"जैसा कि तुमने कहा था कि छोटे मास्टर वापस आ रहे है?" बूढ़े मास्टर गु को घुमा फिरा के बात करना नहीं आता था, और सीधी बात करते थे।
नौकर हां कहने के लिए तैयार था लेकिन बूढ़े मास्टर गु ने फिर से बोलने लगे, "भले ही तुमको छोटे मास्टर ने काम पर रखा था, मैं तुमको कभी भी इस घर से बाहर निकाल सकता हूं। तुम मेरे सवाल का जवाब देने से पहले विचारपूर्वक से सोचना।"
नौकर थोड़ा सा संकोच में पड़ गया और उसने थोड़ी देर के लिए सोचा। आखिर में उसने उत्तर दिया, "जी हां," लेकिन इससे पहले कि वह अपनी बात को पूरी कह पाता, बूढ़े मास्टर गु ने पलटकर उसकी आंखों में देखा। नौकर को उसकी आवाज में कम्पन महसूस हुई और उसने अपना सिर नीचे कर लिया। थोड़ी देर बाद, वह धीरे से बोला, "हालांकि मास्टर गु कभी - कभी घर आते है हर दिन नहीं आते —"
"मुझे लगता है कि तुम चाहते हो कि मैं तुमको अभी के अभी काम से निकाल दूं ? बूढ़े मास्टर ने उसकी बात को बीच में रोककर कहा।
नौकर इतना डर गया था कि वो चुप रहा। कुछ समय बाद, उसने अपना सिर हिलाया और ईमानदारी से कहा, "मास्टर गु एक बार आते है..."
बूढ़े मास्टर गु ने ये सुनकर तुरंत अपने चेहरे को लंबा खींच लिया।
"वो पहली रात थी जब आप हैनान गए थे।"
हैनान में पहली रात? लगभग एक महीने पहले ... बूढ़े मास्टर गु ने गरजते हुए अभिव्यक्त दी। "दूसरे शब्दों में, छोटे मास्टर को एक महीने से भी अधिक समय हो गया है था घर आए ?"
"जी हां ..." नौकर की आवाज इतनी धीमी थी मानो वह कुछ बोल नहीं रहा हो।
बूढ़े मास्टर गु की आंखों में आग लग गई थी। वह कार की खिड़की के बाहर खड़े नौकर को परेशान नहीं कर सकता था। "चलो अब उसे ढूंढे !" बूढ़े मास्टर गु ड्राइवर सीट पर बैठी नैनी झांग पर चिल्लाए।
बूढ़े मास्टर गु को एक बार फिर से देखने के बाद किन की भावनाओं में उथल-पुथल मचने लगी थी, किन जहीए बहुत थका हुआ महसूस कर रही थी। जब वह अपने कमरे में लौटी, तो वह बिस्तर पर गिर गई और थोड़ा सा भी हिलना चाहती थी।
किन की सोने की हिम्मत नहीं हुई क्योंकि उसने अभी तक स्नान नहीं किया था। उसे नहीं पता था कि कितनी देर तक उसने अपनी आंखों को आराम दिया, उसे लगा कि उसकी थकान थोड़ी कम हो गई है। गर्म पानी से बाथटब भरने के लिए वह बाथरूम में गई। जैसे ही पानी किनारे तक भर गया, किन जहीए को अहसास हुआ कि वो अपना पजामा लाना भूल गई थी, तो वो फिर से कमरे में गई।
चेंजिंग रूम बाथरूम के ठीक सामने था। किन जहीए ने बिना देखे पजामा का एक सेट लिया और बाहर चली गई। जैसे कि वो बाथरूम से दो कदम की दूर पर थी, बेडरूम का दरवाजा अचानक से जोर और धमाके वाली आवाज से खुला।
इस आवाज को सुनकर किन जहीए हैरान रह गई और उसका शरीर डर से कांपने लगा। उसने मूड़कर देखा तो वह वहीं आदमी था, जिसने उसे सड़क के किनारे छोड़ा था। गु यूशेंग दरवाजे पर खड़ा था, जो अपनी लाल आंखों से उसे घूर रहा था।
उसने एक शब्द भी नहीं कहा, लेकिन उसने अपने होंठों को सीधा किया। उसने किन को घूरने के अलावा कुछ नहीं किया। उसकी दबाने वाली गहरी -काली आंखे भड़क उठी, गुस्से से उसके चारों ओर चक्कर काटने लगा।
गु यूशेंग से निकलने वाली इस तरह की आभा से किन जहीए मुश्किल से सांस ले पा रही थी। वो जमीन पर अपनी टांगों को टिकाए खड़ी रही, केवल उसका एक साइड का फेस उसे दिख रहा था।
ग्राउंड फ्लोर पर घर का नौकर, एक पल भी नहीं सोया था। ये सोचकर कि शायद किन जहीए के साथ कुछ हुआ है, जैसे ही उसने शोर सुना वो झटपटा गया "मिस…"
जैसे ही वो कोने तक पंहुचा गु यूशेंग उसके सामने दिखाई दिया। वह तुरंत रूक गया, और अत्यधिक सावधानी के साथ पूछा, "मिस्टर गु, तुम ..."
उसका वाक्य समाप्त नहीं हुआ था, लेकिन गु यूशेंग ने उसे देखे बिना अनमने स्वर में कहा, "अपने कमरे में वापस जाओ, और वहीं रहो!"