नान जी आवक थी।
हालांकि, वो घमंडी था, फिर भी उसे ये भरोसा कैसे था कि वो उसकी औरत बनेगी? ये ब्लैक मेल था!
इससे ज्यादा अजीब बात ये थी कि उसने पहले ही दिन उससे कहा था कि उसकी औरत होना उसकी रखैल बनने के बराबर है।
अपने सबसे हताश और असहाय समय के दौरान भी, नान जी कभी खुद को नीचा दिखाने की अनुमति नहीं दे सकती थी।
उसने उसे जवाब नहीं दिया और ये देखते हुए कि वो कार को रोक नहीं रहा है, वो स्टेयरिंग के लिए पहुंची।
एक आवाज के साथ, म्यू सिहान ने ब्रेक पर कदम रखा और शांत स्पोर्ट्स कार सड़क के किनारे रूक गई।
नान जी बात नहीं करना चाहती थी। उसने अपनी सीट बेल्ट खोल दी और दरवाजा जल्दी से खोल दिया।
लेकिन जैसे ही उसने दरवाजा खोला, एक पतला हाथ पीछे से उसकी ओर आया।
उसे बल पूर्वक वापस पीछे खींच लिया गया था और सीट पर बैठा दिया गया। वहीं, कार का दरवाजा बंद कर दिया गया।
"युवा मास्टर म्यू, मेरा बाद में एक बहुत ही महत्वपूर्ण साक्षात्कार है। क्या तुम कृपया मुझपर दया करोगे और मुझे परेशान करना बंद कर दोगे?"
म्यू सिहान ने अपनी भौंहे उठाईं, उसकी आंखे गहरी हो रही थीं। उसने नान जी की कलाई को पकड़ा और उसे सामने की यात्री सीट से अपनी गोद में खींच लिया।
स्पोर्ट्स कार में जगह संकरी और छोटी थी और साथ में बैठे दो लोगों के साथ, उन्होंने ड्राइवर की सीट के पूरे स्थान पर कब्जा कर लिया था। नान जी ने अपने शरीर को कठोर कर दिया, उसकी पीठ सीधी हो गई। संघर्ष करते हुए, वो गलती से कार के हॉर्न से टकरा गई और 'बीप' की आवाज के कारण सड़क के किनारे पैदल चलने वाले लोगों की नजर उन पर पड़ गई। नान जी ने, अपने अंदर से रोष को महसूस करते हुए, जल्दी से अपना सिर नीचे कर लिया।
उसने अपनी भावनाओं पर काबू पाने के लिए अपनी जीभ को थोड़ा सा काट लिया क्योंकि वो अपने दिल में बहुत अच्छी तरह से जानती थी कि इस आत्मपूजक आदमी के सामने, चाहे उसे कितना भी गुस्सा आ रहा हो, वो परवाह नहीं करेगा। इसके विपरीत, ये उसके गुस्से को जगा देगा और ये बहुत अधिक भयानक होगा। वो जानती थी कि जब उसे गुस्सा आता है तो वो कैसा बर्ताव करता है। वो नहीं चाहती थी कि फिर कभी उसे उसके गुस्से का सामना करना पड़े।
अगर वो सख्त होती, तो वो और भी सख्त हो जाएगा।
नान जी ने भावनाओं को अपने दिल में दबाए रखा और अपने चेहरे पर तनाव के साथ उस आदमी को देखा।
प्रकाश के नीचे उनका सुंदर चेहरा गहरा और अपठनीय था। यद्यपि बाहर उज्ज्वल था, लेकिन उसके अच्छी तरह से परिभाषित चेहरे पर ठंडक और शत्रुता थी।
वो उसकी ओर टकटकी लगाए एक एक्स-रे की तरह देख रहा था। एक नजर में वो उसे पूरी तरह से देख सकता था, और इससे नान जी का दिल कांप रहा था।
नान जी ने अपने होंठों को चाटा, अनजाने में हड़बड़ाहट और भय महसूस किया।
वो क्या फिर से उसका गला दबाएगा?
म्यू सिहान ने देखा कि उसकी आंखों से घबराहट और उसके होंठो का कोना थोड़ा ऊपर उठा हुआ था। "तुमने मुझे ब्लॉक किया है? क्या तुम जानती हो कि जो महिलाएं मुझे मूर्ख समझकर खेल खेलती हैं, उनका क्या होता है?"
उसकी लंबी उंगलियों ने उसकी ठोड़ी को उठा दिया, जिससे उसे उसकी गहरी आंखों से मिलने के लिए मजबूर होना पड़ा।
नान जी की सांसे रूक गईं।
उसकी मजबूत और रक्त पीने की इच्छा जैसी आभा को देख, नान जी का चेहरा थोड़ा पीला पड़ गया। उसने उसके शब्दों के पीछे के अर्थ के बारे में सोचते हुए, खुद को इकट्ठा करने की कोशिश की।
क्या ब्लॉक? उसने उसे एक मूर्ख समझकर कब खेल खेला था?
अपने पहले साक्षात्कार के दिन को छोड़कर, जहां उसने जानबूझकर अपनी अंगूठी को सीट के नीचे गिरा दिया था, ये देखने के लिए कि वो कैसा दिखता है, उसने कुछ और नहीं किया था, है ना?
"मुझे समझ में नहीं आ रहा कि तुम्हारा क्या मतलब है।"
"उस रात तुमने मुझे नहाने के बाद अपनी एक तस्वीर भेजी थी।" जब उसने चित्र के बारे में सोचा, तो उसे देखती हुई आंखे थोड़ी गहरी हो गईं, उसकी टकटकी सुलग रही थी और उसकी आवाज कर्कश और सेक्सी हो गई। "तुम मुझे क्या करने के लिए आमंत्रित कर रही हो, वैसी तस्वीर को भेज कर?"
नान जी को और भ्रम होने लगा था।
उसे तो उसका फोन नंबर भी नहीं पता था। वो उसे तस्वीर कैसे भेज सकती है?
म्यू सिहान ने उसके भ्रमित चेहरे को देखा और पहले ही समझ गया कि क्या चल रहा है, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा। उसका सुंदर चेहरा उसकी खूबसूरत मलाईदार गर्दन की तरफ आया और उसे कोमलता से सूंघा। "मेरी प्यारी छोटी बिल्ली, मैं सोच रहा हूं कि क्या तुम भी उस टॉफी के जैसी मीठी हो?"
नान जी को समझ में नहीं आया कि उसका क्या मतलब है, उसकी गर्दन की त्वचा पर एक गर्म और नम स्पर्श महसूस हुआ, उसके बाद एक हल्का दर्द उठा। उस आदमी ने उसे हल्के से काट लिया था।
नान जी ने अपने कॉलरबोन में दबे हुए सिर को देखा और वो हैरान हो गई।
क्या भ्रष्ट आदमी है!