"इसकी कोई ज़रूरत नहीं है।" उसने अपना कंबल नीचे फेंक दिया। "मैं सोफे पर सोऊँगा। तुम बिस्तर पर सो जाओ।"
वह खुद को एक सज्जन व्यक्ति मानता था; इसलिए उसके लिए यही सही था।
लिन चे कहीं भी सो सकती थी। लेकिन गु जिंग्ज जैसे व्यक्ति के लिए जो इतने बड़े घर में रहता था, एडजस्ट करना मुश्किल था।
"यह ठीक है। मैं सोफे पर सो जाऊँगी। सही में, मुझे घर पर ऐसा करने की आदत है। तुम्हारी लम्बाई के कारण, सोफे पर सोना असहज होगा," उसने कहा। वह उसके पास खड़ी थी और उसकी कोहनी छूने ही वाली थी। लेकिन इससे पहले कि वह उसे छू पाती, गु जिंग्ज़ ने उसे अपनी कोहनी से रोक दिया।
लिन चे सीधे जमीन पर गिर गयी और गु जिंग्ज को देखा जिसने उसके अच्छे इरादों को पूरी तरह से नकार दिया था। उसने उसे बिस्तर पर सोने के लिए कहा क्योंकि वह उसके साथ मेल जोल बढ़ाना चाहती थी, लेकिन उसके एक स्पर्श मात्र ने जिंग्ज़ को नाराज कर दिया।
लिन चे का गुस्सा बढ़ गया और वह खड़ी हो कर चिल्लाने लगी, "गु जिंग्ज,क्या तुम पागल हो? मैं तुम्हारी भलाई के लिए सोफे पर सोने आयी थी। इस तरह के बर्ताव का क्या मतलब है?"
गु जिंगज़ ने अपनी त्रुटिहीन भौहें उठाईं, सिर झुकाया,और अपनी कोहनी के उस हिस्से को थपथपाया जिसे लिन ने छुआ था। उसने शांत भाव से अपने बगल में खड़ी औरत को देखा और धीरे से कहा, "मैं एक चीज़ साफ़ कर देना चाहता हूँ की, यह सब तुम्हारी वजह से हुआ है। तुम कह रही हो कि तुम मेरी भलाई सोच रही थी। तुम्हें नहीं लगता कि अब बहुत देर हो गई है?"
"भले ही...मैंने तुम्हे ड्रग दिया, मैंने तुम्हे मुझ पर चढ़ने के लिए नहीं कहा। तुम... मुझे खुद से दूर कर सकते थे, लेकिन तुमने इसके बजाय मुझे नीचे धकेल दिया। मुझे शिकायत करनी चाहिए।" उसने जैसे ही यह कहा, उसने अपने आप को और भी कमज़ोर महसूस किया, लेकिन वह यह बोल नहीं सकती थी।
इस तरह की बेवकूफी करना गु जिंग्ज़ की गलती थी।
"तुम..." लिन चे की कही बात "तुम... मुझे खुद से दूर कर सकते थे" गु जिंग्ज़ को समझ नहीं आयी, उसे लगा कि एक महिला इतनी असभ्य कैसे हो सकती है। उसके चेहरे पर बेरुख़ी साफ़ झलक रही थी, उसने अपनी पतली उंगली दरवाजे की तरफ उठाई और कहा "निकल जाओ!"
लिन चे हैरान थी, उसे नहीं पता कि उसके दिमाग में क्या चल रहा था जब वो उसके साथ बहस कर रही थी|
जितना अधिक वह उसे नीचा दिखा रहा था, वह उतनी ही नाराज़ हो रही थी। उसे घूरते हुए, वह उसकी पीठ पर चढ़ गई। "ओह नहीं! एक चूहा है। यह बहुत डरावना है! चूहे मेरा सबसे बड़ा डर हैं।"
क्योंकि वह उसे नापसंद करता था, इसलिए लिन चे ने गु जिंग्ज़ से चिपक कर उसे और परेशान करने का संकल्प लिया।
गु जिंग्ज़ असहज महसूस कर रहा था। जब लिन ने अपना कोमल, सुगन्धित शरीर उस पर ढीला छोड़ दिया, तो उसने उसे झटक दिया।
"छोड़ो!" जिंग्ज़ ने उसे धक्का देने के लिए अपना हाथ पीछे की ओर किया खींचा, लेकिन उसकी पीठ से चिपके हुए दो नरम गोलों ने उसके शरीर के अंदर एक ज्वाला उत्पन्न कर दी। उसका शरीर जम गया।
हालाँकि लिन चे 168 सेमी लंबी थी, पर गु जिंग्ज़ की तुलना में जो कम से कम 190 सेमी का था, वह बहुत छोटी थी। उसका शरीर एक आदमी क शरीर से अलग था: वह रेशम की तरह नरम और पानी की तरह लचीली थी। वह एक पतले सांप की तरह उसके शरीर से चिपक गई, जिससे गु जिंग्ज़ को एहसास हुआ कि भले ही वह बहुत लंबी थी, पर बहुत पतली थी। उसकी कमज़ोर उंगलियां उसकी बांह पकड़ी हुई थीं और ठंडी होने के बावजूद उसे आराम दे रही थीं।
हालाँकि, इस दौरान, उसकी पीठ को दबाने वाली दो गांठें उसे और भी प्रमुख लगने लगीं, और उसका शरीर अनियंत्रित रूप से गर्म होने लगा।
लानत है। दवा का प्रभाव बहुत समय पहले ही ख़त्म हो जाना चाहिए था...
फिर भी, उसका शरीर स्पष्ट रूप से प्रतिक्रिया दे रहा था।
"मैं जाने नहीं दूँगी। वहाँ एक चूहा है। मैं चूहों से डरती हूँ..." उसने अपने प्रिय जीवन के लिए उसे जोर से पकड़ लिया और जाने देने से इनकार कर दिया।
तब भी, उसने अचानक महसूस किया कि जिंग्ज़ के हाथ उसकी कमर को जकड रहे हैं। जिंग्ज़ ने उसे खींचा और नीचे फेंक दिया। गति का उपयोग करते हुए, लिन उसे पकड़ी रही और दोनों जमीन पर गिर गए।
जब गु जिंग्ज को समझ आया की क्या हुआ, तब उसके सामने लिन चे के नरम, गुलाबी होंठ थे। वह उसके मोती से सफ़ेद दांत भी देख पा रहा था। यह एक भावुक आकर्षण की तरह था जिसने उसका गला सुखा दिया था।
हैरानी की बात है, गु जिंग्ज़ ने जान बूझकर उस नाजुक शरीर को दूर धकेल दिया जो उसके ऊपर गिरा था।
लिन चे ने तेज दर्द महसूस किया, विशेष रूप से छाती के सबसे कोमल हिस्से में जहाँ जिंग्ज़ के हाथ ने उसे जकड़ रखा था। उसे इतना दर्द हो रहा था की रहा था कि उसे लगा कि उसके टुकड़े हो रहे है...
गु जिंग्ज जब आराम से बैठने लगा तब उसने लिन चे को अपने हाथों से छाती पर हाथ रखकर बैठे देखा, उसके गलों पर से आंसू बह रहे थे। जैसे ही उसने उसके कांपते हुए कंधों को देखा, उसका कलेजा मुँह में आ गया।
कुछ निराशा से, उसने तर्कसंगत होते हुए खुद को फटकारना शुरू कर दिया। वह वास्तव में चुलु भर पानी में गिर गया था; वह लड़की केवल २० साल के आस पास की थी, लेकिन वह बिना प्यार के इस विवाह को स्वीकार करने के लिए मजबूर हो गई थी।
आखिरकार, यह उन दोनों की गलती थी।केवल उसे ही दोष नहीं दिया जा सकता था ।
लिन को रोता देख उसे कुछ समझ नहीं आया। वह नहीं जानता था कि दूसरों को कैसे सम्भाला जाता है, वह केवल वहां खड़ा रह सकता था। "सॉरी, मैं माफी माँगता हूँ। इस बार, तुम्हारी गलती नहीं थी। मैं बहुत भावुक था। ईमानदारी से, मैं तुम्हारी तरह ही हूँ। मुझे मेरे आस पास किसी महिला के होने की आदत नहीं है। मैंने धक्का इसलिए नहीं दिया क्योंकि तुम मुझे पसंद नहीं, वास्तव में...मुझे एक बीमारी है जो मुझे महिलाओं को छूने की अनुमति नहीं देती है।"
लिन को उससे इस तरह के खुलासे की आशा नहीं थी; उसने आश्चर्य और उलझन में अपनी आँसू भरी आँखें उठाई।
जिंग्ज़ ने सोचा, चूंकि उन्हें एक साथ रहना था, इसलिए उसे अपनी बीमारी के बारे में बताना चाहिए।
सांस छोड़ते हुए, उसने कहा, "मैं पुरुषों के साथ ठीक हूँ, लेकिन सभी महिलाएँ मुझे असहज महसूस कराती हैं। ऐसा नहीं है कि मैं उन्हें छू नहीं सकता। पर मुझे चकत्ते हो जाते हैं, उल्टियां होती है, और ऐसा लगता है कि मेरा खून पीछे की और बह रहा है। यही कारण है कि मैं तुमसे दूर रहता हूँ।"
लिन चे समझ नहीं पायी। "ऐसी कोई बीमारी मौजूद है? क्या यह मनोरोग है?"
गु जिंग्ज हमेशा की तरह अपनी पीठ सीधी करके बैठा था; वह पूरी तरह से स्वस्थ दिख रहा था।
उसकी आँखे कुएँ के पानी की तरह ठहरी हुई थी। वह इसका आदि था।आखिरकार उसने 30 वर्षों तक अनगिनत डॉक्टरों को दिखाया था। उसे केवल बाहरी लोगों से इसे गुप्त रखना था।
"दो बातें हैं।" उसने अपनी उँगलियों से अपने माथे की मालिश की। वह थोडा थका हुआ लग रहा था। "तुम्हें इसे बाहरी लोगों से गुप्त रखना होगा। मैं तुम्हें यह इसलिए बता रहा हूं क्योंकि हम एक साथ रहेंगे। मुझे लगता है कि तुम जानती हो कि क्यों मेरा परिवार चाहता था कि हम शादी कर लें, क्योंकि उन्हें लगता है कि तुम मेरी बीमारी को ठीक कर सकती हो, क्योंकि मैंने तुम्हें छुआ था।"
तो ये थी सच्चाई। यह अफ़सोस की बात है कि उन्होंने गलत समझा; वास्तव में, लिन चे उसकी बीमारी को ठीक नहीं कर सकी। वह जानती थी कि उनके बीच जो कुछ हुआ था, वह उन चीज़ों की वजह से हुआ जो उसने की थी...
लिन चे ने शर्मिंदगी में अपना सिर हिलाया। "बेशक, निश्चित रूप से, यह तुम्हारी गलती नहीं है कि तुम बीमार हो। माफ़ करना, मैंने आपको छुआ क्योंकि मुझे इसके बारे में नहीं पता था। मैं वादा करती हूं कि मैं तुम्हे फिर से नहीं छूऊंगी।"
गु जिंग्ज़ ने लिन चे को संदेह से देखा। उसने तीन उँगलियाँ उठायी, उसकी उँगलियाँ कोमल और प्यारी थीं। उसकी निगाहें गु जिंग्ज़ पर टिकी हुई थीं और वह उसे देखकर मुस्कुरा रही थी।
गु जिंग्ज़ ने उससे अपनी आँखें हटाली और कहा, "ठीक है, चलो फिर सो जाओ।"
लिन चे ने भी जोर से सिर हिलाया। उसने अपनी घायल छाती की मालिश की और उठ खड़ी हुई, "मैं सोफे पर सो जाऊँगी।"
"कोई जरुरत नहीं है।" गु जिंग्ज़ सोफे पर लेट गया।
खुद को अपराधबोध से अलग करते हुए, लिन चे ने उसे फिर से छूने की हिम्मत नहीं की। उसने एक कंबल उठाया और उसके अंदर घुस कर सो गयी।
लाइट बंद करने के बाद कमरे में अंधेरा छा गया।
उनकी साँसे कमरे की हवा में घुल गयी और धीरे धीरे संचारित हो रही थीं ।
सोफा आरामदायक नहीं था इसलिए वह बार-बार अपने शरीर को उसपर एडजस्ट करता रहा। उसे किसी के बिस्तर पर बार-बार पलटने की आवाज़ सुनाई दे रही थी। उसने अप्रसन्नता से अपनी भौंहें चढ़ा लीं। उसे यह एहसास था कि वह अच्छी तरह से सो रही थी, लेकिन उसके सोने का ढंग वास्तव में भद्दा था।
वह वास्तव में एक महिला के साथ रहने की आदत नहीं डाल सकता था - विशेष रूप से वह जो उसके साथ सोई थी - उसके साथ साथ कमरा साझा करना। वह उसी रूप में उठकर बाहर चला गया।