Chapter 40 - दो चुंबन

बेशक, वह जानती थी कि हर बार उठने के बाद सी येहान को कितना गुस्सा आता था, लेकिन अब उसने ज़रा भी परवाह नहीं की।

"सी येहान, दरवाज़े पर कोई है, क्या तुम थोड़ी देर के लिए छुप सकते हो?"

ये वानवान ने जो कुछ कहा, उसे सुनने के बाद, उस महान शैतान के भाव इतने भयंकर हो गए कि ऐसा लग रहा था मानो वह सारी पृथ्वी को नष्ट कर देगा।

ये वानवान ने हाथ जोड़कर निवेदन किया, "प्लीज़,प्लीज़"!

उनका चेहरा गुस्से और खिन्नता से भरा था।

ये वानवान ने झुक कर उस आदमी के होंठों को चूमा, "ठीक है?"

लड़की की आँखें नम थीं और उसकी आवाज़ कोमल और इतनी मधुर थी कि वह किसी भी व्यक्ति के दिल को पिघला सकती थी।

सी येहान का गुस्सा एक पल में ग़ायब हो गया था, हालांकि, उसकी अभिव्यक्ति अभी भी शून्य थी।

ओह, यह महिला, वह सोचती है कि मैं इतनी आसानी से मान जाऊँगा?

सी येहान के भावहीन और उदासीन चेहरे की अभिव्यक्ति देखकर, ये वानवान व्यग्रता से झुक गई और उसे एक और चुंबन दिया, "मैं तुमसे भीख माँग रही हूँ!"

सी येहान: "ठीक है।"

ये वानवान का चेहरा तुरंत प्रशंसा से खिल उठा, "धन्यवाद! जरा थोड़ी देर के लिए बाथरूम में छुप जाओ! मैं जल्दी ही सब कुछ ठीक कर दूँगी।

हम्म...अगर ऐसा कुछ भी है जो एक चुंबन से हल नहीं हो सकता है तो दो चुंबन काफी होंगे।

सी येहान के छिपने के बाद ही ये वानवान ने दरवाज़ा खोला।

दरवाजे पर शेन मेंगकी थी।

ये वानवान की हालत देख कर,शेन मेंगकी दंग रह गई।

उसने एक लड़की को साधारण नाइट गाउन में,बिना मेकअप के देखा, लेकिन वह एक प्यारे लिली के फूल की तरह ताजी लग रही थी, जो पानी में खिल कर बाहर निकली हो। वह इतनी सुंदर थी कि वह उसपर से अपनी आँखें नहीं हटा पा रही थी।

यद्यपि वह पहले से ही जानती थी कि पतली होने के बाद ये वानवान बहुत अच्छी लग रही थी। उसने काफी समय से उसके असली रूप को नहीं देखा था, इसलिए वह आश्चर्यचकित रह गई।

शेन मेंगकी को स्कूल में एक सुंदरी के रूप में पहचाना जाता था और निश्चित रूप से वह क्लास ए की सुंदरी भी थी। लेकिन अब ये वानवान के सामने, बहुत कोशिश करके भी, ये वानवान की सुंदरता का दसवां हिस्सा ही होगी। भले ही ये वानवान ने अपना साधारण सा पजामा ही क्यों न पहना हो?

शेन मेंगकी की अभिव्यक्ति को पढ़ पाना कठिन था और ऐसा लग रहा था कि वह अपनी शांति खोती जा रही हो। उसने अपनेपन से बात करने की,बहुत कोशिश की और मीठे स्वर में बोली, "वानवान, दरवाजा खोलने में तुम्हें इतना समय क्यों लगा?"

"मैं सो रही थी"।

"लेकिन अभी 8 ही बजे हैं, तुम इतनी जल्दी सो गईं!?" शेन मेंगकी ने आश्चर्य से कहा।

"बहुत देर हो गई, क्या तुम्हें कुछ कहना है?" ये वानवान ने पूछा।

"मैं तुम से बात करने आई हूँ, दरवाजे़ पर मत खड़ी रहो, चलो कमरे में चलकर बात करते हैं"! शेन मेंगकी ज़्यादा देर खड़ी नही रह सकी, खुद ही अंदर आ गई।

ये वानवान ने अपनी भौंहें सिकोड़ीं। पुनर्जन्म से पहले वह शेन मेंगकी से बात करने के लिए, उसके आने का इंतजार नहीं कर सकती थी। कई बार वह शेन मेंगकी से आधी रात तक बात करती रहती थी। यदि वह उसे अब आने से रोकेगी, तो ऐसा लगेगा कि वह कुछ छिपाने की कोशिश कर रही है, इसलिए उसने उसे अंदर आने दिया।

यदि वह जानती कि दरवाजे पर शेन मेंगकी है, तो यह मायने नहीं रखता कि उसने सी येहान को देखा या नहीं।

परंतु…

शेन मेंगकी को नहीं पता था कि सी येहान वहीं था, जो और भी बेहतर था!

ये वानवान ने चुपके से योजना बनाते हुए अपनी आँखें चारों ओर घुमाईं।

यह दुष्ट शेन मेंगकी, उसके लिए एक गद्दार थी। वह बहुत बड़ी बाधा थी और उसे निकालने का समय अब आ गया था।

शेन मेंगकी जैसे ही कमरे में आई, ये वानवान ने उसे उकसाने के लिए,एक छोटे से आइने में ख़ुद को निहारा और आत्ममुग्ध हो गई।

यह देखते ही शेन मेंगकी के भाव बदल गए। उसने ये वानवान को कड़ाई से डांटा और कहा, "वानवान! तुम बहुत लापरवाह हो! तुम बिना मेकअप के दरवाजे पर क्यों गई"? अगर दरवाज़े पर मैं नहीं होती तो? कोई तुम्हारा असली रूप जान ले,तो यह बहुत बुरा होगा! सी येहान की आंखें और कान हर जगह हैं, तुम इसे स्कूल में भी हल्के में नहीं ले सकती हो!"

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