे में इन्फोर्मेशन निकालते हैं।
कनिका ने कहा पर केसे निकालेंगे हम ये इन्फाशन,,,
छाया ने कहा हां, केसे होगा ये सब।
नाव्या ने कहा ये सब तुम मुझपे छोड़ दो, में निकालुगी उसकी जन्म कुंडली।
ऐसे ही एक हफ्ता नीकल गया।उस दिन रविवार था, छाया की दोस्त कानिक और नाव्या दोनो छाया से मिलने उसके घर हड़बड़ी में आये, तो छाया ने कहा क्या हुआ?इतनी हड़बड़ी क्यों मचा रखी है।
कनिका ने कहा उसकी इन्फाशन,,मेशन मिल गई है।
छाया ने कहा क्या,कीस बारे में बात कर रही हो? पहले अंदर आओ। बैठो और पानी पीलो, फिर बताना
नाव्या ने कहा पानी को रखो निचे, मेंने लक्ष्य राठोड़ की जन्म कुंडली निकाल ली। उसके पापा का बहुत बड़ा बिजनेस है। हमारे शहर में और शहर के बहार भी बहुत सारी होटल्स है।उनकी मां हमारे स्कूल की ट्रस्टी है। और उसका एक भाई है। लक्ष्य राठोड़ की पढ़ाई शहर के बहार हुई है। और तुम्हें पता है?हमउसे गुगल सर्च करके भी देख सकते हैं।
छाया ने कहा हमम.. जो कि उसकी मोम स्कूल की ट्रस्टी है,तो मेरी इन्फोर्मेशन निकालना उसके लिए तो बाए हाथ का काम होगा।
कनिका ने कहा पर छाया की इन्फाशन,,मेंशन ही क्यों निकाली?
कीसी और की इन्फाशन,, मेंशन क्यों नहीं?जेसे की मेरी,,,
नाव्या ने कहा सही कहा कनिका ने, सिर्फ तुम्हारी इन्फोर्मेशन ही क्यों निकाली? तुम कल स्कूल जाकर उससे बात करना।
छाया ने कहा मुझे तो पहले ही लगा था कि ये आमिर बाप की औलाद है,हम कल सुबह जाकर पहले उससे बात करेंगे बाद में स्कूल में पैर रखेंगे।