जब लिआंग ली हुआ ने नाटकीय प्रदर्शन का उल्लेख किया, तो हर किसी की आँखें चमक उठीं - विशेष रूप से कक्षा में लड़कियों की।
इस प्रदर्शन के लिए, क्लास में लड़कियों की काफी समय से मतभेद चल रहा था।
महिला पात्र का निर्णय नहीं होने का कारण यह था कि कुछ लड़कियों ने, पहले इस पर बहुत झगड़ा किया था।
कक्षा में कई छात्र प्रसिद्ध परिवारों से थे, जिसके कारण बहुत अव्यवस्था थी। उन्होंने गुप्त रूप से वोट खरीदा, छात्रों को धमकाया कि वे उनके लिए वोट दें, यहां तक कि उन्होनें स्कूल में हाथापाई भी करी। इस सब ने लियांग ली हुआ को एक भयानक स्थिति में पहुंचा दिया, वो इधर की रही न उधर डावांडोल होती रही। इसलिए उन्होनें महिला पात्र चुनने के निर्णय को स्थगित कर दिया।
बहुत सोचने के बाद, उन्होंने फ़ैसला किया कि पर्चियाँ निकलवाना सबसे अच्छा होगा, लड़कियों में इससे लड़ाई भी नहीं होगी। लिआंग ली हुआ ने कहना जारी रखा, "प्रत्येक छात्र को नाटकीय प्रदर्शन में भाग लेने का अवसर मिलना चाहिए इसलिए मैंने फैसला किया है कि हम पर्चियाँ निकाल कर पात्र का चयन करेंगे। यह निष्पक्ष और सभी को समान अवसर प्रदान करने वाला होगा। किसी को भी असहमत होने की अनुमति नहीं है!"
"शिक्षक, मैं सहमत हूँ!"
"मैं भी, चलो पर्चियाँ निकालते हैं।
सभी छात्र लियांग ली हुआ के फैसले से सहमत थे।
जिन लड़कियों को, शुरू में कोई आशा नहीं थी कि उन्हें शामिल भी किया जाएगा, उन सभी के लिए अब एक समान अवसर था। चूँकि हर कोई अब समान धरातल पर था, इसलिए अधिकांश छात्र इसके लिए सहमत थे।
केवल कुछ ही लड़कियां जिनके जीतने की उम्मीद ज़्यादा थी ने घूर कर देखा, खास कर चेंग ज़ुई, जिसे हमेशा क्लास में सी ज़िया के साथ जोड़ी बनाने के लिए छेड़ा जाता था।
लियांग ली हुआ ने इस नतीजे से एक गहरी सांस ली। उसने क्लास के मॉनिटर को सब लड़कियों के नाम छोटी छोटी पर्चियों पर लिख कर एक छोटे डिब्बे में डालने के लिए कहा।
"इस पात्र के लिए चलो सी जिआ से पर्ची निकलवाते हैं"! लियांग ली हुआ ने कहा।
नहीं तो, अगर कोई और इस पर्ची को निकलता तो सभी लड़कियों को फिर से बुरा लगता।
सभी लड़कियों ने हामी में अपने सिर हिलाये।
वाह! खुद हंक पर्ची निकालने जा रहा है!
जिस लड़की का नाम वो चुनेगा .... उसने पक्का अपने पिछले जन्म में कोई अच्छे काम किए होंगे!
मॉनिटर उसकी पास पर्चियों का डिब्बा ले कर गया, "सी जिआ"।
सी जिआ उस समय बहुत उदास था और उसका मन नहीं कर रहा था। इतने छात्रों की नज़रों के बीच में उसने बेमने से डिब्बे में पर्ची निकालने के लिए हाथ डाला और पर्ची को देखे बिना ही उसे मॉनिटर की तरफ उड़ा दिया।
मॉनिटर ने पर्ची उठाई और वो करीब करीब लड़कियों की नजारों से जलने ही वाला था।
"ओह, जिसका नाम सी जिआ ने निकाला है,…" मॉनिटर ने बोलते हुए ध्यान से पर्ची खोली।
और जैसे ही वो नाम पढ़ने वाला था...
मॉनिटर पर्ची को घूरता ही रहा और वहीं चौंधियाई आँखों और खुले मुँह के साथ ज़मीन में गड़ा रह गया जैसे उस पर बिजली गिर गयी हो।
सी जिआ ने ध्यान दिया कि उसके भाव बिलकुल अजीब थे इसलिए उसने अपनी भोहें चढ़ाईं और झांक कर देखा।
मॉनिटर के चेहरे के भाव से उसे कुछ बुरा सा महसूस हुआ...
इस समय, मॉनिटर में सी ज़िया की आँखों में देखने की हिम्मत नहीं थी और लड़कियों की ओर देखने से तो वह बहुत ही डर रहा था। हर किसी के आग्रह पर, बड़ी कठिनाई से हकलाते हुए उसने कहा "... जिसे चुना गया,वह है ... ये .. ये वानवान ..."
"क्या कहा?" लड़के ने मॉनिटर से पेपर छीन लिया।
कागज पर "ये वानवान" ही लिखा था, दिन के उजाले की तरह स्पष्ट तीन शब्द।
आसपास के शोर से ये वानवान उठ गई। उसने मुँह के किनारों से लार को पोंछा। आश्चर्य से अपनी आँखें खोलीं और अपने साथी की ओर देखा, "यह सब क्या है ..."
सी ज़िया ने लड़की के भयावह चेहरे और 'सडाको' की तरह गन्दे बालों,मुँह से टपकती लार और अधखुली आँखों को देखा "...
मैं. सचमुच. में. उस. हाथ. काट. डालना. चाहता. हूँ!!