उस आदमी ने अपना सिर नीचे किया और युन शीशी की बेचैनी और डर को नजरअंदाज करते हुए, अपने पतले होंठों को उसके जबड़े पर रगड़ दिया,जिससे वो कांपने लगी।
उसका नाज़ुक शरीर उस आदमी का हमला सह नहीं पा रहा था।
युन शिशि की सांसें तेज हो गईं।
अनजाने में,उसने उस आदमी को रोकने के लिए उसके बड़े-बड़े हाथों को पकड़ लिया।
शायद वो उसके मन की बात समझ गया था। उसके हाथों को पकड़कर, उसने उन्हें आसानी से बांध दिया और उन्हें उसके सिर के ऊपर कर दिया।
इससे वो और भी डर गयी !
युन शीशी का दिल लगातार विरोध कर रहा था, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उसका पूरा शरीर डर के मारे कांपने लगा, फिर भी उसके पास उसे मना करने का कोई कारण नहीं था!
युन शीशी ने अपने कंधों को सिकोड़कर उसे चकमा देने की कोशिश की,लेकिन उसे यह नहीं पता था कि, उसके पास आने से उस आदमी के शरीर का तापमान बढ़ गया था और वो गर्म हो गया था।
आदमी ने ठंडी सांस ली। वो सही में नियंत्रण से बाहर हो रहा था।
यह लड़की वास्तव में बहुत आकर्षक थी। उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि,वो लगभग खुद को खो चुका है।
युन शीशी उसके एकदम पास आने से सदमे में थी और उसने अपने कंधों को और अधिक सिकोड़ने की कोशिश की। और उसे दूर धकेल दिया।"नहीं...।"
उसने युन शीशी के थोड़े से विरोध को नजरअंदाज कर दिया। युन शीशी ने घबराहट में,उसकी छाती को दूर धकेल दिया। उस आदमी ने उसकी कलाई को कसकर पकड़ लिया।
युन शीशी को और किसी तरह का विरोध करने से रोकने के लिए, उसने अपने रास्ते की आखिरी चीज़ को भी उसके शरीर से हटा दिया। युन शीशी की सांस रुक गयी जब उसे एहसास हुआ कि अब उसके साथ क्या होने वाला है। वो उससे बचने की कोशिश कर रही थी,क्योंकि उसका शरीर लगातार डूब रहा था। उसका मन हो रहा था कि,वो एक ऐसी दुनिया में जाकर छिप जाए जहां वो आदमी प्रवेश नहीं कर पाए।
युन शीशी के शरीर पर उस आदमी के कब्ज़ा करने के कारण, वो बुरी तरह से डर गयी थी।
"नहीं ... नहीं ..."
मु याज़े को उसके प्रतिरोध करने के कारण असंतुष्ट महसूस हुआ। उसने धीरे से आँखें उठाईं और युन शीशी की ठुड्डी को अपने हाथ से पकड़ लिया। मंद चाँदनी के नीचे, उसकी नज़रें उसके सुन्दर चेहरे को देखने के लिए झुकीं। उसने बेरुखी से पूछा,"क्या? तुम यह नहीं चाहती?"
युन शीशी चिंतित हो गयी और उसने अपने होठों को दबा लिया। मु याज़े ने अपनी आँखें सिकोड़ीं और बेरहमी से अपने अंगूठे को उसके होंठों पर रगड़ने लगा।"ऐ लड़की, तुम जानती हो ना कि तुम यहाँ क्यों आयी हो?"
युन शीशी के चेहरे के भाव अचानक सख्त हो गए,और उसका शरीर लगातार काँप रहा था। उसे समझ नहीं आ रहा था कि यह दर्द के कारण है या उसकी बेरहमी के डर के कारण।
काफी देर तक चुप रहने के बाद, उसने भरे हुए गले से सिसकते हुए कहा,"मुझे पता है…।"
"फिर, क्या मुझे अभी भी तुम्हें यह बताने की ज़रूरत है कि क्या करना है?"जब उसने यह पूछा तो उसकी सीधी-सपाट भौंहें सिकुड़ गईं।
युन शीशी की आँखें ऊपर टिक गयीं,और उसने अपने निचले होंठ को जोर से दबा लिया। तभी उसने महसूस किया कि उसके होठों के बीच से कोई गीली चीज़ उसके मुँह में जा रही है,और उसके मुंह में कड़वाहट का स्वाद भर गया।
वो जानती थी कि, वे यह सब कुछ कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार कर रहे थे। वे एक दूसरे के साथ रिश्ते में नहीं थे, इसलिए उनके बीच में किसी भी तरह की आत्मीयता होने का सवाल ही नहीं था।
मु याज़े उसकी तरफ देखकर बनावटी ढंग से मुस्कुराया। वो युन शीशी को उसकी आदत डालने के लिए और समय नहीं देना चाहता था। मु याज़े ने युन शीशी के हाथों को बांधते हुए,उन्हें उसके सिर के पीछे कर दिया। उसके चेहरे पर एक क्रूर मुस्कान थी।
"तुम्हारा मुँह खोलो!"
युन शीशी के चेहरे के भाव बिलकुल सुन्न हो गये। उसने निराशा से अपनी आँखें बंद कर लीं। युन शीशी ने अपनी बाहों से उसके कंधों को पकड़ लिया और अपना चेहरा उसकी गर्दन में दबा दिया।
उस पल, वो जानती थी कि वो पाप की गहराई को पार कर चुकी है।
वो आदमी उसके आत्मसमर्पण से संतुष्ट था और उसने उसमें समाने के लिए अचानक झपट्टा मारा...
उन सीमाओं को पार करना एक प्रबल एहसास था।
अपने दांत पीसकर युन शीशी वो सह रही थी। उस कष्टदायी दर्द को झेलने के लिए वो मुँह खोल कर सांस ले रही थी।
उसका शरीर पत्थर की तरह सख्त हो गया था,और वो अब हिल भी नहीं पा रहा था। यह एक अपरिचित और अजीब चीज थी; मानो वह उसे फाड़ रही थी! उसी पल,उसकी आँखों के आगे अँधेरा छा गया और वह लगभग दर्द से मर रही थी।
मु याज़े की हर बात इस तरह से सहन करना उसके लिए बहुत मुश्किल था!