कैसे...ऐसा कैसे हो सकता है?!
ज़ू यी ने मैसेज को देखा, और वह भौंचक्का रह गया।
उसके दिमाग में कविता के अश्लील वाक्यांश आ रहे थे।
"यह..." ज़ू यी अवाक था।
यह अविश्वसनीय था!
ये वानवान का प्रेम पत्र किसी और को नहीं, बल्कि उसके मास्टर के लिए लिखा गया था?
ज़ू यी की विचित्र अभिव्यक्ति ने सी येहान का ध्यान आकर्षित किया। उसकी कर्कश और गहरी आवाज ने कहा, "इसे यहाँ लाओ।
सी याहन की भावहीन आँखों के निर्देश का ज़ू यी ने पालन किया और जल्दी से आज्ञाकारी बन कर उसके लिए फ़ोन ले आया।
उसने मजबूती से फ़ोन पकड़ लिया, थोड़ा रुका और आखिरकार टूटे स्क्रीन के मैसेज पर निगाह दौड़ाई।
यह एक तस्वीर मैसेज था, जिसमें प्रेम पत्र दिखाया गया था, जिसे देखकर उसका हृदय जलकर राख़ हो गया।
उस आदमी ने खतरनाक तरीके से अपनी आँखें टेढ़ी कर लीं और अगले ही पल, उसने भेजने वाले के नाम पर ध्यान दिया— वानवान!
वान… वान…
भेजने वाले कॉलम में नाम ठीक से देखने के बाद, वह भावशून्य हो गया, और उसका चेहरा अचानक विस्मय से भर गया।
ये संदेश…
ये वानवान द्वारा भेजा गया था?
उसकी उंगलियों ने पत्र को नीचे तक स्पर्श किया और महसूस किया कि यह सिर्फ एक प्रेम पत्र नहीं था। पत्र के नीचे एक दिल के आकार का इमोटिकॉन भी था।
यह पत्र इस बात का प्रमाण था कि वानवान ने एक बार फिर उसके साथ विश्वासघात किया था, यह प्रेम पत्र उसके लिए नहीं गू यूजे के लिए लिखा गया था।
उसके.....लिए था!
"खुशबू महसूस करने के लिए उसके कपड़ों का कॉलर बनने को तैयार हूँ, उसकी कमर का आलिंगन करने के लिए कोट पर बेल्ट बनने को तैयार हूँ, उसके बालों का तेल बनने को तैयार हूँ ताकि उसके काले बालों को नरम कर सकूँ।"
सी येहान अभी ठीक से समझ भी नहीं सका था कि तभी एक मैसेज और आया-[9 वें गुरु, 9 वें गुरु~आपने उत्तर क्यों नहीं दिया? क्या आपको मेरी कविता पसंद आई?~मैं तारीफ, पुरस्कार और चुंबन चाहती हूँ~]
नौकर, जो कोने में खड़े कांप रहे थे, उन्होंने दुविधा से एक दूसरे को देखा। उन्हें समझ में नहीं आया कि उनका मालिक जो अभी शेर की तरह दहाड़ रहा था और जिसने अभी कुछ क्षण पहले सब कुछ बरबाद कर दिया था, अचानक एक पल में इतना शांत कैसे हो गया? वह अपने फोन को भावनाओं के उतार-चढ़ाव के साथ देख रहा था जैसे कि वह कुछ पढ़ने की कोशिश कर रहा हो।
ज़ू यी को सी येहान का रवैया समझ नहीं आ रहा था। उसने धीरे से, सावधानीपूर्वक अपना मुंह खोला, "9 वें मास्टर, आप..."
सी येहान: "चुप रहो।"
ज़ू यी ने तुरंत अपना मुंह बंद कर लिया।
सी येहान अपने गंभीर चेहरे से फोन को घूरता रहा और उसकी पतली उंगलियाँ स्क्रीन को टैप करती रहीं। सी येहान अपनी आँखें चौड़ी करके फ़ोन को देखने की कोशिश कर रहा था, लेकिन स्क्रीन टूट जाने के कारण फ़ोन ठीक से काम नहीं कर रहा था।
ज़ू यी बहुत अधिक जिज्ञासु था, वह खुद को रोक नहीं पा रहा था, इसलिए उसने नजर चुराकर देखा।
फिर, उसकी आँखें लगभग अंधी हो गईं...
ये वानवान ने एक और संदेश भेजा था जो एक आदमी को दीवाना बनाने के लिए काफ़ी था और उसका मास्टर अपना जवाब टाइप कर रहा था: [बहुत बढ़िया]।
अपने उत्तर के अंत में, उन्होंने एक " चुंबन" का इमोटिकॉन भी लगाया।
ज़ू यी उस चुंबन के इमोटिकॉन को हैरान होकर देख रहा था।
उसका मास्टर ऐसा इमोटिकॉन भी भेज सकता है, यह उसकी कल्पना से बाहर की बात थी।
जब वह भयभीत होकर यह सब देख रहा था ,उसने सी येहान की आवाज़ सुनी, "उन्हें कहो वापिस आ जाएँ"।
उनका लहजा न केवल बेफिक्र था, बल्कि संतोष से भरा था। वह कविता के शब्दों को बार-बार पढ़ता रहा, जाहिर है कि वह अच्छे मूड में था।
"एर...हाँ!" ज़ू यी ने तुरंत कहा और जो लोग वानवान को वापस लेने गए थे उन्हें रास्ते से ही वापिस बुला लिया।
एक तूफान बस ऐसे ही गायब हो गया था?