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Chapter 28 - पेशेवर दर्जा

भूमि सप्तम और बाकी सभी अपनी सांस रोके खड़े थे। उन्हें डर था कहीं वो विकट देव के युद्ध में खलल न डाल दे। उसी समय, उन तीनों ने ये भी ध्यान दिया कि आवाज सुनते ही उस पर काम करे और हमला करना शुरू कर दे। अचानक से, उन्होंने दायें बायें देखते हुए, विकट देव और कंकाल योद्धा के युद्ध को देखा जो खतरों से घिरा हुआ था। पर वहां उनके लिए किसी भी तरह से मदद के लिए पुकार नहीं की गयी थी। भूमि सप्तम और अन्य, समय समय पर कंकाल योद्धा द्वारा छोड़े जा रहे लहर आक्रमण से बचते रहे।

"उसने अकेले ही लड़ने की योजना तो नहीं बनाई है न?" सूर्यास्त मेघ ने भूमि सप्तम को संदेश भेजा।

"सही बताऊँ, तो मुझे भी यही शक हो रहा है" भूमि सप्तम ने कहा।

"एक छिपे हुए सरगना से अकेले भिड़ना?" सूर्यास्त मेघ के ये कुछ शब्द सब को डराने के लिए काफी थे।

"ऐसा तो नहीं है कि यह असम्भव है..." भूमि सप्तम ने कहा।

"जानकार साथी, तुम बहुत बेहतरीन हो। तुम आये कहाँ से हो? इस कुशलता के साथ, मुझे नहीं लगता की हमारे संघ के नेता भी तुम्हे टक्कर दे पाएंगे" सूर्यास्त मेघ ने कहा।

"सही में, कोई तुलना नहीं" भूमि सप्तम ने लगभग बात खत्म की। दयनीय, पूर्ण चन्द्रमा संघ के नेता इसलिए नेता बने थे क्योंकि हर कोई उनके 200 एपीएम की रफ्तार के कारण उन्हें पूजने लगा था। अंत में, अब तक बस एक ही दिन बीता था, 10 वे सर्वर को शुरू हुए पर अभी से उसके पास तीन धोखेबाज सदस्य हो गए थे। एक सरगना के लिए पहले ही बड़ी जलील कर देने वाली बात थी।

इसी मौके पर, वरुण लहर ने संदेश भेजा, "मुझे नहीं लगता कि वह अकेले लड़ेगा, है न?" सिस्टम में आवाज भेजने का बस एक ही रास्ता था। इसीलिए आवाज को निजी संदेश के रूप में नहीं भेजा जा सकता था। तीनों, आवाज के जरिये भेजे जा रहे संदेशो पर ही निर्भर थे। क्योंकि वो थोड़ा दूर खड़े थे इसलिए उन्हें तेज बोलना पड़ रहा था। नतीजतन, वो सब डरे हुए थे की कहीं वो जानकार साथी की लड़ाई में कोई बाधा न पहुंचा दे, इसलिए सबने निजी संदेश भेजने जारी रखे।

"हो सकता है" भूमि सप्तम और सूर्यास्त मेघ, दोनों ने वरुण लहर को जवाब दिया।

"बहुत बढ़िया। तो क्या हमे इसकी रिकॉर्डिंग करनी चाहिए?" वरुण लहर ने पूछा। खेल में अंदर ही रिकॉर्डिंग करके विडियो बनाने की भी सुविधा थी।

"जानकार साथी ने इसके बारे में कुछ नहीं कहा है। मुझे लगता है कि हमे ऐसा नहीं करना चाहिए" भूमि सप्तम ने कहा।

"ठीक है" वरुण लहर ने जवाब दिया। बिना एक और शब्द कहे, तीनो ने विकट देव की लड़ाई देखना जारी रखा। वह सही में भाले से, अद्वितीय कौशल से लड़ रहा था। बचना, बगल हो जाना, ऐसा लग रहा था मानो वो किसी फिल्म का हिस्सा हो। भूमि सप्तम और अन्य आँखे फाड़े, मानो एक नयी दुनिया देख रहे थे। इसकी तुलना में, आम खिलाड़ियों को लड़ते देखना या पी.के करते देखना ऐसा था मानो छाती चौड़ी कर सीने का नाप ले रहे हो। खतरनाक, बेहद खतरनाक।

चेन गुओ, ये क्सिऊ के पीछे खड़ी थी और लगातार गिने जा रही थी की उसने कितने वार किये। उसके देखने का भाव भूमि सप्तम और अन्य की तरह नहीं था क्योंकि वो और ये क्सिऊ एक जैसे ही थे। वो विकट देव को खेल में, बाहर से दर्शक की तरह देख रही थी। इस तरह से देखने के कारण, वह विकट देव की बहुत सारी हरकतों को नहीं देख पा रही थी। इसके विपरीत, विकट देव पर पड़ने वाली रोशनी काफी चमकीली थी, जिससे चेन गुओ चौंधिया के गिर जा रही थी। वह रोशनी की तेज चमक को सम्भाल नहीं पा रही थी। अक्सर, एक झटके से मुड़ने से, वो नहीं जान पाती थी कि उसका पात्र कहाँ था और कंकाल योद्धा कहाँ था। पेटी? वह बड़ी मुश्किल से कंकाल योद्धा की स्थिति देख पा रही थी, ऐसे में पेटी की स्थिति बताना बड़ा ही कठिन काम था।

पर अपने स्क्रीन की चमक की ऐसी तैसी होने के बाद भी ये क्सिऊ के हाथों की हरकत एकदम साफ़ थी। बहकी हुई चेन गुओ ने ये क्सिऊ के दोनों हाथों पर गौर फ़रमाया। उसने पाया कि ये क्सिऊ के बायाँ हाथ कल ज्यादा तेज उछल रहे थे। उसका दायाँ हाथ माउस थामे और तेजी से काम कर रहे थे, पर ज्यादा हरकत नहीं कर रहे थे। कभी कभी, एक हरकत के बाद, या तो दायें तरफ क्लिक या तो बायें तरफ क्लिक कर रहा था।

चेन गुओ अत्याधिक आश्चर्य में थी। उसे पता था कि बायें क्लिक से आम हमला होता था, दायें क्लिक से कौशल हमला होता था और कर्सर के द्वारा हमले की रफ्तार और दिशा सम्भाली जाती थी। ये क्सिऊ के हाथ की हरकत और माउस के क्लिक एकदम सटीक थे और उनमें बिलकुल भी लचीलापन नहीं था। उसने पाया कि चाहे जितना भी तेज स्क्रीन घूमे, माउस हमेशा सही दिशा में ही घूमता था और हल्के से हिलने भर से हमला कर देता था।

ये क्सिऊ के दायें हाथ सिर्फ तेज ही नहीं थे बल्कि स्थिर भी थे, बेहद स्थिर।

"पेशेवर दर्जा बिलकुल अलग होता है" चेन गुओ ने तारीफ के स्वर में कहा। इसी समय ये क्सिऊ के हेडफोन से एक और "पेंग" शब्द गूंजा। चेन गुओ ने उसे साफ़ सुना। वह इन्ही धीमी आवाज पर निर्भर थी अपनी गिनती के लिए। 20, यह लगभग 20 वा हमला था पेटी पर। पर विकट देव की जीवन रेखा? इस पूरी प्रक्रिया के दौरान, उसने एक भी अंक का नुक्सान नहीं उठाया था। इसका मतलब था कि कंकाल योद्धा उसे एक बार भी नहीं मार पाया था।

"सूर्यास्त मेघ, टकराते पर्वत" ये क्सिऊ ने सर झुकाया और अपने हेडफोन में चिल्लाया।

"क्या आखिरकार हमारा मौका आ गया?" सूर्यास्त मेघ ने सोचा था की उन तीनो की जरूरत अब नहीं पड़ेगी। पर ये क्सिऊ की चीख सुनकर, बिना कुछ और कहे, उसने अपनी तलवार उठाई और भागा। उसी समय विकट देव ने आकाशीय हमला कर दिया और कंकाल योद्धा को अपनी दिशा में ही चित्त कर दिया। सूर्यास्त मेघ ने अपनी तलवार उठाई और टकराते पर्वत का इस्तेमाल करते हुए कंकाल योद्धा को हवा से भूमि पर ला पटका। उसने ऐसा 8 बार किया, यह टकराते पर्वत कुशलता की अधिकतम सीमा थी। 

"घेर लो" ये क्सिऊ ने सूर्यास्त मेघ को याद दिलाया, पर सूर्यास्त मेघ ने पहले ही ये सोच रखा था। ये क्सिऊ ने अभी भी अपना हमला पूरा नहीं किया था, जब सूर्यास्त मेघ ने अपनी जगह ली। कंकाल योद्धा उठ खड़ा हुआ और एक लहर उसकी तलवार से टकराई। "डाँग" की आवाज के साथ सूर्यास्त मेघ पीछे धकेल उठा। सूर्यास्त मेघ का कवच पहले ही चौथे दर्जे का था। वो हमले से पहुँचने वाले नुकसान को 70% कम कर सकता था। यह लहर बहुत बड़ा हमला नहीं था, इसलिए होने वाला 30% का नुकसान भी ख़ास मायने नहीं रखता था।

ये क्सिऊ का विकट देव हमले से बचने के लिए कूद पड़ा और तुरंत ही जवाब में नागदंत का इस्तेमाल किया, जिसने कंकाल योद्धा को चौंका दिया। सूर्यास्त मेघ ने चाल को समझ लिया और तुरंत ही तैयार हो गया अपने बांधने के कौशल के साथ।

"सूर्यास्त मेघ, वरुण लहर" ये क्सिऊ चिल्लाया। वो दोनों पहले ही पहुँच कर आगे आ गये थे और उसकी चाल को समझ गये थे। वो भी अपने बांधने के कौशल का इस्तेमाल करने के लिए तैयार थे।

"क्या हुआ?" चेन गुओ समझ नहीं पा रही थी कि अचानक उसे सबकी मदद की जरूरत क्यों पड़ गयी थी।

"क्या तुमने देखा नहीं" ये क्सिऊ ने कहा। उसने तुरंत ही विकट देव को सर नीचे करने का आदेश दिया ताकि वो देख सके। चेन गुओ ने तुरंत देखा कि कंकालों की माला कंकाल योद्धा के पैर के पास पड़ी हुई थी। पेटी कब की टूट कर गिर पड़ी थी।

"वह कैसे हो सकता है? क्या 24 बार हो गया?" चेन गुओ आश्चर्य की चरम अवस्था पर पहुँच चुकी थी। वैसे तो हेडफोन उससे थोड़ा दूर थे, पर वह "पेंग" की आवाज साफ़ तौर पर सुन सकती थी। उसे नहीं लगता था कि उसने गिनने में कोई गलती की थी।

"24 वार हो गये थे" ये क्सिऊ ने कहा।

"फिर मैंने 20 कैसे सुने?" चेन गुओ ने पूछा।

"मैंने 4 बार दोहरा आक्रमण किया। दो बार हमला और बहुत तेजी से, इसलिए तुम शायद सुन नहीं पाई, तो इस तरह से अगर तुम 20 में 4 जोड़ दो तो 24 हो जाता है" ये क्सिऊ ने कहा।

चेन गुओ सकते में थी। "दोहरा वार, एक ही जगह में दो बार वार करता है? तो क्या तुमने छिपे हुए सरगना को खून बहाने पर मजबूर कर दिया? मैंने इसे कैसे नहीं देखा? 4 बार और अभी भी खून नहीं बहा? क्या पेटी पर लगने से असर नहीं होता?"

"कंकालो के खून नहीं बहता, है न?" ये क्सिऊ ने कहा

चेन गुओ शरमा गयी। ग्लोरी में ऐसे कई राक्षस थे जिन्हें खून नहीं बहता था और कंकाल भी उन्ही में से एक थे। उनके मांस नहीं होता था, तो खून कैसे बहता? क्या यही कारण था, इसके पीछे? ये तो बड़ी आम सी बात थी। चेन गुओ एक दिग्गज, इस छोटी सी बात को भूल गयी थी।

ये सब इस आदमी की गलती थी। जिस तरह से कैमरा हर तरफ घूम रहा था,मैं किसी भी राक्षस को नजरअंदाज कर सकती थी।

चेन गुओ नाराज होकर अपने कंप्यूटर के सामने जाकर बैठ गयी। शुरुआती गाँव के बाहर अभी भी भारी भीड़ थी। जिस राक्षस को मारना था वो भी चुरा लिया गया था। इस परेशानी के दौरान उसने ये क्सिऊ को सुना "मैडम, क्या आप आज पूरी रात जागने वाली है?"