Chapter 122 - क्या मजाक है!

वह अभी भी जियांग यानरान के बारे में थोड़ा ही जानती थी हालाँकि वह काफी समय से उसके साथ एक ही कमरे में रही थी और तब, उनके रिश्ते में भी खटास नहीं आई थी।

यह सब सुनकर, श्री जियांग बहुत क्रोधित हो गए, "सिली! यानरान तुम हमारी आँखों का तारा हो! एक आदमी के लिए तुम खुद को कैसे नीचा दिखा सकती हो?! मेरे बिना, सोंग परिवार दिवालिया हो जाएगा! उसे मेरी बेटी को एक राजकुमारी की तरह बहुत प्यार करना चाहिए! इसके बजाय, वह तुम्हारे साथ इतना खराब व्यवहार करता है, जैसे कि तुम उसके इशारों पर नाचने वाली नौकरानी हो!"

श्रीमती जियांग को विश्वास नहीं हो रहा था,"मूर्ख बच्ची! तुम इतनी मूर्ख क्यों हो? तुमने हमें बताया क्यों नहीं?"

"यानरान चिंतित थी कि अगर उसने आपसे शिकायत की, तो सोंग ज़िहांग उससे और भी अधिक नफरत करने लगेगा ..."

ये वानवान सिसकती रही और गुस्से में बोलती रही, "इतना प्रयास करने के बाद, आखिर में उसे क्या मिला! वह यानरान

के प्रयासों और उसके सरल हृदय का आनंद ले रहा था, उसे अंकल, आंटी का आर्थिक सहारा भी मिला हुआ था जबकि वह यानरान की सबसे अच्छी दोस्त के प्यार में पड़ा था!"

मैं इसे अब और बर्दाश्त नहीं कर सकती थी इसलिए मैंने उन दो नीच लोगों की निंदा करते हुए एक पोस्ट लिखी। अंत में, सोंग ज़िहांग ने सोचा कि यानरान ने इसे पोस्ट किया था, इसलिए उसने उसे बुरी तरह डाँटा - उसने कहा कि वह दुष्ट और चालाक थी और उसे पोस्ट को हटाने के लिए मजबूर किया!

चूँकि पोस्ट डिलीट नहीं की गई थी, इसलिए सोंग ज़िहांग ने स्कूल के फ़ोरम में एक स्पष्टीकरण दिया था जिसमें कहा गया था कि उसका यानरान के साथ कोई लेना-देना नहीं है और अब उनकी सगाई भी नहीं थी। उसने यह भी कहा कि वह शुरुआत से ही केवल शेन मेंगकी को ही पसंद करता था।"

श्री जियांग का चेहरा बेहद उदास हो गया, "क्या तुमने जो कुछ भी कहा वह सच है?"

"पूरी तरह से सच! अंकल, आंटी पोस्ट अभी भी यहाँ है - एक नज़र डालिए और आपको पता चल जाएगा कि क्या हुआ!" ये वानवान ने अपने फोन पर उस पोस्ट को खोला और उनके सामने रखा।

क्या शेन मेंगकी को मेरी शिकायत करने में मज़ा नहीं आया? इस बार, मैं उसे, उसके ही तरीक़े से मज़ा चखाऊँगी।

दोनों पति-पत्नी जल्दी से पोस्ट देखने लगे।

शांत डॉर्म में, स्क्रीन पर वीडियो में केवल शेन मेंगकी और जियांग यानरान की बहस की आवाजें थीं-

अपनी बेटी के निराशा भरे इल्ज़ाम का हर शब्द उन्हें गहराई से चुभ रहा था, श्री और श्रीमती जियांग ने अपना दिल थाम लिया। सोंग जिहांग ने बाद में जो स्पष्टीकरण दिया, उसने उनके गुस्से को और भड़का दिया।

मिस्टर जियांग इतने पागल हो गए थे कि गुस्से से उनकी आवाज़ काँप रही थी, "यानरान का उससे कोई लेना-देना नहीं है ... सगाई बस बड़ों का मज़ाक था ... बढ़िया ... बढ़िया ... क्या बढ़िया मज़ाक! सोंग ज़ियाओ वी, आपका बेटा बहुत महान है!" 

श्रीमती जियांग ने नेटिज़न्स की पोस्ट पढ़ी जिसमें उनकी बेटी का मज़ाक उड़ाया गया था और वह इतनी क्रोधित हुईं कि रो पड़ीं, "भगवान! ये लोग यानरान के बारे में ऐसी बातें कैसे कह सकते हैं! यानरान ... यह मम्मी की गलती है ... मम्मी को वास्तव में खेद है ... मम्मी को जल्दी पता नहीं चला ... मम्मी की वजह से तुमको बहुत तकलीफ उठानी पड़ी …"

यह सब पढ़ने के बाद यानरान कितनी परेशान हुई होगी?!

कोई आश्चर्य नहीं कि मेरी बेटी, अपनी जान खुद लेना चाहती थी!

ये सभी लोग बहुत अजीब थे!

जियांग यानरान ने अपने माता-पिता को देखा, जिनका दिल टूट गया था, उसने उन्हें शांत किया और समझाया, "मम्मी, इस बार मुझे बचाने के लिए वानवान का शुक्रिया। कुछ गलतफहमियों के कारण, हमारी दोस्ती बहुत अच्छी नहीं रही। लेकिन इस घटना के बाद, मैंने समझ लिया कि आख़िर मेरा सच्चा दोस्त कौन है!"

श्रीमती जियांग ने ये वानवान का हाथ पकड़कर आभार व्यक्त किया, "अच्छी लड़की, बहुत बहुत धन्यवाद ..."

"यह कुछ भी नहीं है, आंटी, कम से कम इतना तो मैं कर ही सकती थी।"

मिस्टर जियांग ने एक लंबी आह भरी, "यानरान, यह अच्छी बात है कि तुम्हें चीज़ों को और अधिक स्पष्ट रूप से देखने का मौका मिला है। हम सभी चीज़ों को नए सिरे से शुरू कर सकते हैं - तुमने जो भी तकलीफें उठायी हैं, वे सब माँ और पिताजी निश्चित रूप से तुम्हारे लिए वापस ले आएँगे। 

अब तुम ऐसी बेवकूफ़ी फिर कभी मत करना।

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