Chapter 43 - कृपया केवल शाब्दिक अर्थ!

ये वानवान का नन्हा सा दिल चौंक गया "सो जाओ ... सोने का क्या मतलब है? सचमुच ... या ..."

उस आदमी ने उसकी ओर देखा, "अगर तुम चाहती हो कि इसका मतलब कुछ और हो, तो यह भी ठीक है।"

ये वानवान ने तुरंत अपना सिर जोर से हिलाया, "नहीं नहीं! शाब्दिक अर्थ ही ठीक है!"

लेकिन अगर यह केवल "नींद" ही था, तो भी यह उसके लिए सिरदर्द ही हो गया।

उसके साथ 2 घंटे सोना ही बहुत कठिन हुआ था, जो कि 6 घंटों से तो बहुत ही कम थे।

लेकिन वह गलत थी। 

अब ज़हर खाकर भी उसे यह बात माननी ही पड़ेगी।

जब वह फिर से उसके साथ बिस्तर पर लेटी, तो ये वानवान को अचानक लगा कि शायद सी येहान ने जानबूझकर उसके लिए गड्ढा खोदा है? जिससे कि उसे आज्ञाकारी बन कर इस अनुचित अनुबंध के लिए सहमत होना पड़ेगा, क्योंकि वो खुद ही मुश्किल में पड़ सकती थी....

साथ ही, अभी-अभी की बातचीत सुनने के बाद भी सी येहान पर कोई प्रभाव क्यों नहीं पड़ा?

ऐसा तो नहीं हो सकता है कि उसने कुछ भी ठीक से नहीं सुना?

उसका सिर सोचकर चकराने लगा। जब उसने अपना सिर घुमाया, तो उसने देखा कि वह गहरी नींद में सो रहा था ।

क्या वो हमेशा से ग़लत थी?

सी येहान की नींद का पैटर्न बहुत सामान्य था! वह एक बीमार व्यक्ति की तरह नहीं लग रहा था ...

ये वानवान अभी भी अपने बेवक़ूफ़ी भरे विचारों का आनंद ले रही थी, इसी से सो नहीं सकी। अंत में,सी येहान के उनींदेपन का असर, उस पर भी हो गया और अनजाने में ही, वह भी सो गई।

रात में देर से।

बिस्तर पर मौजूद व्यक्ति ने एक संतुष्ट जानवर की तरह आलस से अपनी आँखें खोलीं।

पर जागने के बाद भी, उसकी आँखें अभी भी उग्र और भावहीन थीं।

तभी.. अचानक उसने अपनी बाँहों में कुछ बहुत ही नरम सा महसूस किया और उसकी उग्र भावनाएँ शांत हो गईं और यह देखने के लिए उसने अपना सिर घुमाया।

चांदनी की शीतल चमक में, उसने एक लड़की को देखा,जो उसकी बाहों में, एक बिल्ली के छोटे बच्चे की तरह चिपकी हुई सो रही थी।

उसका ख़ाली, निराश दिल भावपूर्ण हो गया, और उसकी जान में जान आई।

उसने सख़्ती से लड़की को पकड़ रखा था, लेकिन जैसे ही उसे लगा कि वह लड़की को जगा देगा, उसने जल्दी से अपनी बाँहें ढीली कर लीं। अपने बगल में लेटे व्यक्ति को उसने कुछ मिश्रित भावना के साथ घूरा।

उस रात के बाद से, ये वानवान को समझना और भी मुश्किल हो गया ...

हालाँकि उसे परिवर्तन पसंद था, पर यह नशीली मिठास बहुत नकली थी, जिससे उसे बेचैनी महसूस हुई।

यह ऐसा था जैसे वह एक यात्री था, जो बहुत लंबे समय से रेगिस्तान में यात्रा कर रहा था और अचानक उसे एक ओएसिस दिखा - लेकिन अगले ही सेकंड में, उसे पता चल जाता है कि यह सब एक भ्रम था, आशा की एक क्षणिक झलक।

उसी समय उसका फोन चमकने लगा, एक नए मैसेज का संकेत।

सी येहान ने मैसेज खोला और उसकी आँखों के आगे अंधेरा छा गया।

मैसेज शेन मेंगकी का था- [मि। सी, मैं कल रात ये वानवान से मिलने गई थी और उसे समझाने की बहुत कोशिश की। लगता है,वह अभी भी आपसे नाराज़ है। आख़िर मिस्टर गू उसका मंगेतर है, उसके प्यार को भूल पाना इतना आसान नहीं होगा,यह समझ में आता है। पर मुझे विश्वास है कि एक दिन वह महसूस करेगी कि आप उसके लिए अच्छे हैं।]

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