रिहर्सल के अंत तक, सी ज़िया उसे चूम नहीं सका।
वास्तव में, हर किसी की पसंद सी येहान की तरह अनोखी नहीं होती....
ये वानवान डोरमेट्री में लौट आई, अपना मेकअप हटाया और स्नान किया। उसने कल के लिए अपने मेकअप लुक की योजना बनाई और उसी समय अपने कंप्यूटर को चालू किया।
उसे अब स्कूल की पढ़ाई पर इतना समय बिताने की जरूरत नहीं थी। वह फिल्मों और वृत्तचित्रों को ऑनलाइन ख़रीद कर स्वयं पढ़ाई करने को तैयार थी।
आखिरकार, विश्वविद्यालय में प्रवेश तो सिर्फ शुरुआत थी। उसका अंतिम लक्ष्य, वह सब कुछ वापस हासिल करना था, जो उसके पिता से, उसके दूसरे चाचा और ये यी यी ने छीन लिया था।
इससे पहले, उसने बेकार होने के लिए अपने पिता को दोषी ठहराया था और उन्हीं के कारण उसे गू यूज़े से अलग होना पड़ा था। लेकिन क्या वह जानती थी कि उसी के कारण पूरे परिवार का सम्मान खो गया था?
उस समय, ये यी यी ने उसे सुनसान घर में ले जाने के लिए गू यूज़े के नाम का इस्तेमाल किया और उसे चक्कर आए इसलिए नशा भी कराया। फिर, उसके दूसरे चाचा ने, उसको ब्लैकमेल किया कि वह अपने पिता पर, शेयरों को छोड़ने के लिए दबाव डाले और पब्लिक फ़ंड के दुरुपयोग का अपराध कबूल कर लें, नहीं तो वह उसका जीवन बर्बाद कर देंगे। वह उसे ड्रग्स देकर, कुछ लोगों को उसके साथ छेड़खानी करने को कहेगा और फिर उसका नशीली दवाओं के सेवन और सेक्सुअल एक्टिविटी का वीडियो लीक कर देगा।
वह बचपन से ही पिता की लाडली थी, और पूरे परिवार ने, उसे अमूल्य खज़ाने की तरह माना और उसकी सभी इच्छाओं को पूरा किया।
जब वह विदेश में पढ़ रही थी, तब एक आतंकवादी हमले के कारण उसने लगभग अपनी जान गँवा दी थी और उसे बहुत आघात पहुँचा था। उसके माता-पिता खुद को दोष देना बंद नही कर पा रहे थे, वे तुरंत उसे वापस ले आए। वे उसके लिए और अधिक सुरक्षात्मक हो गए थे।
उसके माता-पिता की अधिक सुरक्षात्मक भावना ने शायद उसे सरल-चित्त और भोला बना दिया था।
उसके पिता ने उसे अकेले घर से बाहर निकलने से मना किया था,लेकिन गू यूज़े से मिलने के लिए, वह अंग रक्षकों को चकमा देकर अकेली ही बाहर चली गई।
आख़िर यह गू यूज़े का निमंत्रण था - भले ही मूसलाधर बारिश ही क्यों न हो वह फिर भी जाती। लेकिन यह केवल, उसके पिता की छोटी सी चेतावनी थी, जो उसे रोक रही थी।
जब उसके दूसरे चाचा ने धमकी दी, तो उसके पिता ने उसकी रक्षा करने में संकोच नहीं किया और पूरे ये परिवार को भी बलिदान कर दिया।
उस घटना के बाद, उसके माता-पिता को डर था कि वह खुद को दोषी ठहराएगी, आघात से निपटने में असमर्थ होगी, इसलिए उन्होंने उससे सच्चाई छुपाए रखी।
वह इतनी बेवकूफ़ थी कि उसने सोचा कि उस दिन गू यूज़े उससे मिलने आएगा। पर गू यूज़े को पता भी नहीं था कि ये वानवान के बेतुके व्यवहार का यह परिणाम होगा। उसने गू यूज़े जैसे नामाकूल आदमी के लिए, अपने माता-पिता से सारे संबंध तोड़ लिए थे, जिसने यह जानकर शादी तोड़ दी थी कि उसके माता- पिता का सब कुछ खो चुका है।
उसने एक भेड़िए को अपना प्यार समझा और अपने क़रीबी रिश्तेदारों को अपना दुश्मन..
इन सब विचारों से, ये वानवान फाँसी लगाकर मर जाना चाहती थी।
पिताजी ... माँ ... मेरे लिए रुको ...
मैं उनसे हर एक चीज़ वापस ले लूँगी!
इसी समय, उसके फोन पर एक व्यक्तिगत रिंगटोन बजी - यह सी येहान का फोन था।
ये वानवान ने अपने विचारों को समेटा और खुद को कॉल लेने के लिए तैयार किया।
"हेलो?"
"क्या तुम्हारी क्लास ख़त्म हो गई है?" रिसीवर से हल्की और शांत आवाज़ आई।
"हाँ ~ क्लास समाप्त हो गई है ~ हमने अभी रिहर्सल पूरा किया है। राजकुमार तो इतना बदसूरत था कि मुझे लगा मैं मंच पर ही उल्टी कर दूँगी। सबसे पहले, मैं टीचर से कहना चाहती थी कि इस रोल के लिए किसी और को ले लें, लेकिन टीचर ने कहा कि पात्रों का चयन पर्ची निकाल कर किया गया है, अब इसे बदला नहीं जा सकता है ... "ये वानवान बड़बड़ाई। उसने जानबूझकर सी येहान को बताया कि वह कहाँ थी और क्या कर रही थी, ताकि सी येहान के पास यह कहने का कोई कारण न रहे कि वह उससे कुछ छिपा रही थी।
सी येहान ने धैर्य पूर्वक उसके स्कूल में चल रही बातों को ध्यान से सुना, और जब उसकी बात पूरी हो गई तो उसने पूछा, "क्या तुम इस शनिवार को खाली हो?"
"शनिवार? हाँ, मुझे खाली होना चाहिए ... इस शनिवार कुछ नहीं हो रहा है ..."
स्कूल ने छात्रों को हर शनिवार और रविवार को घर जाने की अनुमति दी हुई थी। यदि सी येहान उसे वापस बुलाना चाहता है, तो उसके पास कोई कारण नहीं था कि वह मना करे। इसे ध्यान में रखते हुए, ये वानवान की आवाज़ में थोड़ी घबराहट आ गई।
यह तो केवल दो दिन की बात थी, क्या हो अगर वह जाए और कभी वापस नहीं आए....
आज़ादी उसके लिए बहुत महत्वपूर्ण थी और उसके पास कई ऐसे काम थे, जिन्हें उसे करना था। निश्चित रूप से वह अपने पुराने जीवन में वापस नहीं जाना चाहती थी।
"दादी तुमसे मिलना चाहती है।" उसने अनुमान लगा लिया था कि ये वानवान की आवाज़ में घबराहट है।
उससे बोला भी नहीं जा रहा था।