संदेश भेजने के बाद, ये वानवन ने प्रेम पत्र को वहीं छोड़ दिया और अपना पूरा समय पढ़ाई पर लगाया।
लेकिन जिन गार्डेन में इस समय, सब कुछ गड़बड़ हो रहा था।
सोफे पर बैठा आदमी बावरा और उतावला हो गया था, उसकी काली आँखें सर्दियों की रात की तरह गहरी काली हो गईं। कप तोड़ने के कारण उसकी उँगलियों से ख़ून टपक रहा था और कॉफी टेबल फर्श पर उल्टी पड़ी थी। उस बड़े से कमरे में भयंकर दमघोंटू माहौल था।
घर के सभी नौकर डर से काँप रहे थे और एक कोने में छिप गए थे, उनमें से किसी को साँस लेने की भी हिम्मत नहीं हो रही थी।
जू यी की पीठ पसीने से भीग गई थी। उसने अपनी पीठ सीधी की और उस आदमी के बगल में खड़ा हो गया। उसने फर्श पर टूटे फोन को देखा, उसका चेहरा निराशा से भरा था।
यह बहुत बढ़िया फोन था और स्क्रीन टूटने के बाद भी, इसमें स्पष्ट रूप से प्रेम पत्र की तस्वीर दिखाई दे रही थी।
ओह, मुझे पता था कि यह होने वाला है!
वह महिला गू उपनाम को समर्पित थी; उसे इस बात की परवाह भी नहीं थी कि उसे छोड़ दिया जा सकता है या बलिवेदी पर पटक दिया जाए और अभी भी वो उसी से चिपकी हुई थी। यह कैसे संभव था कि वह अचानक अपना मन बदल ले और मास्टर के साथ खुशी से रहने का फैसला कर ले?
क्या यह एक तरफ मास्टर से झूठ बोलना और, वहीं दूसरी तरफ गू यूजे के पीछे पड़े होना नहीं है?
यहाँ तक कि उसने ऐसा एक भावुक प्रेम पत्र भी लिख डाला!
वह बस बेशर्म है!
प्रेम पत्र में एक कविता लिखी थी, जिसका मोटे तौर पर मतलब था- कि वह उसकी खुशबू महसूस करने के लिए उसके कपड़ों का कॉलर बनने को तैयार थी, उसकी कमर का आलिंगन करने के लिए कोट पर बेल्ट बनने को तैयार थी, उसके बालों का तेल बनने को तैयार थी ताकि उसके काले बालों को नरम कर सके।
पूरी तरह से अश्लील प्रेम गीत!
कोई आश्चर्य नहीं कि मास्टर उसके पीछे इतना पागल है!
वह सिर्फ एक महिला थी और वो भी बिल्कुल जिद्दी। उसे इतना क्यों बिगाड़ने कि क्या ज़रूरत है? उसके साथ तो एक पालतू जानवर की तरह व्यवहार करना ही काफ़ी होगा।
मास्टर का दिमाग ज़रूर खराब हो गया था; वह वास्तव में उस महिला की बातों से मूर्ख बन गया।
उस आदमी का चेहरा क्रोध से स्याह पड़ गया। जंगली जानवर अपने पिंजरे से बाहर निकल आया था, वह अपने पंजे चाट रहा था, हवा में खून की प्यासी साँस छोड़ रहा था।
वानवान...
मैं पहले भी ख चुका हूँ...
यह तुम्हारा आखिरी मौका था...
आखिरी बार मैं तुम पर भरोसा कर रहा हूँ...
"उसे वापस ले आओ," सोफे पर बैठे आदमी की कर्कश और धीमी आवाज़ आई।
जू यी उस आदमी की गहरी, शांत अभिव्यक्ति से घबरा गया और उसने जल्दी से जवाब दिया, "हां! मैं अभी अपने आदमियों को उसके पीछे भेज देता हूँ।"
कुछ ही समय में, काली कारों की एक लाइन अँधेरें में जिन गार्डन से चुपचाप निकल गईं।
लिविंग रूम में सभी नौकर इस तरह चुप थे जैसे सर्दियों में झींगुर चुप रहता है। उनके मन में असंतोष भरा था।
जब से उस महिला ने जिन गार्डन में प्रवेश किया, इन्हें एक दिन भी शांति नहीं मिली थी। उसने जिन गार्डेन के पूरे माहौल को खराब कर दिया था।
जू यी ने घनी अंधेरी रात में खिड़की से देखा, उसका दिल उदास हो गया था। क्या वहाँ एक और तूफ़ान के आने वाला था...
"मुझे चिन्ता है, कि जब उस महिला को खींच कर वापस लाया जाएगा तो वह क्या करेगी?"
जब वह समय आएगा तो सबसे ज्यादा परेशान नौकर ही होंगें।
ट्रिंग
तभी, फर्श पर टूटा फोन बज उठा और उसकी स्क्रीन चमक उठी।
जू यी ने बस देखने के लिए फोन उठाया और अगले सेकंड में उसकी भौंहों में बल पड़ गए।
फिर से यह प्रेम पत्र?
पर इस समय यह केवल प्रेम पत्र की तस्वीर थी।
जू यी बहुत उलझन में था, जब तक कि उसने पत्र भेजने वाले का नाम नहीं देखा और नाम देखकर वह हैरान रह गया। यह पत्र शेन मेंगकी द्वारा नहीं भेजा गया था...यह ये वानवान थी।
क्या...इसका क्या मतलब है?
क्या ऐसा हो सकता है कि यह घटिया प्रेम पत्र गू यूजे के लिए नहीं, बल्कि ये वानवान ने मास्टर के लिए लिखा हो?
अरे नहीं!!!