अर्ज़ कुछ यूँ किया है ज़रा गौर फरमाइयेगा
एक सचाई जो कभी किसीने किसीसे नहीं कही
एक सचाई जो कभी किसीने किसीसे नहीं कही
की नाचती है दुनिया बस नचाने वाला चाइये
अर्ज़ कुछ यूँ किया है ज़रा गौर फरमाइयेगा
एक सचाई जो कभी किसीने किसीसे नहीं कही
एक सचाई जो कभी किसीने किसीसे नहीं कही
की नाचती है दुनिया बस नचाने वाला चाइये