बड़ी मैडम को उनके आने की सूचना, नौकरों ने पहले ही दे दी थी और वे डाइनिंग हॉल के आस-पास उत्सुकता से चहलक़दमी कर रही थीं।
वह लड़की की पृष्ठभूमि के बारे में ज़ू यी से पहले ही पता लगा चुकी थीं। शुरू में वे, यह जानकर चौंक गई थीं, कि वह अभी भी अपने सीनियर इयर में थी। शुक्र है कि भले ही वह छोटी थी, लेकिन वह परिपक्व हो गई थी।
सी परिवार के विपरीत, लड़की अच्छे परिवार से नहीं आई थी।
लेकिन जब वह लिटिल 9 वें को पसंद है, तब बाकी बातें कुछ मायने नहीं रखती थीं। सबसे महत्वपूर्ण बात, वह इस लड़की के चरित्र की जांच करना चाहती थीं और यह कि क्या वह लिटिल 9 वें से, सच्चा प्यार करती है?
प्रवेश द्वार से किसी की पदचाप सुनकर, बड़ी मैडम ने जल्दी से दरवाज़े की ओर देखा।
बूढ़ा नौकर आगे-आगे चल रहा था और उसके पीछे दो लोग थे, उनका पोता, अपने भावहीन बर्फ की एक मूर्ति जैसे चेहरे के साथ था, उसके हाथ में एक हल्के नीले रंग का स्कूल बैग था और उसके साथ एक प्यारी सी, छोटी लड़की थी।
लड़की का सादा सा चेहरा, आड़ू की तरह चमकीला था, उसके काले बाल एक पोनीटेल में बंधे थे और वह किंग हे हाई स्कूल की यूनीफ़ॉर्म में थी। देखने से लग रहा था कि उसका व्यवहार बहुत अच्छा होगा, और उसके कारण सब उसे पसंद करते होंगे।
उन्हें सबसे ज्यादा आश्चर्य इस बात का था कि उन दोनों ने, सच में एक दूसरे का हाथ पकड़ रखा था।
वह लिटिल 9 वें को बहुत अच्छी तरह से जानती थीं- कोई भी सामान्य महिला 3 कदम से ज्यादा, उसके पास नहीं आ पाएगी, उसे स्पर्श करना तो दूर की बात है।
लेकिन अभी, वह लड़की का हाथ अपने मन से पकड़े हुए था। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था।
इसलिए, बड़ी मैडम ने, ये वानवान को बहुत संतोष के साथ देखा।
सी येहान, ये वानवान का हाथ पकडे़ हुए बड़ी मैडम की ओर बढ़ा, "दादी।"
वृद्ध महिला ने, ये वानवान को प्यार से देखा। बहुत ही प्यार से उससे बात की, ताकि वह डरे नहीं, "यह वानवान ही होनी चाहिए, जल्दी से मेरे पास आओ।"
ये वानवान ने, सी येहान को देखा और फिर बड़ी मैडम की आज्ञा मानकर उनके पास चली गई, "आप कैसी हैं दादी माँ?"
"अच्छी हूँ!" जवाब देने पर बुढ़िया खुशी से मुस्करा रही थीं। ज़ू यी पर नज़र पड़ते ही, उसके हाथ में ढेर सारे बैग देखकर उन्होंने कहा, "तुम लोग थक गए होगे। मैंने पहले ही कहा था कि तुम को उपहार लाने की कोई ज़रूरत नहीं है - तुमको बस खुद आना है!"
ऐसा उन्होंने कहा, लेकिन वो अभी भी बहुत खुश थीं।
हालाँकि उनके घर में, किसी भी चीज़ की कमी नहीं थी, लेकिन ये उपहार उनकी भावी पौत्र-वधू ने दिए थे - इसलिए इनका बहुत महत्व था।
"बड़ी मैडम, डिनर तैयार है।" उसी समय, रसोई से नौकर उन्हें सूचित करने आया।
"तुम लोग सही समय पर आए। चलो, खाना खाते हुए,बात करते हैं। मेरे घर में बहुत सारे नियम नहीं हैं, बस आराम से रहो।" उन्हें पता था कि ये वानवान बहुत संयमित है, इसलिए उन्होंने ध्यानपूर्वक सोच-समझ कर यह बात कही। डिनर टेबल पर उन्होंने ये वानवान का, प्यार से हाथ पकड़ लिया और अपने पोते पर भी ध्यान नहीं दिया।
सी येहान ने बूढ़े नौकर को स्कूल बैग पकड़ाया और उसके लंबे पैर डाइनिंग टेबल पर उनके पास तक चले गए।
बड़ी मैडम पहले से ही, ये वानवान के साथ गर्मजोशी से बातचीत कर रही थीं, "वानवान, सीनियर इयर की पढ़ाई कठिन है क्या? मुझे आशा है कि मुझसे मिलने के लिए आने से, तुम्हारी पढ़ाई में कोई बाधा नहीं हुई होगी।"
दादी सी के, गर्मजोशी से भरे, स्नेही रवैये से ये वानवान को सुकून महसूस हुआ। वर्तमान में, ऐसा लग रहा था कि बूढ़ी महिला की पहली छाप उसके लिए खराब नहीं थी।
ये वानवान ने अपना सिर हिलाया, "नहीं,कठिन नहीं है। हमारे यहाँ शनिवार और रविवार को कोई पढ़ाई नहीं होती है।"
"यह बच्चा, लिटिल 9 वें, ने मुझे यह भी नहीं बताया कि उसे कोई पसंद है। जब वह अपना फोन लेकर, कोने में हँस रहा था, तब मैंने पूछा कि वह क्या देख रहा है? फिर, उसने मुझे बताया, वह अपनी प्रेमिका का मैसेज पढ़ रहा था"।
तभी मुझे पता चला। चूँकि मुझे पता नहीं था कि उसने डेटिंग शुरू कर दी है, इसलिए मुझे थोड़ा डर था और मैंने उससे कहा कि वह मुझसे मिलाने के लिए तुम्हें घर लेकर आए!" बड़ी मैडम बोलीं और अपने पोते पर नज़र डाली।
ये वानवान यह सुनकर हैरान रह गई कि सी येहान उसका मैसेज पढ़कर हँसा था - यह कल्पना करना वास्तव में कठिन था।