उसके सामने गुलाबी पोशाक में एक लड़की थी, जिसके बाल लंबे और काले थे, त्वचा बर्फ की तरह गोरी थी। आकाश के तारों से भी ज़्यादा चमकीली, उसकी आंखें बहुत पनीली थीं। वह ऐसी दिख रही थी जैसे अभी रो चुकी हो, जिसने अपने गमों को दिल से लगाया हुआ था।
यदि स्कूल की सुंदरी, चेंग ज़ू, सुंदर थी, तो उसके सामने खड़ी लड़की एक परी की तरह थी, जो अपने रख रखाव पर अधिक ध्यान नहीं देती थी।
लिंग डोंग को ऐसा लगा जैसे उसके दिल को जोर से धक्का मारा गया हो। उसके दिल की धड़कन लगातार उसके सिर में गूँजती रही, उसके दिमाग़ में बहुत उलझन हो रही थी।
ये वानवान उसे अचचंभित देखने की अभ्यस्त थी क्योंकि जब भी वह उससे टकराता था, वो ऐसा ही दिखता था। लेकिन इस बार लिंग डोंग की अभिव्यक्ति कुछ अलग थी।
लिंग डोंग बहुत हैरान था, जैसे उसने एक भूत को देखा हो, लेकिन फिर, वह शरमाने लगा उसकी निगाहें अजीब हो गई और आखिरकार, उसने उसे रिहा कर दिया जैसे उसे ज़ोर से बिजली का झटका लगा हो। वह शर्मीला और घबराया हुआ लग रहा था क्योंकि उसने उसे घूर कर देखा और हकलाने लगा, तुम ...तुम वानवान हो?"
ये वानवान ने अपनी भौंहों को थोड़ा ऊपर उठाया और अपने चेहरे को अंजाने में छू लिया, उसे याद था कि वह पुराने घर को छोड़ कर आ गई थी, उसने कपड़े तो अच्छे पहने थे, पर कोई मेकअप नहीं किया था।
वह निश्चित रूप से अपने सहपाठियों को बिना मेकअप के डरा सकती थी।
चूँकि वह पहले से ही उसे देख चुका था, इसलिए वह इनकार नहीं कर सकती थी। उसने मुस्कुराते हुए कहा, "मैंने आज कोई मेकअप नहीं किया है, तुम्हें डराने के लिए क्षमा करना।"
वह मुड़ी और बोलने के बाद लापरवाही से चली गई।
ये वानवन के जाने तक, लिंग डोंग अभी भी उसी स्थान पर खड़ा था जैसे वह कोई सपना देख रहा हो।
क्या… क्या हो रहा है?
चेंग ज़ू की तुलना में, जो लड़की ज़्यादा सुंदर थी ... वह, क्या ये वानवान बदसूरत, सनकी थी?
यह कैसे हो सकता है…
लिंग डोंग लड़खड़ाता हुआ हॉस्टल में वापस चला गया, जैसे वह स्वप्नलोक में हो।
लिंग डोंग को देखते ही हॉस्टल के तीन अन्य लड़कों ने तुरंत उसका अभिवादन किया।
उनमें से एक, कटे हुए बालों वाले ने अपनी कीमती सिगरेट उसकी और बढ़ाई, "डोंग, तुम वापस आ गए!"
लिंग डोंग अपने बंकर की ओर गया और बिना किसी प्रतिक्रिया के सीधे अपनी चारपाई पर बैठ गया, कटे हुए बालों वाला लड़का घूरकर बोला, "हम्म, डोंग तुम ठीक हो न? कुछ गड़बड़ है क्या?"
लिंग डोंग के, बंकर के ऊपरी बिस्तर पर बैठे लड़के ने देखा कि लिंग डोंग का ध्यान कहीं और है और साथ ही वह चिंतित भी है, "डोंग, हमें डराओ मत!"
एक ढीली ढाली पैंट में, अधनंगे लड़के ने ग़ुस्से से कहा, "लानत है, झाओ ज़िंग झोउ एक राक्षस है! बस एक बाल्टी पानी उस पर डालने के कारण, क्या उसे तुम पर ऐसा अत्याचार करना चाहिए? देखो, उसने हमारे डोंग का क्या हाल किया है!"
"यह सब बदसूरत सनकी वानवान की गलती थी! नाराज मत हो, डोंग। हम उस बिगड़ैल को कल एक सबक सिखाएंगे! हम तुम्हारी और चेंग ज़ू की मदद करेंगे और उससे बदला लेंगे!"
उन तीनों ने प्रतिशोध के बारे में व्यस्तता से बात की लेकिन धीरे-धीरे लगा कि लिंग डोंग की अभिव्यक्ति के साथ कुछ गड़बड़ है। उसका पूरा चेहरा, कान से लेकर गरदन चक शर्म से लाल हो रहा था, वह कुछ बुदबुदाता रहा, जैसे "असंभव", "वह इतनी सुंदर कैसे हो सकती है?" और "वह बस एक देवी है..."
तीनों लड़कों ने एक दूसरे को देखा। लिंग डोंग को देख कर ऐसा नहीं लग रहा था कि वो झाओ ज़िंग झोउ द्वारा इतना सताया गया हो कि वो अवचेतन अवस्था में आ जाए। बल्कि उसे देख कर ऐसा लग रहा था जैसे.... कोई किशोर प्यार में पड़ गया हो....
उस समय तक, लिंग डोंग ने न तो यह ध्यान दिया था कि उसके रूम मेट्स क्या बातें कर रहे हैं हैं, न ही उसका इस बात पर ध्यान गया था कि को उसे उस चेहरे के बारे में बड़बड़ाते हुए घूर रहे हैं जिसे देख कर उसका दिल बेकाबू हो कर धड़कने लगा था।
गफलत में उसे अपनी हथेली पर कुछ महसूस हुआ।
उसने धीरे से अपनी हथेली देखने के लिए खोली और उसमें उसने देखा एक छोटा सा गुलाबी फूल जो उसने गलती से वानवान की ड्रेस से उखाड़ लिया था।
उस फूल को देखते ही, लिंग डोंग अचानक चेतन हो उठा।
यह एक सपना नहीं था?
यह सच था, और लड़की सचमुच में वानवान ही थी।
ये वानवान का बिना मेकूप का चेहरा बदसूरत नहीं था, बल्कि वो, बहुत ही सुंदर थी।
कुछ समझ नहीं आ रहा था!!!