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Chapter 28 - मेरे साथ खेल खेल रहा है (8)

किन जहीए गु यूशेंग के जूते का सामना कर रही थी।

मेज का कोना बहुत ही नीचे था इसलिए किन बिल्कुल भी हिल नहीं पा रही थी। 

वह गु यूशेंग के जूतों को घूरते हुए स्थिर वहीं बैठी रही। एक लंबे समय के बाद, जब उसने सोचा कि वह अपनी मौत तक यहीं पर पड़ी रहेगी, गु यूशेंग के जूते आखिरकार वहां से हिले। 

वह उठ खड़ा हुआ और लड़खड़ाते हुए बाथरूम की ओर चलने लगा। किन जहीए ने उसे स्टूल से टकराते हुए देखा, जब वो ड्रेसर के पास से गुजरा। 

ऐसा लगता था कि उसे दर्द महसूस नहीं हुआ था क्योंकि उसने ठोकर लगने पर कोई आवाज नहीं निकाली थी, लेकिन थोड़ी देर के लिए दूर रूक गया, फिर स्टूल के पास से गुजरकर बाथरूम में घुस गया।

बाथरूम का दरवाजा बंद नहीं हुआ था, लेकिन बहते हुए पानी की आवाज आ रही थी। 

क्या वह नहाने जा रहा था?

किन जहीए ने मौका का अच्छा फायदा उठाया और रेंगते हुए धीरे - धीरे मेज के कोने से बाहर निकली। 

जैसे ही वो मेज के कोने के नीचे से अपने सिर को बाहर निकला, उसने अपना मुंह खोला और राहत की सांस ली।

इससे पहले कि हवा उसके फेफड़ों में पहुंचती उसने गु यूशेंग के जूते बाथरूम से बाहर निकलते हुए देखे।

वह इतना डर गई थी कि वह तुरंत वापस पीछे आ गई।

इस समय किन जहीए उसी जगह पर वापस छुप गई, गु यूशेंग मेज के कोने तक पहुंचा। इस बार वो बैठा नहीं लेकिन कुछ लेने के लिए रूक गया था, फिर दो कदम पीछे होकर पलंग पर लेट गया। 

टिनफोइल की आवाज आई और तभी उसे लाइटर जलाने की आवाज सुनाई दी। बेडरूम सिगरेट की महक से भर गया था। 

कमरे में बहुत शांति हो गई थी। किन जहीए जो मेज के कोने के नीचे छुपी थी, नहीं देख सकती थी कि क्या हो रहा है और ना ही उसकी कुछ ऐसा करने की हिम्मत थी। 

समय थोड़ा-थोड़ा करके बीतने लगा। जैसे-जैसे शांत रात बीतती गई, किन जहीए धीरे-धीरे रेगंते हुए बाहर निकली। 

उसकी सीधे बाहर निकलने की हिम्मत नहीं थी, इसलिए उसने पहले अपने सिर को बाहर निकालकर बिस्तर पर नजर डाली। 

गु यूशेंग बिस्तर पर कपड़े पहने हुए और अपनी आंखे बंद कर लेटा हुआ था। 

वह शांत था और खर्राटे नहीं मार रहा था। किन जहीए को पक्के से नहीं पता था कि वो सो रहा है या नहीं, इसलिए उसने उसे कुछ देर के लिए घुरा। ये देखकर कि वह नहीं हिला रहा है, वह चुपके से बाहर निकलने लगी। 

किन जहीए को डर था कि वह सोया नहीं होगा और अचानक उसकी आंखे खुल जाएंगी, इसलिए उसने खड़े होने की हिम्मत नहीं की, लेकिन बिस्तर की तरफ रेंगती हुई चली गई।

जब वह लगभग दरवाजे पर पहुंची थी, तो उसने उसे अपने पीछे एक अजीब आवाज निकालते हुए सुना। 

वह घबरा कर फर्श पर रूक गई।

गु यूशेंग, क्या वह जाग रहा है?

किन जहीए ने वापस देखने की हिम्मत नहीं की और उसकी पीठ जल्दी ही ठंडे पसीने से गीली हो गई। 

किन जहीए प्रार्थना कर रही थी कि वह अपना सिर उसकी ओर न करें। इस बीच, वह एक कीड़े की तरह दरवाजे की ओर झांक रही थी। 

आखिरकार वो दरवाजे तक पहुंच गई ... उसने थोड़ी आह भरी, लेकिन जब वह दरवाजा खोलने वाली थी, तो उसने गु यूशेंग की आवाज सुनी।

इस बार, गु यूशेंग ने एक साथ कई शब्द कहे। उनकी बात सुनकर किन जहीए लगभग चिंता में पड़ गईं। जब उसे लगा कि वह मरने वाली थी तो उसने आखिरकार गु यूशेंग के मुंह से इस शब्द को सुना, "पानी।"

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