उन्होंने लगभग पूरे दिन खरीदारी की और कपड़ों और जूतों का एक बड़ा ढेर जमा कर लिया, जो सभी सु नान के थे। जब तक उसने अपनी सहेली को सु निवास में वापस छोड़ा, तब तक शाम हो चुकी थी।
शी शियाए नहीं रुकी और सु नान को उतारने के बाद, वह अपने पुराने अपार्टमेंट में चली गयी और मेपल निवास में ले जाने के लिए कुछ चीजें पैक कीं।
जब कार शहर के नीचे से गुज़र रही थी, तो उसे अचानक याद आया कि उसे म्यू यूकेन के साथ क्या चर्चा करनी है,वह इसके बारे में सोचती रही, और कैसे पूछेगी यह सोचते हुए घबराने लगी|
भले ही वह बहुत सुलझा हुआ लग रहा था,लेकिन वह कुछ चीजों के बारे में बहुत दृढ़ और निर्णायक था। उसने प्रतिरोध की अनुमति नहीं दी, इसलिए उसे डर था कि यूकेन को मानना इतना आसान नहीं होगा| जब उसने इस बारे में सोचा, तो अचानक से उसने सड़क के किनारे अपनी कार खड़ी कर दी और पूछने के तरीकों पर विचार करने लगी की बाद में उससे कैसे पूछा जाए।
अपनी भौंहे भरते हुए उसे थकान महसूस होने लगी,वह पीछे झुकते हुए इस बारे में चिंतन करना चाहती थी| उसने अपनी नज़र बाहर डाली और अचानक से देखा की सड़क के किनारे एक फूल की दुकान थी ...
उसने इसके बारे में सोचा, फिर उसकी आँखों में एक रोशनी चमकने लगी,उसने कार का दरवाज़ा खोला और नीचे उतर गई।
"हैलो, मिस? कुछ फूल खरीदना चाहती हैं?"
शी शियाए ने दुकान में कदम रखा ही था कि वहाँ बैठी औरत जो वहाँ की मालिक थी उसने बहुत उत्साह से शियाए का अभिवादन किया।
उसने धीरे से सिर हिलाते हुए उसकी चमकीली आँखों से चारों ओर पूर्ण खिले हुए फूल देखे। जल्दी ही, उसकी निगाहें नीले गुलाब के फूल की टोकरी पर पड़ीं।
"मैं यह वाले लेती हूँ, यह काफी सुंदर हैं। मुझे यह गुलदस्ता पैक करने में मदद करें। कृपया इसे अच्छी तरह से ढंक दो|"
शी शियाए ने नीले गुलाब की विशाल टोकरी पर अपनी उंगलियों के साथ इशारा करते हुए महिला को बताया | महिला ने मुस्कुराते हुए सिर हिलाया और कहा "ठीक है, मिस। कृपया कुछ पल रुकिए। मैं तुरंत तैयार करती हूँ|"
दरअसल, शी शियाए इन फूलों को ले जाने का मतलब नहीं जानती थी,उसने सिर्फ सोचा कि वे बहुत सुंदर लग रहे हैं और यह कि गहरा समुद्र-नीला रंग म्यू यूकेन के शांत और आरक्षित आचरण वाले व्यक्ति के लिए काफी उपयुक्त था। उसे लगा कि यूकेन इन फूलों की सराहना करेंगे|
इससे पहले, जब उसने नीले गुलाबों को देखा था, तो उसकी आँखें इतनी हल्की हो जाती थीं। हालांकि, उसे मुश्किल से कभी भी किसी से भी ताजा फूल नहीं मिले थे|
एकमात्र फूल जो उसे कभी मिला था, वह पुरस्कार था जो म्यू यूकेन ने उस रात रेस से जीता था, जो लाल गुलाब का एक गुलदस्ता था और साथ ही बहुत सुंदर बार्बी राजकुमारी गुड़िया थी। जब वह इस बारे में सोचने लगी, तो अचानक मुस्कुराने लगी| फिर थोड़ा निराश महसूस करते हुए उसके दिल में कुछ गर्मास-सी महसूस होने लगी| उसे लगा जैसे धूप की किरण उसके दिल में अचानक चमक उठी और उसे मालूम भी नहीं पड़ा|
महिला बहुत तेज़ थी,थोड़ी ही देर बाद, उसने शी शियाए को सुंदर गुलाब का गुलदस्ता बना कर दे दिया| काफ़ी विशाल गुलदस्ता जिसने लगभग शियाए को ढंक दिया था| शी शियाए ने नीले फूलों को देखा जो सुंदर और विशाल थे की उसकी आँखों में लगभग आँसू आ गये थे| सांस लेते ही मदहोश खुशबू उसकी नाक में घुस गई। संतुष्टि में सिर हिलाते हुए उसने भुगतान किया और फिर चली गई। उसी समय, म्यू युकेन जो पूरे दिन व्यस्त थे, मेपल निवास पर लौटे और महसूस किया कि पूरा विला में अंधेरे छाया हुआ था| एकमात्र धुँधली रोशनी जो कभी-कभी यार्ड में स्ट्रीटलाइट से आती थी।
जब उसने लिविंग रूम की लाइट को चालू किया और चारों ओर देखा, तो उसे वह बर्तन दिख गये जो डिनर टेबल पर शी शियाए ने सुबह छोड़ दिए थे| इससे पहले, जब उसने गैरेज में अपनी कार खड़ी की थी तब देखा था कि पोर्श गायब है, तो उसने पहले ही अनुमान लगा लिया था कि शियाए बाहर गई हुई है|
ज़्यादा ना सोचते हुए, उसने अपना कोट उतार दिया और काली शर्ट पहने हुए उसने तापमान को अधिक कर दिया, फिर इत्मीनान से रसोई में चला गया| ...
जब शी शियाए मेपल निवास पर लौटी, तो उसने महसूस किया कि अंदर की रोशनी पहले से ही चालू थी। वह उस विशाल गुलदस्ते के साथ कार से नीचे उतरी, और जिस क्षण उसने विला में प्रवेश किया, उसे गर्मास का एहसास हुआ| उसने पूरे लिविंग रूम को देखा और उसकी निगाह रसोई में चली गई जहाँ रोशनी चालू थी, गुलदस्ता लेते हुए रसोई की ओर बढ़ी|
धीरे से कांँच के दरवाज़े को किचन की ओर धकेलते हुए, मुँह में पानी आने वाली सुगंध आने लगी|सामने लंबी और काली आभा स्टोव के सामने खड़ी थी|
कुशलतापूर्वक पैन में भोजन को हिला रहा था, अपनी आस्तीन आधी करते हुए, जिससे उसके साफ और पतली कलाई का पता चल रहा था| उसका सुंदर और शांत चेहरा चमकदार रोशनी के नीचे स्वप्न की तरह लग रहा था। शी शियाए ने उसका अध्ययन किया और अपना होश खो बैठी, कुछ पल बाद अपने होश में आई| उसने अपने सामने रखे फूलों को देखा, फिर यूकेन को देखा। अचानक, वह थोड़ा शरमाई और शर्मिंदा महसूस कर रही थी। उसने पहले कभी किसी को फूल नहीं भेंट किए थे, इससे भी ज़्यादा कभी किसी आदमी को ...।
जब शियाए ने इस बारे में सोचा, तो शी शियाए खुद को अंदर से डाँटने लगी| वो सच में पागल हो गई थी। कुछ और देने में क्या हर्ज था? चुने भी तो फूल ही| वह इस बारे में विचार कर रही थी कि उसे दे या भूल जाए उतने में वह आदमी जो व्यस्त था अचानक घूम कर उसकी तरफ देखने लग गया|
तुरंत, यूकेन की नज़र नीले गुलाबों के गुलदस्ते पर पड़ी, जिसने शियाए को ढका हुआ था| शियाए की खोई हुई आँखें यूकेन की आँखों से मिलीं और वह लगभग घबरा गयी...
"यह तुम्हें किसने भेजा है?" म्यू यूकेन की आंँखें हैरानी में चमक उठीं जिससे उसकी शांत आवाज़ खोयी हुई-सी लगी|
शी शियाए अंदर से संघर्ष कर रही थी, उसका खूबसूरत चेहरा थोड़ी देर के लिए कुछ भावनाओं से भर गया| अंत में, उसने देने का फ़ैसला कर ही लिया|आख़िरकार उसने फूल भी खरीद ही लिए थे|
वह धीरे-धीरे आगे चली और यूकेन के सामने जाकर रुक गयी, जब शियाए यूकेन को देखने पलटी की वह क्या कर रहे है तभी शियाए ने उसे विशाल गुलदस्ता थमा दिया| उसकी आवाज कोमल और सोम्य थी "जब मैं फूलवाले के पास से गुज़र रही थी, तो मुझे लगा कि यह बहुत खूबसूरती से खिले हुए हैं, इसलिए मैंने उन्हें खरीद लिया। यह तुम्हारे लिए हैं ... तुम क्या पका रहे हो? इसकी खुश्बू बहुत ही स्वादिष्ट लग रही है!"
जब इस महिला ने यह कहा, म्यू यूकेन स्तब्ध रह गये, उसकी आँखें जो समुद्र की तह तक आश्चर्य से भर गईं। उसने शियाए के साफ और सुंदर चेहरे को देखा और महसूस करा कि दो धब्बे उसके गाल पर लगे है...
म्यू यूकेन की सामान्य तौर पर शांत और उदासीन नज़र किसी कारण से, नर्म हो गयी| यह पहली बार था जब किसी ने उसे फूल भेंट किए थे, और जिस व्यक्ति ने ऐसा किया था, वह यह महिला थी जो अब उसकी पत्नी बन गई थी।
यूकेन की आँखों में अचानक एक मिला जुला प्रकाश था, फिर भी उसने गुलदस्ते पर नज़र डाली, फिर शियाए के चेहरे पर| वह बर्तन को देखने का नाटक कर रही थी। यूकेन ने अचानक चुटकी लेते हुए कहा, उसका स्वर थोड़ा कोमल हो गया "जो बेहिसाब ही धीरे से तुम्हारे किन्ही बुरे इरादों को छिपा रहा है, हाँ! अब तुमने क्या किया है? या क्या तुम चाहती हो कि मैं तुम्हारी कोई इच्छा पूरी करूँ?"
वह लगभग भूल गई कि इस आदमी के पास एक सर्तक दृष्टि थी जो सब कुछ देख सकती थी। यूकेन ने तुरन्त शियाए के विचारों को पढ़ा और वह हारा हुआ महसूस करने लगी|
शियाए पलटी और पास ही खड़ी झुक गयी, उसे व्यस्त देख रही थी किनारे से| शियाए की भौंहे एक गाँठ में बन गयी और उसने फैसला किया कि उसे अब और नहीं छिपाना चाहिए।उसे दिल की बात करनी चाहिए|