Chapter 74 - बचाव के लिए एक नायक

ये वानवान तुरंत अपनी डॉरमेट्री में वापस चली गई और झील वाली बात के बारे में बहुत नहीं सोचा। कॉलेज की प्रवेश परीक्षा में कुछ ही महीने बाकी थे, इसलिए वह स्कूल में ज्यादा समय तक नहीं रहेगी; इन बचकाने खेलों पर अपना समय बर्बाद करने की कोई जरूरत नहीं थी।

अगली सुबह।

ये वानवान ने बहुत गहरा मेकअप किया और हमेशा की तरह कक्षा में गई।

जैसे ही उसने अंदर कदम रखा, कक्षा में एकदम शांति छा गई। छात्रों ने उसे घूरती हुई आँखों और एक उम्मीद भरे भाव के साथ देखा।

ये वानवान थोड़ी नाराज़ थी; इन लोगों ने इसे इतना स्पष्ट कर दिया था - क्या वे सच में उसे एक मूर्ख मानने वाले थे, जिसे कुछ नहीं पता था?

उसकी पिछले जन्म की बुद्धि के साथ, उसे बेवक़ूफ़ बनाया जा सकता था।

ये वानवान ने ख़ुशी से ऐसा दिखाया कि वह कुछ नहीं जानती और सीधे अपनी सीट पर चली गई।

एक नज़र डालते ही उसने महसूस किया कि उसकी कुर्सी में कुछ गड़बड़ था। उस पर रंगहीन गोंद की एक मोटी परत थी।

अगर उसने बारीकी से नहीं देखा होता, तो वह इसे देख नहीं पाती और उसी पर बैठ जाती।

इस प्रकार के मजबूत गोंद से चिपक जाने के बाद, किसी व्यक्ति को उठने के लिए अपनी पैंट उतारनी पड़ती।

हालाँकि इससे कोई ख़ास नुक़सान नहीं होता, लेकिन वह अपने सहपाठियों के सामने शर्मिंदा हो जाती।

ये वानवान ने सी ज़िया को देखा जो हमेशा की तरह, टेबल पर लेट कर सो रहा था और वह धीरे धीरे बुदबुदाई ...जानलेवा सुन्दरता....

जैसे ही उसने कुर्सी निकाली, कोई अचानक उसकी तरफ बढ़ा, उसे एक तरफ धकेल दिया और फिर जल्दी से उसकी कुर्सी खींच ली।

उसने कुर्सी को सामने की ओर खींचा था, यह सूरज की रोशनी से और स्पष्ट हो रहा था, ताकि हर कोई कुर्सी पर लगी गोंद की परत को साफ़ देख सके।

सी ज़िया जो सो रहा था, कुर्सी खींचने की आवाज़ से जाग गया था। उसकी चिड़चिड़ी निगाहें, ये वानवान और लिंग डोंग पर पड़ी जो सामने खड़े थे और फिर उसने कुर्सी पर नज़र डाली। उसकी भृकुटियाँ तन गई।

ये वानवान ने सी ज़िया की प्रतिक्रिया पर ध्यान नहीं दिया। वह भौहें तान कर लिंग डोंग को देख रही थी, जो अचानक प्रकट हो गया था।

इसका क्या मतलब है?

वे काली आँखें उसे घूर रही हैं, यह देखकर, आम तौर पर अभिमानी और उद्दंड लिंग डोंग अचानक वहीं जम गया। बिना एक शब्द बोले, उसने ये वानवान की कुर्सी अपने पास खींच ली और अपनी कुर्सी से उसकी कुर्सी बदल ली। 

बस इतना ही नहीं। अपने सभी सहपाठियों को अचंभित छोड़कर लिंग डोंग ने अपना हाथ बढ़ा कर, ये वानवान के दराज़ में से एक मरे हुए चूहे को वहाँ से हटा दिया।

मृत चूहे को देखने के बाद, कुछ डरपोक लड़कियाँ घृणा से चीख़ पड़ीं।

लिंग डोंग ने भावहीन होकर, मरे हुए चूहे को फेंक दिया, और अपने फोन से, दराज में रोशनी की और यह देखा कि वहाँ कुछ और तो नहीं है, फिर वह वानवान से अवरुद्ध कंठ से बोला,"यहाँ बैठो।"

यह कहने के बाद वह, ये वानवन की आँखों में देख नहीं सका। वह अपनी सीट पर वापस चला गया, अपनी जैकेट उतारी, गोंद को कवर किया और फिर उस पर बैठ गया।

ये वानवान: "..."

ये वानवान के अलावा, कक्षा पूरी तरह से चुप्पी में थी, क्योंकि हर कोई लिंग डोंग के व्यवहार से भ्रमित था।

इतनी मूर्खता सुबह-सुबह!

यह ... इसका क्या मतलब है?

लिंग डोंग, क्यों ये वानवान की मदद करेगा?

खास करके चेंग ज़ू, जिसके सुरुचिपूर्ण और सुंदर चेहरे पर गुस्सा था, अविश्वास से लिंग डोंग को घूर रही थी, जो उसने देखा उस पर उसे विश्वास नहीं हो पा रहा था।

"लानत है! डोंग, क्या हो रहा है? मुझे लगा था कि हम आज एक बदसूरत सनकी को सबक सिखाएंगे?" लिंग डोंग के डेस्कमेट, कटे बालों वाले लड़के ने पूछा।

लिंग डोंग थोडा़ नाराज लग रहा था, "चुप रहो! क्या ऐसा है कि मैं जो भी करूँ, वह तुम्हें समझाना पड़ेगा?

"ओह ..." उनके डेस्कमेट ने तुरंत अपना मुंह बंद कर दिया।

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